Thursday 2 November 2023

आजमगढ़ डीएम ने 8 अपराधियों को किया जिला बदर सिधारी, कंधरापुर, देवगाँव व मुबारकपुर से 1-1 तथा फूलपुर व सरायमीर से 2-2 शामिल


 आजमगढ़ डीएम ने 8 अपराधियों को किया जिला बदर



सिधारी, कंधरापुर, देवगाँव व मुबारकपुर से 1-1 तथा फूलपुर व सरायमीर से 2-2 शामिल


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ अनुराग आर्य द्वारा अपराध नियंत्रण में चलाये जा रहे विशेष अभियान के अन्तर्गत गोवध, छेड़खानी, लूट, आपराधिक व आबकारी में सक्रिय अपराधियों पर गुण्डा अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही की गयी है, जिसमें जिला मजिस्ट्रेट आजमगढ़ द्वारा 08 अपराधियों क्रमशः सिधारी, कंधरापुर, देवगाँव व मुबारकपुर से 01-01 तथा फूलपुर व सरायमीर से 02-02 अपराधियों को दिनांक- 30.09.2023 से 06 माह के लिए जिलाबदर किया गया है।


जिलाबदर हुए 08 अपराधियों का विवरण निम्नवत है- 

1. शिवकुमार भारती पुत्र रामलखन , निवासी हरवंशपुर, थाना सिधारी, आजमगढ़ (छेड़खानी)

2. गुलशन यादव पुत्र जनार्दन यादव, निवासी कंधरापुर, थाना कंधरापुर, आजमगढ़ (लूट)

3. श्याम अवध चौहान पुत्र शिवचन्द्र चौहान, निवासी पाही, थाना मुबारकपुर, आजमगढ़ (आबकारी)

 4. राहुल चौहान पुत्र सुरेन्द्र चौहान , निवासी चकिया भगवानपुर, थाना देवगाँव, आजमगढ़ (आपराधिक)

 5. हाफिज पुत्र वकील, निवासी मुड़ियार, थाना फूलपुर, आजमगढ़ (आबकारी)

6. ओमप्रकाश विश्वकर्मा पुत्र झुल्लर विश्वकर्मा, निवासी सैदपुर, थाना फूलपुर, आजमगढ़ (आबकारी)

7. नफीस अहमद पुत्र मुख्तार, निवासी नई बाजार चककाजी, थाना सरायमीर, आजमगढ़ (आपराधिक)

8. मो0 फैसल पुत्र मो0 परवेज, निवासी अषाढ़ा, थाना सरायमीर, आजमगढ़ (गोवध)।

लखनऊ 7 पीपीएस अफसरों का हुआ तबादला मंजू शुक्ला इंटेलिजेंस मुख्यालय और 6 अधिकारी का जिलों में


 लखनऊ 7 पीपीएस अफसरों का हुआ तबादला


मंजू शुक्ला इंटेलिजेंस मुख्यालय और 6 अधिकारी का जिलों में



उत्तर प्रदेश लखनऊ डीजीपी मुख्यालय ने बुधवार को सात पीपीएस अफसरों का तबादला कर दिया। पावर कार्पाेरेशन मेरठ में तैनात मंजू शुक्ला को इंटेलिजेंस मुख्यालय भेजा गया है। इसके अलावा छह अधिकारियों को जिलों में मंडलाधिकारी बनाया गया है। आदेश के मुताबिक हरदोई में तैनात विनोद कुमार द्विवेदी को प्रयागराज, एसटीएफ में तैनात अमर बहादुर को कानपुर, मुरादाबाद पुलिस अकादमी में तैनात राजकुमार को चित्रकूट, पीएसी वाराणसी में तैनात अरुण कुमार सिंह को मिर्जापुर, प्रयागराज कमिश्नरेट में तैनात महेंद्र सिंह देव को सहारनपुर और पीटीएस मुरादाबाद में तैनात रामकृष्ण चतुर्वेदी को बस्ती का मंडलाधिकारी बनाया गया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, पुरानी पेंशन को लेकर सरकार को दिया यह आदेश राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता ने पेश की अपनी दलील


 इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, पुरानी पेंशन को लेकर सरकार को दिया यह आदेश 


राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता ने पेश की अपनी दलील



लखनऊ, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अप्रैल, 2005 के पहले चयनित लेखपालों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए याचियों को पुरानी पेंशन का हकदार मानते हुए सरकार को पुरानी पेंशन का लाभ देने का आदेश दिया है। यह फैसला न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव की एकल खंडपीठ ने लेखपाल संघ व अन्य की ओर से दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए सुनाया है।


 राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी ने दलील दी कि याचियों की नियुक्ति 1 अप्रैल, 2005 या उसके बाद हुई है, इसलिए पुरानी पेंशन योजना इन पर लागू नहीं होती। वहीं, याचियों की दलील थी कि उनका चयन एवं प्रशिक्षण सत्र 2003-04 में हुआ था। अगस्त 2004 में प्रशिक्षण पूरा हो गया था। उनकी नियुक्ति में देरी सरकार की ओर से हुई। अगर प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सरकार की ओर से नियुक्ति में देरी न हुई होती तो याची पुरानी पेंशन के लिए निर्धारित अवधि के दायरे में होते। याचियों ने नई पेंशन योजना के तहत वेतन से हो रही कटौती को पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत जीपीएफ में समायोजित करने की भी मांग की है। 


बेसिक शिक्षा विभाग ने एक अप्रैल, 2005 या उसके बाद नियुक्त उन कार्मिकों का ब्योरा मांगा है, जिनकी नियुक्ति के लिए विज्ञापन एक अप्रैल, 2005 के पहले प्रकाशित हुआ था। ऐसे में शिक्षकों व कर्मचारियों में उम्मीद जगी है कि केंद्र की भांति उन्हें भी पुरानी पेंशन का विकल्प मिलेगा।


 संयुक्त शिक्षा निदेशक गणेश कुमार ने सभी बीएसए को इस संबंध में पत्र भेजा है। हालांकि, उन्होंने विशिष्ट बीटीसी 2004 में नियुक्त अभ्यर्थियों को न शामिल करने की बात कही है। इससे शिक्षकों में नाराजगी है। माना जा रहा है कि हाल में उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ की शासन में हुई बैठक में ऐसे शिक्षक जिनका चयन एक अप्रैल, 2005 से पूर्व हो गया था परंतु उनका कार्यभार ग्रहण 1 अप्रैल, 2005 के बाद हुआ है, उनको केंद्र की तरह पुरानी पेंशन से लाभंवित करने पर सहमति बनी थी। इसी के बाद विभाग ने कवायद शुरू की है।