Thursday 31 August 2023

आगरा जहां भूतों का खौफ वहां सीएम योगी ने यूं बिताई एक रात फिर बताया सन्नाटे में क्या हुआ था


 आगरा जहां भूतों का खौफ वहां सीएम योगी ने यूं बिताई एक रात



फिर बताया सन्नाटे में क्या हुआ था



उत्तर प्रदेश आगरा सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने आगरा के सर्किट हाउस से जुड़े मिथक फिक्की के सम्मेलन में जब उजागर किए तो लोगों की रुचि सर्किट हाउस के बारे में जानने के लिए बढ़ गई। ब्रिटिशकाल में साल 1900 में बनकर तैयार हुआ आगरा का सर्किट हाउस अपने आप में रहस्यों और रोमांच की कई दास्तां को समेटे हुए है। ब्रिटिशकाल में आगरा के कमिश्नर की बेटी ने भूतों पर आधारित अपनी काल्पनिक कहानियों का उपन्यास लिखा तो उसके बाद चर्चाएं चल निकलीं। अमेरिकी पब्लिशर ने ब्रिटिश कमिश्नर की बेटी के इस उपन्यास को प्रकाशित किया था। आजादी के बाद सर्किट हाउस में भूतों से जुड़े किस्से कहानियां कम ही सुनाई दीं।


सिविल सोसायटी के सदस्य, वरिष्ठ पत्रकार राजीव सक्सेना के मुताबिक साल 1899 में लॉर्ड कर्जन ने सर्किट हाउस का निर्माण शुरू कराया था, जो एक साल में बनकर तैयार हुआ। साल 1900 से यहां ब्रिटिश अधिकारी और फिर आजादी के बाद संवैधानिक पदों पर तैनात रहे अधिकारी, नेता आते रहे हैं। जिस जगह पर सर्किट हाउस बना है, वह पहले पोलो का मैदान था। ब्रिटिशकाल में कोठी मीना बाजार में ही लेफ्टिनेंट गवर्नर का निवास था, लेकिन बाहर से आने वाले बड़े ब्रिटिश अधिकारियों के रुकने के लिए कोई जगह नहीं था। तब पोलो के मैदान में सर्किट हाउस बनाया गया। यहां फ्रेंच घुड़सवार सेना रहती थी, जिसे कर्नल जेम्स स्किनर ने तैयार किया था।


 मुख्यमंत्री के रूप में आगरा के सर्किट हाउस में चौ. चरण सिंह से लेकर नारायण दत्त तिवारी, मुलायम सिंह, कल्याण सिंह आदि आ चुके हैं, लेकिन चौ.चरण सिंह जब सर्किट हाउस में रुके तो सुईट नंबर एक की सभी खिड़कियों को खोलकर ही सोए। सुबह उठते ही वह टहलने के बाद इसकी छत पर चढ़ गए थे। जहां से उन्होंने हरियाली का नजारा देखा था। चार सुईट वाले इस सर्किट हाउस के पास शानदार लैंड स्केपिंग है, जो लॉर्ड कर्जन की इच्छा पर तैयार की गई थी। यह देश के सबसे प्राचीन सर्किट हाउस में से एक है।


 दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देश के प्रमुख औद्योगिक संगठन फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने आगरा के सर्किट हाउस का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आगरा के सर्किट हाउस में भूत का खौफ दिखाकर रुकने नहीं दिया जाता था। इस पर उन्होंने अफसरों से कहा कि वह आगरा के सर्किट हाउस में ही ठहरेंगे। वह भूतों के साथ संवाद करेंगे। वह रात में रुके और भूतों की चहलकदमी का मिथक तोड़ा।

अयोध्या हेड कांस्टेबल से ट्रेन में रेप शरीर पर गंभीर चोट निशान, बेहोश मिली


 अयोध्या हेड कांस्टेबल से ट्रेन में रेप


शरीर पर गंभीर चोट निशान, बेहोश मिली


उत्तर प्रदेश अयोध्या जंक्शन में बुधवार की सुबह मनकापुर से अयोध्या आने वाली पैसेंजर ट्रेन की जनरल बोगी में बेहोशी की हालत में महिला हेड कांस्टेबल जीआरपी पुलिस को मिली है। घायल सिपाही के शरीर पर गंभीर चोट के निशान के साथ कपड़े अस्त व्यस्त थे। उसके साथ दुष्कर्म की आशंका व्यक्त की जा रही है। 


पुलिस तत्काल इलाज के लिए स्थानीय श्रीराम अस्पताल ले गई यहां डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज के बाद राजर्षि दशरथ मेडिकल कालेज दर्शन नगर फिर वहां से केजीएमयू के ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया। जीआरपी ने अज्ञात के खिलाफ लोक सेवक पर जानलेवा हमले का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले के जल्द खुलासे के लिए पुलिस की टीमों के साथ एसओजी को भी लगाया गया है। जीआरपी के अधिकारियों ने मामले से जुड़े हर पहलुओं को खंगालना शुरू कर दिया है। 


घटना की जानकारी देते हुए एएसपी जीआरपी पूजा यादव ने बताया कि घायल महिला सिपाही जनपद सुलतानपुर में तैनात है। यहां मेला ड्यूटी में है। उन्हें संभवत लग रहा है कि सुल्तानपुर से ट्रेन पर बैठने के बाद उन्हें नींद आ गई और वह अयोध्या नहीं उतर सकीं और मनकापुर स्टेशन पहुंच गई। वापसी में इसी ट्रेन से अयोध्या आ रही थी कि इसी बीच वो हादसे का शिकार हो गईं। उन्होंने बताया बुधवार की सुबह लगभग 3.40 बजे उन्हें घायल अवस्था ट्रेन से अस्पताल ले जाया गया है। उनका इलाज लखनऊ के ट्रामा सेंटर में चल रहा है।

आजमगढ़ जहानागंज सिविल जज पद पर नियुक्ति होने पर नित्यानन्द त्यागी का किया गया स्वागत


 आजमगढ़ जहानागंज सिविल जज पद पर नियुक्ति होने पर नित्यानन्द त्यागी का किया गया स्वागत


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जहानागंज थाना क्षेत्र के सेवटा ग्राम निवासी नित्यानन्द त्यागी के सिविल जज पर नियुक्ति होने से ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। ग्रामीणों द्वारा समारोह का आयोजन कर नित्यानन्द त्यागी का स्वागत किया गया। इस दौरान लोगों ने एक दूसरे को मिठाई भी खिलाई।


नित्यानन्द त्यागी ने एलएलबी कैंपस लॉ सेंटर यूनिवर्सिटी आफ दिल्ली से किया। यूपी जूडिशियल सर्विस सिविल जज जूनियर डिविजन की परीक्षा में 303 पदों पर 254वां स्थान प्राप्त किया। उनके इस सफलता से इनके पिता संजय कुमार, माता श्रीमती मंती देवी, दादा शिवबोधराम, चाचा यशवंत कुमार एवं विमल कुमार, भाई सुधीर कुमार से काफी अभिभूत हैं।


नित्यानन्द त्यागी को उनके निवास पर समारोह का आयोजन कर सेवानिवृत्त समाज कल्याण सुपरवाइजर नरई राम के नेतृत्व में स्वागत कर उन्हें सम्मानित किया गया। इस दौरान जगजीवन राम, बेचन राम, मेवाराम, चन्द्रदेव राम, सुरेन्द्र कुमार, रामप्यारे राम, सुजीत कुमार डिप्टी पोस्ट मास्टर आजमगढ़, जगदीश राम, अरविन्द भारती, चन्द्रजीत एड0, रामसुधार, बीडीसी मुन्ना, छोटेलाल, द्वारिका प्रसाद, डा0 सुदर्शन, लौटन इत्यादि क्षेत्र के सम्मानित लोग उपस्थित रहे।

आजमगढ़ मुबारकपुर का होनाहार लाल बना जज परीक्षाफल घोषणा के बाद मुबारकपुर में खुशी


 आजमगढ़ मुबारकपुर का होनाहार लाल बना जज


परीक्षाफल घोषणा के बाद मुबारकपुर में खुशी


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ मुबारकपुर नगर के मोहल्ला पुरा सोफी निवासी हाजिक हुसैन अंसारी पुत्र हुसैन अहमद अंसारी ने यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन प्रयागराज की परीक्षा यूपी जूडिशियल सर्विस सिविल जज जूनियर डिविजन की परीक्षा पास करके जज बनने का गौरव प्राप्त कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मुबारकपुर में यह खबर पाकर लोगों मे खुशी फैल गई है कि एडिशनल जज का बेटा जज बन गया।


 मुबारकपुर के रहने वाले अब्दुल रहमान अंसारी के बेटे हुसेन अहमद अंसारी बलिया में एडिशनल जज के पद पर सेवारत हैं। एडिशनल जज का बेटा हाजिक अंसारी हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा रायबरेली से पास करने के बाद अलीगढ़ विश्वविद्यालय से स्नातक व एल एलबी की परीक्षा पास करने के बाद वह दिल्ली सहित अन्य राज्यों में परीक्षा में बैठकर अपने भाग्य को आजमाया परन्तु सफलता नहीं मिली।


 इसके बाद उत्तर प्रदेश में भी दो बार परीक्षा दी दूसरी बार की परीक्षा विगत वर्ष 2022 में हुई थी। जिसका परिणाम बुधवार को आने के बाद मुबारकपुर सहित रिश्तेदार व सगे सम्बन्धी में खुशी का माहौल देखा गया। परीक्षा पास कर जज बने हाजिक अंसारी विवाहित हैं।


 मुबारकपुर के मोहल्ला पुरारानी में उनकी शादी हुई है। पत्नी अफरीन बानो पति के इस सफलता पर मालिक को धन्यवाद देते हुए बधाई दी। माता शौकत जहां गृहणी खुशी से फूले नहीं समा रहीं। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मेरे घर पर पहले पति जज थे। अब बेटा जज बन गया। छोटा भाई काफी खुश है। दादा अब्दुर्रहमान अंसारी 90 वर्ष की उम्र में खुशी से झूम उठे।