Tuesday 26 July 2022

आजमगढ़ नहीं मिली बाहुबली विधायक रमाकांत यादव को बैरक जानिए 14 दिन कहां रखे जायेंगे रमाकान्त 24 साल पुराने मामले में सरेंडर के बाद सोमवार को भेजे गये जेल।


 आजमगढ़ नहीं मिली बाहुबली विधायक रमाकांत यादव को बैरक


जानिए 14 दिन कहां रखे जायेंगे रमाकान्त


24 साल पुराने मामले में सरेंडर के बाद सोमवार को भेजे गये जेल।



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जनपद में जिस बाहुबली विधायक रमाकांत यादव की कभी तूती इस कदर बोलती थी कि एक इशारे पर बाहुबली के गुर्गों को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट मिला करती थी, आज हालत यह हो गई कि खुद विधायक रमाकांत यादव को बैरक नसीब नहीं हो पाया।


 आजमगढ़ की फूलपुर सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक रमाकांत यादव को जान से मारने की नीयत से हमला करने के 24 साल पुराने एक मामले में सोमवार को न्यायालय ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. तमाम हथकंडे अपनाने के बाद भी बाहुबली विधायक रमाकांत यादव को बैरक नहीं मिली।


अब सपा के बाहुबली विधायक रमाकांत यादव 14 दिनों तक जेल में बने क्वारंटाइन में ही रहेंगे।



दरअसल, सपा विधायक रमाकांत यादव ने सोमवार को न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था. रमाकांत यादव के अधिवक्ता आद्या शंकर दुबे ने बताया कि 17 फरवरी 1998 को आजमगढ़ लोकसभा सीट पर चुनाव के दौरान सपा उम्मीदवार रमाकांत यादव और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी अकबर अहमद डंपी और उनके समर्थकों के बीच फूलपुर थाना क्षेत्र के अंबारी चौक में विवाद हुआ और फिर गोलीबारी हुई थी. हालांकि इस घटना में किसी को गोली नहीं लगी थी।



उन्होंने बताया कि इस मामले में फूलपुर थाने के दारोगा वेद प्रकाश सिंह ने रमाकांत यादव तथा अकबर अहमद डंपी समेत कई लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद अक्टूबर 1998 में रमाकांत यादव और डंपी समेत 79 लोगों के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।



 दुबे ने बताया कि रमाकांत यादव की याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. दिसंबर 2021 में उच्च न्यायालय ने याचिका निस्तारित करते हुए यादव समेत सभी आरोपियों को न्यायालय में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया,. उन्होंने बताया कि उस वक्त विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रमाकांत यादव ने आत्मसमर्पण नहीं किया था, इस पर एमपी-एमएलए अदालत ने सभी आरोपियों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था।


सूत्रो के मुताबिक सोमवार को रमाकांत यादव ने आत्मसमर्पण कर दिया. इसके अलावा चक्का जाम करने के छह वर्ष पुराने मामले में भी रमाकांत यादव ने इसी अदालत में सोमवार को ही आत्मसमर्पण किया.

विगत 2016 में रोड जाम व तोड़फोड़ के मामले में बाहुबली विधायक रमाकांत यादव के खिलाफ वारंट जारी हुआ था. 307 के मामले में बाहुबली रमाकांत यादव ने हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर लिया था. स्टे आर्डर की अवधि समाप्त होने की बाहुबली रमाकांत यादव और उनके अधिवक्ता को जानकारी नहीं थी, जिसकी वजह से विपक्ष के अधिवक्ता ने फायदा उठाया और कोर्ट के सामने दलील रख जेल भिजवाया।

लखनऊ स्वामी प्रसाद मौर्य के कार्यालय पर पहुंची एसटीएफ 3 घंटे की पूछताछ, जानें पूरा मामला


