Sunday, 7 December 2025

आजमगढ़ कंधरापुर जमीनी विवाद में एएनएम के पति की गोली मारकर हत्या, मौके पर पहुंचे एसपी


 आजमगढ़ कंधरापुर जमीनी विवाद में एएनएम के पति की गोली मारकर हत्या, मौके पर पहुंचे एसपी



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के कंधरापुर थाना क्षेत्र के जुनेदगंज बाइपास स्थित श्याम हॉस्पिटल के पास शनिवार शाम करीब 7 बजे बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने एक युवक को गोली मार दी। गोली लगते ही युवक मौके पर गिर पड़ा और हमलावर फरार हो गए। स्थानीय लोगों ने उसे तुरंत एंबुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान रौनापार थाना क्षेत्र के मारा कर्मनाथ पट्टी गांव निवासी रजनीश उर्फ राजू पांडेय (उम्र 40 वर्ष) के रूप में हुई है।


 वह जिला महिला अस्पताल में तैनात एएनएम रंजना पांडेय के पति थे। रजनीश शनिवार शाम अपने गांव से बाइक पर जिला मुख्यालय आ रहे थे। जैसे ही वह जुनेदगंज बाइपास के पास पुलिया पर पहुंचे, पीछे से आई बाइक पर सवार बदमाशों ने उन्हें नजदीक से गोली मार दी। गोली उनके दाहिने कंधे में लगी।


 घटना की सूचना मिलते ही मृतक की पत्नी रंजना पांडेय अस्पताल पहुंचीं और रोते-बिलखते कुछ लोगों पर जमीनी विवाद को लेकर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया। सूचना पर पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार और सीओ सिटी शुभम तोदी सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। एसपी ने स्वयं घटनास्थल का मुआयना किया और फॉरेंसिक टीम को बुलाया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।


 पुलिस का प्राथमिक अनुमान है कि हत्या का कारण जमीनी विवाद हो सकता है। आरोपी की तलाश में पुलिस ने कई टीम गठित कर दी गई हैं और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। फिलहाल क्षेत्र में तनाव को देखते हुए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। मामले की गहन जांच की जा रही है।

आजमगढ़ फूलपुर अंतरजनपदीय टप्पेबाज गैंग के 4 शातिर ठग गिरफ्तार, 4 लाख के गहने- 2 लाख 90 हजार रुपये नकद बरामद अवैध तमंचा-कारतूस सहित 3 लग्जरी कारें जब्त रायबरेली का परिवार चलाता था पूरा गैंग, महिलाओं को झाड़-फूंक का लालच देकर करते थे ठगी


 आजमगढ़ फूलपुर अंतरजनपदीय टप्पेबाज गैंग के 4 शातिर ठग गिरफ्तार, 4 लाख के गहने- 2 लाख 90 हजार रुपये नकद बरामद




अवैध तमंचा-कारतूस सहित 3 लग्जरी कारें जब्त


रायबरेली का परिवार चलाता था पूरा गैंग, महिलाओं को झाड़-फूंक का लालच देकर करते थे ठगी



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के फूलपुर थाना पुलिस और स्वाट टीम ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक अंतरजनपदीय टप्पेबाज गिरोह के चार शातिर सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये ठग विशेष रूप से महिलाओं को झाड़-फूंक, तंत्र-मंत्र और बीमारी ठीक करने का झांसा देकर सोने-चांदी के गहने और नकदी ठग लेते थे। पुलिस ने इनके कब्जे से लगभग 4 लाख रुपये के सोने के आभूषण, 2 लाख 90 हजार रुपये नकद, एक अवैध तमंचा 315 बोर सहित जिंदा कारतूस, तीन लग्जरी कारें और चार मोबाइल फोन बरामद किए हैं।


 गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रायबरेली जिले के बछरावां थाना क्षेत्र निवासी मोहम्मद सलीम उर्फ बब्लू, उसकी पत्नी रुकसाना, मोहम्मद कलीम और असगर अली के रूप में हुई है। ये सभी एक ही परिवार और मोहल्ले के रहने वाले हैं। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वे आजमगढ़, बलिया, मऊ, बस्ती, हरदोई, लखनऊ सहित कई जिलों में दर्जनों ठगी की वारदातें कर चुके हैं। मुख्य आरोपी सलीम उर्फ बब्लू और असगर अली का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। दोनों के खिलाफ ठगी, धोखाधड़ी और रिसीविंग स्टोलन प्रॉपर्टी के 10-10 से अधिक मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज बताए गये हैं। 


