Friday 21 October 2022

आजमगढ़ डीएम सहित 3 अधिकारियों को गुमराह कर लाखों का फर्जी भुगतान बीएसए कार्यालय के 3 कर्मचारियों को आरोपित कर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र


 आजमगढ़ डीएम सहित 3  अधिकारियों को गुमराह कर लाखों का फर्जी भुगतान


बीएसए कार्यालय के 3 कर्मचारियों को आरोपित कर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ बीएसए कार्यालय में तैनात तीन कर्मचारियों द्वारा बीएसए, सीडीओ, डीएम तक को गुमराह कराकर लाखों रुपये का फर्जी भुगतान करा लिए हैं। सरकारी स्कूलों में पुस्तक पहुंचाने के नाम पर यह फर्जीवाड़ा किया गया है। यह क्रम बीते तीन सत्र से लगातार चल रहा। मामला संज्ञान में आने पर बीएसए कार्यालय में तैनात एक लिपिक ने मुख्यमंत्री, स्कूल शिक्षा राज्य परियोजना निदेशक सहित अन्य को पत्र भेजकर शिकायत किया है। शिकायतकर्ता शिवदयाल निषाद हैं। वह बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय में लिपिक के पद पर तैनात हैं। शिवदयाल द्वारा जांच के लिए शासन को भेजे गए पत्र में आरोप लगाया कि बीएसए कार्यालय में तैनात तीन कर्मचारियों द्वारा साल 2021 में सरकारी स्कूलों तक पुस्तक पहुंचाने में कुल 13 लाख रुपये खर्च हुआ है। जबकि अधिकारियों को गुमराह करके 26 लाख रुपये का भुगतान करा लिए। जबकि साल 2022 में सरकारी स्कूलों में पुस्तकों के पहुंचाने पर 16 लाख रुपये का भुगतान कराया गया है। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि विद्यालय वही, जगह वही पर किराया कैसे अधिक हो गया। इसके अलावा साल 2019 में पुस्तक वितरण का किराया छह लाख रुपये हुआ था। जबकि भुगतान 15 लाख रुपये का कराए हैं। 


शिकायतकर्ता ने बताया कि साल 2019 में हुए फर्जी भुगतान के मामले की जांच में एक अधिकारी दोषी पाए गए। धन रिकवरी का आदेश हुआ। लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल उन्हें ट्रांसफर करके मूल पद पर भेज दिया गया। बीएसए अतुल कुमार सिंह ने कहा कि एक बार जांच हुई थी दोषी पाए जाने वालों को उनके मूल पद पर भेज दिया गया था, रिकवरी नहीं हुई है। उसके बाद की जानकारी नहीं है।

आजमगढ़ अतरौलिया प्रेमिका द्वारा किसी और से बात करना नहीं आया रास इसलिए की हत्या झाड़ी में हत्या कर फेंकी गई युवती की लाश मामले का पुलिस ने किया पर्दाफाश, एक गिरफ्तार


 आजमगढ़ अतरौलिया प्रेमिका द्वारा किसी और से बात करना नहीं आया रास इसलिए की हत्या

झाड़ी में हत्या कर फेंकी गई युवती की लाश मामले का पुलिस ने किया पर्दाफाश, एक गिरफ्तार


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ अतरौलिया थाना क्षेत्र में हत्या कर फेंकी गई युवती की लाश मामले में पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए एक युवक को थाना क्षेत्र के मदियापार बाजार से गिरफ्तार करने का दावा किया है। पुलिस के अनुसार वह कहीं भागने की फिराक में था। पूछताछ में आरोपी युवती की हत्या किये जाने की बात स्वीकार किया।

बता दें कि थाना क्षेत्र के भदेवा मझौली निवासी मूलचंद ने अतरौलिया थाना पर 18 अक्टूबर को तहरीर दिया था कि उसकी 22 वर्षीय पुत्री मनीषा जो कि कक्षा 8 तक पढ़ने के बाद मदियापार बाजार स्थित ब्यूटी पार्लर में सीखने का कार्य कर रही थी। वह 15 अक्टूबर को घर से निकली लेकिन वापस नहीं आई। इसी बीच में बुधवार को उक्त युवती मनीषा के भाई रवि अपने साथियों के साथ उसकी खोजबीन कर रहा था तो उसको गांव के बगल में ही स्थित एक झाड़ी में मनीषा की लाश मिली। मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। मुखबिर की सूचना पर मामले में आरोपी इन्द्रेश को मदियापार बाजार से  अतरौलिया पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ में अभियुक्त इन्द्रेश ने बताया कि मृतका मनीषा के साथ उसका करीब 7 वर्षों से प्रेम प्रसंग चल रहा था। वे दोनों एक दूसरे से छिपकर मिला करते थे। इस बीच मनीषा का किसी और के साथ प्रेम प्रसंग हो गया है और वह मुझसे दूरी बनाने लगी। जब मैंने इस बावत उसे 15 अक्टूबर को लगभग 9.30 बजे उससे मिला तो वहां पर एक लड़का पहले से ही मौजूद था। उन लोगों द्वारा मुझे मारा पीटा गया और तार से गलाकर कस कर मौके से भाग गये। मारपीट की बात मैंने किसी से नहीं बताई। शाम को मैं एक रस्सी और दो सर्जिकल सिरींज लेकर गांव के बाहर मनीषा का इंतजार करने लगा। शाम करीब 5 बजे वह सामने से आते दिखी। मैंने उससे कहा कि बागीचे की तरफ चलो तुमसे कुछ बात करनी है। मैंने उसे सिंरीज से डराकर रस्सी से उसका हाथ बांधना शुरू किया तो वह चिल्लाने लगी।