 लखनऊ स्वामी प्रसाद मौर्य के कार्यालय पर पहुंची एसटीएफ


3 घंटे की पूछताछ, जानें पूरा मामला


लखनऊ यूपी एसटीएफ ने पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य से अपने कार्यालय में तीन घंटे तक पूछताछ की। स्वामी प्रसाद से उनके पूर्व निजी सचिव अरमान खान द्वारा बेरोजगारों को नौकरी के नाम पर ठगने के मामले में एसटीएफ ने नोटिस देकर बुलाया था। अरमान समेत पांच लोगों को एसटीएफ ने 21 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। स्वामी प्रसाद मौर्य एसटीएफ के कई सवालों का जवाब देने से बचते रहे। अधिकतर सवालों के जवाब में वह कोई जानकारी न होने की बात कहते रहे। 


अरमान पर आरोप है कि उसने स्वामी प्रसाद मौर्य के मंत्री रहने के दौरान उनके निजी सचिव के केबिन में बैठकर कई दिन तक बेरोजगारों को बुलाया था। इन्हें सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 10 से 12 लाख रुपये वसूले गये। कई लोगों को नियुक्ति पत्र थमा कर उनकी ट्रेनिंग भी करा दी गई। पर, बाद में सच सामने आ गया था। विरोध पर अरमान ने बेरोजगारों को धमकाना शुरू कर दिया था। इसके बाद ही एसटीएफ को जांच दी गई थी। एसटीएफ ने अरमान व उसके चार साथियों फैजी, विशाल, असगर और अमित को गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया था।



सूत्रो के मुताबिक  इसी मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य को एसटीएफ ने पूछताछ करने के लिये नोटिस भेजा था। एसटीएफ के अफसरों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो स्वामी प्रसाद को दोबारा भी बुलाया जा सकता है। स्वामी प्रसाद मौर्य इस बार के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़ कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये थे। इससे पहले स्वामी बसपा में लम्बे समय तक रहे थे। इस बार स्वामी प्रसाद ने कुशीनगर के फाजिलनगर से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गये थे। सपा के टिकट पर वह निर्विरोध एमएलसी चुने गये हैं।

आजमगढ़ जेल से 97 पुड़िया गांजा, 12 मोबाइल बरामद डीएम-एसपी की संयुक्त छापेमारी के बाद मचा हड़कंप, ली गई एक-एक बैरक की तलाशी जिम्मेदारी तय कर की जाएगी प्रशासनिक और वैधानिक कार्रवाई-डीएम


 आजमगढ़ जेल से 97 पुड़िया गांजा, 12 मोबाइल बरामद


डीएम-एसपी की संयुक्त छापेमारी के बाद मचा हड़कंप, ली गई एक-एक बैरक की तलाशी

जिम्मेदारी तय कर की जाएगी प्रशासनिक और वैधानिक कार्रवाई-डीएम



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ मण्डलीय कारागार में आज जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज और पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य के नेतृत्व में प्रशासन और पुलिस की टीम ने दोपहर एक बजे के बीच अचानक छापेमारी की। छापेमारी की यह कार्रवाई शाम 4.30 बजे तक चलती रही।


 सूत्रो के मुताबिक जिला प्रशासन ने एक-एक बैरक की तलाशी ली। छापेमारी के दौरान जेल से 12 मोबाइल फोन, चार्जर और 97 पुड़िया गांजा सहित अन्य आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद की गई। 



बता दें कि तीन वर्ष पूर्व हुई छापेमारी में भी 37 मोबाइल फोन बरामद हुआ था। जिसमें जेल अधीक्षक, जेलर सहित डिप्टी जेलर को निलंबित कर दिया गया था।


जिलाधिकारी विशाल भारद्धाज ने बताया कि जिला प्रशासन के आकस्मिक निरीक्षण में 12 मोबाइल फोन, चार्जर, अन्य आपत्तिजनक वस्तुओं के साथ 97 गांजे की पुड़िया बरामद हुई है। इस संबंध में जिम्मेदारी तय करते हुए प्रशासनिक और वैधानिक दोनों कार्रवाईयां की जाएंगी। 


