Wednesday, 25 June 2025

बस्ती माफिया बृजेश...की हार्टअटैक से हुई मौत विभिन्न थानों में फर्जी रजिस्ट्री, छेड़खानी जैसे 43 मामले थे दर्ज


 बस्ती माफिया बृजेश...की हार्टअटैक से हुई मौत



विभिन्न थानों में फर्जी रजिस्ट्री, छेड़खानी जैसे 43 मामले थे दर्ज


उत्तर प्रदेश के बस्ती जिला कारागार में बंद गोंडा के कुख्यात भू-माफिया और अधिवक्ता बृजेश अवस्थी की बुधवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार सुबह सीने में तेज दर्द और पसीने की शिकायत के बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान सुबह 10:15 बजे उसने दम तोड़ दिया।


जेल अधीक्षक एसपी मिश्रा ने बताया कि बृजेश को सुबह करीब 7 बजे जेल अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया था। डीएम रवीश गुप्ता के निर्देश पर नामित मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव का पंचनामा किया गया और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।


बृजेश अवस्थी पर गोंडा जिले में जमीन की फर्जी रजिस्ट्री, छेड़खानी और दुष्कर्म जैसे मामलों में लोगों को फंसाकर उनकी जमीन हड़पने का आरोप था। पुलिस के अनुसार, वह फर्जी बैनामा रैकेट का सरगना था और उसके खिलाफ गोंडा के विभिन्न थानों में 43 मामले दर्ज थे। वर्ष 2022 में SIT जांच के बाद उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था। प्रशासनिक कारणों से 15 दिसंबर 2024 को उसे गोंडा जेल से बस्ती जेल में स्थानांतरित किया गया था।

आजमगढ़ रौनापार जमीन विवाद में सरेआम मारपीट और फायरिंग का सनसनीखेज वीडियो वायरल, महिला ने कट्टा छीनकर बचाई जान


 आजमगढ़ रौनापार जमीन विवाद में सरेआम मारपीट और फायरिंग का सनसनीखेज वीडियो वायरल, महिला ने कट्टा छीनकर बचाई जान




उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के रौनापार थाना क्षेत्र के छपिया गांव में दो पक्षों के बीच हुए हिंसक विवाद का एक सनसनीखेज वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में गाली-गलौज, मारपीट और कट्टा निकालकर फायरिंग की कोशिश से इलाके में दहशत का माहौल बन गया। न्यूज़9यू0पी0 किसी वायरल वीडियो की पुष्टि नही करता हैं। मिली जानकारी के अनुसार मामला 25 जून 2025 का है, जब छपिया गांव निवासिनी माधुरी, पत्नी राम सरीख यादव, ने महुला पुलिस चौकी में तहरीर देकर सनसनीखेज आरोप लगाए। माधुरी के अनुसार, उनके खेत की पक्की पैमाइश 23 जून 2025 को हो चुकी थी। लेकिन 25 जून 2025 को रामधन, पुत्र पुनवासी यादव, ने विवाद शुरू किया और घर से कट्टा लाकर उन पर फायर कर दिया। गनीमत रही कि गोली मिस हो गई।


माधुरी ने बताया कि जब रामधन दूसरी गोली भरने की कोशिश कर रहा था, तब उन्होंने हिम्मत दिखाते हुए कट्टा छीन लिया। आरोप है कि पुनवासी यादव ने रामधन को उकसाते हुए कहा, "गोली मार दो!"