पुलिस के मुताबिक बीते 20 नवंबर 2025 को फूलपुर कस्बा निवासी आशा देवी को ठगों ने झांसे में लेकर उनका मंगलसूत्र, सोने की चेन, झुमका आदि गहने और 15-20 हजार रुपये ठग लिए थे। इसी केस की पड़ताल के दौरान पुलिस को गैंग के ठिकाने का पता चला और शनिवार सुबह करीब 4:05 बजे खानजहांपुर पुलिस बूथ के पास बिलारमऊ-चिरैया मोड़ पर घेराबंदी कर चारों को दबोच लिया गया। आरोपियों ने बताया कि ठगी में महिलाओं को फंसाने में दिक्कत होने पर रुकसाना आगे आकर विश्वास जीतती थी और बाकी सदस्य मौका पाकर गहने-नकदी लेकर फरार हो जाते थे। ये लोग हर वारदात के लिए गाड़ियां बदलते थे ताकि पुलिस को शक न हो। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने पूरी टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।

आजमगढ़ देवगांव, हत्या मामले में मुख्य आरोपी राणा प्रताप को उम्रकैद, 6 आरोपी बरी 7 अप्रैल 2019 को मसीरपुर में हुआ था खूनी संघर्ष, 8 गवाहों की गवाही के बाद आया फैसला


 आजमगढ़ देवगांव, हत्या मामले में मुख्य आरोपी राणा प्रताप को उम्रकैद, 6 आरोपी बरी


7 अप्रैल 2019 को मसीरपुर में हुआ था खूनी संघर्ष, 8 गवाहों की गवाही के बाद आया फैसला


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में निर्माण कार्य रोकने के विवाद में पड़ोसी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। करीब साढ़े छह साल बाद विशेष सत्र न्यायाधीश विजय कुमार वर्मा की अदालत ने शनिवार को मुख्य आरोपी राणा प्रताप सिंह को आजीवन कारावास और 65 हजार रुपये जुमार्ने की सजा सुनाई, जबकि सबूतों के अभाव में बाकी छह आरोपियों को बरी कर दिया। 


अभियोजन के अनुसार, थाना देवगांव क्षेत्र के मसीरपुर गांव निवासी जय प्रकाश सिंह अपने घर पर बारजे का निर्माण करा रहे थे। सुबह करीब 10 बजे पड़ोसी राणा प्रताप सिंह ने काम रुकवा दिया। इस पर जय प्रकाश और उनके छोटे भाई अनिल सिंह ने एतराज जताया तो बात बिगड़ गई। राणा प्रताप सिंह ने अपने भाई विजय प्रताप, बेटे नितेश, चचेरे भाइयों योगेश, ज्ञानेश, ओमप्रकाश और साथी अखिलेश सिंह उर्फ पप्पू के साथ मिलकर ईंट-पत्थर चलाए और असलहों से फायरिंग शुरू कर दी। राणा प्रताप ने निशाना साधकर अनिल सिंह को गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हमले में परिवार के कई अन्य लोग भी गंभीर रूप से घायल हुए थे। पुलिस ने जांच के बाद सभी सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।


 अभियोजन की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता निर्मल कुमार शर्मा व ओमप्रकाश सिंह ने कुल आठ गवाहों को अदालत में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की लंबी बहस के बाद अदालत ने राणा प्रताप सिंह को दोषी मानते हुए उम्रकैद और 65 हजार रुपये जुमार्ने की सजा सुनाई। जुमार्ने की आधी राशि मृतक अनिल सिंह के वारिसान को देने का भी आदेश दिया गया। पर्याप्त साक्ष्य न मिलने के कारण विजय प्रताप, नितेश, योगेश, ज्ञानेश, ओमप्रकाश और अखिलेश सिंह उर्फ पप्पू को अदालत ने बरी कर दिया।