जिला प्रशासन ने जेल में छापेमारी की बात को इतना गोपनीय रखा कि इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं मिली। यहां तक की छापेमारी में शामिल इंस्पेक्टर और एसओजी टीम के साथ किसी को भी इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई। यही कारण है कि जेल से 12 फोन बरामद हो सके।

सुल्तानपुर आरटीओ सिपाही और ड्राइवर को ट्रक ने रौंदा, दोनों की मौत मंगलवार की भोर में वाहन चेकिंग के दौरान हुई घटना


 सुल्तानपुर आरटीओ सिपाही और ड्राइवर को ट्रक ने रौंदा, दोनों की मौत


मंगलवार की भोर में वाहन चेकिंग के दौरान हुई घटना




उत्तर प्रदेश सुलतानपुर जिले में लखनऊ-बलिया राजमार्ग पर माधवपुर छतौना के पास मंगलवार भोर में वाहन चेकिंग के दौरान तेज रफ्तार ट्रक ने आरटीओ के प्रवर्तन सिपाही और संविदा कर्मी ड्राइवर को कुचल दिया। दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना पर पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा ने मौका मुआयना किया। पुलिस ने पंचायतनामा भर कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।



एआरटीओ राकेश कुमार वर्मा मंगलवार भोर में लखनऊ- बलिया राजमार्ग पर गोसाईगंज थाना क्षेत्र के माधवपुर छतौना गांव के पास गाड़ी से नीचे उतर कर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी बीच सुलतानपुर से कादीपुर की तरफ जा रही तेज रफ्तार ट्रक ने एआरटीओ के चालक अब्दुल मोबीन निवासी शास्त्री नगर थाना कोतवाली नगर और सिपाही अरुण सिंह निवासी बीकेटी लखनऊ को रौंद दिया। हादसे में अनुबंधित गाड़ी के चालक मोबीन और प्रवर्तन विभाग के सिपाही अरूण सिंह की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। घटना में एआरटीओ वाहन भी क्षतिग्रस्त हुआ है। 



घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा ने क्षेत्राधिकारी जयसिंहपुर कृष्णकांत सरोज और थानाध्यक्ष सन्दीप राय के साथ जांच पड़ताल की है। वही ट्रक को कब्जे में लेकर पुलिस घटना की छानबीन में जुटी है। एआरटीओ राकेश कुमार वर्मा ने बताया वह टीम के साथ चेकिंग करके कादीपुर से लौट रहे थे। रास्ते मे लघुशंका के लिए गाड़ी खड़ी किए थे, तभी हादसा हो गया।


 थानाध्यक्ष सन्दीप कुमार राय ने बताया ट्रक ड्राइवर फरार है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। सीओ कृष्णकांत सरोज ने बताया कि चेकिंग के दौरान घटना घटी है। जांच की जा रही है।

लखनऊ बदमाशों ने कपड़ा व्यापारी पर बरसाई गोलियां, हुई मौत


 लखनऊ बदमाशों ने कपड़ा व्यापारी पर बरसाई गोलियां, हुई मौत




उत्तर प्रदेश लखनऊ के ठाकुरगंज में कपड़ा व्यापारी महेंद्र मौर्या (30) की ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी। पैदल आए हमलावरों की पहली गोली कार के शीशे को भेदती हुई अंदर चली गई जबकि दो गोलियां महेंद्र के सीने और पेट की तरफ लगी। घर से कुछ दूरी पर हुई फायरिंग की आवाज सुनकर महेंद्र के घर वाले बाहर आये तो उसे खून से लथपथ देखकर दहशत में आ गए। अफरातफरी के बीच महेंद्र को ट्रॉमा ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घर वालों ने कुछ लोगों से महेंद्र का विवाद चलने की बात कही है। इसी आधार पर तीन लोगों की तलाश में रात करीब डेढ़ बजे दबिश दी गई लेकिन कोई हाथ नहीं लगा। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।



