Monday 7 November 2022

भाजपा केन्द्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बोले सीएम योगी गंभीर हिंसा का है आरोपी, न दी जाय जमानत


 भाजपा केन्द्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बोले सीएम योगी


गंभीर हिंसा का है आरोपी, न दी जाय जमानत



नई दिल्ली , लखीमपुर खीरी में किसानों को कार से कुचलने के आरोपी आशीष मिश्रा की बेल का यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया है। राज्य सरकार ने अदालत में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को गंभीर अपराध करार दिया। सरकार की ओर से अदालत में कहा गया कि जब तक इस मामले में ट्रायल पूरा नहीं होता, तब तक आशीष मिश्रा को बेल पर जेल से रिहा न किया जाए। आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं। जानकारी के अनुसार 3 नवंबर को दाखिल किए गए एफिडेविट में यूपी सरकार ने कहा, अपराध की गंभीरता और याची की आपराधिक पृष्ठभूमि और उसके प्रभाव को देखते हुए यह सही रहेगा कि ट्रायल पूरा होने तक उसे जेल से रिहा न किया जाए।


यूपी सरकार ने साफ कहा कि इस केस में ट्रायल पूरा होने और आरोप तय होने तक आशीष मिश्रा को बेल न दी जाए। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 26 जुलाई को आशीष मिश्रा को बेल देने से इनकार कर दिया था। उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ आशीष मिश्रा ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन के दौरान 3 अक्टूबर, 2021 को हिंसा हुई थी। इस दौरान आशीष मिश्रा के पिता से जुड़ी कार से 4 किसानों और एक पत्रकार के कुचले जाने का आरोप लगा था। इस घटना के बाद हिंसा भड़क गई थी, जिसमे  तीन अन्य लोग भी मारे गए थे।

इस मामले के गवाह ने भी आशीष मिश्रा को बेल दिए जाने का विरोध किया है। पीड़ित परिवारों की ओर से अदालत में तर्क दे रहे वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि इस साल मार्च और अप्रैल में आशीष मिश्रा से जुड़े  लोगों ने गवाहों को धमकी दी थी और उनके साथ मारपीट की थी। उन्होंने कहा कि यह आधार आशीष मिश्रा को बेल न देने के लिए काफी है। इस दौरान यूपी सरकार ने गवाहों के आरोपों को खारिज किया, लेकिन हाई कोर्ट के फैसले को गलत नहीं कहा, जिसमें आशीष मिश्रा को बेल देने से इनकार किया गया है।

गवाहों के आरोपों पर यूपी सरकार ने अदालत में कहा, जांच में यह पता चला है कि आरोपियों और शिकायतकर्ता के बीच मोटरसाइकिल की भिड़ंत के बाद झगड़ा हुआ था। इस घटना का लखीमपुर में पिछले साल हुई हिंसा से कोई कनेक्शन नहीं है।


 उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि मृतक किसानों के परिजनों और गवाहों की सुरक्षा के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं। राज्य सरकार ने कहा कि आरोपी को बेल देने में सिर्फ दो बातों का ही ध्यान रखा जाना चाहिए। पहला यह कि अपराध की गंभीरता कितनी है और दूसरा यह कि सबूत से छेड़छाड़ हो सकती है।

आजमगढ़ महाराजगंज जमीन के नाम पर लिया 51 लाख हड़पा, फिर दूसरे को कर दिया बैनामा धोखाधड़ी में शामिल अभियुक्त सहित 3 को पुलिस ने किया गिरफ्तार


 आजमगढ़ महाराजगंज जमीन के नाम पर लिया 51 लाख हड़पा, फिर दूसरे को कर दिया बैनामा


धोखाधड़ी में शामिल अभियुक्त सहित 3 को पुलिस ने किया गिरफ्तार


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जनपद की महाराजगंज पुलिस ने जमीन के नाम पर पैसा लेने व दूसरे को जमीन बेचने के मामले में शामिल अभियुक्त सहित 3 को गिरफ्तार कर लिया। मामला 51 लाख रूपये के लेन-देन का बताया जा रहा है।


बताते चलें कि पूर्व में अभियुक्त व उसके सहयोगियों द्वारा पीड़ित से छलपूर्वक जमीन विक्रय किये जाने के लिए 51,00,000 (इक्यावन लाख रुपये) लेकर जमीन अन्य के नाम पर विक्रय कर दिया। जब पीड़ित द्वारा अपने पैसों की मांग की गई तो पैसा वापस नहीं किया गया।


 मामले में पीड़ित ने थाने में तहरीर देकर पैसे वापस दिलवाने की गुहार लगाई थी। उक्त मामले में थानाध्यक्ष कमलकान्त वर्मा द्वारा आज 7 नवम्बर को मामले में वांछित अभियुक्त राघवेन्द्र शुक्ला पुत्र दुर्गा शुक्ला निवासी नारायनपुर परशुरामपुर थाना महराजगंज आजमगढ़ को परशुरामपुर बाजार से गिरफ्तार कर लिया।


