Friday 11 March 2022

उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव मे भारतीय जनता पार्टी फूल बहुमत से जीत हासिल की है और पुनः 10 मार्च 2022 को अपनी सरकार उत्तर प्रदेश मे भाजपा बनाई है।


 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव मे भारतीय जनता पार्टी फूल बहुमत से जीत हासिल की है और पुनः 10 मार्च 2022 को  अपनी सरकार उत्तर प्रदेश मे भाजपा बनाई है।

38 साल की राजनीति के सबसे बुरे दौर में पहुंची बसपा, कहां हुई चूक।


 38 साल की राजनीति के सबसे बुरे दौर में पहुंची बसपा, कहां हुई चूक।



उत्तर प्रदेश लखनऊ बसपा के दिन ढल गए, इन शब्दों पर मंथन करने और पिछले कुछ सालों के चुनावी परिणामों का अध्ययन करने से यह साफ पता चल रहा है कि गठन से 38 साल की राजनीति में बसपा अपने सबसे बुरे दौर में पहुंच गई है।



 बसपा सुप्रीमो मायावती जिस वोट बैंक के दम पर अपनी शर्तों पर राजनीति करती रहीं, वह भी अब खिसकता नजर आ रहा है।

कुछ जानकार तो यह भी कर रहे हैं कि बसपा का दलित वोट बैंक भाजपा में अपने को सुरक्षित पाते हुए उनके साथ जाता नजर आ रहा है। 



जानकारी के अनुसार बुरी स्थिति में भी 22 फीसदी वोट पाने वाली बसपा 2022 के चुनाव में मात्र 12.08 प्रतिशत ही वोट पा सकी।

ऐसे अंदाजा लगाएं कैसे खिसका वोट

हस्तिनापुर सीट पर बसपा पिछले चुनाव में नंबर दो पर थी और उसे 28.76 फीसदी वोट मिला था। इस बार उसका वोट बैंक मात्र 6.21 प्रतिशत ही रह गया। 




खुर्जा में उसे 23.46 मिला था जो 17.23, हाथरस में 26.62 से 23.31 और 28.69 से 19.35 फीसदी ही रह गया। इन सीटों पर बसपा का वोट बैंक भाजपा को शिफ्ट होता नजर आ रहा है।

दरक रहा दलित वोट बैंक-

यूपी में बढ़ती जातिगत राजनीति को पहचान कर कांशीराम ने 14 अप्रैल 1984 को बहुजन समाज पार्टी का गठन कर इसके साथ दलितों और पिछड़ों को जोड़ने का काम किया। लेकिन इन 15 सालों में उसका ग्राफ ऐसा गिरा कि वोटिंग प्रतिशत 12.07 प्रतिशत ही रह गया।

आजमगढ़ बेलईसा काउंटिंग स्थल के बगल में स्कूल में बना था मीडिया सेंटर, खबर को पत्रकारों के घनघनाते रहे मोबाइल, एलईडी स्क्रीन पर गड़ी रही सबकी नजर।

आजमगढ़ बेलईसा काउंटिंग स्थल के बगल में स्कूल में बना था मीडिया सेंटर, खबर को पत्रकारों के घनघनाते रहे मोबाइल, एलईडी स्क्रीन पर गड़ी रही सबकी नजर।




उत्तर प्रदेश विधान सभा 2022  आजमगढ़ में एक तरफ जहां ईवीएम में प्रत्याशियों के वोटों की मतगणना का काम जारी था वहीं दूसरी तरफ मीडिया कर्मी भी पल पल की खबर पाने को लेकर लगातार लगे हुए थे। 



आजमगढ़ के बिलईसा में काउंटिंग स्थल एफसीआई गोडाउन से सटे हुए चिल्ड्रन स्कूल में मीडिया के लिए बैठने की व्यवस्था की गई थी। मतगणना के रुझान की पल-पल की खबर को पाने के लिए लगातार मीडिया कर्मियों के मोबाइल भी घनाघना रहे थे। इसके अलावा जगह जगह एलईडी व टीवी स्क्रीन लगाकर लोग प्रदेश की स्थिति पर भी अपनी नजरें टिकाए हुए थे।




 प्रदेश में कौन आगे जा रहा है किसकी सरकार बनने जा रही है। इसको लेकर चारों तरफ लोग टीवी पर अपनी नजरें जमाए रहे। काउंटिंग स्थल के बगल में बने मीडिया सेंटर पर लगे टीवी स्क्रीन पर मीडिया कर्मियों के साथ ही वहां पर मौजूद सुरक्षाकर्मी व मतगणना ड्यूटी से जुड़े हुए अन्य कर्मी भी नजरें बनाए हुए थे। जिसको लेकर वहां पर काफी गहमागहमी दिखाई दे रही थी।

 

उत्तर प्रदेश आजमगढ़ की दसो सीट पर सपा ने दर्ज की रिकार्ड जीत।


 उत्तर प्रदेश आजमगढ़ की दसो सीट पर सपा ने दर्ज की रिकार्ड जीत।




निजामाबाद में सबसे अधिक मतों से आलमबदी जीते चुनाव,



 सदर सीट से दुर्गा प्रसाद यादव ने नौवीं बार हासिल की ऐतिहासिक जीत



पढ़िए किस प्रत्याशी ने कितने मतों से हासिल की जीत।




आजमगढ़ जनपद की सभी 10 विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने अपने निकटतम प्रत्याशियों को हराकर विजयश्री हासिल की। 




