Saturday 19 November 2022

देवरिया दरोगा के बेटे की हाईटेंशन तार की चपेट में आने से मौत कोचिंग से मोटर साईकिल द्वारा लौटते समय हुई दुर्घटना


 देवरिया दरोगा के बेटे की हाईटेंशन तार की चपेट में आने से मौत


कोचिंग से मोटर साईकिल द्वारा लौटते समय हुई दुर्घटना



उत्तर प्रदेश देवरिया जनपद के सलेमपुर स्थित सेंट पॉल पब्लिक स्कूल के पीछे हाईटेंशन तार के चपेट में आने से एक छात्र की मौत हो गई। आसपास के लोगों ने पुलिस की मदद से छात्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर मिलते हैं स्कूल के छात्र और उसके परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचकर हंगामा करने लगे। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जा रही थी। लेकिन परिजन वाहन को रोक दे रहे थे। इसको लेकर पुलिस और लोगों में जमकर नोकझोंक हुई। परिजन जिलाधिकारी के आने के बाद शव ले जाने की बात कह रहे थे।


कोतवाली थाना क्षेत्र के चांदपलिया गांव निवासी व बाराबंकी में तैनात दरोगा उमाशंकर का पुत्र अमित कुमार (16) नगर के सेंट जेवियर्स स्कूल में दसवीं का छात्र था। शनिवार की सुबह वह घर से कोचिंग के लिए निकला कोचिंग करने के बाद वह वापस घर लौट रहा था। अभी वह सेंट पॉल स्कूल के पीछे पहुंचा था, कि पोल से नीचे लटक रहा हाईटेंशन का तार के चपेट में वह आ गया। जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। आसपास के लोगों ने इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने लोगों की मदद से उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सलेमपुर पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर मिलते ही आक्रोशित परिजन व स्कूली छात्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर हंगामा करने लगे।


 पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए कई बार सीएचसी से निकालने की कोशिश की, लेकिन परिजन जिलाधिकारी को मौके पर बुलाने की बात कह कर ले जाने से मना कर दिया। इसको लेकर पुलिस व आक्रोशित लोगों के बीच नोकझोंक होती रही।

आजमगढ़ फूलपुर लक्जरी वाहन पेड़ से टकराया, छात्र की मौत, 2 जख्मी सुदनीपुर गांव के समीप हुआ हादसा


 आजमगढ़ फूलपुर लक्जरी वाहन पेड़ से टकराया, छात्र की मौत, 2 जख्मी


सुदनीपुर गांव के समीप हुआ हादसा



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के सुदनीपुर ग्राम सभा अंतर्गत बेलहिया पुरवा के समीप शनिवार को दिन में शाहगंज की ओर जा रहा लक्जरी वाहन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे स्थित पेड़ से टकरा गया। इस दुर्घटना में वाहन सवार तीन छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। नीजी अस्पताल में उपचार के दौरान एक की मौत हो गई जबकि दो अन्य का उपचार चल रहा है।


 पुलिस ने क्षतिग्रस्त वाहन एवं शव को कब्जे में ले लिया है। बताते हैं कि फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के सदरपुर बरौली ग्राम निवासी 18 वर्षीय फिरोज पुत्र नूरआलम,नियाऊज ग्राम निवासी 20 वर्षीय उमर पुत्र कफील तथा निजामाबाद क्षेत्र के तोवां ग्राम निवासी वकास पुत्र दिलशाद सभी आपस में दोस्त थे और फूलपुर क्षेत्र के मुड़ियार गांव स्थित नीजी विद्यालय में पढ़ते थे। शनिवार की सुबह तीनों कोचिंग क्लास करने के लिए अपने-अपने घर से निकले थे। दिन में करीब 11.45 बजे तीनों लक्जरी वाहन में सवार होकर किसी कार्यवश शाहगंज की ओर जा रहे थे। वाहन जैसे ही सुदनीपुर गांव के बेलहिया पुरवा के समीप पहुंचा तभी अचानक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे स्थित चिलबिल के पेड़ से टकरा कर खेत में चला गया। दुर्घटना की आवाज सुनकर आसपास खेतों में काम कर रहे ग्रामीण भागकर मौके पर पहुंचे।


 आनन-फानन घायलों को वाहन से बाहर निकाल कर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उपचार के दौरान गंभीर रूप से घायल वकास की मौत हो गई जबकि अन्य का उपचार चल रहा है। पुलिस ने शव तथा क्षतिग्रस्त वाहन को कब्जे में ले लिया है। मृतक का पिता विदेश रहता है। हादसे की जानकारी पाकर मृतक के दादा गांव के अन्य लोगों के साथ फूलपुर कोतवाली पहुंचे और शव को अपनी सुपुर्दगी में देने का आग्रह किया लेकिन पुलिस ने बगैर पोस्टमार्टम शव को सुपुर्द करने से इंकार कर दिया।

कानपुर महिला सिपाही की प्रताड़ना से तंग होकर दरोगा ने चुना था मौत का रास्ता महिला सिपाही निलंबित दर्ज हुआ मुकदमा