एसीपी चौक आईपी सिंह के मुताबिक भुवर गांव के पास रहने वाले रोशन लाल मौर्य का जेएमआर नाम से मैरिज लॉन है। उनके बेटे महेंद्र की पारा में कपड़े की दुकान है। रोजाना की तरह महेंद्र रात करीब 10 बजे दुकान बंद कर कार से घर लौट रहा था। भुवर क्रासिंग के पास ही पैदल आ रहे कुछ युवकों ने उसकी कार रुकवा ली। कुछ समझने से पहले ही इन बदमाशों ने फायरिंग कर दी। एक गोली खिड़की का शीशा तोड़ते हुए अंदर जा धंसी। इसके बाद दो और फायर किए गए। ये दोनों गोलियां महेंद्र को लगी और वह ड्राइविंग सीट पर ही खून से लथपथ होकर लुढ़क गए।



 फायरिंग की आवाज सुनकर महेंद्र के घर वाले और पड़ोसी निकल आए। सब लोग महेंद्र को केजीएमयू ले गये जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


 ठाकुरगंज इंस्पेक्टर हरिश्चंद्र ने एक टीम सीसी फुटेज खंगालने में लगा दिए। पता चला कि बदमाश अपने वाहन से आए थे जिसे कुछ दूरी पर ही खड़ा कर दिया था। फुटेज में तीन जगह बदमाश आते दिखाई पड़े हैं। अभी उनके चेहरों की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस घर वालों और उसके परिचितों से पूछताछ कर उसकी दुश्मनी के बारे में पता करने का प्रयास कर रही है।



 बताया जा रहा है कि महेंद्र का कुछ लोगों से पहले विवाद हुआ था। हालांकि इसको लेकर ऐसा कभी नहीं लगा कि हत्या कर दी जाएगी। इस बारे में भी पुलिस पड़ताल कर रही है। पुलिस का कहना है कि यह वारदात रात करीब 10 बजे की है। गोली लगने की सूचना मिलते ही परिवारीजन उसे ट्रॉमा लेकर चले गए थे। यहां मृत घोषित होने के करीब दो घंटे बाद पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद ही पुलिस सक्रिय हुई।

लखनऊ 20 पीपीएस अफसरों का हुआ तबादला पुलिस उपाधीक्षकों व अपर पुलिस अधीक्षकों का ट्रांसफर


 लखनऊ 20 पीपीएस अफसरों का हुआ तबादला


पुलिस उपाधीक्षकों व अपर पुलिस अधीक्षकों का ट्रांसफर



लखनऊ यूपी में प्रांतीय पुलिस सेवा के 20 अफसरों का तबादला कर दिया गया है। इसके तहत पुलिस उपाधीक्षकों और अपर पुलिस अधीक्षकों को स्थानांतरित किया गया है।

यहां देखें पूरी सूची-


खत्म होगी 250 ग्राम प्रधानों की प्रधानी चली जाएगी मार्टिनगंज ब्लॉक प्रमुख की प्रमुखी पंचायतों के प्रधान, कम्प्यूटर आपरेटर और ग्राम रोजगार सेवकों की चिन्ता बढ़ी


 खत्म होगी 250 ग्राम प्रधानों की प्रधानी


चली जाएगी मार्टिनगंज ब्लॉक प्रमुख की प्रमुखी


पंचायतों के प्रधान, कम्प्यूटर आपरेटर और ग्राम रोजगार सेवकों की चिन्ता बढ़ी



लखनऊ ग्राम प्रधान चुने जाने के सवा साल के भीतर ही प्रधानी जाने की नौबत आ गई है। जी हां, करीब 250 ग्राम प्रधानों की प्रधानी जल्द ही चली जाएगी। यह नहीं इन ग्राम पंचायतों में तैनात कंप्यूटर आपरेटर और मनरेगा की मजदूरी से जुड़े ग्राम रोजगार सेवक की नौकरी भी जाएगी। अभी छह महीने पहले ही इन कम्प्यूटर आपरेटरों की भर्ती की गई है।




