Monday 24 July 2023

आजमगढ़ गंभीरपुर दवा के लिए निकले बेटा और बहू लापता पिता ने थाने में तहरीर देकर जताई अनहोनी की आशंका


 आजमगढ़ गंभीरपुर दवा के लिए निकले बेटा और बहू लापता


पिता ने थाने में तहरीर देकर जताई अनहोनी की आशंका


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ गंभीरपुर थाना में एक व्यक्ति द्वारा तहरीर देकर अवगत कराया गया कि उसका बेटा और बहू घर से दवा के लिए निकले लेकिन अभी तक वे घर वापस नहीं लौटे। पीड़ित ने बताया कि उसने बहू और बेटे की रिश्तेदारियों से लेकर पहचान वालों के यहां खोजबीन की लेकिन उनका कही कुछ पता नहीं चला।


मिली जानकारी के मुताबिक इस्तेखार अहमद पुत्र जौवाद ने गंभीरपुर थाने में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसके पुत्र परवेज की शादी 26 अप्रैल को जौनपुर जनपद के लाइन बाजार निवासी पचोखड़ चुन्नू की पुत्री अमीना के साथ किया था। शादी बाद वह अपने मायके चली गई। 20 जुलाई को वह पुनः विदा होकर हमारे घर आई। 22 जुलाई की सुबह करीब 7 बजे दवा लेने के लिए बेटे और बहू घर से निकले लेकिन वापस घर नहीं आये।


 काफी खोजबीन किया लेकिन उन लोगों का कुछ पता नहीं चल सका। किसी अनहोनी की आशंका से परेशान पीड़ित पिता ने 23 जुलाई को गंभीरपुर थाने में प्रार्थना पत्र देकर बहू और बेटे के लापता होने की घटना से अवगत कराया।

आजमगढ़ निजामाबाद सोनकर दंपती हत्याकांड में लकीर पर लाठी पीट रही पुलिस एक महीने बाद भी हत्यारे पुलिस की पकड़ से कोसों दूर दर्जनों संदिग्ध लोगों से पूछताछ के बाद भी नतीजा शुन्य


 आजमगढ़ निजामाबाद सोनकर दंपती हत्याकांड में लकीर पर लाठी पीट रही पुलिस


एक महीने बाद भी हत्यारे पुलिस की पकड़ से कोसों दूर


दर्जनों संदिग्ध लोगों से पूछताछ के बाद भी नतीजा शुन्य



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ निजामाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत परसहा गांव में बीते 25 जून को बुजुर्ग दंपती हत्याकांड को हुए लगभग एक महीना गुजर गया लेकिन इस मामले में पुलिस अभी लकीर पर लाठी पीटती नजर आ रही है। हालांकि वारदात के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए लगाई गई पुलिस की टीमें अभी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी हैं।


गौरतलब है कि मूल रूप से जिले के सिधारी थाना क्षेत्र के कटघर निवासी विश्वनाथ सोनकर 12 साल पूर्व निजामाबाद थाना क्षेत्र के परसहां गांव में 3 बीघा जमीन खरीद कर पत्नी शनिचरी के साथ मकान बनाकर रहते थे। उनके तीन पुत्र कटघर स्थित पैतृक आवास पर अपने परिवार के साथ रहते हैं। 25 जून की रात विश्वनाथ सोनकर उनकी पत्नी शनिचरी देवी घर के बाहर चारपाई पर सो रहे थे कि देर रात अज्ञात बदमाशों ने धारदार हथियार से हमला कर दोनों की हत्या कर फरार हो गए।


दूसरे दिन घटना की जानकारी होने पर आईजी अखिलेश कुमार, एसपी अनुराग आर्य समेत निजामाबाद थाना पुलिस, एसओजी, सर्विलांस सेल, फॉरेंसिक टीम व डॉग स्क्वायड भी मौके पर पहुंच कर छानबीन में जुटी लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। दोहरे हत्याकांड के खुलासे के लिए एसपी अनुराग आर्य ने कई टीमों का गठन करते हुए सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी।


घटना को लगभग एक महीना हो चुका है लेकिन पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं। वहीं लोगों के बीच इस बात की चर्चा जोरों पर है कि इस मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिए जाने वालों को पुलिस द्वारा पैसा लेकर छोड़ा जा रहा है। हत्यारों की धर पकड़ के लिए लगाई गई पुलिस की टीमें इस मामले में कब तक कामयाब हो पाती है यह अभी भविष्य के गर्भ में है। इस संबंध में पूछे जाने पर थानाध्यक्ष निजामाबाद सच्चिदानंद यादव ने बताया कि इस विषय पर पुलिस की कई टीमें लगी हुई हैं और लगातार कोशिश की जा रही है, जल्द मामले का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।

