Friday 28 October 2022

आजमगढ़ रणविजय राय अध्यक्ष, मिठाईलाल मंत्री निर्वाचित दी तहसील बार एसोसिएशन निज़ामाबाद का चुनाव परिणाम घोषित


 आजमगढ़ रणविजय राय अध्यक्ष, मिठाईलाल मंत्री निर्वाचित


दी तहसील बार एसोसिएशन निज़ामाबाद का चुनाव परिणाम घोषित


उत्तर प्रदेश आज़मगढ़ शुक्रवार को दी तहसील बार एसोसिएशन निज़ामाबाद का चुनाव परिणाम एल्डर कमेटी के चैयरमैन सूर्यभान गिरी ने घोषित किया। ज्ञातव्य हो कि निज़ामाबाद अधिवक्ता संघ चुनाव प्रक्रिया में अध्यक्ष व मंत्री को छोड़कर अन्य सभी पदों पर निर्विरोध चयन तय हो गया था। अध्यक्ष और मंत्री पद पर चुनाव सम्पन्न हुआ। अध्यक्ष पद पर तीन उम्मीदवार थे।


 रणविजय उर्फ मनोज राय को 40 मत, रामाश्रय प्रसाद चतुर्वेदी को 32 मत तो तीसरे प्रत्याशी रामसिंह यादव को 5 मत मिले। इस प्रकार अध्यक्ष पद पर रणविजय उर्फ मनोज राय 8 मतों से विजयी घोषित किये गये। मंत्री पद पर दो उम्मीदवारों के बीच सीधा संघर्ष था। मंत्री पद पर मिठाईलाल को 48 मत तो दूसरे उम्मीदवार रामचेत यादव को कुल 29 मत मिले। मिठाई लाल ने 19 मतों से शानदार जीत दर्ज कराकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया।


 निज़ामाबाद अधिवक्ता संघ के चुनाव में पहली बार एक दलित को भारी बहुमत से चुनाव जीतने पर अधिवक्ताओं ने इसकी सराहना करते हुये कहा कि ये हमारी बौद्धिकता और एकता की जीत है।


परिणाम आने के बाद जीते पदाधिकारियों के समर्थकों ने एक दूसरे को मिठाइयां खिलाकर खुशी का इजहार किया। चुनाव प्रक्रिया से लेकर मतदान के दिन तक सभी अधिवक्ताओं के बीच सौहार्दपूर्ण और भाईचारे की भावना बनी रही।

यूपी बोर्ड के इन स्कूलों को नहीं बनाया जाएगा परीक्षा केंद्र


 यूपी बोर्ड के इन स्कूलों को नहीं बनाया जाएगा परीक्षा केंद्र


प्रयागराज उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज की ओर से वर्ष 2023 में आयोजित होने वाली हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट परीक्षा की तैयारी जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से शुरू कर दी गई है। परिषद के वेबसाइट पर 22 अक्तूबर तक प्रधानाचार्यों/प्रबंधकों की ओर से विद्यालयों का आधारभूत ब्योरा अपलोड करने के बाद बोर्ड परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शासन और यूपी बोर्ड ने तीन साल तक नकल के लिए चिह्नित विद्यालयों एवं डिबार विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाएगा।


जिन विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की ओर से विद्यालय से सम्बंधित समस्त आधारभूत सूचनाएं /आंकड़ों को परिषद की वेबसाइट पर समय से अपलोड नहीं किया गया है अथवा त्रुटिपूर्ण /भ्रामक सूचनाएं अपलोड की है तो सम्बंधित प्रधानाचार्य को इसके लिए जिम्मेदार मानते हुए विद्यालय को परीक्षा केन्द्र की पात्रता सूची से बाहर कर दिया जाएगा। प्रधानाचार्य के खिलाफ परिषद के नियमों के तहत कार्रवाई करने का आदेश बोर्ड ने जारी किया है। इसके प्रबंधतंत्र को भी उत्तरदायी बनाया जाएगा। वर्ष 2019, 2020 एवं 2022 में सचलदल एवं शिक्षा विभाग/ जिला प्रशासन/ एसटीएफ के निरीक्षण/पर्यवेक्षण में अधिकारियों या अन्य माध्यमों से जिन परीक्षा केन्द्रों पर सामूहिक का मामला प्रकाश में आया हो या किसी अनियमितता के कारण परीक्षा निरस्त कर फिर से परीक्षा कराई गई हो या जिन विद्यालयों को इन आधारों के दृष्टिगत डिबार किए जाने का निर्णय लिया गया हो, उन्हें वर्ष 2023 में परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाएगा।


