Friday, 12 December 2025

आजमगढ़ जिला अस्पताल से उम्रकैद का कैदी फरार, पुलिस को दिया चकमा पाइल्स की बीमारी का इलाज कराने आए कैदी ने टॉयलेट जाने के बहाने भाग निकला


 आजमगढ़ जिला अस्पताल से उम्रकैद का कैदी फरार, पुलिस को दिया चकमा



पाइल्स की बीमारी का इलाज कराने आए कैदी ने टॉयलेट जाने के बहाने भाग निकला



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में मंडलीय कारागार का एक उम्रकैद का कैदी जिला अस्पताल से पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। फरार कैदी की पहचान उदय उर्फ गुजराती (मूल निवासी - अहमदाबाद, गुजरात) के रूप में हुई है। वर्तमान में उसका पता गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र बताया जा रहा है। उदय को गोरखपुर में हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। 


मिली जानकारी के अनुसार प्रशासनिक आधार पर उसे 6 सितंबर 2021 को गोरखपुर जेल से आजमगढ़ मंडलीय कारागार ट्रांसफर कर दिया गया था। तब से वह पिछले चार वर्षों से यहीं बंद था।कैदी की पुरानी बीमारी (पाइल्स) के कारण उसका इलाज चल रहा था। उसे हर 15 दिन में खून चढ़ाना पड़ता था। इसी सिलसिले में 5 दिन पहले उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज तड़के करीब 3:30 बजे उदय टॉयलेट जाने के बहाने उठा और मौके का फायदा उठाकर अस्पताल से फरार हो गया। काफी देर तक जब वह वापस नहीं लौटा तो ड्यूटी पर तैनात दो जेल वार्डन उसे तलाशने लगे। 


जब काफी खोजबीन के बाद भी पता नहीं चला तो मामले की सूचना जेल प्रशासन को दी गई। सूचना मिलते ही जेल के वरिष्ठ अधिकारी अस्पताल पहुंचे और तलाशी अभियान चलाया, लेकिन कैदी का कोई सुराग नहीं मिला। आखिरकार कोतवाली पुलिस थाने में अज्ञात समय में भागने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जेल अधिकारियों के अनुसार, फरार कैदी गंभीर रूप से बीमार है और उसे हर पखवाड़े ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ती है। जल्द ही उसकी हालत बिगड़ सकती है, जिससे पुलिस को उम्मीद है कि वह जल्द पकड़ा जा सकता है।

गोरखपुर 4 गर्लफ्रेंड वाले फर्जी आईएएस ने जब एसडीएम को जड़ा थप्पड़ AI से मिनटों में बनाता था फर्जी सरकारी दस्तावेज, 4 राज्यों में फैला था नेटवर्क


 गोरखपुर 4 गर्लफ्रेंड वाले फर्जी आईएएस ने जब एसडीएम को जड़ा थप्पड़



AI से मिनटों में बनाता था फर्जी सरकारी दस्तावेज, 4 राज्यों में फैला था नेटवर्क


उत्तर प्रदेश, गोरखपुर, सरकारी टेंडर दिलाने के नाम पर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश में करोड़ों रुपये की ठगी करने वाला फर्जी IAS ललित किशोर उर्फ गौरव कुमार सिंह गिरफ्त में है। पुलिस के अनुसार आरोपी ने अब तक 40 से अधिक लोगों को अपना शिकार बनाया और करीब 5 करोड़ रुपये व दो इनोवा कारें ठग लीं।आरोपी गौरव सफेद रंग की इनोवा क्रिस्टा कार पर लाल-नीली बत्ती लगवाकर घूमता था। उसके साथ 10-15 लोगों का दल रहता था – कुछ बॉडीगार्ड बनकर और कुछ फाइलें लेकर। गोरखपुर के भटहट क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल में भी उसने IAS बनकर निरीक्षण किया था। शिक्षकों ने जब पूछताछ की तो उसने कहा कि केंद्र सरकार ने उसे 18 जिलों की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा है।


 पुलिस पूछताछ में गौरव ने कबूल किया कि एक बार बिहार के एक असली सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) ने उससे रैंक और बैच पूछ लिया था। जवाब में उसने SDM को दो थप्पड़ जड़ दिए। शर्मिंदगी के कारण उस SDM ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई। शुरुआत में गौरव नकली ID और कागजात बाहर से बनवाता था, लेकिन AI तकनीक आने के बाद वह खुद ही मिनटों में अखबार की फर्जी कतरनें, सरकारी पत्र, टेंडर नोटिस और प्रोजेक्ट फाइलें तैयार करने लगा। उसका साला अभिषेक कुमार, जो सॉफ्टवेयर व एडिटिंग में माहिर है, इस काम में उसका मुख्य सहयोगी था। सोशल मीडिया पर IAS बनकर गौरव ने कई लड़कियों से दोस्ती की और चार गर्लफ्रेंड बना लीं। उसके फोन से बरामद चैट में तीन लड़कियों के गर्भवती होने की पुष्टि हुई है। इनमें तीन लड़कियां गोरखपुर की बताई जा रही हैं। किसी को भी उसकी शादी और असली पहचान के बारे में पता नहीं था।


 SP सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि आरोपी का नेटवर्क उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश में फैला हुआ था। कई बिल्डरों और कारोबारियों को नौकरी व सरकारी ठेकों का लालच देकर ठगी की गई। बरामद दस्तावेज और फोन डेटा से नए खुलासे हो रहे हैं। बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश पुलिस से संपर्क किया गया है। जल्द ही गिरोह के बाकी सदस्य भी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।

गोरखपुर सीएम योगी के काफिले के आगे अचानक आ गई बस इंस्पेक्टर-दरोगा लाइन हाजिर, 50 से अधिक पुलिसकर्मी जांच के दायरे में


 गोरखपुर सीएम योगी के काफिले के आगे अचानक आ गई बस


इंस्पेक्टर-दरोगा लाइन हाजिर, 50 से अधिक पुलिसकर्मी जांच के दायरे में



उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा व्यवस्था में एक बार फिर बड़ी चूक सामने आई है। 4 दिसंबर 2025 को गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र में सीएम के काफिले के ठीक आगे अचानक एक प्राइवेट बस आ जाने से असुरन चौराहे के पास काफिले को कुछ सेकंड के लिए रोकना पड़ा। घटना को अत्यंत गंभीर मानते हुए एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने तत्काल कार्रवाई करते हुए शाहपुर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नीरज राय और असुरन चौकी इंचार्ज दरोगा रविंद्र चौबे को लाइन हाजिर कर दिया है। साथ ही बेलीपार थानाध्यक्ष, सीओ बांसगांव और एसपी ट्रैफिक की फाइलें भी खोल दी गई हैं। सूत्रों के अनुसार इस मामले में 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी जांच के दायरे में हैं। सभी की उस दिन की ड्यूटी, तैनाती, मौके पर मौजूदगी और ब्लू बुक सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन की गहन जांच की जा रही है। पूरे प्रकरण की जांच एसपी सिटी को सौंपी गई है।


पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा से जुड़े ब्लू बुक प्रोटोकॉल का मामूली उल्लंघन भी बड़ी सुरक्षा चूक माना जाता है, इसलिए जवाबदेही तय करना जरूरी है। गौरतलब है कि इसी साल जुलाई में भी गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे उद्घाटन के दौरान सीएम के कार्यक्रम में सुरक्षा तैयारी में चूक पाई गई थी। उस मामले में खजनी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अर्चना सिंह को हटा दिया गया था और सीओ खजनी के खिलाफ जांच चल रही है। पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।