Thursday 28 July 2022

आजमगढ़ निजामाबाद घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार हुआ लेखपाल वरासत में बयान के नाम पर मांगा था 5 हजार रूपये


 आजमगढ़ निजामाबाद घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार हुआ लेखपाल 


वरासत में बयान के नाम पर मांगा था 5 हजार रूपये



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ योगी सरकार भले ही पारदर्शिता का दम भरती हो लेकिन आज भी भ्रष्टाचार से आम जनता कराह रही है। गुरूवार को प्रयास सामाजिक संगठन की मदद से निजामाबाद तहसील के लेखपाल अशोक कुमार उपाध्याय को पीड़ित मोहम्मदीन पुत्र शरीफ ग्राम अल्लीपुर से 5 हजार घूस लेते हुए रंगे हाथ एंटी करप्शन गोरखपुर की टीम ने ब्रह्मस्थान से दबोच लिया।



प्रयास संगठन के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने बताया कि पीड़ित मोहम्मददीन निवासी अल्लीपुर, तहसील निजामाबाद आजमगढ़ से शिबली हल्के का लेखपाल वरासत संबंधित काम के एवज में 5 हजार की मांग कर रहा था। जिसकी शिकायत मोहम्मददीन ने प्रयास टीम से किया।



 प्रयास की मदद से उसे गोरखपुर एंटी करप्शन से मिलवाया गया। मोहम्मददीन की शिकायत पर गुरूवार को एंटी करप्शन टीम गोरखपुर प्रभारी निरीक्षक उदय प्रताप सिंह के नेतृत्व में आजमगढ़ पहुंची। पीड़ित के पांच हजार रूपया को एंटी करप्शन टीम ने केमिकल लगाकर उसे सौंप दिया। पीड़ित ने लेखपाल को सुबह 10 बजे फोन किया तो लेखपाल ने कहाकि अभी तुम परेशान मत हो शाम को तीन बजे के आस-पास हम ब्रह्मस्थान स्टेडिएम के पास मिलेंगे। इसके बाद एंटी करप्शन टीम ने समय का इंतजार किया। शाम को पुनः पीड़ित मोहम्मददीन ने जब लेखपाल अशोक कुमार उपाध्याय को फोन किया उसने मोहम्मद दीन को ब्रह्मस्थान स्टेडियम के सामने बदरका जाने वाली गली में चाय की दुकान पर बुलाया। जैसे ही मोहम्मद दीन ने लेखपाल को केमिकलयुक्त 5 हजार रूपया घूस दिया तो एंटी करप्शन टीम ने उसे शाम चार बजे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।



 भ्रष्ट लेखपाल को दबोचने वाली टीम में एंटी करप्शन टीम गोरखपुर प्रभारी निरीक्षक उदय प्रताप सिंह व उनके सहयोगी के रूप में शिव मनोहर यादव, नीरज सिंह, नरेंद्र सिंह, चंद्रभान मिश्रा, विजय नारायण प्रधान, शैलेंद्र सिंह मौजूद रहे।



 डीएम द्वारा उपलब्ध कराए गए गवाह के रूप में .प्रशासनिक अधिकारी फूलपुर शिकायत प्रकोष्ठ सुशील कुमार श्रीवास्तव व वरिष्ठ सहायक, पीडब्लूडी अरविन्द कुमार सिंह ने मामले में गवाही दी। खबर लिखे जाने तक भ्रष्ट लेखपाल के विरूद्ध आजमगढ़ कोतवाली में विधिक कार्यवाही जारी थी।



इस अवसर पर संगठन के साथी राजीव कुमार शर्मा, रामकेश यादव, शंभू दयाल सोनकर, सुनील यादव, मनीष कुमार सेहदा, सतीश कुमार आदि मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश में बनाए जाएंगे 75 नए ब्लॉक, भारत निर्माण सेवा केंद्र भी बनेंगे उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अफसरों को प्रस्ताव तैयार करने के दिये निर्देश


 उत्तर प्रदेश में बनाए जाएंगे 75 नए ब्लॉक, भारत निर्माण सेवा केंद्र भी बनेंगे


उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अफसरों को प्रस्ताव तैयार करने के दिये निर्देश



लखनऊ उत्तर प्रदेश में 75 नए विकास खंड (ब्लॉक) बनाए जाएंगे। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अफसरों को इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही ब्लॉकों में भारत निर्माण सेवा केंद्र बनाने और प्रत्येक ब्लॉक के 10-10 गांवों में मनरेगा जॉब कार्ड के सत्यापन पर भी जोर दिया।



 ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मौर्य ने जर्जर विकास खंड भवनों की मरम्मत का प्रस्ताव तैयार करने और अमृत सरोवरों के निर्माण के लिए स्टेट लेवल पर नोडल अफसर तैनात करने के निर्देश दिए। कहा कि प्रदेश में किसी भी तालाब में जलकुंभी नहीं रहनी चाहिए। उसे हटाने का कार्य मनरेगा से कराया जाए।



उन्होंने अफसरों से 10-10 पीएम आवास का भी निरीक्षण करने को कहा। 75 विलुप्त नदियों के पुनरुद्धार कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना में 25000 आवासों का निर्माण कराया जाएगा। मौर्य ने प्रदेश के सभी 826 विकास खंडों के दो-दो प्रधानों का चयन करके उनका सम्मेलन कराने के भी निर्देश दिया।

बीएसए राकेश सिंह पर दर्ज हुई एफआईआर बर्खास्त टीचर को बहाल करने का है आरोप आजमगढ़ के निवासी हैं बीएसए, विवादों से है पुराना नाता


 बीएसए राकेश सिंह पर दर्ज हुई एफआईआर


बर्खास्त टीचर को बहाल करने का है आरोप



आजमगढ़ के निवासी हैं बीएसए, विवादों से है पुराना नाता



लखनऊ विजिलेंस ने वाराणसी के बीएसए राकेश सिंह पर धोखाधड़ी, जालसाज़ी और भ्रष्टाचार की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। उनपर आरोप है कि उन्होंने बलिया में तैनाती के दौरान एक बर्खास्त टीचर को फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के सहारे बहाल कर दिया इतना ही नहीं बर्खास्त टीचर सुरेंद्रनाथ यादव को बहाल कर प्रिंसिपल बनाने का भी आरोप है इसके अलावा उनपर बहाली से जुड़े दस्तावेजों को गायब करने का भी आरोप लगा है।



बता दें कि ये मूलतः आजमगढ़ जिले के नरफोरा गांव निवासी हैं। विवादों से इनका पुराना नाता रहा है।



मिली जानकारी के मुताबिक गौरतलब है कि बलिया के बैरिया विधानसभा से तत्कालीन विधायक सुरेंद्र सिंह की शिकायत पर राकेश सिंह के खिलाफ विजिलेंस ने जांच शुरू की थी. विजिलेंस ने खुली जांच में विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों को सही पाया और शासन से एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी थी अब विजिलेंस के द्वारा वाराणसी में राकेश सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है।


दरअसल, सुरेंद्र नाथ यादव ने सहायक अध्यापक बनने के लिए जिस संपूर्णानंद संस्कृत विवि, वाराणसी की डिग्री लगाई थी वह फर्जी थी इसी आधार पर सुरेंद्र नाथ यादव को 3 मई 2013 को बर्खास्त कर दिया गया था इसके बावजूद बलिया में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनाती के दौरान राकेश कुमार सिंह ने आशुलिपिक व नियुक्ति अधिकारी अखिलेश कुमार यादव के साथ मिलकर बर्खास्त अध्यापक सुरेंद्र नाथ यादव को बहाल करा दिया।


इसके अलावा उन्हें प्रोन्नति दे कर प्रधानाध्यापक बनाने के साथ बर्खास्तगी की अवधि का वेतन भी दिलवा दिया इतना ही नहीं बाद में उन्होंने बहाली से जुड़े दस्तावेजों को गायब भी करा दिया।

कानपुर गैंगस्टर की बुलेट खरीदने में फंसे दरोगा जी, लाइन हाजिर


 कानपुर गैंगस्टर की बुलेट खरीदने में फंसे दरोगा जी, लाइन हाजिर



उत्तर प्रदेश कानपुर में गैंगस्टर बलराम राजपूत की पत्नी के नाम की बुलेट खरीदने में फंसे पुलिस कमिश्नर के पीआरओ दरोगा अजय कुमार मिश्रा बुधवार सुबह लाइन हाजिर कर दिए गए।


 अजय मिश्रा अंडर ट्रांसफर थे इसलिए सीपी ने तत्काल गोरखपुर के लिए रिलीव कर दिया। हालांकि इसके पीछे भी खेल है। इतने गंभीर प्रकरण में पीआरओ को सिर्फ लाइन हाजिर किया गया। 