 कानपुर महिला सिपाही की प्रताड़ना से तंग होकर दरोगा ने चुना था मौत का रास्ता



महिला सिपाही निलंबित दर्ज हुआ मुकदमा



उत्तर प्रदेश कानपुर में बिधनू थाने से निलंबित दरोगा अनूप सिंह (33) के खुदकुशी करने के मामले में फजलगंज थाने में तैनात महिला सिपाही को निलंबित कर दिया गया है। दरोगा की पत्नी की तहरीर पर शुक्रवार रात महिला सिपाही पर आत्महत्या दुष्प्रेरण (खुदकुशी करने पर मजबूर कर देना) की धारा में एफआईआर दर्ज की गई है।


महिला सिपाही छुट्टी पर है। हालांकि अब उस पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। उरई निवासी दरोगा अनूप सिंह ने 10 नवंबर को जहर खा लिया था। सर्वोदयनगर स्थित एक निजी अस्पताल में दरोगा दो दिन बाद दम तोड़ दिया था।


एसीपी अनवरगंज सृष्टि सिंह की जांच में सामने आया था कि अनूप सिंह के संबंध फजलगंज थाने में तैनात एक महिला सिपाही से थे। इसी वजह से अनूप ने खुदकुशी की। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर गुरुवार रात पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड के आदेश पर डीसीपी सेंट्रल ने सिपाही को निलंबित कर दिया।

शुक्रवार को दरोगा की पत्नी पूनम फजलगंज थाने पहुंचीं और महिला सिपाही के खिलाफ तहरीर दी, जिसके आधार पर महिला सिपाही पर केस दर्ज किया गया। बता दें कि मामले में थानेदार देवेंद्र दुबे की भी भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। जानकारी के अनुसार हालांकि थानेदार आरोपों को निराधार बता रहे हैं।


पूनम के मुताबिक अनूप लंबे समय से तनाव में थे। पिछले साल अप्रैल 2021 में जब उन्होंने इस बारे में अनूप से पूछा था तो बहुत से उन्होंने सच बात बताई थी। अनूप ने बताया था कि फजलगंज थाने में तैनाती के दौरान एक महिला सिपाही से प्रेम प्रसंग हो गया था।


अब वह पहली शादी तोड़कर खुद से शादी करने के लिए दबाव बना रही है। इनकार करने पर केस दर्ज कराने की धमकी दे रही है, इसलिए वह परेशान हैं। पूनम ने कहा कि इसी वजह से अनूप ने खुदकुशी की। अगर वह मुकदमे में फंसाएगी, तो बहुत बदनामी होगी।


पूनम ने तहरीर में दावा किया है कि प्रवीण नाम के सिपाही ने अनूप को अस्पताल पहुंचाया। उस वक्त अनूप की सांसें चल रही थीं। इसी दौरान प्रवीण से अनूप ने कहा था कि वह महिला सिपाही से त्रस्त हैं। वह ब्लैकमेल कर रही है, इसलिए जहर खा लिया। जान देना ही एक रास्ता बचा है।


बीपी जोगदंड, पुलिस कमिश्नर ने बताया कि शुरुआती जांच के बाद महिला सिपाही को निलंबित किया गया है। दरोगा के परिजनों की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

आजमगढ़ अहरौला परिजनों ने की सिर कटी मिली युवती की लाश की पहचान पिता व भाई की मौजूदगी में हुआ अंतिम संस्कार 9 नवंबर को एक युवक द्वारा गाड़ी पर बैठा कर ले जाने का लगाया आरोप


 आजमगढ़ अहरौला परिजनों ने की सिर कटी मिली युवती की लाश की पहचान


पिता व भाई की मौजूदगी में हुआ अंतिम संस्कार


9 नवंबर को एक युवक द्वारा गाड़ी पर बैठा कर ले जाने का लगाया आरोप


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ अहरौला थाना क्षेत्र गौरी का पुरा गांव स्थित कुएं में एक युवती की सिर कटी लाश की पहचान परिजनों ने कर ली है। पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार की देर शाम अंतिम संस्कार भी कर दिया। पुलिस की मौजूदगी में पिता ने बेटी के शव को मुखाग्नि दिया। जबकि पुलिस महकमा अभी भी सिर कटी लाश की पहचान होने से इंकार कर रही है। अहरौला में सड़क किनारे स्थित कुएं से एक 22 साल की युवती का शव मिला था। शव की गर्दन कटी थी। जिसके चलते उसकी पहचान पुलिस के अनुसार अब तक नहीं हो सकी है। वहीं क्षेत्र में बृहस्पतिवार को ही इस बात की चर्चा आम हो गई थी कि शव इसहाकपुर गांव निवासिनी युवती का है। 


मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को गांव निवासी केदार प्रजापति अपने पुत्र सुनील प्रजापति के साथ थाने पर पहुंचे और युवती के शव के फोटो ग्राफ आदि देख कर उसकी पहचान अपनी विवाहित पुत्री आराधना (22) के रुप में की। शिनाख्त के पश्चात पुलिस ने शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम कराया और देर शाम शव का राजघाट पर अंतिम संस्कार पिता व भाई की मौजूदगी में करा दिया। वहीं पुलिस महकमा लाश की पहचान होने से इंकार करता रहा। युवती के पिता केदार प्रजापति ने कहा कि सिर कटी लाश मेरी पुत्री आराधना की ही है और उसे प्रिंस यादव नाम का लड़का अपनी बाइक पर बैठा कर नौ नवंबर को कहीं ले गया था। अब प्रिंस की मां जानमाल की धमकी दे रही है। जिसकी तहरीर भी थाने पर दी है। 