जिले के जिन वित्तविहीन विद्यालयों के प्रबंधाधिकरण एवं प्रधानाचार्य के बीच विवाद हो उन्हें वर्ष 2023 में परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाएगा। जिन अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में प्रबंधकीय विवाद हो तथा उनमें नियमानुसार प्राधिकृत नियंत्रक नियुक्त न हो जिससे परीक्षा प्रभावित होने की प्रबल सम्भावना हो, उन्हें वर्ष 2023 में परीक्षा केन्द्र नही बनाया जाएगा। जिन विद्यालयों के परिसर के अन्दर प्रबंधक/ प्रधानाचार्य के आवास तथा छात्रावास निर्मित होंगे उन्हें परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाएगा। राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को इस दायरे से अलग रखा जाएगा। विद्यालय अगर दो खण्डों में बना हो तथा उनके बीच सार्वजनिक आवागमन के लिए कोई मुख्य सड़क/सम्पर्क मार्ग बना हो उन्हें असुरक्षित पर्यवेक्षण के दृष्टिगत परीक्षा केन्द्र न बनाया जाए।


सूत्रो के मुताबिक यूपी बोर्ड प्रयागराज की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जिन विद्यालयों की धारण क्षमता एक पाली में 125 से कम हो, उन्हें परीक्षा केन्द्र निर्धारित न किया जाए। राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को इससे छूट रहेगी। इस दायरे में वित्तविहीन विद्यालयों को रखा गया है। जिन विद्यालयों के परीक्षा कक्ष की खिड़कियां सार्वजनिक सड़क या यदि किसी संकीर्ण गली में खुलती हों, उन्हें असुरक्षित पर्यवेक्षण की दृष्टि से परीक्षा केन्द्र निर्धारित नही किया जाएगा। इसमें भी राजकीय और अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को छूट प्रदान की गई है।


वर्ष 2022 की परीक्षा में जिन वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में पंजीकृत परीक्षार्थियों के सापेक्ष सम्पूर्ण बोर्ड परीक्षा में अनुपस्थित रहने वाले कुल परीक्षार्थियों का प्रतिशत 30 प्रतिशत या अधिक रहा है। ऐसे विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाएगा। वर्ष 2023 की परीक्षा के लिए जिन वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट के कुल परीक्षार्थियों की संख्या 80 से कम होगी। उन्हें परीक्षा केन्द नहीं बनाया जाएगा।


परीक्षा केन्द्र निर्धारण के लिए सबसे पहले मानक पूरा करने वाले राजकीय विद्यालयों को, इसके बाद अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को तथा सबसे आखिरी में वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों को उनको मेरिट गुणांक के अनुसार परीक्षा केन्द्र बनाया जाएगा। परीक्षा केन्द्र निर्धारण के लिए प्रस्तर के अनुसार अनिवार्य अर्हता रखने वाले राजकीय विद्यालयों में उनकी मेरिट के अनुसार सबसे पहले न्यूनतम गुणांक वाले वित्तविहीन विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को आवंटित किया जाएगा। इसके बाद इसी प्रक्रिया को अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में भी सबसे पहले न्यूनतम गुणांक वाले वित्तविहीन विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को आवंटित किया जाएगा। मानक के हिसाब से राजकीय व सवित्त पोषित विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र बनाए जाने के बाद आवश्यकतानुसार वित्तविहीन विद्यालयों में से सबसे उच्च गुणांक वाले विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र बनाया जाएगा।

उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए योगी सरकार ने खोला खजाना साढ़े 6 सौ करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च कर यूपी पुलिस को हाईटेक किया जा रहा है। आजमगढ़ सहित सात परिक्षेत्रीय साइबर थानों के लिए कार्यदायी संस्था किया गया नामित


 उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए योगी सरकार ने खोला खजाना


साढ़े 6 सौ करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च कर यूपी पुलिस को हाईटेक किया जा रहा है।


