Monday 4 April 2022

डीएम औरैया सुनील कुमार वर्मा निलंबित

डीएम औरैया सुनील कुमार वर्मा निलंबित


उत्तर प्रदेश लखनऊ भ्रष्टाचार में लिप्त होने के साथ उसके खिलाफ आंख बंद करना तथा सरकारी कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बर्दाश्त नहीं है।



 मुख्यमंत्री के रूप में अपनी दूसरी पारी शुरू करने वाले योगी आदित्यनाथ ने बीते बुधवार को सोनभद्र के जिलाधिकारी टीके शिबू तथा गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को निलंबित किया था। सोमवार को उनके निर्देश पर 2013 बैच के आइएएस अफसर औरैया के डीएम सुनील कुमार वर्मा को निलंबित कर दिया गया है।



सुनील कुमार वर्मा के खिलाफ कई मामले मिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शासन ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की है। औरैया के डीएम सुनील कुमार को निलंबित करने के साथ ही उनकी संपत्तियों की विजिलेंस जांच कराने का भी निर्देश दिया गया है। 



उनके खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़ी कई शिकायतें सीएम कार्यालय को मिली थीं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार तथा काम में लापरवाही की भी शिकायत मिली हैं। औरैया के डीएम 2013 बैच के आइएएस अफसर सुनील कुमार वर्मा को सस्पेंड करने के बाद उनके  खिलाफ जांच के आदेश भी दिए गए हैं। 


रायबरेली के निवासी सुनील कुमार वर्मा की विजिलेंस जांच होगी।

 

आजमगढ़ बदला लेने के लिए जीजा की बहन को लेकर भागा साला।


 आजमगढ़  बदला लेने के लिए जीजा  की बहन को लेकर भागा साला।



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जिले में ऐसी बदले की घटना सामने आई है कि पुलिस के सामने भी कार्रवाई को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। 



जानकारी के अनुसार दरअसल पहले एक युवक की बहन को दूसरा युवक भगा ले गया और शादी कर ली। इस बात को भाई किसी तरह पचा ले गया और कहीं शिकायत और कार्रवाई नहीं की। लेकिन, कुछ दिनों के बाद अपने जीजा की बहन को वह बदले में भगा ले गया और अब जीजा की तिलमिलाहट कुछ यों है कि वह अपनी बहन को वापस लाने के लिए थाने से लेकर हर चौखट पर बौखलाया घूम रहा है। 



पूरा मामला आजमगढ़ के रानी की सराय कस्बे का है। जहां एक युवक की बहन को दूसरा युवक लेकर फरार हो गया और शादी कर ली। उसके खिलाफ युवती के भाई ने कोई कार्रवाई तो नहीं की, लेकिन ऐसा बदला लिया, जो कस्बे में चर्चा का विषय बन गया है। 



युवक ने बहन को भगाकर ले जाने वाले यानी अपने  जीजा की बहन को भगाकर उससे शादी कर ली। इस तरह दोनों युवक आपस में जीजा और साला दोनों ही पद वाले हो गए हैं।



 इस बदले की कार्रवाई को लेकर क्षेत्र में लोगों के बीच खूब चर्चा हो रही है। मामले की सूचना थाने में भी दी गई है, लेकिन पुलिस अब दोनों के वापस आने का इंतजार कर रही है। मामले की पोल तब खुली जब फरार युवती ने खुद फोन कर युवक की बहन को सूचना दी।



 कस्बे में किराये के मकान में लंबे समय से बिहार के विभिन्न जनपदों के लोग परिवार सहित रहकर जीविकोपार्जन करते हैं। एक पखवाड़ा पूर्व बिहार निवासी युवक प्रेमजाल में फंसाकर एक युवती के साथ कस्बे में ही अपने जीजा के साथ रह रहा था। इसी बीच युवक की बहन भी अपने जीजा के यहां आ गई। एक सप्ताह पूर्व ही आई युवती लापता हो गई। जीजा ने खोजबीन के साथ सूचना पुलिस को दी और तलाशने की गुहार लगाई। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने युवती के मिले मोबाइल पर काल डिटेल के आधार पर स्थानीय युवकों पर दबाव बनाना शुरू किया। तीन दिन पूर्व गायब युवती ने फोन कर बताया कि उसने बिहार में ही अपने प्रेमी के साथ विवाह रचा लिया है।



