Wednesday 11 October 2023

अमेठी 382 करोड़ के एनएच घोटाले में 2 तत्कालीन एसडीएम पर मुकदमा दर्ज 3 गुना से ज्यादा दिया मुआवजा


 अमेठी 382 करोड़ के एनएच घोटाले में 2 तत्कालीन एसडीएम पर मुकदमा दर्ज


3 गुना से ज्यादा दिया मुआवजा



उत्तर प्रदेश अमेठी, लखनऊ-वाराणसी हाईवे (एनएच 56) से जुड़े दो बाईपास के लिए जमीन अधिग्रहण में तीन गुना से अधिक मुआवजा बांटने के मामले में अब शिकंजा कस गया है। 382 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में बुधवार को मुसाफिरखाना के दो तत्कालीन एसडीएम आरडी राम व अशोक कुमार कनौजिया के खिलाफ बुधवार को मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। केंद्र सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद वर्ष 2014 में एनएच-56 के चौड़ीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई थी। निर्माण से पहले एनएचएआई के अनुरोध पर राजस्व विभाग ने सड़क चौड़ीकरण के अलावा जगदीशपुर व मुसाफिरखाना में कस्बे से बाहर बाईपास का सर्वे किया।


 सर्वे के बाद अफसरों ने गलत तरीके से कृषि योग्य भूमि का मुआवजा सर्किल रेट का चार गुना निर्धारित करने के बजाय एनएच से सटी जमीन (इसका सर्किल रेट कई गुना अधिक) के बराबर निर्धारित कर दिया। मुआवजा निर्धारण व वितरण में गड़बड़ी सामने आने के बाद डीएम द्वारा इसकी जांच कराई गई तो घोटाला सामने आया।


मुसाफिरखाना तहसील में दो बाईपास के लिए अवार्ड व मुआवजा वितरण की कार्रवाई एसडीएम आरडी राम के कार्यकाल में शुरू हुई। आरडी राम 23 फरवरी 2015 से 18 सितंबर 2015 तक मुसाफिरखाना के एसडीएम रहे। इसके बाद 19 सितंबर 2015 को अशोक कुमार कनौजिया की तैनाती हुई और वह 25 मार्च 2016 तक एसडीएम रहे। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी।


 शासन के आदेश पर रजिस्ट्रार कानूनगो सुरेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव ने थाने में तहरीर देकर 382 करोड़ रुपये की शासकीय क्षति के लिए तत्कालीन एसडीएम आरडी राम व अशोक कुमार कनौजिया के अतिरिक्त अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। मुसाफिरखाना कोतवाल विनोद कुमार सिंह का कहना है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जिन दो अफसरों के नाम है, उनके बारे में बताया जा रहा है कि एक रिटायर हो चुके हैं, जबकि एक शासन में तैनात है। इससे ज्यादा अभी जानकारी नहीं मिल पाई है।


यह है मामला-राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-56 लखनऊ-सुलतानपुर मार्ग के किमी. 64.100 से 113.670 तक में प्रथम जगदीशपुर बाईपास किमी. 80.690 से 97.935 तक तथा द्वितीय मुसाफिरखाना बाईपास किमी. 105.530 से 102.035 किमी. 103.885 से 110.165 तक चौड़ीकरण के लिए प्रस्तावित था। नियमानुसार आच्छादित ग्रामों के संबंध में आपत्तियों का निस्तारण करते हुए इनका गजट कराया गया तथा इसमें निजी कृषि भूमिगांव सभा की सरकारी भूमि का अभिनिर्णय घोषित किया गया। तत्कालीन अफसरों ने पूर्व प्रचलित राष्ट्रीय राजमार्ग से दूरस्थ स्थित अधिग्रहीत भूमि के गाटों का प्रतिकर का निर्धारण कपटपूर्ण एवं नियम विरूद्ध रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित भूमि की सर्किल दर के आधार पर कर दिया। इससे सरकार को लगभग 382 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

आजमगढ़ बरदह डिवाइडर से टकरा कर अनियंत्रित ट्रक पलटा एक महीने में चौथी घटना से मचा हड़कंप


 आजमगढ़ बरदह डिवाइडर से टकरा कर अनियंत्रित ट्रक पलटा



एक महीने में चौथी घटना से मचा हड़कंप



आजमगढ़ बरदह थाना अंतर्गत ठेकमा रोडवेज के पास बुधवार की भोर में जौनपुर की तरफ से आ रही ट्रक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा कर पलट गई। इस हादसे में ट्रक चालक बाल-बाल बच गया। हादसे में ट्रक क्षतिग्रस्त हो गया है।