घटना से दहशत में आई पीड़िता ने रौनापार थाने में शिकायत दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वायरल वीडियो ने इलाके में तनाव बढ़ा दिया है, और लोग इस मामले में पुलिस की कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं।


इस संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है मामले की जांच की जा रही है जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके तहत कार्रवाई की जाएगी।

आजमगढ़ फर्जी CBI अधिकारी बनकर रिटायर्ड पुलिस निरीक्षक को बनाया था शिकार साइबर पुलिस ने 35 लाख रुपये के फ्रॉड में गुजरात से 2 साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार


 आजमगढ़ फर्जी CBI अधिकारी बनकर रिटायर्ड पुलिस निरीक्षक को बनाया था शिकार


साइबर पुलिस ने 35 लाख रुपये के फ्रॉड में गुजरात से 2 साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार


उत्तर प्रदेश, आजमगढ़ साइबर थाना पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गुजरात के भावनगर से दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इन अपराधियों ने फर्जी CBI और एंटी-करप्शन अधिकारी बनकर एक रिटायर्ड पुलिस निरीक्षक से लगभग 35 लाख रुपये की ठगी की थी। गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान सरवैया कौशिक और भगीरथ सिंह जाला के रूप में हुई है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ हेमराज मीना के निर्देशन और अपर पुलिस अधीक्षक (यातायात/नोडल साइबर क्राइम) के पर्यवेक्षण में साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक आजमगढ़ विभा पाण्डेय की अगुवाई में गठित पुलिस टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर यह सफलता हासिल की। अभियुक्तों के खिलाफ साइबर थाना आजमगढ़ में मुकदमा अपराध संख्या 08/2025 के तहत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज है, जिसमें BNS की धारा 318(4), 319(2), 204, 351(4), 337, 338 और IT एक्ट की धारा 66C, 66D शामिल हैं।


जानकारी के अनुसार घटना का खुलासा तब हुआ जब 23 फरवरी 2025 को पीड़ित ने साइबर थाना आजमगढ़ में शिकायत दर्ज की कि अज्ञात व्यक्ति ने फोन पर खुद को CBI अधिकारी बताकर डराया-धमकाया और डिजिटल अरेस्ट के नाम पर उनके खातों में 35 लाख रुपये जमा करवा लिए। 


उपरोक्त प्रकरण में जाँच के आधार पर हेमराज मीना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ के निर्देशानुसार विवेचक प्रभारी निरीक्षक विभा पाण्डेय द्वारा उ0नि0 योगेन्द्र प्रसाद यादव के नेतृत्व में एक पुलिस टीम को गठित कर भावनगर गुजरात भेजा गया था। गठित टीम द्वारा तकनीकी सहायता व साक्ष्य के आधार पर अभियुक्तगण के तस्दीक होने पर 02 अभियुक्तों जिसमें सरवैया कौशिक पुत्र संजय भाई सरवैया, निवासी- ए-डिवीजन, अपोजिटNCC ऑफिस, मफतनगर, बाल्मिकिवास, भावनगर, गुजरात। एवं दूसरा भगीरथ सिंह जाला पुत्र अरविन्द सिंह, निवासी- 147/B पटेलनगर,  मिलिट्री सोसायटी के पीछे चित्रा, भावनगर, गुजरात को गिरफ्तार किया गया । 


पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे साइबर अपराधियों के साथ मिलकर फर्जी बैंक खातों में पैसे मंगवाते थे और फिर ATM व चेक के जरिए निकासी कर कमीशन के लिए अंगड़िया केंद्रों के माध्यम से पैसे भेजते थे।


आजमगढ़ पुलिस ने जनता से अपील की है कि साइबर अपराध से बचने के लिए अज्ञात कॉल्स, संदिग्ध लिंक्स और व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें। किसी भी साइबर फ्रॉड की स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नहीं है, और ऐसे कॉल्स साइबर ठगों द्वारा किए जाते हैं।



गिरफ्तार अभियुक्त का विवरणः-

01.सरवैया कौशिक पुत्र संजय भाई सरवैया, निवासी- ए-डिवीजन अपोजिटNCC ऑफिस मफतनगर बाल्मिकिवास, भावनगर गुजरात। 

02.भगीरथ सिंह जाला पुत्र अरविन्द सिंह, निवासी- 147/B पटेलनगर मिलिट्री सोसायटी के पीछे चित्रा, भावनगर गुजरात।