 युवती के मिलने की सूचना पर जीजा ने तो राहत की सांस ली लेकिन बहन को लेकर फरार होने वाले युवक की बहन से ही शादी रचाने की घटना चर्चा का विषय बन गई है। वहीं जीजा ने दबी जुबान में अपने साले के द्वारा खुद से बदला लेने के लिए बहन से शादी की बात कही है। इस तरह अब दोनों आपस में जीजा और साले के डबल रिश्ते में आ गए हैं।



 क्षेत्र में इस बदले की घटना की खूब चर्चा हो रही है।

आजमगढ़ दो दरोगा के खिलाफ पीड़िता पहुंची एसपी दरबार मामला न्यायालय में होने के बावजूद जबरदस्ती गेट लगवाने का लगाया आरोप।


 आजमगढ़ दो दरोगा के खिलाफ पीड़िता पहुंची एसपी दरबार


मामला न्यायालय में होने के बावजूद जबरदस्ती गेट लगवाने का लगाया आरोप।



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ पीड़िता द्वारा पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र सौंप यह आरोप लगाया गया कि विपक्षी के दो दरोगा पुत्रों की सह पर न्यायालय में विवाद विचाराधीन होने के बावजूद रात में रास्ते पर गेट लगा दिया गया।



 स्थानीय पुलिस से जब इस बावत सूचित किया गया तो पुलिस द्वारा पीड़िता को गाली गुप्ता देते हुए भगा दिया गया।

जानकारी के अनुसार शहर कोतवाली क्षेत्र के बलरामपुर निवासी उषा शर्मा पत्नी स्व0 महातम शर्मा ने पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि मामला न्यायालय में विचाराधीन के बावजूद विपक्षी नीलम शर्मा तथा उनके पति रामअधार शर्मा द्वारा 30 मार्च की रात विवादित रास्ते में गेट लगवा दिया गया।



 पीड़िता ने आरोप लगाया कि इस बावत जब वह स्थानीय पुलिस से संपर्क किया तो पुलिस द्वारा कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की गयी।



 पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी के दोनों पुत्र शिवेन्द्र, शिवकुमार  पुत्रगण रामअधार शर्मा पुलिस विभाग में दरोगा है, जिसके चलते पुलिस द्वारा पीड़िता की कोई मदद नहीं की जा रही है उल्टे पुलिस द्वारा प्रार्थिनी के साथ गाली गलौज किया जा रहा है।



 पीड़िता ने बताया कि उक्त विवादित रास्ते पर न्यायालय के आदेश पर मिट्टी गिराई गई थी जिसे विपक्षी द्वारा खुदवाकर फेंकने की धमकी भी दी जा रही है। पीड़िता द्वारा पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई गई है।

आजमगढ़ एसपी ने पांच अपराधियों पर 25-25 हजार का इनाम किया घोषित हत्या, हिंसा, आपराधिक षडयंत्र मामले में चल रहे हैं फरार।


 आजमगढ़ एसपी ने पांच अपराधियों पर 25-25 हजार का इनाम किया घोषित


हत्या, हिंसा, आपराधिक षडयंत्र मामले में चल रहे हैं फरार।



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ अनुराग आर्य द्वारा अपराध नियंत्रण हेतु चलाए जा रहे विशेष अभियान के अन्तर्गत हत्या, हिंसा, आपराधिक षडयंत्र इत्यादि घटना कारित करने से सम्बंधित 5 अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु 25-25 हजार का पुरस्कार घोषित किया गया।




फरार अपराधियों में विजय यादव उर्फ सचिन पुत्र शिवचंद यादव निवासी हसनपट्टी थाना जीयनपुर जनपद आजमगढ़, 


 मोहम्मद रिजवान पुत्र जुम्मन निवासी समुद्रपुर थाना जीयनपुर जनपद आजमगढ़, 


दुर्ग विजय सिंह पुत्र स्वर्गीय उदय प्रताप सिंह निवासी भदीड़ थाना मोहम्मदाबाद जनपद मऊ,


 अभिषेक सिंह उर्फ भोनू पुत्र सुरेंद्र सिंह निवासी खुटहन थाना तरवा जनपद आजमगढ़, 


अरविंद कश्यप पुत्र रामबली कश्यप निवासी चकिया कसयवन थाना मेहनाजपुर जनपद आजमगढ़ शामिल हैं।

प्रतापगढ़ एसडीएम ज्ञानेन्द्र विक्रम यादव किये गये निलम्बित नायब नाजिर की हत्या मामले में सीएम योगी ने की बड़ी कार्यवाही।


 प्रतापगढ़ एसडीएम ज्ञानेन्द्र विक्रम यादव किये गये निलम्बित


नायब नाजिर की हत्या मामले में सीएम योगी ने की बड़ी कार्यवाही।



लखनऊ प्रतापगढ़ में मामूली सी बात पर नायब नाजिर की पिटाई के बाद मौत के मामले में एसडीएम ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह यादव का मामला संज्ञान में आते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है।



 सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रतापगढ़ की लालगंज तहसील के नायब नाजिर सुनील कुमार शर्मा की हत्या के आरोपित एसडीएम ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह यादव को निलंबित करने का निर्देश दिया, जिसके बाद शासन ने कार्रवाई की है।



नायब नाजिर सुनील कुमार शर्मा की हत्या के मामले में आरोपित ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह यादव फरार चल रहे हैं। आज ही उनके निलंबन की कार्रवाई की पुष्टि जिलाधिकारी प्रतापगढ़ ने की है।



 उधर फरार चल रहे एसडीएम की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लखनऊ व सुल्तानपुर भी गई हैं। प्रतापगढ़ के लालगंज के एसडीएम ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह यादव ने बीते बुधवार रात तीन अन्य लोगों के साथ नायब नाजिर सुनील कुमार शर्मा (55) की डंडे से पिटाई की थी। इलाज के दौरान शनिवार की रात जिला अस्पताल में सुनील की मौत हो गई थी। इसके बाद कर्मचारियों ने जमकर हंगामा किया था। इसके बाद आरोपित एसडीएम ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह यादव सहित चार लोगों के खिलाफ धारा 302 में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। कर्मचारी नेताओं ने आरोपित एसडीएम की गिरफ्तारी, मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा एवं बेटे को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। 



इस मामले में कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ ने घटना के विरोध में सोमवार को प्रदेश भर में कलेक्ट्रेट/ तहसीलों में तालाबंदी कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजने की भी घोषणा की है। इसकी तालाबंदी की घोषणा से पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने आरोपित ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह यादव को निलंबित कर दिया है। लालगंज एसडीएम आवास पर शनिवार से ही ताला बंद है।



 नायब नाजिर की मौत के बाद से एसडीएम फरार हैं। ट्रामा सेंटर लालगंज में इलाज करा रहे नायब नाजिर को देखने एसडीएम लालगंज ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह शुक्रवार की रात व शनिवार को तो गए, लेकिन दोपहर के बाद से उनका पता नहीं है। 


सुनील कुमार शर्मा के बेटे की तहरीर में कहा गया कि 30 मार्च की रात एसडीएम ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह यादव ने लालगंज के तहसील कर्मचारी सुनील कुमार शर्मा की डण्डे से पिटाई की थी। गंभीर रूप से घायल सुनील कुमार शर्मा की मृत्यु शनिवार रात में इलाज के दौरान जिला अस्पताल में हो गई थी। 



जिला अस्पताल में तहसील कर्मचारियों ने हंगामा किया था। जिलाधिकारी ने बताया है कि एसडीएम लालगंज को हटाकर वहां पर दूसरे एसडीएम की नियुक्ति की गई है और मामले की जांच की जा रही है।

गोरखनाथ मंदिर में PAC जवानों पर धारदार हथियार से हमला


 गोरखनाथ मंदिर में PAC जवानों पर धारदार हथियार से हमला



एक इंजीनियरिंग का छात्र गिरफ्तार, पुलिस को साथी की तलाश।



उत्तर प्रदेश गोरखनाथ मंदिर सुरक्षा में तैनात पीएसी के दो जवानों पर रविवार की देर शाम धारदार हथियार लेकर एक सिरफिरे ने हमला कर दिया। हमलावार को सुरक्षाकर्मियों ने  पकड़ लिया। 



आशंका जताई जा रही है कि उसका एक अन्य साथी भी था। इसी आशंका में मंदिर परिसर में संदिग्ध की तलाश की गई। आसपास के इलाके में भी देर रात तक तलाशी जारी रही। हालांकि कोई दूसरा संदिग्ध नहीं मिला।




 इधर, घटना की जानकारी पाते ही पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। घायल जवानों को गोरक्षनाथ चिकित्सालय ले जाया गया। प्राथमिक इलाज के बाद दोनों को मेडिकल कालेज में भर्ती करा दिया गया। मुर्तुजा अब्बासी ने मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।




