Tuesday 17 October 2023

कानपुर अखिलेश के इंतजार में खड़े सपाई आपस में भिड़े जिलाध्यक्ष और विधायक के समर्थकों के बीच मारपीट


 कानपुर अखिलेश के इंतजार में खड़े सपाई आपस में भिड़े



जिलाध्यक्ष और विधायक के समर्थकों के बीच मारपीट



उत्तर प्रदेश कानपुर लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव जनता के बीच पहुंचकर रणनीति तैयार कर रहे हैं। वहीं, उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक पार्टी की छवि को धूमिल करने का काम कर रहे हैं। मंगलवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव की अगवानी में खड़े कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। जिलाध्यक्ष फजल महमूद और विधायक मो हसन रूमी के समर्थकों के बीच गाली-गलौच शुरू हो गई। देखते ही देखते दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच मारपीट शुरू हो गई। जाजमऊ चेकपोस्ट के पास जिलाध्यक्ष और विधायक के समर्थकों के बीच मारपीट शुरू हो गई। वहां, मौजूद पुलिस कर्मियों ने किसी तरह से दोनों को शांत कराया। कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट और गाली-गलौच का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैंट विधानसभा से विधायक मो हसन रूमी भी गाली-गलौच कर रहे हैं। चकेरी थाना क्षेत्र स्थित पीएसी मोड के पास़ मनोज इंटरनेशल होटल है।


 मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को मनोज इंटरनेशल होटल में यादव महासभा का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। सपा मुखिया अखिलेश यादव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए कानपुर पहुंचे थे। जाजमऊ गंगापुल चेकपोस्ट के पास जिलाध्यक्ष अपने समर्थकों के साथ स्वागत के लिए खड़े थे। इसी दौरान कैंट विधायक मो हसन रूमी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे। इसी बीच जिलाध्यक्ष फजल महमूद और विधायक मो हसन रूमी के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इसके बाद दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच गाली-गलौच शुरू हो गई। देखते ही देखते दोनों ही वरिष्ठ नेताओं के बीच भी गाली-गलौच होने लगी। कुछ देर बाद दोनों समर्थकों के बीच कुर्सियां चलने लगीं, और हाथापाई हो गई। जिसकी वहज से हाईवे पर जाम की स्थिति बन गई। पुलिस कर्मी जब सपा कार्यकर्ताओं को छुड़ाने लगे, तो सपाईयों ने उनके साथ भी धक्का-मुक्की शुरू कर दी। जब मीडिया कर्मियों ने झगड़े का वीडियो बनाना शुरू किया, तो सपाईयों ने मोबाइल छीनने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने किसी तरह से दोनों नेताओं के समर्थकों को समझाकर शांत कराया। जाजमऊ थाना प्रभारी का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौता हो गया है।

आजमगढ़ सरायमीर वन विभाग की मिली भगत से हो रहा है हरे आम के पेड़ की कटाई। थानाध्यक्ष सरायमीर ने सूचना मिलते ही तत्काल मामले को संज्ञान मे लिया देखे इस रिपोर्ट मे!


 

आजमगढ़ सरायमीर वन विभाग की मिली भगत से हो रहा है हरे आम के पेड़ की कटाई। 


थानाध्यक्ष सरायमीर ने सूचना मिलते ही तत्काल मामले को संज्ञान मे लिया देखे इस रिपोर्ट मे! 


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ सरायमीर थाना क्षेत्र के ग्राम खानकाह के राजकुमार ,व शंकर सिह के मकान के बगल मे दुर्गा मंदिर के पास बाग में स्थिति आम के हरे पेड़ों की वन विभाग की मिली भगत से एवं वन विभाग की शह पर लकड़ी के बैपारीयो द्वारा अवैध रुप से आम के पेड़ की कटाई की जा रही थी।


उक्त घटना की सूचना जैसे ही थानाध्यक्ष सरायमीर यादवेन्द्र पाण्डेय को फोन पर सूचना मिली मामले को तत्काल संज्ञान मे लेते हुए सरायमीर थाने पर तैनात एस0आई0 विरेन्द्र सिह पुलिस फोर्स के साथ अवैध रूप से आम के पेड़ो की कटाई की जा रही उक्त आम की बाग मे पहुंच कर लकड़ियों व बोटों को थाने लाकर उचीत कार्यवाही करने मे थाना सरायमीर की पुलिस जुट गई।


 वही वन विभाग के अधिकारी अवैध रूप से  हो रहे आम के हरे पेड़ों के कटाई के प्रति अनभिज्ञ रहे। जब कि हरे प्रतिबंधित पेड़ो की अवैध कटाई करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का प्रथमदृष्टया जिम्मेदारी वन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी की होती है। अगर देखा जाए तो सरायमीर क्षेत्र मे यह कोई पहला मामला नही है वन विभाग की मिली भगत से एवं वन विभाग की शह पर पहले भी प्रतिबंधित पेड़ो को काटने वालो ने कटा है शिकायत करने के बावजूद भी वन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियो व  कर्मचारियो द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई।