निलंबन की कार्रवाई से बचाते हुए रिलीव इसलिए किया जिससे बड़ी कार्रवाई से बचाया जा सके। मामले की जांच ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी को सौंपी गई है।



सूत्रो के मुताबिक पीआरओ अजय मिश्रा 2018 से 2020 तक जेल में बंद रहे थे। उसी दौरान गैंगस्टर बलराम राजपूत भी जेल में था और अभी भी वह वहीं है। अमर उजाला ने बुधवार को गैंगस्टर की बुलेट से फराटा भर रहा पुलिस कमिश्नर का पीआरओ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसमें खुलासा किया गया कि किस तरह से बलराम राजपूत की पत्नी के नाम की बुलेट अजय मिश्रा ने अपने नाम ट्रांसफर करवा ली थी। गैंगस्टर व दरोगा का सीधा कनेक्शन उजागर हुआ था।



 अजय ने बुलेट खरीदने की बात स्वीकारी थी। खबर का संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने अजय मिश्रा को लाइन हाजिर कर दिया।

दरोगा अजय कुमार का कुछ समय पहले गोरखपुर जोन तबादला हो चुका है, इसके बावजूद वह कमिश्नरी में टिका हुआ था। यही नहीं पुलिस कमिश्नर के पीआरओ जैसे अहम पद पर वह तैनात था। एक तरह से उस पर मेहरबानी कर रोका गया था। वहीं जब उसका कारनामा उजागर हुआ तो उसे तुरंत रिलीव भी कर दिया गया। चर्चा है कि उसके खिलाफ अगर गहनता से जांच हुई तो कई अफसरों की भी कलई खुलेगी। इसलिए उसको तुरंत यहां से भेज दिया गया।



पुलिस कमिश्नर का पूर्व पीआरओ अजय कुमार मिश्रा शहर के कई शातिर अपराधियों और विवादित बिल्डरों के संपर्क में है। जिन क्षेत्रों में उसकी तैनाती ही नहीं रही, वहां पर भी इसका जाल बिछा हुआ है। यह सभी उसके सीधे फोन पर संपर्क में हैं। अगर उसके मोबाइल नंबरों की डिटेल खंगाली जाए, तो कई बड़े राज खुल सकते हैं। आशंका है कि उसने कई बड़े खेल भी किए हैं।

नई सड़क हिंसा के मामले में बिल्डर हाजी वसी जेल भेजा गया है। उस पर हयात एंड कंपनी को फंडिंग करने का आरोप है। 



सूत्रों के मुताबिक अजय कुमार मिश्रा का वह बेहद करीबी है। दोनों की लगातार बातचीत होती रहती थी। इसी तरह से चमनगंज निवासी दो विवादित बिल्डरों के भी संपर्क में अजय मिश्रा है। एक बिल्डर पर कर्नलगंज व ग्वालटोली थाने में केस भी दर्ज हैं। वह एनकाउंटर में मारे जा चुके शातिर अपराधी रईस बनारसी का साथी रहा है। बतौर पीआरओ उसका इन सभी से संपर्क रहना कई बड़े सवाल खड़े करता है।

आजमगढ़ जेलर और डिप्टी जेलर सहित तीन निलंबित 26 जुलाई को डीएम विशाल भारद्वाज और एसपी अनुराग आर्य की छापेमारी के दौरान मिली थी प्रतिबंधित वस्तुएं डीजी जेल आनंद कुमार ने की कार्रवाई


 आजमगढ़ जेलर और डिप्टी जेलर सहित तीन निलंबित


26 जुलाई को डीएम विशाल भारद्वाज और एसपी अनुराग आर्य की छापेमारी के दौरान मिली थी प्रतिबंधित वस्तुएं

डीजी जेल आनंद कुमार ने की कार्रवाई



आजमगढ़/लखनऊ जेल विभाग ने बुधवार को आजमगढ़ के जेलर और तीन अन्य को ढिलाई बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया। निलंबित किए गए लोगों में जेलर रवींद्र सरोज, डिप्टी जेलर श्रीधर यादव और दो जेल वार्डर अजय वर्मा और आशुतोष सिंह शामिल हैं।



 निलंबित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। जेल महानिदेशक आनंद कुमार ने बताया कि 26 जुलाई को आजमगढ़ के डीएम विशाल भारद्वाज और एसपी अनुराग आर्य की छापेमारी के दौरान जेल की बैरक से 12 मोबाइल फोन, चार्जर और कई आपत्तिजनक सामान बरामद किया गया। एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जब इन अधिकारियों से पूछा गया कि बैरक में प्रतिबंधित सामान कैसे पहुंचा तो वे कोई जवाब नहीं दे सके।