उन्नाव कोतवाली में फांसी पर लटका मिला कोतवाल का शव 18 दिन पहले ही संभाला था चार्ज


 उन्नाव कोतवाली में फांसी पर लटका मिला कोतवाल का शव


18 दिन पहले ही संभाला था चार्ज


उत्तर प्रदेश के उन्नाव में इंस्पेक्टर कोतवाली का शव कोतवाली परिसर स्थित उनके ही सरकारी आवास फंदे से लटकता मिला। इंस्पेक्टर अशोक वर्मा ने 18 दिन पहले ही सफीपुर कोतवाली का चार्ज सम्भाला था। दो दिन पहले उन्होंने यहां गैंगरेप और हत्या के एक मामले में आरोपितों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई पूरी कराई थी। बताया जा रहा है कि रविवार की देर रात थाने का सारा काम निपटाने के बाद अशोक वर्मा अपने सरकारी आवास में गए थे। सुबह जब थाने का कर्मचारी उन्हें बुलाने गया तो उसे वहां उनका शव फंदे से लटकता मिला। इंस्पेक्टर का शव देखकर कर्मचारी के मुंह से चीख निकल गई। उसका चिल्लाना सुनकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही और सीसीटीएन जीडी में तैनात कर्मचारी मौके की ओर दौड़ पड़े।


 थोड़ी देर बाद पुलिस ने परिवारीजनों को घटना की सूचना दे दी। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी मौके पर पहुंचे। वर्ष 2012 बैच के आश्रित कोटे से दरोगा पद पर भर्ती हुए अशोक वर्मा मूलतः बिजनौर के रहने वाले थे। जुलाई में उनका तबादला लखनऊ रेंज के खीरी से उन्नाव कर दिया गया था। पुलिस लाइन उन्नाव में आमद कर आते ही पांच जुलाई को एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने उन्हें सफीपुर कोतवाली प्रभारी पद की कमान सौंपी थी।

एटा बड़ा हादसा, नहर में गिरी कार, एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत तबीयत खराब होने पर अस्पताल डॉक्टर को जा रहे थे दिखाने


 एटा बड़ा हादसा, नहर में गिरी कार, एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत


तबीयत खराब होने पर अस्पताल डॉक्टर को जा रहे थे दिखाने


उत्तर प्रदेश एटा तबीयत खराब होने पर गंजडुंडवारा से एटा दिखाने आ रहे पांच लोगों से भरी स्विफ्ट कार नहर में गिर गई। इस हादसे में पांचों लोगों की मौत हो गई। मौत के बाद गांव भर में कोहराम मच गया।


मिली जानकारी के अनुसार जनपद कासगंज के थाना गंजडुंडवारा के गांव अंडआ निवासी नीरज की पत्नी विनीता को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। ऐसे में पास ही के गांव से शिवम की कार को मंगाया। कार में विनीता के पति नीरज, चचिया ससुर तेजेंद्र और चचिया सास संतोष को साथ लेकर एटा दिखाने के लिए आ रहे थे। कार ऑन घाट से आगे निकल पाई थी कि खारजा नहर में कार गिर गई। कुछ देर बाद भाई ने फोन कर जानकारी की तो सभी के मोबाइल बंद आ रहे थे। कुछ देर इंतजार के बाद परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की तो कहीं पता नहीं चला तो इसकी सूचना पुलिस की दी।


आरोप है कि पुलिस ने घटना को गंभीरता से नहीं लिया। कहीं पता नहीं चला। सुबह करीब 5 बजे कार नहर में पड़ी दिखाई दी। पास जाकर देखा तो 5 लोगों की मौत हो चुकी थी। सूचना पर पहुंची थाना कोतवाली देहात पुलिस ने 5 लोगों को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।


 धनंजय कुशवाह ने बताया संभावना है कि गाड़ी की रफ्तार तेज रही होगी। जिस स्थान पर हादसा हुआ है। वहां एक मोड़ है।

प्रयागराज मजबूरी, जन्म देते ही मां ने मासूम को बेचने के लिए लगाई कीमत पहुंचे खरीदार, और फिर....


 प्रयागराज मजबूरी, जन्म देते ही मां ने मासूम को बेचने के लिए लगाई कीमत


पहुंचे खरीदार, और फिर....