सौभाग्य की बात तो यह है की इस बार थाना सरायमीर के थानाध्यक्ष यादवेन्द्र पांडेय एवं सरायमीर थाने पर तैनात एस0आई0 विरेन्द्र सिह ने मामले को संज्ञान मे लिया और उचित कानूनी कार्यवाही करने मे जुट गए 


वही गांव वालों का कहना है कि अवैध रूप से कई हरे आम के प्रतिबन्धित पेडों की कटाई आज दिनाँक 17 अक्टूबर 2023 को स्थानीय वन विभाग की मिली भगत से एवं वन विभाग के अधिकारियो /कर्मचारियो के शह पर की गयी है और एक माह पूर्व भी इसी तरह से हरे आमों के पेडों को काटा जा चुका है। जिनके ऊपर ऐसे प्रतिबंधित हरे पेडो की कटाई को रोकने का जिम्मा है वही कुम्भकर्णी नीद में है तो एसे में क्या कहा जाय?



आजमगढ़ सरायमीर से अबुलबशर आज़मी की रिपोर्ट

जौनपुर बदलापुर होते-होते बची देवरिया जैसी घटना, एक को लगी गोली, 4 अन्य घायल एसपी ने थाना प्रभारी को किया लाइन हाजिर, सीओ को गांव में कैंप करने का आदेश


 जौनपुर बदलापुर होते-होते बची देवरिया जैसी घटना, एक को लगी गोली, 4 अन्य घायल


एसपी ने थाना प्रभारी को किया लाइन हाजिर, सीओ को गांव में कैंप करने का आदेश


उत्तर प्रदेश जौनपुर बदलापुर थाना क्षेत्र के ठेमा गांव में मंगलवार की सुबह देवरिया जैसी घटना होते होते बच गई। यहां आबादी की जमीन पर कराए जा रहे निर्माण के दौरान एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर हमला कर दिया। इसमें एक व्यक्ति के पैर में गोली लगी। साथ ही चार अन्य लोग भी उसी के परिवार के घायल हो गए। सभी को सीएचसी ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। ठेमा गांव निवासी रामधारी और जयनाथ के परिवार के बीच आबादी की जमीन पर निर्माण कराने को लेकर करीब चार माह से विवाद चल रहा था। 


मंगलवार की सुबह जयनाथ पक्ष के लोग निर्माण शुरू कराए तभी पहुंचे दूसरे पक्ष के लोगों ने हमला कर दिया। घर पर चढ़कर जयनाथ के पुत्र लाल साहब को गोली मार दी। गोली पैर में लगी है। साथ ही रामचंद्र, जयनाथ, बृजेश यादव व हर्षित को भी चोट आई। जाते जाते हमलावर लाल साहब का लाइसेंसी रिवाल्वर भी छीन ले गए। बदलापुर के ठेमा में जमीन के विवाद को लेकर हुई घटना के मामले में एसपी डॉ. अजय पाल शर्मा ने बदलापुर के थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया। एक अन्य दरोगा की भी जांच की जा रही है। एएसपी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि सीओ शाहगंज को गांव में कैंप करने के लिए कहा गया है। मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

कानपुर 50 हजार रुपये रिश्वत लेते इंस्पेक्टर गिरफ्तार एंटी करप्शन टीम ने थाने के अंदर से दबोचा


 कानपुर 50 हजार रुपये रिश्वत लेते इंस्पेक्टर गिरफ्तार


एंटी करप्शन टीम ने थाने के अंदर से दबोचा


उत्तर प्रदेश कानपुर कमिश्नरी के कलक्टरगंज थाने में तैनात इंस्पेक्टर रामजन्म गौतम को 50 हजार रुपये की घूस लेते गिरफ्तार किया गया है। एंटी करप्शन टीम ने थाने के अंदर से उसे गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि एक मामले में केस निस्तारण के लिए एक लाख रुपए की घूस मांगी थी। जिसका आधा हिस्सा लेते समय ही उसे गिरफ्तार किया गया। 


2011 बैच के इंस्पेक्टर रामजन्म कलक्टरगंज से पहले सीसामऊ में भी तैनात थे। जहां उनका नाम एक विवादित भवन को कब्जा करने वालों को संरक्षण देने के मामले में सामने आया था। जिसके बाद सीसामऊ से इसे हटा दिया गया था। हालांकि, उच्च अधिकारियों की मेहरबानी के चलते उसे कलेक्टर गंज थाने में तैनाती मिल गई थी। कानपुर से पहले वह लखनऊ में तैनात था।