आजमगढ़ देवगांव 50 लाख की जमीन पर धोखाधड़ी, वारिसों के नाम हटाकर दूसरों के पक्ष में दर्ज
महिला ने जिलाधिकारी से की FIR की मांग, लेखपाल की मिलीभगत का आरोप
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के देवगांव थाना क्षेत्र के ग्राम रेतवा चंद्रभानपुर निवासी सर्वजीता ने अपने पति की 50 लाख रुपये से अधिक कीमत की जमीन पर कब्जे की साजिश का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र सौंपा है। आरोप लगाया है कि स्थानीय प्रभावशाली लोगों ने राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी कर वारिसों के नाम हटवाकर जमीन अपने पक्ष में दर्ज करा ली। सर्वजीता के अनुसार, करीब 10 दिन पहले गांव के जितेंद्र मिश्रा, उदयभान तिवारी, संतोष तिवारी और गढ़ौली निवासी रजनीकांत त्रिपाठी ने उनकी जमीन पर बाउंड्री बनाने की कोशिश की। मना करने पर असलहा दिखाकर धमकाया गया और कहा गया कि जमीन अब संतोष तिवारी के परिवार की है। सर्वजीता ने तहसील में रिकॉर्ड जांचा तो पता चला कि 9 जनवरी 2014 के राजस्व निरीक्षक के आदेश पर रवि शंकर, संतोष, हेमंत, अमित, शांति और बासमती के नाम वारिस के रूप में दर्ज कर दिए गए, जबकि असली वारिस सर्वजीता और उनके पुत्र रामनाथ, राजनाथ, देवनाथ हैं।
सर्वजीता ने आरोप लगाया कि हल्का लेखपाल की मिलीभगत से कागजातों में फर्जीवाड़ा किया गया। जमीन पर लगे पेड़-पौधे भी उनके द्वारा रोपित हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से सभी आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की है, ताकि न्याय मिल सके।