उत्तर प्रदेश प्रयागराज गरीबी जो न करा दे। रविवार को एक मां ने अस्पताल में पुत्र को जन्म देने के बाद अपनी ममता को ही बेचने का एलान कर दिया। अस्पताल में नवजात शिशु की कीमत लगने लगी। जानकारी मिली तो खरीदार भी पहुंचने लगे। अंतत: अस्पताल के चिकित्सकों और पैरा-मेडिकल स्टाफ ने मां को समझा बुझा कर बेटे को न बेचने के लिए राजी कर लिया।


शिशु के पालन-पोषण के लिए अस्पताल कर्मियों ने दो हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया है। आर्थिक तंगी की वजह से लाचार मां की यह कहानी मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली है। शहर के वीआईपी इलाके अशोकनगर से लगे नेवादा की एक महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। इसके बाद उसे छावनी बोर्ड के अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां जच्चा-बच्चा वार्ड में उसने दोपहर करीब एक बजे पुत्र को जन्म दिया।


कुछ देर बाद वह महिला अपने नवजात पुत्र को बेचने के लिए अस्पताल कर्मियों से बात करने लगी। जानकारी मिलने के बाद वार्ड आया और कुछ आशा बहुएं सक्रिय हो गईं। कुछ देर बाद ही अस्पताल में खरीदार पहुंचने लगे। पहले महिला ने अपने बेटे की कीमत 1.10 लाख लगाई। फिर सौदा बढ़ने पर कीमत 1.20 लाख और इसके बाद 1.50 लाख तक पहुंच गई।


वार्ड में नवजात शिशु के सौदे की जानकारी जब चिकित्सकों को मिली तब वह महिला को समझाने में जुट गए। तीन बच्चों की इस मां का कहना था कि उसका दूसरा पुत्र विकलांग है। वह चौका-बर्तन कर किसी तरह परिवार का गुजारा करती है। उसके पति कारपेंटर हैं। लेकिन, मजदूरी से इतनी रकम नहीं मिल पाती, जिससे वह विकलांग बच्चे का उपचार करा सकें।


ऐसे में बच्चे के उपचार के लिए वह इस शिशु को बेचना चाहती है। इस पर चिकित्सकों और कर्मियों ने उसे विकलांग बच्चे की दवा और नवजात शिशु के पालन के लिए दो हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया। कागज पर लिखित तौर पर चिकित्सकों ने इस आशय का सहमति पत्र महिला को दिया, तब जाकर उसने बेटे को बेचने इरादा छोड़ा।

आजमगढ़ जीयनपुर लेखपाल, पूर्व कानूनगो समेत 8 पर मुकदमा फर्जी दस्तावेज बनाने और धोखाधड़ी से वरासत करने का आरोप


 आजमगढ़ जीयनपुर लेखपाल, पूर्व कानूनगो समेत 8 पर मुकदमा


फर्जी दस्तावेज बनाने और धोखाधड़ी से वरासत करने का आरोप


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ सिविल जज अवर खंड हवेली के आदेश पर जीयनपुर कोतवाली में लेखपाल, पूर्व कानूनगो और पूर्व प्रधान सहित आठ लोगों पर फर्जी दस्तावेज बनाने और धोखाधड़ी से वरासत करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया। न्यायालय के आदेश पर बृज माधुरी पुत्री राजदेव निवासिनी उदका चौको खुर्द ने तहरीर में आरोप लगाया कि उसके पिता राजदेव यादव विगत 15 से 20 वर्षों से गायब हैं। परिवार रजिस्टर में अभी तक उन्हीं का नाम चलता आ रहा है। 


उनके पास तीन पुत्रियां हैं। पिता के मृत्यु मामले को लेकर दीवानी न्यायालय में मुकदमा लंबित है। मेरे पिता को मृतक दिखाकर लेखपाल दिवाकर यादव और पूर्व कानूनगो वीरेंद्र मिश्रा एवम् आठ अन्य लोगों ने पिता की अचल संपत्ति को कूटरचित दस्तावेज के आधार पर बेइला देवी निवासिनी उदका के नाम से 3 अक्तूबर 2018 को वरासत करा दिया। तहसील से लेकर थाना और पुलिस अधीक्षक तक गुहार लगाई गई। कहीं सुनवाई न होने पर न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराने के लिए वाद दाखिल किया। न्यायालय के आदेश पर शनिवार को दिवाकर यादव लेखपाल, वीरेंद्र मिश्रा कानूनगो, पूर्व प्रधान रामानंद यादव, शेषमणि प्रजापति, चंद्रदेव प्रजापति, शैलेंद्र, पुष्पा, कंचन के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया।