Wednesday 9 February 2022

आजमगढ़ में 10 फरवरी से विधानसभा नामांकन होगा शुरू, डीएम एसपी ने निरीक्षण कर लिया जायजा।


 आजमगढ़ में 10 फरवरी से विधानसभा नामांकन होगा शुरू, डीएम एसपी ने निरीक्षण कर लिया जायजा।




उत्तर प्रदेश आजमगढ़ में सातवें चरण के मतदान के लिए 10 फरवरी 2022 गुरुवार से शुरू होने वाले नामांकन को लेकर  एसपी के नेतृत्व में अधिकारियों ने नामांकन केंद्र से लेकर स्थल पूरे कलेक्ट्रेट क्षेत्र व्यापक निरीक्षण किया।




इस दौरान डीएम व एसपी ने बताया कि चुनाव आयोग के गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित किया जाएगा सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी गाइड लाइन के बारे में पहले ही बता दिया गया है। 




आजमगढ़ के एसपी अनुराग ने बताया कि नामांकन स्थल के आसपास 19 स्थानों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। केवल जिनको अनुमति होगी उन्हीं को बैरिकेडिंग से अंदर आने दिया जाएगा। केवल प्रत्याशियों उनके प्रस्ताव को नामांकन पत्र लेने वालों को ही नामांकन स्थल तक जाने की अनुमति होगी।





 सदर तहसील नामांकन स्थल के आसपास के 200 मीटर के क्षेत्र को सील किया गया है। नामांकन के समय मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिनको अनुमति है वही जाएंगे। 




वाहनों के आवागमन को भी नियंत्रित किया गया है। एक जगह 8 विधानसभा क्षेत्र के नामांकन होंगे जब कि दूसरे स्थल पर 2 विधानसभा क्षेत्र के नामांकन होंगे। 




आजमगढ़ में कुल 10 विधानसभा क्षेत्र हैं वहीं डीएम अमृत त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से अनुपालन कराया जाएगा। 100 मीटर का एरिया नो मैंस लैंड होगा। रुट डाइवर्जन की व्यवस्था है। प्रत्याशियों को भी बता दिया गया है। अगर किसी को कोई समस्या है तो वह डीएम, एसपी व एडीएम से सीधे बात कर सकता है।

आजमगढ़ समय-समय पर कराते रहें, अपनी आंखों का परीक्षण – सीएमओ।


 आजमगढ़ समय-समय पर कराते रहें, अपनी आंखों का परीक्षण – सीएमओ।



आजमगढ़ से तनवीर आलम की रिपोर्ट।




अप्रैल 2021 से अब तक की गयी 20564 मरीजों की ओपीडी 

वर्ष भर में किये गये 1069 मोतियाबिंद के आपरेशन।




उत्तर प्रदेश आजमगढ़, 9 फरवरी 2022  

जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय अंधता एवं  दृष्टिक्षीणता नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।




 बढ़ती उम्र के साथ होने वाली आंखों की सबसे सामान्य समस्या मोतियाबिंद है। इसमें प्राकृतिक लेंस के प्रोटीन की बनावट में बदलाव आ जाता है, जिससे वह मोतियाबिन्द में परिवर्तित हो जाता है, जिससे प्रकाश की पारदर्शिता खराब/कम हो जाती है।  इससे व्यक्ति के देखने की क्षमता कम हो जाती  हैं और व्यक्ति को धुंधला दिखाई देने लगता है। अपनी आखों का परीक्षण समय-समय पर कराते रहना चाहिए जिससे आंखों में होने वाली परेशानियों से बचा जा सके। 




यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी का।


उन्होने बताया कि मोतियाबिंद की समस्या 45 साल के बाद लोगों में पायी जाती है। मोतियाबिंद बढ़ती उम्र में एक समस्या हो जाती है। जिला अस्पताल में यदि अंधता निवारण के 100 मरीज आते हैं तो उनमें लगभग 60 से 70 फीसदी मरीजों में रिफरैक्शन, 20 फीसदी मरीजों में मोतियाबिंद तथा 10 फीसदी में अन्य की समस्या पायी जाती है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण स्तर पर यह समस्या अधिक देखने को मिलती है।




 क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जानकारी नहीं हो पाती है कि वह मोतियाबिंद से ग्रसित हैं। उन्होंने बताया कि 40 साल के बाद नजर में कमी होने पर शीघ्र ही चिकित्सक को दिखाएं।




कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ. उमाशरण पाण्डेय ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत 45 वर्ष के ऊपर के बुजुर्गो तथा  1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को चश्मा दिया जाता है भारत में अभी अंधता का प्रतिशत 0.36  है इसे 2024 तक 0.3% तक लाना है। भारत में बच्चों में होने वाली दृष्टिहीनता का एक बड़ा एवं मुख्य कारण उनके नेत्रों में होने वाले इनफेक्सन, विटामिन ए की कमी, कुपोषण, नेत्रों में लगने वाली चोटें, बाल्यावस्था में होने वाला मोतियाबिंद और निकट एवं दूर दृष्टि दोष आदि हैं। जनपद में आरबीएसके कार्यक्रम  के अंतर्गत   पूरे 21 ब्लाकों में, प्रत्येक ब्लाक में 2 टीमें कार्य करती हैं। जिसमें स्कूलों में तथा आगंनबाड़ी में बच्चों का नेत्र परीक्षण विशेषज्ञ टीम द्वारा किया जाता है।




  नियमित अंतराल पर नेत्र परीक्षण करायें तथा  नियमित शारीरिक अभ्यास तथा योग करें। हरी सब्जियों और फलों का प्रयोग करते रहने से नेत्र संबंधी परेशानियों से बचा जा सकता है।




मंडलीय जिला चिकित्सालय के नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं सर्जन डॉ. रजनीश कुमार सेठ ने बताया कि अस्पताल में तीन नेत्र विशेषज्ञों की ओपीडी प्रतिदिन होती है।  राष्ट्रीय अंधता एवं  दृष्टिक्षीणता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मरीजों की ओपीडी कमरा नं. 12, 16 और 18 में की जाती है। एक नेत्र विशेषज्ञ की ओपीडी में लगभग 50 से 60 मरीज आते हैं। जनवरी से अब तक 2644   मरीजों की ओपीडी की गयी है। तथा वर्ष 2020-21 में कुल 20564 मरीजों की ओपीडी की गयी थी। कोरोना संक्रमण के बावजूद वर्ष 2020-21 में 1069  मोतियाबिन्द के आपरेशन किए गये थे। जनवरी से अब तक 270 आपरेशन किये  गये हैं। 




डॉ सेठ ने बताया कि इस कार्यक्रम के अन्तर्गत निःशुल्क मोतियाबिंद का आपरेशन (इंट्रा ओकुलर लेंस – आईओएल) का प्रत्यारोपण किया जा रहा है। मरीजों की  जांच, दवा, आपरेशन के उपरान्त की दवा भी निःशुल्क दी जाती है। आपरेशन पूरे वर्ष भर सोमवार से शनिवार दिवस में किया जाता है। इसके अलावा जनपद के  सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से मोतियाबिंद आपरेशन के मरीज नियत दिवसों में आते हैं। यहाँ पर उनका आवश्यकतानुसार समुचित इलाज किया जाता है। यहाँ मोतियाबिंद के आपरेशन सहित समलबाई (ग्लूकोमा), नाखूना (टेरेजियम) तथा कैलाजियान का भी इलाज किया जाता है। गंभीर बीमारियों के लिए मरीजों को सीतापुर आँख का अस्पताल, सीतापुर तथा प्रयागराज नेत्र चिकित्सालय, प्रयागराज रेफर किया जाता है। 




उन्होने बताया कि धूम्रपान न करें, गुटखा ,तम्बाकू व खैनी के प्रयोग से बचें यह प्राकृतिक लेंस की बनावट को तथा तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है काले चश्मे का प्रयोग करें यह सूरज कि परबैगनी किरणों से बचाता है। खतरनाक काम करते समय सुरक्षा चश्में का प्रयोग करें। कंपूटर स्क्रीन को दूर से देखें। तथा ब्राइटनेस कम रखें। 

बसई असरापुर निवासी 50 वर्षीय ज्ञानमती ने बताया कि हमारी आंखों कि रोशनी कम हो गई है। डॉ को दिखाया तो उन्होने आपरेशन का सुझाव दिया है। उनके पति नरेंद्र ने कहा कि यहाँ सभी जांच तथा दवाएं निःशुल्क हैं, यहाँ सुविधा बहुत अच्छी है।  

रहमतनगर निवासी 14 वर्षीय सायम ने बताया कि मुझे आंखों में चोट लग गई थी। यहाँ से इलाज चल रहा है, मुझे आराम है। यहाँ सुविधा अच्छी है, तथा जांच, दवा सभी निःशुल्क है।   



 

यह हैं मोतियाबिंद के लक्षण -

धुँधली या अस्पष्ट दृष्टि

रोशनी के चारों ओर गोल घेरा सा दिखना

दिन के वक्त कम दिखाई देना

हर वक्त दोहरा दिखाई देना

हर रंग का फीका दिखना।



मोतियाबिंद होने के कारण -

बढ़ती उम्र 

अधिक देर तक सूर्य की रोशनी आँखों पर पड़ना

आँख में चोट लगना

डायबिटीज/ब्लड प्रेसर।




इस तरह करें बचाव -

आंखों का नियमित परीक्षण करवाना चाहिए

वृद्धावस्था में आंखों के प्रति सचेत रहना चाहिए तथा आँख को स्वच्छ रखें   

मोटापे के कारण टाइप-2 डायबिटीज होने की समस्या अधिक होती हैं जिससे की मोतियाबिंद होने का जोखिम भी बढ़ जाता हैं। इसलिए अपने शरीर के वजन को नियंत्रित रखें और डायबिटीज को भी कंट्रोल में रखें।



घर से बाहर निकलने से पहले धूप या अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन से बचने के लिए चश्में जरूर पहनें।

आजमगढ़ निजामाबाद टिकट न मिलने पर सपा नेता व पूर्व ब्लाक प्रमुख ने अपनाया बगावती तेवर,कहा जनता की मांग पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ूंगा चुनाव।


 आजमगढ़ निजामाबाद टिकट न मिलने पर सपा नेता व पूर्व ब्लाक प्रमुख ने अपनाया बगावती तेवर,कहा जनता की मांग पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ूंगा चुनाव।



आजमगढ़ निजामाबाद से साजिद अरशद की रिपोर्ट 



उत्तर प्रदेश आज़मगढ़ निजामाबाद समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के गढ़ आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी के अंदर बगावत थमने का नाम नहीं ले रही है,फूलपुर पवई विधानसभा में पूर्व विधायक श्याम बहादुर यादव और गोपालपुर में पूर्व मंत्री स्वर्गीय वसीम अहमद की पत्नी शमा वसीम की बगावत के बाद निजामाबाद विधानसभा में पूर्व ब्लाक प्रमुख  और जिले के कद्दावर नेता इसरार अहमद ने भी बगावत का बिगुल फूंक दिया है।




आप को बता दें कि मौजूदा विधायक आलम बदी आजमी को सपा ने एक बार फिर से निज़ामाबाद से प्रत्याशी बनाया है जिसके विरोध में पूर्व ब्लाक प्रमुख इसरार अहमद ने बगावती तेवर दिखाते हुए निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। 




आजमगढ़ जिले के कद्दावर सपा नेता इसरार अहमद का  निज़ामाबाद के घुरीपुर मोड़,फरहाबाद  चौराहा, असनी, गौसपुर आदि जगहों पर उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया    और इसरार अहमद के पक्ष में जोरदार नारे भी लगाए।




इस अवसर पर मीडियाकर्मियों से इसरार ने कहा कि उन्होंने 32 साल समाजवादी पार्टी की सेवा की और निजामाबाद की जनता के हर सुख दुख में शरीक हुए इसके बाद भी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुझे नजरअंदाज कर एक बार फिर से आलम बदी आजमी को टिकट दे दिया जब कि 2017 के चुनाव में ही यह तय हुआ था कि आलम बदी साहब का यह आखरी चुनाव होगा इसके बाद भी एक बार उन्हें टिकट देकर मेरे साथ पार्टी ने ज्यादती की है इसलिए मैं निर्दल प्रत्याशी के रूप में निजामाबाद विधानसभा से चुनाव लड़ूंगा और जनता के समर्थन से जीत दर्ज करूंगा। 




विधायक आलम बदी आजमी पर हमला बोलते हुए इसरार अहमद ने कहा कि वह क्षेत्र में बहुत कम जाते हैं जनता से बहुत ही बदसलूकी करते हैं और विकास का कोई काम नहीं करते जिससे निजामाबाद की जनता में भारी आक्रोश है।और निज़ामाबाद की जनता सपा प्रत्याशी के रूप में उनको ही देखना चाहती है।आगे इसरार अहमद ने कहा कि।  कोरोना काल में आलम बदी आजमी सहित अन्य नेताओं ने जनता की मदद नहीं की,आजमगढ़ के सांसद अखिलेश यादव भी मदद को आगे नहीं आए सिर्फ मैंने निजामाबाद सहित पूरे जिले के जरूरतमंदों की हर संभव मदद की है।




इसरार अहमद ने कहा कि योगी सरकार को लेकर जनता में आक्रोश है और यह आक्रोश समाजवादी पार्टी के पक्ष में था, पार्टी की लहर चल रही थी लेकिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल तक में गलत लोगों को टिकट देकर समाजवादी पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर विराम लगा दिया है। उनका कहना है कि अगर समाजवादी पार्टी निजामाबाद से टिकट बदल दे तो आज भी वह समाजवादी पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं और सपा के साथ रहेंगे लेकिन अगर टिकट नहीं बदला जाता है तो चुनाव लड़ना तय है। चुनाव में अगर वह जीत दर्ज करते हैं तो समर्थन अखिलेश यादव का ही करेंगे।

सुभासपा के उम्मीदवार के रूप में मुख्तार अंसारी लड़ेंगे चुनाव


 सुभासपा के उम्मीदवार के रूप में मुख्तार अंसारी लड़ेंगे चुनाव 


विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट में दी अर्जी

नामांकन की औपचारिकता पूर्ण कराने के लिए अधिवक्ता, प्रस्तावक, नोटरी अधिवक्ता, फोटोग्राफर को बांदा जेल में जाने के लिए आदेश दिए जाने की मांग।




उत्तर प्रदेश मऊ विधानसभा चुनाव में सदर विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करने, नामांकन की औपचारिकताओं को पूर्ण करने के लिए उनके अधिवक्ता, प्रस्तावको, नोटरी अधिवक्ता एवं फोटोग्राफरों को जनपद कारागार बांदा में जाने की अनुमति प्रदान करने की मांग की गई है। विशेष न्यायाधीश एमपी/ एमएलए कोर्ट दिनेश कुमार चौरसिया ने मामले की सुनवाई के लिए बुधवार की तिथि नियत किया है।




मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दरोगा सिंह की ओर से मंगलवार को कोर्ट में अर्जी दी गई । जिसमें उल्लेख किया कि विधानसभा निर्वाचन 2022 में विधानसभा सदस्य हेतु चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र एवं शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने एवं नामांकन पत्र दाखिल करने के उपरांत जेल अधीक्षक द्वारा शपथ ग्रहण कराने अपने माध्यम से शपथ प्रारूप रिटर्निंग आफिसर को भेजे जाने की मांग की गई। 




उल्लेख किया गया है कि जनपद मऊ की विधानसभा 356 सदर से विधायक हैं, तथा आगामी विधानसभा निर्वाचन 2022 में 356 विधानसभा सीट से बतौर उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल करना चाहते हैं।




 मुख्तार अंसारी को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी में 356 विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार विधानसभा सदस्य पद पर नामांकन की प्रक्रिया 10 फरवरी से 17 फरवरी तक होनी है।




 नामांकन पत्र एवं उसके साथ संलग्न शपथपत्र पर प्रत्याशी की चल अचल संपत्तियों से संबंधित, मुकदमों से संबंधित व्यौरा दर्ज किया जाता हैं। और नामांकन पत्र पर उम्मीदवार का हस्ताक्षर होता है। और नामांकन पत्र सहित शपथपत्र ओथकमिश्नर अथवा पब्लिक नोटरी अधिवक्ता द्वारा प्रमाणित किया जाता हैं। 




ऐसी स्थिति में मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता, नोटरी अधिवक्ता, एवं प्रस्तावकों का नामांकन पत्र के साथ जेल अथारिटी के सामने पेश होना तथा औपचारिकताएं पूर्ण कराया जाना है। ऐसे में नामांकन की औपचारिकता पूर्ण कराने के लिए अधिवक्ता, नोटरी अधिवक्ता, प्रस्तावकों, फोटोग्राफर को बांदा जेल मे जाने की अनुमति दी जाय। विशेष न्यायाधीश ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए बुधवार 9 फरवरी की तिथि नियत किया है।

