Tuesday 30 May 2023

आजमगढ़ मुबारकपुर ट्रेन की चपेट आकर वृद्ध महिला की हुई मौत शव की शिनाख्त में जुटी पुलिस


 आजमगढ़ मुबारकपुर ट्रेन की चपेट आकर वृद्ध महिला की हुई मौत


शव की शिनाख्त में जुटी पुलिस


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ मुबारकपुर थाना क्षेत्र के कस्बा सराय गांव के पास मंगलवार को प्रातः लगभग दस बजे रेलवे ट्रैक पर एक अज्ञात वृद्ध महिला का शव बरामद मिला। सूचना पाकर मौके पर पुलिस ने पहुंच कर शव को कब्जे में लेकर शिनाख्त का प्रयास में जुटी। शव मिलने से सनसनी फैल गई।


 मुबारकपुर थाना क्षेत्र के कस्बा सराय गांव के पास रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से कटा हुआ क्षत विक्षत एक अज्ञात 70 वर्षीय वृद्ध महिला का शव स्थानीय ग्रामीणों ने देखा। घटना की सूचना पुलिस को फोन कर दी। सूचना पाकर मौके पर चौकी प्रभारी सठियांव राम कृष्ण सिंह अपने हमराह पुलिस के साथ पहुँचे और शव को कब्जे मे लेकर उसके पहचान के लिए स्थानीय लोगो से पूछताछ के बाद भी कोई पहचान न सका । महिला साड़ी पहने हुए थी। इस सम्बन्ध मे चौकी प्रभारी सठियांव ने बताया कि वृद्ध महिला लगभग 70 वर्ष की हो सकती है। ट्रेन की चपेट आने से उसकी मौत हो गई। शव को मर्चरी हाउस भेज दिया गया हैं। शिनाख्त का प्रयास की जा रहा हैं।

आजमगढ़ उम्मीदों पर खरी उतर रही है हिंदी पत्रकारिता- डॉ दिग्विजय सिंह राठौर पत्रकार शासन व जनता के बीच सेतु का काम करता है-अशोक वर्मा हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर पत्रकारिता विषयक संगोष्ठी का हुआ आयोजन


 आजमगढ़ उम्मीदों पर खरी उतर रही है हिंदी पत्रकारिता- डॉ दिग्विजय सिंह राठौर


पत्रकार शासन व जनता के बीच सेतु का काम करता है-अशोक वर्मा


हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर पत्रकारिता विषयक संगोष्ठी का हुआ आयोजन


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर मंगलवार को जिला मुख्यालय पर स्थित तमसा प्रेस क्लब के सभागार में पत्रकारिता विषयक संगोष्ठी आयोजित हुई।


इस मौके पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के सहायक प्रोफेसर दिग्विजय सिंह राठौर ने पत्रकारिता एवं मीडिया अध्ययन व इंटरनेट मीडिया के युग में हिन्दी पत्रकारिता की स्थिति विषय पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने पत्रकारों को हिन्दी भाषा के साथ ही बदलते परिवेश में पत्रकारिता के दायित्व के प्रति प्रेरित करने पर जोर दिया। उन्होंने हिन्दी के प्रथम समाचार पत्र उदंत मार्तंड के विषय में बताया कि इस समाचार पत्र का प्रकाशन वर्ष 1826 में उस समय की राष्ट्रीय राजधानी कोलकाता से हुआ था। उस समय की पत्रकारिता से लेकर वर्तमान पत्रकारिता में काफी बदलाव हुआ। जो पत्रकार समय के साथ अपने में बदलाव नहीं किये वह इस पवित्र पेशे से दूर हो गए। इसी के साथ ही उन्होंने आजादी के आंदोलन से लेकर वर्तमान पत्रकारिता में हुए परिवर्तनों पर भी प्रकाश डाला।


 डॉ राठौर ने कहा कि जनता की उम्मीदों पर खरी उतर रही है हिंदी पत्रकारिता. हिंदीं पत्रकारिता ने आम आदमी की आवाज को सरकार तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका अदा की है। क्षेत्रीय वेब पत्रकारिता का नया दौर है इसकी तकनीकी से सभी को परिचित होना होगा। इंटरनेट ने हिंदी पत्रकारिता को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया है।


पत्रकार धर्मेंद्र श्रीवास्तव ने खबरों के कापी पेस्ट व हिन्दी पत्रकारिता में मिश्रित भाषा के प्रयोग होने के विषय को उठाया। पत्रकार सचिन श्रीवास्तव ने पत्रकारिता में शामिल वर्तमान पत्रकारों के कार्यशैली को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के पत्रकारों को पत्रकारिता के विषय पर अध्ययन करना चाहिए। पत्रकार रामजीत चंदन ने हिंदी पत्रकारिता के संघर्ष और विकास यात्रा पर प्रकाश डाला। साहित्यकार रविन्द्र नाथ राय ने कहा कि लेखक होना गौरव की बात है लेकिन पत्रकार बनना चुनौतीपूर्ण है। आज पत्रकारिता में शोध की आवश्यकता है। हालांकि रोजगार के साथ चुनौतियां कम नहीं हैं। एक अच्छे पत्रकार को टीआरपी से ज्यादा देश व दुनिया की चिंता करनी चाहिए। रत्न प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि पत्रकार को अपनी नैतिक जिम्मेदारी का ईमानदारी से पालन करना चाहिए। पाठकों की भी जिम्मेदारी है कि वह क्या पढ़ना पसंद करते हैं।


अपने अध्यक्षीय संबोधन में तमसा प्रेस क्लब के अध्यक्ष अशोक वर्मा ने कहा कि पत्रकार शासन व जनता के बीच सेतु का काम करता है। पहले एक दौर था जब चुनिंदा पत्रकार होते थे, आज पत्रकारिता में रोजगार की कोई कमी नहीं है लेकिन उसके लिए स्वयं को साबित करने की आवश्यकता है।


संगोष्ठी का संचालन करते हुए दैनिक देवव्रत समाचार पत्र के प्रधान संपादक विजय यादव ने कहा कि पत्रकारों के बीच हिंदी को देखने का नजरिया होना चाहिए। बदलते दौर में पत्रकारिता में तकनीकी दखल काफी अधिक हो गई है, आधुनिक तकनीक ने पत्रकारिता में रोजगार के अवसर को बढ़ाये हैं। तकनीकी के माध्यम से सुविधा के साथ ज्ञान में वृद्धि भी हुई है। आज साक्षरता की भाषा तकनीकी के ज्ञान के द्वारा पहचानी जाती है। संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार संदीप उपाध्याय, वेदप्रकाश सिंह लल्ला, अंबुज राय, दीपक सिंह, विवेक गुप्ता, आलोक सिंह, रामसिंह यादव, संतोष उपाध्याय, शीतला त्रिपाठी, दीपक प्रजापति, उदयराज शर्मा, प्रशांत राय, सोनू सेठ आदि लोग मौजूद रहे।

जौनपुर रमाकान्त यादव को 9 महीने की सजा एमपी-एमएलए कोर्ट ने बलवा, मारपीट मामले में सुनाई सजा


 जौनपुर रमाकान्त यादव को 9 महीने की सजा


एमपी-एमएलए कोर्ट ने बलवा, मारपीट मामले में सुनाई सजा


उत्तर प्रदेश जौनपुर पूर्व सांसद एवं आजमगढ़ के फूलपुर पवई सीट से सपा विधायक रमाकांत यादव की मुश्कलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं. मंगलवार को सपा विधायक रमाकांत यादव की जौनपुर न्यायालय में भारी सुरक्षा बल के बीच पेशी हुई. जहां एमपी-एमएलए कोर्ट ने अलग-अलग धाराओं में उनको कुल 9 महीने की सजा और 7 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।


मिली जानकारी के अनुसार दरअसल पूरा मामला साल 2019 का है, जब सदर कोतवाली क्षेत्र में मारपीट का मामला हुआ था, जिसमें कुछ लोग घायल हुए थे. उस समय रमाकांत यादव पर बलवा, मारपीट करने, गाली-गलौज सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस ने मामले में आरोपत्र दाखिल किया. उसके बाद एमपी/एमएलए कोर्ट में सुनवाई हो रही थी।


सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने रमाकांत को दोषी पाते हुए सजा सुनाया है. विधायक रमाकांत को फतेहपुर जेल से न्यायालय में पेशी पर लाया गया था. उनकी पेशी को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. सपा विधायक को धारा 147 में चार महीने, धारा 323 में दो महीने की सजा,धारा 504 में दो महीने की सजा धारा 149 में एक महीने की सजा कुल मिलाकर 9 महीने की सजा और सात हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।


गौरतलब है कि रमाकांत यादव मौजूदा समय में फूलपुर पवई विधानसभा सीट से विधायक हैं. इससे पहले वह पांच बार विधायक और चार बार सांसद भी रह चुके हैं. उनकी पहचान एक बाहुबली नेता के तौर पर होती है. उनके ऊपर वर्तमान में कई मुकदमे दर्ज हैं. उनका नाम फरवरी 2022 में आजमगढ़ में हुए जहरीली शराब कांड में भी जुड़ा था।

मुरादाबाद थाने में ई-रिक्शा पर कौन आया? देखते ही एसएचओ ने छोड़ दी कुर्सी, दौड़ते हुए पहुंचे गेट पर


 मुरादाबाद थाने में ई-रिक्शा पर कौन आया? देखते ही एसएचओ ने छोड़ दी कुर्सी, दौड़ते हुए पहुंचे गेट पर