आजमगढ़ सहित सात परिक्षेत्रीय साइबर थानों के लिए कार्यदायी संस्था किया गया नामित



लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस को देश का नंबर एक पुलिस बनाने के लिए खजाना खोल दिया है। गृह विभाग की तरफ से साढ़े छह सौ करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च कर यूपी पुलिस को हाईटेक किया जा रहा है। जल्द ही यूपी पुलिस बाडी वार्न कैमरा और फुल बाडी प्रोटेक्टर से लैस होगी। साथ ही प्रदेश के 10 जिलों में हाईटेक सोशल मीडिया मानिटरिंग सेल और लॉ एंड आर्डर क्यूआरटी टीम स्थापित की जाएगी। क्राइम सीन वीडियोग्राफी ऐप की मुजफ्फरनगर, बाराबंकी और अलीगढ़ में शुरूआत हो चुकी है। जल्द अन्य जिलों में भी शुरूआत होगी।


 गृह विभाग ने पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत 1200 बाडी वार्न कैमरा खरीदने के लिए 4.8 करोड़ और 1650 फुल बाडी प्रोटेक्टर फार वीमेन की खरीद के लिए 2.48 करोड़, 30,000 पोस्टमार्टम किट खरीदने के लिए छह करोड़ की स्वीकृति दी है। 10 जिलों में करीब 641 करोड़ रुपए खर्च कर उच्चीकृत सोशल मीडिया मानिटरिंग सेल की स्थापना होने वाली है और 10 अन्य जिलों में हाइटेक लॉ एंड आर्डर के लिए क्यूआरटी टीम स्थापना की जा रही है। इसके अलावा 6.75 करोड़ की लागत से एसआईटी, ईओडब्ल्यू, सीबीसीआईडी और एसीओ के जांच और विवेचना के लिए एक डेडिकेटेड एफएसएल की स्थापना की जाएगी। कन्नौज में डेडिकेटेट मिनी टेक्निकल लैब विकसित किया जा रहा है। एनसीआरबी की ओर से विकसित क्राइम सीन वीडियोग्राफी ऐप को पहले फेज में मुजफ्फरनगर, बाराबंकी और अलीगढ़ में शुरू किया गया है।


 जानकारी के अनुसार प्रदेश के अन्य जिलों में इसे लागू करने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है और तकनीकी सेवा मुख्यालय पर पूरी प्रक्रिया के लिए तकनीकी समिति गठित की गई है। कन्नौज, अलीगढ़, गोंडा और बरेली में फोरेंसिक लैब संचालित की जा चुकी है। अन्य 66 जिलों में अस्थायी फील्ड यूनिट की स्थापना हुई है। शेष जिलों में शीघ्र डेडीकेटेड अस्थायी फील्ड यूनिट की स्थापना की जा रही है। प्रदेश के सभी 1531 थानों में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना हो चुकी है और नियुक्त कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। 18 परिक्षेत्रीय साइबर थानों के प्रशासनिक भवन निर्माण सम्बन्धी कार्यवाही की जा रही है। सात परिक्षेत्रीय साइबर थानों वाराणसी, झांसी, बस्ती, अलीगढ़, आजमगढ़, गोरखपुर और बांदा के लिए कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।

बस्ती थाने में बीयर पीते दो सिपाहियों का वीडियो वायरल बहन के साथ बदसलूकी की शिकायत लिखवाने आए फरियादी से मंगवाई थी बीयर


 बस्ती थाने में बीयर पीते दो सिपाहियों का वीडियो वायरल


बहन के साथ बदसलूकी की शिकायत लिखवाने आए फरियादी से मंगवाई थी बीयर



उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के गौर थाना क्षेत्र के बभनान चौकी पर तैनात दो सिपाहियों का बीयर पीते हुए वीडियो वायरल हुआ है। जानकारी के अनुसार मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी आशीष श्रीवास्तव ने वीडियो में नजर आ रहे दोनों सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर जांच सीओ हर्रैया शेषमणि उपाध्याय को सौंप दी है।


गौर थाना क्षेत्र के बभनान चौकी पर तैनात दीवान चन्द्र शेखर यादव व सिपाही श्रीकांत यादव का बीयर पीते वीडियो सोशल मीडिया पर बुधवार की देर रात वायरल हुआ तो पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। दूसरी तरफ चर्चा यह भी है कि एक व्यक्ति ने अपनी बहन के साथ बदसलूकी की शिकायत बभनान पुलिस से की थी जिस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि शिकायतकर्ता से ही बीयर की डिमांड कर बैठे। बीयर आने के बाद एक दुकान पर बैठकर वर्दी में बीयर पीने लगे जिसका किसी ने वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।