जौनपुर की तरफ से एक ट्रक मुर्गी का दाना लेकर आजमगढ़ की तरफ आ रही थी। अभी ट्रक ठेकमा बाजार स्थित रोडवेज के पास ही पहुंची थी कि डिवाइडर से टकरा कर पलट गई। इस हादसे में ट्रक का चालक बाल-बाल बच गया है। लोगों का कहना है कि ठेकमा बाजार में रोड अभी सिंगल है और रोडवेज के पास ठेकेदार द्वारा डिवाइडर बना दिया गया है, लेकिन यहां किसी भी तरह का चिन्ह नहीं लगाया गया है। जिसके चलते आए दिन यहां हादसा होता रहता है।


 बीते एक माह के अंदर बुधवार की सुबह हुई चौथी घटना है। बीच सड़क पर ट्रक के पलट जाने से रास्ते पर जाम भी लग गया। आनन-फानन में पहुंचे चौकी प्रभारी ठेकम ने पलटे ट्रक का सामान निकलवा कर दूसरे ट्रक में लदवाया और फिर जेसीबी की मदद से पलटे ट्रक को सीधा करा कर किनारे खड़ा कराया गया।

लखनऊ जब गेट फांदकर अंदर घुसे अखिलेश यादव देखते ही रह गई रोकने के लिए लगी पुलिस फोर्स


 

लखनऊ जब गेट फांदकर अंदर घुसे अखिलेश यादव


देखते ही रह गई रोकने के लिए लगी पुलिस फोर्स



उत्तर प्रदेश, लखनऊ लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर लखनऊ में जेपीएनआईसी यानी (जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर) का गेट सियासत का अखाड़ा बन गया। भारी पुलिस बल की मौजूदगी और बार-बार रोके जाने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गेट फांदकर अंदर जाना तय किया तो यूपी की राजनीति को नजदीक से देखने-समझने वाले हैरान रह गए। लंबे अर्से बाद उन्हें मैदान में समाजवादी पार्टी और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐसा अक्रामक अंदाज नज़र आया।


 लोकसभा चुनाव के चंद महीने पहले अचानक लड़ाई के मूड में सड़कों पर उतरी समाजवादी पार्टी के तेवर आने वाले दिनों में बीजेपी के मुकाबले में उसकी सियायत कैसी होगी ये संकेत दे रहे हैं। सच ये है कि भाजपा लोकनायक जयप्रकाश जी के भ्रष्टाचार, बेकारी-बेरोज़गारी और महंगाई के ख़िलाफ़ छेड़े गये आंदोलन की स्मृति को दोहराने से डर रही है क्योंकि भाजपा के राज में तो भ्रष्टाचार, बेकारी-बेरोज़गारी और महंगाई तब से कई गुना ज्यादा है। सपा प्रमुख यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे लिखा, अब क्या माल्यार्पण के लिए भी जयप्रकाश नारायण जी की तरह ‘सम्पूर्ण क्रान्ति’ का आह्वान करना पड़ेगा। अगर भाजपा को यही मंज़ूर है तो यही सही। 


अखिलेश की इस पोस्ट के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जेपीएनआईसी पहुंचने लगे। पार्टी नेता रामगोविंद चौधरी की अगुवाई में जेपीएनआईसी गेट पर धरना शुरू हो गया। सपाइयों का आरोप है कि रात से ही प्रशासन ने वहां ताला लगा दिया था। कोई दीवार फांदकर अंदर न जाने पाए इसके लिए टीन शेड की दीवार भी लगा दी थी। करीब 11.50 बजे पार्टी मुखिया अखिलेश यादव वहां पहुंच गए। उन्हें देख गेट पर मौजूद पुलिस सक्रिय हो गई। सौ से ज्यादा पुलिसकर्मी अखिलेश यादव को रोकते रह गए लेकिन अखिलेश नहीं रुके। वे गेट फांदकर अंदर पहुंच गए और लोकनायक की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद दोपहर 1.50 बजे एक्स पर एक और पोस्ट में अखिलेश यादव ने जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- ‘जब लोकतंत्र में लोकनायक के माल्यार्पण के लिए बाधाएँ खड़ी की जाएं तो लोकतंत्र किस काम का।’