ऐसा प्रदेश सरकार द्वारा पिछली कैबिनेट बैठक में 18 नई नगर पंचायतों के गठन और 20 मौजूदा नगर पंचायतों के सीमा विस्तार का फैसला करने के कारण हो रहा है। जल्द ही प्रदेश की करीब 250 ग्राम पंचायतों का वजूद खत्म हो जाएगा। पिछले साल अप्रैल-मई में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव हुए थे और उसके बाद जून में ग्राम पंचायतों का गठन हुआ था। प्रदेश सरकार द्वारा नई नगर पंचायतों के गठन और सीमा विस्तार के निर्णय के बाद खत्म होने वाली इन ग्राम पंचायतों के प्रधान, कम्प्यूटर आपरेटर और ग्राम रोजगार सेवक सबकी चिन्ता बढ़ गई हैं।



आजमगढ़ में तो मार्टिनगंज ब्लाक के प्रमुख की प्रमुखी इस फैसले की वजह से जा रही है। यह ब्लाक प्रमुख जिस ब्लाक से क्षेत्र पंचायत सदस्य चुना गया था, वह ब्लाक अब नई नगर पंचायत में शामिल होने जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार करीब पांच से सात ग्राम पंचायतों को मिलाकर नई नगर पंचायत बनेगी। सीमा विस्तार की वजह से भी करीब सवा सौ ग्राम पंचायतें खत्म होंगी। कुछ प्रभावित ग्राम प्रधान इस निर्णय के खिलाफ अदालत की शरण लेने की भी तैयारी कर रहे हैं। पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन ने भी सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई है।



संगठन के प्रवक्ता ललित शर्मा का कहना है कि अगर राज्य सरकार को यही करना था तो सवा साल पहले इन ग्राम पंचायतों में चुनाव नहीं करवाना था। बताते चलें कि पंचायतीराज विभाग ने भी नई नगर पंचायतों के गठन व कई नगर पंचायतों के सीमा विस्तार के प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज करवाई थी।

उत्तर प्रदेश के 12 जिलों के 501 केंद्रों पर होगी लेखपाल भर्ती परीक्षा, गाइडलांइस जारी ऐसे डाउनलोड करें एडमिट कार्ड


 उत्तर प्रदेश के 12 जिलों के 501 केंद्रों पर होगी लेखपाल भर्ती परीक्षा, गाइडलांइस जारी


ऐसे डाउनलोड करें एडमिट कार्ड



लखनऊ राजस्व लेखपाल के 8085 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा 31 जुलाई को 12 जिलों के 501 केंद्रों पर होगी। इसमें 2.47 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयेाग के परीक्षा नियंत्रक दिनेश सोमवार को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।



 इसके मुताबिक आगरा, अलीगढ़, अयोध्या, बरेली, गोरखपुर, झांसी, कानपुर नगर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, प्रयागराज और वाराणसी जिलों में केंद्र बनाए गए हैं।




परीक्षा प्रात: 10 से 12 बजे तक होगी। परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र upsssc.gov.in से डाउनलोड किया जा सकता है। प्रवेश पत्र पर परीक्षा संबंधी सभी जानकारियां दी गई हैं और इसके आधार पर तैयारियों के साथ परीक्षार्थियों को पहुंचने का निर्देश दिया गया है।

आयोग के सचिव अवनीश सक्सेना के मुताबिक लिखित परीक्षा में शामिल होने के लिए शुल्क जमा करने की सुविधा 31 जुलाई तक दे दी गई है। पहले 24 जुलाई तक जमा करने की तिथि निर्धारित की गई थी।


 उन्होंने कहा है कि परीक्षा शुल्क जमा करने के बाद ही प्रवेश पत्र डाउनलोड किया जा सकेगा।