पंजीकृत अभियोग का विवरणः-

01.  मु0अ0सं0 08/2025 धारा 318(4), 319(2), 204,351(4),337,338 BNS व 66C, 66D IT Act साइबर थाना आजमगढ़।



गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीमः-

01. विवेचक निरीक्षक विभा पाण्डेय साइबर थाना जनपद आजमगढ़।

02. उ0नि0 योगेन्द्र प्रसाद यादव व मु0आ0 ओमप्रकाश जायसवाल साइबर सेल जनपद आजमगढ।

03. आरक्षी सभाजीत मौर्य साइबर थाना जनपद आजमगढ।

04. आरक्षी मो0 एजाज खान साइबर थाना जनपद आजमगढ।

05. आरक्षी विकाश कुमार साइबर थाना जनपद आजमगढ।

आजमगढ़ फूलपुर नवागत क्षेत्राधिकारी किरनपाल सिंह ने संभाला कार्यभार अपराध और अपराधियों पर अंकुश के साथ कानून तोड़ने वालों के खिलाफ की जाएगी कड़ी कार्रवाई : किरनपाल सिंह


 आजमगढ़ फूलपुर नवागत क्षेत्राधिकारी किरनपाल सिंह ने संभाला कार्यभार



अपराध और अपराधियों पर अंकुश के साथ कानून तोड़ने वालों के खिलाफ की जाएगी कड़ी कार्रवाई : किरनपाल सिंह


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के फूलपुर के क्षेत्राधिकारी अनिल कुमार वर्मा का सगड़ी स्थानांतरण होने के बाद नवागत क्षेत्राधिकारी किरनपाल सिंह ने बुधवार को फूलपुर का कार्यभार ग्रहण कर लिया। इस बीच, आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने लखनऊ विजिलेंस से स्थानांतरित होकर आए अजय प्रताप सिंह को बुढ़नपुर का क्षेत्राधिकारी नियुक्त किया है। साथ ही, अनिल कुमार वर्मा को बुढ़नपुर का कार्यभार सौंपा गया है। 


कार्यभार ग्रहण करने के बाद नवागत सीओ किरनपाल सिंह ने जनसुनवाई के दौरान दो पीड़ित पक्षों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने दीदारगंज थाने में एक पीड़िता का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। सीओ किरनपाल सिंह ने कहा, "कानून-व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाएगा। अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाया जाएगा, और कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।"उन्होंने आगे बताया कि आगामी त्योहारों के मद्देनजर पीस कमेटी की बैठक आयोजित की जाएगी और लोगों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण किया जाएगा।

आजमगढ़ 5 निजी विद्यालयों पर फर्जी मान्यता का आरोप जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश, टीम गठित


 आजमगढ़ 5 निजी विद्यालयों पर फर्जी मान्यता का आरोप



जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश, टीम गठित


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के पांच निजी विद्यालयों पर फर्जी तरीके से मान्यता प्राप्त करने का गंभीर आरोप लगा है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने जांच के आदेश जारी किए हैं। जिन विद्यालयों पर आरोप हैं, उनमें अंबेडकर किसान प्राथमिक विद्यालय रोशनपुर (मेहनगर), स्वामी विवेकानंद प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाईस्कूल (हैदराबाद, हरैया), राम कुंवर सिंह पब्लिक स्कूल (मेहनगर), मां जानकी चिल्ड्रेन एकेडमी (कोयलसा) और किसान शिक्षा निकेतन (ठेकमा) शामिल हैं।


बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) के पास इन विद्यालयों के खिलाफ शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिसमें कहा गया कि इन्होंने गलत दस्तावेजों या अनियमित प्रक्रिया के जरिए मान्यता हासिल की है। बीएसए ने मामले को डीएम के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसके बाद डीएम ने एक जांच टीम गठित कर दी है। जांच में यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो इन विद्यालयों की मान्यता रद्द हो सकती है और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। जांच पूरी होने तक जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की रिपोर्ट पर सभी की नजरें टिकी हैं।