एसएसपी ने खुद मौके पर पहुंचकर घायल हमलावर को जिला अस्पताल भेजवाया। हमलावर ने पुलिस की पूछताछ में अपना नाम अहमद मुर्तुजा अब्बासी पुत्र मनीर अहमद निवासी सिविल लाइंस गोरखपुर बताया है। पुलिस का कहना है कि वह अब्बासी नर्सिंग होम के बगल में रहता है। हालांकि पुलिस उसके बारे में पूरी जानकारी जुटाने में जुट गई है। उधर, चिकित्सकों ने दोनों घायल जवानों की हालत खतरे से बाहर बताई है।



 प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हमलावर ने जब सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया तो धार्मिक नारा लगाता रहा।



पुलिस के अधिकारी अहमद मुर्तुजा अब्बासी के घर पहुंच गए। उसके पिता मुनीर अहमद से पुलिस पूछताछ कर रही है। मुर्तुजा के परिवारीजनों का कहना है कि वह मानसिक रूप से बीमार है। वह शनिवार की देर शाम से ही घर से लापता हो गया था। परिवारीजनों द्वारा उसकी तलाश की जा रही थी।

घटना की सूचना पाते ही एसपी सिटी सोनम कुमार, एसएसपी डॉ. विपिन ताडा मौके पर पहुंच गए। डीआईजी के रवींद्र गौड़ भी मौके पर पहुंच गए।



 मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था देखने के बाद एसएसपी और एसपी सिटी जिला अस्पताल पहुंच गए। एसएसपी ने घायल हमलावर से पूछताछ की। वह कुछ भी साफ नहीं बता रहा है।

केमिकल इंजीनियरिंग का छात्र रहा है मुर्तुजा

पुलिस की प्राथमिक पूछताछ में मालूम हुआ है कि अहमद मुर्तुजा अब्बासी ने मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उसके पिता मुनीर अहमद भी इंजीनियर हैं। पहले मुर्तुजा का पूरा परिवार मुंबई में ही रहता था। अक्तूबर 2020 में ये परिवार गोरखपुर आकर सिविल लाइंस में रहने लगा। 




अहमद मुर्तुजा अब्बासी ने घटना को क्यों अंजाम दिया यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। फिलहाल पुलिस की जांच जारी है।

आज़मगढ़ रोस्टर के अनुसार ग्राम पंचायत में बैठेंगे संबंधित अधिकारी।


 आज़मगढ़ रोस्टर के अनुसार ग्राम पंचायत में बैठेंगे संबंधित अधिकारी।


ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारियों की कसी जा रही नकेल।


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ ग्राम पंचायतों की जगह विकास खंड ब्लाक मुख्यालयों को अपना ठिकाना बनाकर ग्राम्य विकास योजनाओं को देखने की जिम्मेदारी संभाल रहे ग्राम विकास एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों पर अब शासन स्तर पर निगरानी करने का निर्देश मिला है। इसके लिए प्रशासन स्तर पर अब कवायद की जा रही है। 



अब ग्राम पंचायत स्तर के अधिकारियों को रोस्टर के अनुसार अपने तैनाती स्थल पर ग्रामीणों के बीच जाकर उनकी समस्याओं का निस्तारण करना होगा। इसी क्रम में फूलपुर क्षेत्र अंतर्गत 89 ग्राम पंचायतों का कार्य भार संभाल रहे 18 ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारियों को सतर्क किया गया है।



 बताते चलें कि ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारी को चार से पाँच गांवों का प्रभार सौंपा गया है। पूर्व में ग्राम पंचायत ग्राम विकास अधिकारी ब्लाक मुख्यालय पर बने विभिन्न आवासों को एलाट करा अपना कार्यालय बना लिए थे। इसके चलते ग्रामीणों को ब्लाक मुख्यालय तक अपने कार्यों के लिए भागदौड़ करना पड़ता था। सरकार के मंशानुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं ग्राम विकास अधिकारी अब क्रमवार रोस्टर के अनुसार आवंटित गांवों में मिलेंगे।



 सोमवार से शनिवार तक बारी-बारी से एक-एक गांव में एक दिन रहकर गांव की समस्या को देखकर उसका समाधान करेंगे। इन अधिकारियों को शासन द्वारा संचालित योजनाओं की देखरेख की जिम्मेदारी है। अब प्रत्येक गुरुवार को ये जिम्मेदार ब्लाक मुख्यालय पर होने वाली समीक्षा बैठक में अपने समस्त अभिलेखों को लेकर उपस्थित रहेंगे। 



जहां खण्ड विकास अधिकारी व सहायक उनके कार्यो की समीक्षा करेंगे। शासन की योजनाओं को क्रियान्वयन की समुचित सलाह दी जाएगी। इस संबंध में खण्ड विकास अधिकारी फूलपुर सन्तोष कुमार यादव ने बताया कि समय सारणी ब्लाक प्रांगण की दीवाल पर अंकित करा दिया गया है। उसी के अनुसार ग्राम पंचायत अधिकारी गांव में उपस्थित रहेंगे।



 निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। जिला मुख्यालय से भी वरिष्ठ अधिकारी ग्राम पंचायतों का औचक निरीक्षण कर सकते हैं।

आज़मगढ़ बुलडोजर की गर्जना से अतिक्रमणकारियों में खलबली


 आज़मगढ़ बुलडोजर की गर्जना से अतिक्रमणकारियों में खलबली



वर्षों से चकरोड पर हुए अवैध अतिक्रमण को प्रशासन ने किया ध्वस्त।



उत्तर प्रदेश आजमगढ़  उपजिलाधिकारी लालगंज सुरेंद्र नारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में तहसील लालगंज की गठित राजस्व टीम ने रविवार को दो जगहों पर बुलडोजर से अवैध अतिक्रमण हटवा दिया।



 बुलडोजर की गर्जना से आसपास व अवैध अतिक्रमणकारियो में खलबली मच गयी। बरदह थाना के अंतर्गत सरावा गांव में एक व्यक्ति कई वर्षों से चकरोड पर अवैध अतिक्रमण कर लिया था, जिससे लोगों को आवागमन में काफी दिक्कत हो रही थी। गांव के व्यक्ति ने हाई कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया था। हाई कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया।



 जानकारी के अनुसार  तहसीलदार लालगंज उमाशंकर त्रिपाठी ने बेदखली का नोटिस दी  उसके बावजूद भी अतिक्रमण नहीं हटाया। तहसील प्रशासन की राजस्व टीम ने रविवार को गाँव मे पहुंच कर बुलडोजर से रघुनाथ का अवैध अतिक्रमण हटवा दिया गया। 



इसी क्रम में ब्लॉक ठेकमा के अंतर्गत प्राइमरी पाठशाला महंगूपुर में बृजराज यादव दूसरे गांव का निवासी कई वर्षों से अवैध कब्जा कर लिया था। गॉव वालो की शिकायत पर राजस्व टीम के नेतृत्व कर रहे उप जिला अधिकारी लालगंज सुरेंद्र नारायण त्रिपाठी ,तहसीलदार लालगंज उमाशंकर त्रिपाठी, राजस्व निरीक्षक हरेंद्र यादव, बांकेलाल लेखपाल अशोक कुमार, सौरभ उपाध्याय, आशा देवी, दीपक उपाध्याय आदि लोगों की टीम ने अवैध कब्जा बुलडोजर से हटवा दिया है लोगों में चर्चा है कि बाबा का बुलडोजर बड़े से बड़े अतिक्रमणकारियों के लिए भारी पड़ रहा है।

लखनऊ इंस्पेक्टर के मकान पर गरजा बाबा का बुलडोजर


 लखनऊ इंस्पेक्टर के मकान पर गरजा बाबा का बुलडोजर



3 मंजिला आलीशान मकान को किया गया ध्वस्त।



लखनऊ गोरखपुर के एक होटल में हुई कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्‍ता की हत्‍या के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई। रविवार को हत्याकांड के मुख्य आरोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण के चिनहट स्थित तीन मंजिला मकान पर योगी का बुलडोजर चला।



 जानकारी के अनुसार, इंस्पेक्टर ने मकान लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी (एलडीए) से बिना नक्शा पास कराए बनाया था, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई।


मनीष गुप्ता हत्याकांड के मुख्य आरोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण का लखनऊ के चिनहट में 3 मंजिला मकान था जिसे सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद ढहाने का काम शुरू हुआ। यह मकान एलडीए से बिना नक्शा पास कराए बनाया गया था। 



यहां जगत नारायण नें 900 स्क्वायर फीट पर 3 मंजिला आलीशान मकान बनाया गया था जिसे बुलडोजर ने ढह दिया। प्रशासन की कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था। 


प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि काफी हिस्सा तोड़ दिया गया है। अभी कार्यवाही चल रही है।