वहीं युवती के भाई सुनील ने बताया कि शव के एक बाह में जो कंगन है उसका दूसरा जोड़ा मेरे घर पर मौजूद है। मेरी बहन एक हाथ में काला व दूसरे में लाल धागा बांधती थी। कुएं से मिले शव के बांह में भी ऐसा था। एएसपी ग्रामीण राहुल रूसिया ने कहा कि शव की पहचान नहीं हो सकी है। फिलहाल गायब सिर भी बरामद नहीं किया जा सका है। पुलिस काम कर रही है और जल्द शव की पहचान के साथ ही हत्याकांड का खुलासा भी कर दिया जाएगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएम पर लगाया 5 लाख रू का अर्थदंड नियम विरुद्ध कार्य करने से नाराज कोर्ट ने सुनाया फैसला


 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएम पर लगाया 5 लाख रू का अर्थदंड


नियम विरुद्ध कार्य करने से नाराज कोर्ट ने सुनाया फैसला


प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोर्ट की डिक्री के विपरीत, कानून हाथ में लेकर सिविल तथा आपराधिक केस में याची को फंसाकर परेशान करने वाले जिलाधिकारी गोरखपुर पर पांच लाख रुपये का हर्जाना लगाया है। साथ ही जिलाधिकारी की ओर से याची के खिलाफ की गई कार्रवाई को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जिलाधिकारी गोरखपुर ने नियम, कानून का सम्मान न करते हुए याची की वैध जमीन हथियाने के लिए कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया।


कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह को जिलाधिकारी के आचरण की जांच कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार तथा न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां की खंडपीठ ने गोरखपुर, पार्क रोड स्थित बंगला नंबर पांच के मालिक कैलाश जायसवाल की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।


मामले में विवादित संपत्ति 24/25सितंबर 1999 को जिलाधिकारी ने याची के नाम फ्री होल्ड की और उसके पक्ष में बैनामा कर दिया। बंगला ट्रेड टैक्स विभाग ने किराये पर लिया था। किराया जमा न करने पर याची ने बकाया वसूली वाद दायर किया। 29 मार्च 2006 को सिविल वाद मंजूर हो गया और बंगला खाली करने का आदेश हुआ। जानकारी के अनुसार निष्पादन अदालत में कहा, एक माह में खाली कर देंगे किंतु खाली नहीं किया तो हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई। कोर्ट ने जिलाधिकारी तथा एसएसपी को एक माह में पुलिस बल से बंगला खाली कराने का निर्देश दिया। इसके बाद याची को कब्जा मिला। 30 नवंबर 2010 को टैक्स एडवोकेट एसोसिएशन ने आपत्ति दाखिल की, जो खारिज हो गई। मामला सुप्रीम कोर्ट तक खारिज होता रहा।


इसके बाद याची ने नक्शा पास कराकर निर्माण शुरू किया। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने हस्तक्षेप किया तो हाईकोर्ट ने रोक लगा दी और सिटी मजिस्ट्रेट का आदेश रद्द कर दिया। जिलाधिकारी ने फ्री होल्ड डीड निरस्त करने का केस दायर किया। साथ ही गुंडा एक्ट के तहत आपराधिक केस दर्ज किया। कोर्ट ने चार्जशीट दायर होने तक याची को राहत दी। चार्जशीट दाखिल होने को भी चुनौती दी गई। याची को कोर्ट ने राहत दे दी।


इसके बाद 10 अप्रैल 2019 को एक दर्जन पुलिस तथा आधे दर्जन सिविल ड्रेस में अधिकारी याची के घर आए और गालियां दीं। साथ ही इनकाउंटर में जान से मारने की धमकी दी। घटना सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई। जिलाधिकारी ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर अपनी कार्रवाई को सही ठहराया। राज्य सरकार ने जिलाधिकारी को फ्रीहोल्ड रद्द करने का केस वापस लेने का आदेश दिया, किंतु कोई असर नहीं हुआ।


कोर्ट ने कहा, प्राइम लोकेशन की जमीन, जिसका वैध मालिक याची है, को हथियाने के लिए कोर्ट की डिक्री के बावजूद जिलाधिकारी ने सिविल तथा आपराधिक दोनों कार्रवाई कर याची को दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से परेशान किया। कानून का दुरुपयोग किया। ऐसे आचरण को उचित नहीं कहा जा सकता। ऐसी कार्रवाई कर जिलाधिकारी ने खुद को एक्सपोज कर दिया। कोर्ट ने जिलाधिकारी को पांच लाख रू  हर्जाना विधिक सेवा समिति में जमा करने का निर्देश देते हुए उनके खिलाफ जांच कर विभागीय कार्रवाई करने का भी आदेश दिया है।