उत्तर प्रदेश मुरादाबाद अक्सर थानों और पुलिस चौकियों से फरियादियों को फटाकर कर या उपेक्षित कर लौटाए जाने की खबरें सामने आती हैं। इससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल भी उठते रहते हैं। ऐसे में कटघर थाने पर घटी एक घटना पुलिस के मानवीय चेहरे को उजागर कर उसकी शान भी बढ़ा रही है। दरअसल यहां ई-रिक्शा पर शिकायत लेकर पहुंचे दिव्यांग भाई बहन को देख एसएचओ खुद अपनी कुर्सी से उठाकर शिकायत सुनने उनके पास तक पहुंच गए। शिकायत गंभीरता से सुनी और उसके निराकरण के लिए अधीनस्थों को निर्देशित किया। किसी ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। एसएचओ की यह मानवतावादी कार्यशैली चर्चा का विषय बनी हुई है।


कटघर थाना के महबुल्लागंज निवासी मोनू पैर से दिव्यांग हैं। परिवार में मां, एक बहन और एक भाई समेत कुल चार लोग दिव्यांग हैं। जबकि बड़ा भाई ठीकठाक है। बीते दिन मोनू और उसकी दिव्यांग बहन ई-रिक्शा में सवार होकर कटघर थाने पर पहुंचे। थाने के अंदर घुसने के बाद भाई-बहन के लिए ई-रिक्शा से उतर कर एसएचओ ऑफिस तक जाना चुनौती भरा था। इसी बीच एसएचओ राजेश सिंह सोलंकी की नजर उन पर पड़ गई। दिव्यांग फरियादियों को देख एसएचओ राजेश सिंह सोलंकी अपनी कुर्सी से उठकर खुद ई-रिक्शा के पास पहुंच गए और दिव्यांग भाई बहन की शिकायत सुनी।


 दोनों ने बताया कि बड़ा भाई आए दिन शराब पीकर मारपीट करता है। उस पर कार्रवाई की जाए। इस पर एसएचओ ने पूछा कि शिकायत कैसे लिखोगे तो दिव्यांग भाई-बहन ने कहा कि लिखना नहीं आता है। इसके बाद एसएचओ महिला सिपाही को बुलाकर निर्देश दिए कि इनकी शिकायत लिख कर ले लो। बाद में एसएचओ ने कार्रवाई का आश्वासन देकर दोनों को थाने से विदा किया। वहां मौजूद कुछ लोगों ने पूरे घटनाक्रम की वीडियो बना ली जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। वीडियो वायरल होने के बाद लोग कटघर एसएचओ के सरल व्यवहार और मानवतावादी कार्यशैली की प्रशंसा कर रहे हैं।?

आजमगढ़ की नगर पालिका के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सरफराज अहमद मंसूर का लोगो ने किया स्वागत


 आजमगढ़ की नगर पालिका के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सरफराज अहमद मंसूर का लोगो ने किया स्वागत 


उत्तर प्रदेश आज़मगढ़ की नगर पालिका के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सरफराज अहमद मंसूर का सरायमीर प्रेस कार्यालय पर वसीसिद्दीकी सम्पदाक जनहित पत्रिकि के नेतृत्व मे रविवार को देर शाम माला पहनाकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर भारी संख्या मे कस्बे व पास पड़ोस के गांवों के लोगों ने माला पहनाकर स्वागत किया गया और मिठाइयां खिलाई गयी।


इस अवसर पर प्रेस प्रतिनिधियों से बात करते हुऐ कहा कि हमारी प्राथमिकता शहर मे सफाई और स्वच्छ पेय जल लोगों को मिले उसी के साथ जन भावनाओं का आदर करते हुऐ उनकी हर समस्याओं कि निदान करना हमारी प्राथमिकता होगी। तकरीबन 10 सालों से साफ ,सफाई, कीचड़ से भरी नालियों जैसी मूलभूत सुविधाओं से लोग बंचित रहे मेरी पहली प्राथमिकता सफाई, शुध्द पेय जल का आभाव रहा है। ऐसे में इनको खतम कर स्वच्छ वातावरण देना मेरी प्राथमिकता होगी।


सरायमीर मेरी जन्म स्थलीय है और कर्म स्थली आजमगढ़ है ऐसे मे मेरा जुडाव दोनो जगहो से है।मुझे जिताने में मेरे चाहने वाले और आजमगढ़ की जनता का शुक्रिया आदा करता हूं। अल्लाह, भगवान,गाड से दुआ करता हूं कि जिस तरह का प्यार और वोट देकर जिताया मैं आप लोगों के आकांक्षाओं पर खरा उतरूं। नगर के हर ब्यक्ति के लिए मेरे दरवाजे 24 घण्टे खुले है हर समस्याओं मे आप के साथ खड़ा रहूंगा।


इस अवसर पर सगीर अहमद,जिकरूल्लाह,कैलाश सोनकर,खिचड़ू,आसिफ अंसारी,अलीमुल्लाह अंसारी,शबाज़ आलम,इश्तियाक अहमद, ज़ाहिद प्रधान, नज़रुल इस्लाम,अनीस अहमद , सहित भारी संख्या मे लोग मौजूद रहे।



आजमगढ़ सरायमीर से अबुलबशर आजमी की रिपोर्ट