 उसके चिल्लाने पर मैंने एक हाथ से उसका मुह और एक हाथ से गला दबा दिया, वह काफी जोर-जोर से सांस लेने लगी तो मैं वहां से भाग गया, एक घंटे बाद आकर देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी। मैंने उसके शव को थोड़ा पीछे खींचकर छिपा दिया।

पंजाब के जिला होशियारपुर के उप जिला प्रधान कुलविंदर पाल की तरफ से सभी देशवासियों को दिपावली की हार्दिक शुभकामनाए


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उत्तर प्रदेश बिना मान्यता के चल रहे 7189 मदरसे; सर्वे से हुआ खुलासा आजमगढ़ में हैं 95 मदरसे, 'सिस्टम साफ' करेगी योगी सरकार


 उत्तर प्रदेश बिना मान्यता के चल रहे 7189 मदरसे; सर्वे से हुआ खुलासा


आजमगढ़ में हैं 95 मदरसे, 'सिस्टम साफ' करेगी योगी सरकार



लखनऊ उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने गुरुवार को कहा कि एक राज्यव्यापी सर्वेक्षण में कहा है कि राज्य में बिना मान्यता के 7189 चल रहे हैं। इन मदरसों से 16 लाख से अधिक छात्रों को शिक्षित किया गया है। जावेद ने यह भी कहा कि इन मदरसों में लगभग 3000 शिक्षक और अन्य कर्मचारी हैं। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अनुसार, राज्य में लगभग 16,513 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। इनमें से 560 उत्तर प्रदेश सरकार से अनुदान प्राप्त कर रहे हैं। मान्यता प्राप्त मदरसों में 20 लाख से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।


जानकारी के अनुसार सर्वाधिक 550 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मुरादाबाद में मिले हैं। बस्ती में 350, लखनऊ में 100, प्रयागराज में 90, आजमगढ़ 95, मऊ में 90 व कानपुर में 85 से अधिक मदरसे मिले हैं।


आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में बिना मान्यता के चल रहे मदरसों की पहचान करने और उनके धन, आय के स्रोत, उन्हें चलाने वाले संगठनों और उनके पाठ्यक्रम के बारे में विवरण इकट्ठा करने के लिए 10 सितंबर को सर्वेक्षण शुरू हुआ था।


जावेद ने कहा, ''बिना मान्यता वाले मदरसों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि जानकारी अभी भी आ रही है। अगले कुछ दिनों तक बहराइच और गोंडा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में सर्वेक्षण जारी रहने की उम्मीद है। 


उन क्षेत्रों के कर्मचारियों ने सर्वेक्षण पूरा करने के लिए कुछ और समय मांगा है।''

सर्वेक्षण के परिणामों का विश्लेषण 15 नवंबर तक किया जाएगा। उन्होंने कहा, ''हमारी कोशिश होगी कि इन 7189 मदरसों को जल्द से जल्द मान्यता दी जाए। हम करीब 16 लाख छात्रों का भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि इन मदरसों के छात्र छोटे-मोटे काम करें। हम छात्रों को मुख्यधारा में लाना चाहते हैं।"

उन्होंने कहा, "सर्वेक्षण के बाद हम सिस्टम को साफ करने जा रहे हैं और अपने मदरसा के छात्रों को मुख्यधारा के छात्रों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेंगे।" उन्होंने कहा, ''सर्वे के बाद गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को मान्यता देना आसान होगा। अब तक राज्य सरकार को राज्य में संचालित गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।''


प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, गोरखपुर में बिना मान्यता प्राप्त 140 मदरसों में 10,000 से अधिक छात्र पढ़ते पाए गए। इन संस्थानों में 300 से अधिक शिक्षक और कर्मचारी हैं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडे ने कहा कि इनपुट प्राप्त हो रहे हैं और जल्द ही एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी जाएगी।