आजमगढ़ में 25 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति अवैध, प्रबंधक समेत 26 पर एफआईआर
जांच में खुलासा, बिना अनुमोदन के हुईं नियुक्तियां
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुदानित एवं निजी प्रबंधतंत्र से संचालित विद्यालयों में वर्ष 2014 से अब तक की गई 25 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति अवैध पाई गई है। इस मामले में जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) आशीष कुमार सिंह की तहरीर पर शहर कोतवाली पुलिस ने जनता प्राथमिक विद्यालय बासथान जमीलपुर के तत्कालीन प्रबंधक कमलेश सिंह सहित 26 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने 25 अप्रैल 2025 को अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि ये नियुक्तियां उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त बेसिक स्कूल नियमावली 1975 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए बिना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पूर्वानुमोदन के की गईं। जांच में पाया गया कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के डिस्पैच रजिस्टर में इन नियुक्तियों का कोई अनुमोदन पत्र दर्ज नहीं है, जिससे इन नियुक्तियों को फर्जी माना गया।
जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण अनुभाग-2 और निदेशक समाज कल्याण, लखनऊ ने 7 अगस्त 2025 को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) आशीष कुमार सिंह ने शनिवार को शहर कोतवाली में प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने प्रबंधक कमलेश सिंह और 25 सहायक अध्यापकों—धर्मेंद्र सिंह, रामप्रवेश यादव, रामजियावन राम, सौरभ सिंह, पूनम सिंह, प्रशांत कुमार पाठक, ज्ञानचंद राहुल, प्रशांत गोड़, मधुलिका सिंह, शिवकुमार, विनीता सिंह, सुनील दत्त यादव, नीतू यादव, रमाकांत यादव, विरेंद्र उपाध्याय, चंद्रप्रकाश द्विवेदी, नीलम यादव, शशि किरन, अनिता यादव, अनिता कुमारी, आशुतोष राय, राकेश कुमार सिंह, रामप्रीत राजभर, वरुण सिंह और रजनीकांत राय के खिलाफ शहर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा अपराध संख्या 379/2025 अंतर्गत धारा 316(5),318(4) भारतीय न्याय सहिंता (BNS) 2023 दर्ज किया हैं।
जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) आशीष कुमार सिंह ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में नियुक्तियों का अनुमोदन पत्र न होना आपराधिक साजिश की ओर इशारा करता है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।