यहां सदर विधानसभा सीट पर नौवीं बार दुर्गा प्रसाद यादव ने 1 लाख 813 मत प्राप्त कर भारतीय जनता पार्टी के अखिलेश मिश्र गुड्डू को 84770 मतों के सापेक्ष 16036 मत से पराजित कर नौंवी बार जीत दर्ज कर इतिहास रचा। जबकि बसपा के सुशील सिंह को 39281 मत प्राप्त हुए।




इसी तरह निजामाबाद सीट पर समाजवादी पार्टी के सबसे उम्रदराज प्रत्याशी 85 वर्षीय आलम बदी आजमी ने चौथी बार 79022 वोट पाकर भाजपा के मनोज यादव को 33578 वोटों से पराजित किया। यहां मनोज यादव को 45444 एवं बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी डॉक्टर पीयूष सिंह यादव को 44426 मत प्राप्त हुए।




मुबारकपुर विधानसभा में अखिलेश यादव ने अंततः तीसरी बार में सफलता प्राप्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी के अरविंद जायसवाल को 29103 मतों से पराजित किया। अरविंद जायसवाल को 51603 एवं बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी अब्दुल सलाम को 48734 और असदुद्दीन ओवैसी के प्रत्याशी शाह आलम गुड्डू जमाली को 36460 मत प्राप्त हुए। ज्ञातव्य है कि गुड्डू जमाली यहां पिछले दो बार से बसपा के विधायक थे और अंतिम समय में उन्होंने बसपा छोड़ दिया था।





सगड़ी विधानसभा में समाजवादी पार्टी ने नये प्रत्याशी ह्दय नारायण पटेल को उतारा था और वह 22515 वोट से भाजपा प्रत्याशी को शिकस्त देने में कामयाब रहे। यहां पटेल को 83093 वोट मिले जबकि भाजपा की वंदना सिंह को 60578 वोट प्राप्त हुए वहीं बसपा से प्रत्याशी शंकर यादव को 41006 वोट मिले। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि वंदना सिंह पूर्व में बहुजन समाज पार्टी से विधायक थीं किंतु उन्होंने चुनाव से पूर्व पार्टी बदल कर भाजपा ज्वाइन कर लिया था। जबकि शंकर यादव सपा से निकलकर बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे।





लालगंज में समाजवादी पार्टी के बेचई सरोज 83087 वोट पाकर भाजपा की नीलम सोनकर को 14367 वोटो से पराजित किया। नीलम सोनकर को 68720 मत प्राप्त हुए जबकि यहां से बसपा के विधायक रहे आजाद अरिमर्दन को तीसरे नंबर पर 57562 मतों से संतोष करना पड़ा।





गोपालपुर विधानसभा से समाजवादी पार्टी के नफीस अहमद ने लगातार दूसरी बार अपना झंडा फहराया। उन्होंने 24307 मतों से विजयश्री का वरण किया। नफीस को कुल 84401 मत प्राप्त हुए जबकि भाजपा के सत्येंद्र राय को 60094 मत के साथ दूसरे नंबर एवं बसपा के रमेशचंद यादव को 45211 मतों के साथ तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा।





जनपद की बहुचर्चित सीट फूलपुर-पवई से समाजवादी पार्टी के रमाकांत यादव ने अपने चिर परिचित प्रतिद्वंदी भाजपा के रामसूरत राजभर को 25306 मतों से पराजित किया। यहां रमाकांत यादव को 81164, भाजपा के रामसूरत राजभर को 55858 एवं बहुजन समाज पार्टी के शकील अहमद को 49495 मत प्राप्त हुए। सबसे मजेदार बात यह है कि यहां पिछली बार रमाकांत यादव के पुत्र अरुणकांत यादव भाजपा से विधायक रहे। जब रमाकांत यादव को समाजवादी पार्टी ने यहां से टिकट दे दिया तो भाजपा ने अरुणकांत यादव का टिकट काट दिया। रमाकांत यादव तीन बार यहां से विधायक एवं चार बार आजमगढ़ सदर से सांसद रह चुके हैं।






दीदारगंज विधानसभा सीट पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर के पुत्र कमलाकांत राजभर ने पहली बार में ही झंडा फतेह करते हुए 13214 मतों से विजय प्राप्त किया। उन्हें 73834 वोट, भाजपा के डा. कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा को 60620 वोट एवं बसपा से भूपेंद्र सिंह मुन्ना को 46882 वोट प्राप्त हुए।






अतरौलिया से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी डॉक्टर संग्राम यादव ने लगातार तीसरी बार विजय पताका फहराई उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी निषाद पार्टी जिसे भाजपा का समर्थन प्राप्त था के प्रशांत सिंह को काफी मतों के अंतर से पराजित किया। यहां बहुजन समाज पार्टी के डॉक्टर सरोज पांडेय को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा।





इसी तरह मेंहनगर सुरक्षित सीट पर समाजवादी पार्टी ने पूजा सरोज को उतारा था और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की मंजू सरोज को पराजित किया। यहां समाजवादी पार्टी ने 2017 में जीते अपने प्रत्याशी को टिकट न देकर पूजा सरोज पर विश्वास जताया था और वह सपा प्रमुख की उम्मीदों पर खरी उतरीं। ज्ञातव्य की पूजा सरोज समाजवादी पार्टी की पुरानी कार्यकर्ता भानुमति सरोज की बहू हैं। 




अतरौलिया एवं मेंहनगर विधानसभा सीटों का समाचार लिखे जाने तक फाइनल चार्ट बन रहा था।