डीजी जेल आनंद कुमार ने बुधवार को जिला जेल आजमगढ़ के जेलर रविन्द्र सरोज, डिप्टी जेलर श्रीधर यादव तथा दो बंदीरक्षकों अजय वर्मा व आशुतोष सिंह को निलंबित कर दिया। डीएम और एसएसपी द्वारा मंगलवार को जिला जेल में मारे गए छापे में मोबाइल एवं अन्य अवैध वस्तुएं बरामद होने के मामले में चारों को प्रथमदृष्ट्या दोषी पाए जाने पर यह कार्रवाई की गई है। डीएम और एसएसपी ने अधिकारियों के एक बड़े दल और भारी पुलिस बल के साथ दोपहर में जिला जेल में छापा मारा। पुलिस ने दोनों अधिकारियों की निगरानी में कैदियों के बैरक और सामान की जांच की। उसी तलाशी अभियान के दौरान मोबाइल फोन, चार्जर और नशीला पदार्थ बरामद किया गया।



मंगलवार को जिले के आला अधिकारियों ने बैरक का औचक निरीक्षण किया। छापेमारी के दौरान मोबाइल फोन, मोबाइल चार्जर और नशीला पदार्थ बरामद किया गया। डीएम ने बताया कि अलग-अलग बैरक से 12 मोबाइल फोन, चार्जर और कई आपत्तिजनक सामान बरामद किया गया है। जेल अधिकारियों को चेतावनी दी गई है और उनकी जवाबदेही तय की जाएगी। इस संबंध में प्रशासनिक के अलावा कानूनी कार्रवाई भी शुरू की जाएगी।



जिला जेल में मंगलवार को हुई छापेमारी के बाद मिले आपत्तिजनक सामान के बाद पुलिस ने जेल में बंद आधा दर्जन संदिग्ध बंदियों सहित आठ के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर जांच में जुटी है। डीएम विशाल भारद्वाज व पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने 120 पुलिस कर्मियों के साथ निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान बंदियों के बैरकों से 12 अदद मोबाइल, 98 पुड़िया अवैध गांजा, चार चार्जर, एक टीवी, व अन्य प्रतिबंधित सामग्री व 18 हजार 348 रुपये नकद बरामद हुए थे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने दिया इस्तीफा नये प्रदेश अध्यक्ष को लेकर हलचल तेज, केशव का नाम भी तेजी से चर्चाओं में


 भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने दिया इस्तीफा


नये प्रदेश अध्यक्ष को लेकर हलचल तेज, केशव का नाम भी तेजी से चर्चाओं में



लखनऊ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वे प्रदेश सरकार में जलशक्ति मंत्री भी हैं। माना जा रहा है कि यह इस्तीफा उन्होंने मंगलवार को ही दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर दिया था। हालांकि पार्टी में आधिकारिक रूप से किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की। 



इसी के साथ भाजपा में नये प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी जल्द होने को लेकर हलचल तेज हो गई है।

प्रदेश में नई सरकार गठन के बाद से ही नये अध्यक्ष को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म होने लगा था। स्वतंत्रदेव सिंह के योगी सरकार में मंत्री बन जाने के कारण यह चर्चाएं तेज थीं। हालांकि अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने अपना तीन साल का कार्यकाल गत 16 जुलाई को पूरा कर लिया था। मंत्री बनने के बाद से संगठन से ज्यादा विभागीय दौरों और बैठकों में ही उनकी व्यस्तता देखने को मिल रही थी।



 माना जा रहा है कि नये अध्यक्ष की घोषणा तक कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में वे काम करते रहेंगे। पार्टी के 29 से 31 जुलाई के बीच होने वाले प्रशिक्षण वर्ग के बाद नये अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है।



उधर, अध्यक्ष पद की दौड़ में पहले से ही पार्टी के दर्जनभर से अधिक चेहरे शामिल थे। बीते एक सप्ताह से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी बहुत तेजी से इस फेहरिस्त में शामिल हुआ है। दिल्ली में उनकी प्रधानमंत्री सहित अन्य शीर्ष नेताओं से उनकी हालिया मुलाकात के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है। इसके अलावा पूर्व डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी, सांसद सुब्रत पाठक, रामशंकर कठेरिया, दिनेश उपाध्याय, ब्रज बहादुर, विनोद सोनकर सहित कई अन्य नाम भी इस दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं।