Tuesday, 3 January 2023

आजमगढ़ गम्भीरपुर गैंगस्टर एक्ट में वांछित आरोपी गिरफ्तार


 आजमगढ़ गम्भीरपुर गैंगस्टर एक्ट में वांछित आरोपी गिरफ्तार


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ गम्भीरपुर थाने की पुलिस ने मंगलवार की सुबह मोहम्मदपुर बाजार स्थित फरिहां मोड़ से गैंगस्टर एक्ट में वांछित आरोपी को गिरफ्तार किया है।


जिला प्रशासन की संस्तुति पर गम्भीरपुर पुलिस ने कुछ दिनों पूर्व संगठित गिरोह बनाकर गंभीर वारदातों को अंजाम देने वाले क्षेत्र के मोहम्मदपुर भिटिया ग्राम निवासी कमलेश पुत्र प्यारेलाल व अबुल फैज उर्फ गब्बू पुत्र नन्हें तथा मोहम्मदपुर बाजार निवासी सलमान अहमद पुत्र रिजवान के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। मंगलवार की सुबह गम्भीरपुर थाना प्रभारी अखिलेश चंद्र पांडेय ने अपने सहयोगियों के साथ वांछित आरोपी कमलेश पुत्र प्यारेलाल को फरिहां मोड़ से गिरफ्तार कर लिया।

आजमगढ़ गम्भीरपुर एक सप्ताह से लापता युवक का शव बरामद


 आजमगढ़ गम्भीरपुर एक सप्ताह से लापता युवक का शव बरामद



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ गंभीरपुर थाना क्षेत्र के रोहुआं गांव से एक सप्ताह पूर्व लापता हुए 40 वर्षीय युवक का शव मंगलवार को गांव से लगभग एक किलो मीटर दूर स्थित पेट्रोल पंप के पीछे स्थित पोखरे में उतराया मिला। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 


बताया जा रहा है की रोहुआं ग्राम निवासी लेहरु राम (40) पुत्र रामजीत किसी मामले में 10 दिन पूर्व जेल से जमानत पर रिहा हुआ था। बताते हैं कि एक सप्ताह पूर्व किसी बात को लेकर परिवार वालों से उसका विवाद हुआ और वह उसी के बाद अपने घर से निकल गया।


परिवार के लोग भी यह सोचकर शांत रहे कि वह घर लौट आएगा। मंगलवार की सुबह कुछ ग्रामीण गेहूं के फसल की सिंचाई करने के लिए गए थे। गांव से कुछ दूरी पर स्थित पेट्रोल पंप के पीछे स्थित पोखरे में युवक का शव पानी में उतराया देख सभी दंग रह गए। इसकी सूचना गंभीरपुर थाने को दी गई। जानकारी पाकर एसओ गंभीरपुर तत्काल मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों के सहयोग से शव को पानी से बाहर निकाला गया। मौके पर जुटे ग्रामीणों द्वारा मृतक की शिनाख्त लेहरू राम के रूप में की गई।


 शव मिलने की जानकारी पाकर एसपी सिटी व सीओ सदर भी मौके पर पहुंच गए। मृतक तीन भाईयों में मंझला तथा उसके एक पुत्र व एक पुत्री बताए गए हैं।

बुलंदशहर अपराधियों पर काल बनकर टूटी पुलिस मुठभेड़ में 50-50 हजार के 2 इनामी बदमाश ढेर एक दरोगा और 2 पुलिसकर्मी भी हुए घायल


 बुलंदशहर अपराधियों पर काल बनकर टूटी पुलिस


मुठभेड़ में 50-50 हजार के 2 इनामी बदमाश ढेर


एक दरोगा और 2 पुलिसकर्मी भी हुए घायल



बुलंदशहर में खाकी वर्दी अपराधियों का काल बन गई है। यहां पुलिस ने एक ही रात में सर्राफा से लूट की घटना में वांछित 50-50 हजार रू के दो इनामी बदमाशों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। बुलंदशहर की नगर पुलिस ने इनामी आशीष और खुर्जा नगर, खुर्जा देहात और पहासू पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में अब्दुल नाम के इनामी बदमाश को मार गिराया है। मुठभेड़ में मरने वाले दोनों इनामी बदमाशों पर करीब एक-एक दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं। मिली जानकारी के मुताबिक इन दोनों पर दो महीने पहले बुलंदशहर नगर कोतवाली क्षेत्र के धमेडा अड्डे पर दिन दहाड़े एक सर्राफा को गोली मारकर दुकान लूटने का भी आरोप था।


इस मामले में पुलिस इनके कई साथियों को पहले ही जेल भेज चुकी थी इस मामले मे आशीष और अब्दुल वांछित थे। सर्राफा से लूट की इसी घटना में बुलंदशहर पुलिस की ओर से दोनों बदमाशों पर 50-50 हजार का इनाम घोषित किया गया था। मुठभेड़ में मरने वाले आशीष की पहचान बुलंदशहर देहात कोतवाली क्षेत्र के गांव ऐमनपुर निवासी के रूप में हुई है जबकि अब्दुल खुर्जा देहात के गांव भटवारा का निवासी बताया जा रहा है।


पुलिस अधिकारियों की मानें तो मुखबिर की सूचना पर अलग-अलग थाना क्षेत्रों में इन दोनों बदमाशों की घेराबंदी की गई थी। खुद को पुलिस के बीच घिरता देख बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की इसमें पहासू में अब्दुल और बुलंदशहर नगर में आशीष ढेर हो गया इस मुठभेड़ में गोली लगने से आवास विकास चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर परवेज चौधरी और सिपाही वीरेंद्र सिंह घायल हुए हैं। वहीं पहासू में हेड कांस्टेबल सितम सिंह को अब्दुल की गोली लगी है उनका हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।


एसएसपी श्लोक कुमार ने दावा किया कि मुखबिर की सूचना पर दोनों थाना क्षेत्रों में बदमाशों की घेराबंदी की गई थी इस दौरान आरोपियों ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग की एसएसपी का दावा है कि बदमाशों की कई गोली पुलिस की बुलेटप्रूफ जैकेट में भी लगी है जबकि उसके अलावा पुलिस के एक दरोगा समेत 3 लोग घायल हुए हैं फिलहाल पुलिस के जो लोग घायल हैं उनका उपचार कराया जा रहा है जबकि पुलिस अब आगे की करवाई में जुट गई हैi

आजमगढ़ थानाध्यक्ष निजामाबाद की हो रही है हर तरफ तारीफ रात में कड़कती ठंड में सड़क पर खड़े एक दंपति को साधन न मिलने पर थानाध्यक्ष निजामाबाद द्वारा अपने हमराहियों के साथ उक्त दंपति को गंतव्य तक पहुंचाया


 आजमगढ़ थानाध्यक्ष निजामाबाद की हो रही है हर तरफ तारीफ


रात में कड़कती ठंड में सड़क पर खड़े एक दंपति को साधन न मिलने पर थानाध्यक्ष निजामाबाद द्वारा अपने हमराहियों के साथ उक्त दंपति को गंतव्य तक पहुंचाया 


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जनपद में पुलिस का यह ऐसा रूप भी देखने को मिला, जिसकी सराहना हर कोई कर रहा है। मामला निजामाबाद थाना क्षेत्र का है। जहां रात में कड़कती ठंड में सड़क पर खड़े एक दंपति को साधन न मिलने पर पुलिस द्वारा उन्हें गंतव्य तक पहुंचाया गया। पुलिस के सहयोगात्मक रवैया से जहां दंपति सुरक्षित घर पहुंच गए तो वही उन्होंने पुलिस वालों को दिल से धन्यवाद दिया।


बताया जा रहा है की निजामाबाद थानाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिंह अपने हमराहियों के साथ रात्रि गश्त पर निकले थे। इस दौरान उन्हें सड़क पर एक औरत एक आदमी के साथ खड़ी हुई मिली। जब थानाध्यक्ष द्वारा उनसे रात की इतनी देर सड़क पर खड़े होने का कारण पूछा तो उक्त व्यक्ति ने अपना परिचय देते हुए बताया कि वह दिनेश यादव पुत्र चेयरमैन यादव है, वह कजरापुर का निवासी है, वह अपनी पत्नी को दवा लेने बनारस गया था, वहां से वापस लौटने में लेट हो जाने के कारण अपने घर नहीं जा सका। गंधुवई ग्राम में उसकी बहन का घर है जहां पर जाने के लिए वह साधन का इंतजार कर रहा है लेकिन अभी तक उसे कोई साधन नहीं मिला। उसने बताया कि वह काफी परेशान है और उसे अंधेरे में डर भी लग रहा है।


थानाध्यक्ष निजामाबाद राजेंद्र प्रसाद सिंह ने अपने कर्तव्य को निभाते हुए उक्त दंपति को सरकारी गाड़ी से थाना क्षेत्र के गंधुवई उनके रिश्तेदार के घर पहुंचाया। वहां पहुंचने पर उनके रिश्तेदारों से पूरी जानकारी लेने के बाद ही वे वापस लौटे।


 थानाध्यक्ष के साथ उनकी टीम में सत्यम सिंह, दीपक मौर्य, अजय सिंह मौजूद रहे। पुलिस द्वारा दंपति से बातचीत का वीडियो किसी ने बना लिया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। थानाध्यक्ष द्वारा उठाए गए इस कदम की काफी सराहना की जा रही है।

कटनी (मध्य प्रदेश) महिला कुली के हौसले ने लोगों को हैरत में डाला भले ही मेरे सपने टूटे हैं, लेकिन हौसले अभी जिंदा है : संध्या


 कटनी (मध्य प्रदेश) महिला कुली के हौसले ने लोगों को  हैरत में डाला



भले ही मेरे सपने टूटे हैं, लेकिन हौसले अभी जिंदा है : संध्या


कटनी (मध्य प्रदेश) "भले ही मेरे सपने टूटे हैं, लेकिन हौसले अभी जिंदा है। जिंदगी ने मुझसे मेरा हमसफर छीन लिया, लेकिन अब बच्चों को पढ़ा लिखाकर फौज में अफसर बनाना मेरा सपना है। इसके लिए मैं किसी के आगे हाथ नहीं फैलाऊंगी। कुली नंबर 36 हूं और इज्जत का खाती हूं।" यह कहना है 31 वर्षीय महिला कुली संध्या का।


मध्य प्रदेश के कटनी रेलवे स्टेशन पर कुली संध्या प्रतिदिन बूढ़ी सास और तीन बच्चों की अच्छी परवरिश का जिम्मा अपने कंधो पर लिए, यात्रियों का बोझ ढो रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रेलवे कुली का लाइसेंस अपने नाम बनवाने के बाद बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए साहस और मेहनत के साथ जब वह वजन लेकर प्लेटफॉर्म पर चलती है तो लोग हैरत में पड़ जाते हैं और साथ ही उसके जज्बे को सलाम करने को मजबूर भी।

30 साल की उम्र में वह बच्चों की देखभाल के साथ चूल्हा-चक्की का काम संभाल रही थी, इसी बीच नियति ने धोखा दे दिया। हंसी-खुशी कट रही जिंदगी ने एकदम से करवट बदला और पति भोलाराम को बीमारी ने अपनी आगोश में ले लिया और कुछ दिन बाद पति का देहांत हो गया।


पति की मृत्यु के बाद बच्चों की परवरिश और दो वक्त की रोटी की चिंता संध्या को सताने लगी तो फिर साहस के साथ संध्या ने हिम्मत से काम लिया। बच्चों के खातिर उसने खुद को संभाला और निश्चित किया कि चाहे कुछ भी हो बच्चों की बेहतर परिवरिश करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

संध्या के तीन बच्चे शाहिल उम्र 8 वर्ष, हर्षित 6 साल व बेटी पायल 4 साल की है। तीनों बच्चों के भरण-पोषण और बेहतर शिक्षा के लिए वह दुनिया का बोझ ढोकर बच्चों को पढ़ा रही है। संध्या अपने बच्चों को देश की सेवा के लिए फौज में अफसर बनाना चाहती है।


पति भोलाराम की मौत के बाद संध्या जनवरी 2017 से मर्दों की तरह सिर और कांधे पर वजन ढो रही है। संध्या कटनी स्टेशन में 45 कुलियों में अकेली महिला कुली है। वह स्टेशन में पहुंचती है और यात्रियों का सामान उठाने आवाज लगाते हुए साथी कुलियों के साथ सिर पर बोझ ढोकर बच्चों के लिए अपनी जिंदगी गुजार रही है।

असमय सिर से पति का साया उठ जाने से संध्या बस यादों में ही सिसककर रह जाती है। उसके सामने बूढ़ी सास की सेवा और बच्चों की परवरिश सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।


संध्या प्रतिदिन न सिर्फ दुनिया को बोझ ढ़ो रही है बल्कि प्रतिदिनि 270 किलोमीटर का सफर भी तय कर चंद रुपए जुटा रही है। संध्या प्रतिदिन कुंडम से 45 किलोमीटर का सफर तय कर जबलपुर रेलवे स्टेशन पहुंचती है और फिर इसके बाद कटनी पहुंचती है। वहीं पर काम करने के बाद जबलपुर और फिर घर लौटती है। प्रतिदिन इतनी कठिनाइयों से गुजरकर बच्चों के खातिर काम कर रही है।