बाहुबली अतीक अहमद ने मैदान छोड़ा, पत्नी शाइस्ता परवीन ने नामांकन नही किया।


 बाहुबली अतीक अहमद ने मैदान छोड़ा, पत्नी शाइस्ता परवीन ने नामांकन नही किया।




एआइएमआइएम ने प्रयागराज की शहर पश्चिमी से उम्मीदवार बनाया था 



उत्तर प्रदेश प्रयागराज जिले की पश्चिम क्षेत्र 1989 से बाहुबली अतीक अहमद का गढ़ माना जाता रहा है। अतीक अहमद यहां से निर्दलीय चुनाव लड़े या सपा, अपना दल के टिकट से लेकिन जीत हमेशा उनकी कदमों में रही है।



 वहीं 18वीं विधान सभा के चुनाव में माफिया अतीक अहमद और उसके परिवार का कोई सदस्य यहां से चुनाव नहीं लड़ रहा है। जबकि उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन ने कुछ महीने पहले आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद उल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) की सदस्यता ली थी।




पिछले वर्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अटाला में जनसभा कर शाइस्ता परवीन को शहर पश्चिमी सीट से उम्मीदवार घोषित किया था। लेकिन मंगलवार को चुनाव लड़ने अटकलों पर पूरी तरह से विराम लग गया। 




क्योंकि उन्होंने नामांकन नहीं किया है। चर्चा है कि अतीक जेल में हैं और दोनों बेटे फरार हैं, इस कारण उन्होंने मैदान छोड़ दिया। उम्मीदवार घोषित होने के बाद स्थितियां बदलती गईं।




बीते वर्ष के आखिर में शाइस्ता परवीन के छोटे पुत्र अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और वह फरार हुआ। इसके बाद चुनाव नहीं लड़ने की अटकलें शुरू हो गईं। हांलाकि एआइएमआइएम के मंडल प्रवक्ता अफसर महमूद लगातार यह कहते रहे कि वह चुनाव लड़ेंगी। सात फरवरी को नामांकन करना बताया गया लेकिन उन्होंने अंतिम तिथि आठ फरवरी को भी नामांकन नहीं किया। इससे तय हो गया कि उन्होंने मैदान छोड़ दिया।

बलिया भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने दिया इस्तीफा।


 बलिया भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने दिया इस्तीफा।



 विधायक सुरेंद्र सिंह समेत सात नामजद व एक हजार अज्ञात के खिलाफ बैरिया पुलिस ने मुकदमा किया दर्ज



उत्तर प्रदेश बलिया बैरिया अपने बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले विधायक सुरेंद्र सिंह ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा ने उनका टिकट काटकर बलिया की बैरिया सीट से मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल को मैदान में उतार दिया है।




लखनऊ से आने के बाद मंगलवार को उन्होंने अपने समर्थकों के साथ बैठक की। इसके बाद मीडिया से बातचीत में सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया हू। कहा की जनता के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे और दिल्ली वालों को संदेश देंगे कि जनता का जो दिल जीतता है उसे टिकट की जरूरत नहीं पड़ती है।




बैरिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि 11 फरवरी 2022 को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। सुरेंद्र सिंह मंगलवार को अपने समर्थकों के साथ जुलूस की शक्ल में बैरिया त्रिमुहानी पर पहुंचे। वहां पूर्व विधायक स्व. ठाकुर मैनेजर सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर बैरिया देवराज ब्रह्म मोड़ पर एक निजी विद्यालय में बैठक की।




जुलूस के कारण विधायक सुरेंद्र सिंह समेत सात नामजद व एक हजार अज्ञात के खिलाफ बैरिया पुलिस ने आचार संहिता उल्लंघन, महामारी अधिनियम समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।




 पुलिस के अनुसार समर्थकों की भीड़ की वजह से एनएच 31 पर देवराज ब्रह्म मोड़ से बैरिया तिराहे तक के साथ ही बैरिया-लालगंज मार्ग जाम हो गया था।




बैरिया पुलिस ने विधायक समेत सात नामजद व एक हजार अज्ञात पर धारा 341, 188 कोविड महामारी अधिनियम 3 तथा 171 एच अंतर्गत केस दर्ज किया है। एसएचओ बैरिया शिवशंकर सिंह ने बताया कि चुनाव आयोग द्वारा निर्देशित नियमों का उल्लंघन, सड़क जाम व कोविड नियमों का पालन न करने में केस दर्ज किया गया है।