इसी तरह एक अन्य जमीनी विवाद में महिला के साथ मारपीट के मामले में पुलिस ने लखन्दर पुत्र लालसा शिवपुर थाना महराजगंज जनपद आजमगढ़, अजीत वर्मा पुत्र सन्तराम निवासी ग्राम संसारे थाना महराजगंज जनपद आजमगढ़ को शिवपुर बाजार से सुबह करीब 07.10 बजे गिरफ्तार कर लिया।

आजमगढ़ अहरौला मौर्य दंपती हत्याकांड: सड़क पर उतरे कई संगठन पुलिस पर हत्यारों को बचाने का आरोप, की फांसी दिये जाने की मांग पिछले 22 दिनों से कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठा है परिवार


 आजमगढ़ अहरौला मौर्य दंपती हत्याकांड: सड़क पर उतरे कई संगठन


पुलिस पर हत्यारों को बचाने का आरोप, की फांसी दिये जाने की मांग


पिछले 22 दिनों से कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठा है परिवार



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ अहरौला थाना क्षेत्र में जून माह में हुई मौर्य दंपती की हत्या के मामले में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी का मामला अब तूल पकड़ लिया है। मृतक का पूरा परिवार पिछले 22 दिनों से कलेक्ट्रेट पर धरना दे रहा है लेकिन किसी अधिकारी ने उनकी सुधि नहीं ली। अब परिवार के समर्थन में कई सामाजिक संगठन और राजनीतिक दल खड़े हो गए हैं। सैकड़ों की संख्या में लोगों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट क्षेत्र में जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। इस दौरान लोगों ने एसपी और डीएम को ज्ञापन सौंपा। अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राहुल रूसिया द्वारा सात दिन में कार्रवाई का आश्वासन देने पर लोग शांत हुए। वहीं मृतक के बच्चे अब भी धरने पर बैठे हैं। इसका दावा है कि जब तक गिरफ्तारी नहीं होती वे धरना बंद नहीं करेंगे।


बता दें कि अहरौला थाना क्षेत्र के पारा गांव निवासी इंद्रपाल मौर्य पुत्र स्व. रामलगन जनरल स्टोर की दुकान कर परिवार का भरण पोषण करता था। 14 जून 2022 को वह अपनी पत्नी शकुंतला के साथ बाइक से जौनपुर जिले के शाहगंज दवा लेने गया था। इंद्रपाल के साथ उसके साढ़ू विकास मौर्य निवासी भरचकिया थाना पवई भी अपनी पत्नी के साथ चिकित्सक के पास गए थे। दवा लेने के बाद दोनों रिश्तेदार अपने परिवार के साथ अपने घर के लिए रवाना हुए लेकिन इंद्रपाल व उनकी पत्नी शकुंतला दोनों घर नहीं पहुंचे। 16 जून को लापता इंद्रपाल मौर्य व उनकी पत्नी शकुंतला का शव फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के अंबारी बाजार के समीप सड़क किनारे स्थित झाड़ी से बरामद हुआ था। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। लेकिन परिवार का आरोप है जो वास्तविक हत्यारें हैं जिन्हें उन्होंने नामजद किया है पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के बजाय बचा रही है। वहीं दूसरी तरफ घटना के कुछ दिन बाद ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य मृतक के घर पहुंचे थे। डिप्टी सीएम के सामने ही एसडीएम ने कहा था कि परिवार को 25 लाख रुपये आर्थिक सहायता दी गई है। डिप्टी सीएम ने परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया था। इसके बाद भी परिवार को किसी तरह की आर्थिक सहायता नहीं मिली। 


आर्थिक सहायता के लिए मृतक का पुत्र लखनऊ तक गया लेकिन किसी ने उसके दर्द को नहीं समझा। इसके बाद मृतक के पूरे परिवार ने 19 सितंबर को जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। उस समय उन्हें सात दिन में कार्रवाई का आश्वासन देकर हटा दिया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे नाराज होकर मृतक का पुत्र शिवांश मौर्य 17 अक्टूबर से अपने पूरे परिवार के साथ कलेक्ट्रेट पर अनिश्चित कालीन धरना दे रहा है लेकिन किसी ने उसकी सुधि नहीं ली। अब परिवार के समर्थन में भीम आर्मी, जनअधिकार पार्टी, सामाजिक संगठन प्रयास, बहुजन मुक्ति मोर्चा आदि खड़े हो गए है। संगठन के लोगों ने सोमवार को जिला मुख्यालय पर जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए डीएम और एसपी को ज्ञापन सौंपा। मौके पर पहुंचे अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने सात दिन में कार्रवाई का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया।