आजमगढ़ सदर मण्डलायुक्त ने 12 अधिकारियों का रोका वेतन
तहसील दिवस में औचक निरीक्षण के दौरान मिले थे अनुपस्थित, नो वर्क नो पे के सिद्धान्त पर की कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद के मण्डलायुक्त विवेक तथा डीआईजी सुनील कुमार सिंह ने शनिवार को तहसील सदर में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कुल 12 अधिकारी अनुपस्थित मिले। मण्डलायुक्त ने इस स्थिति पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए अनुपस्थित अधिकारियों का इस आशय का स्पष्टीकरण प्राप्त करने हेतु निर्देशित किया कि नो वर्क, नो पे के सिद्धान्त के तहत उनका वेतन अवरुद्ध करते हुए उनकी अनाधिकृत अनुपस्थिति को उनकी सेवा में व्यवधान क्यों न माना जाय।
अनुपस्थित अधिकारियों में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियन्ता, विद्युत विभाग के सहायक अभियन्ता, सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी नगर क्षेत्र, खण्ड शिक्षा अधिकारी रानी की सराय, बीडीओ पल्हनी, बीडीओ रानी की सराय, बीडीओ सठियांव, सहायक विकास अधिकारी कृषि, चकबन्दी अधिकारी जहानागंज, चकबन्दी अधिकारी सठियांव तथा चकबन्दी अधिकारी सगड़ी सम्मिलित हैं। मण्डलायुक्त एवं डीआईजी ने इस अवसर पर आमजन से रूबरू होकर उनकी समस्याओं को भी सुना तथा समस्याओं का गुणवत्तापूर्ण निस्तरण समय सीमा के अन्दर अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कराये जाने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया। आमजन से समस्याओं की सुनवाई के दौरान ग्राम परसूपुर निवासी एक व्यक्ति द्वारा अवगत कराया गया कि गांव की नवीन परती पर अवैध अतिक्रमण किया गया है, जिसे अतिक्रमणमुक्त कराने हेतु मा. उच्च न्यायालय द्वारा 6 माह पूर्व आदेश पारित किया गया है, परन्तु लगातार प्रयास के बाद भी उक्त भूमि को अतिक्रमणमुक्त नहीं कराया गया है।
मण्डलायुक्त ने इस स्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उपजिलाधिकारी, सदर नरेन्द्र कुमार गंगवार को निर्देश दिया कि प्रकरण में सम्बन्धित लेखपाल की भूमिका की जॉंच कर आख्या दें। इसी प्रकार कस्बा मुबारकपुर निवासी मुहम्मद सालिम द्वारा इस आशय का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया कि उनके द्वारा अपने तीन बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र हेतु गत फरवरी माह में आवेदन किया गया है, जिस पर उपजिलाधिकारी, सदर द्वारा ईओ मुबारकपुर से रिपोर्ट मांगी गयी, परन्तु बार-बार नगर पालिका कार्यालय से सम्पर्क किए जाने के बावजूद कई माह बाद भी नगर पालिका परिषद मुबारकपुर से कोई रिपोर्ट नहीं भेजी गयी है।
मण्डलायुक्त विवेक ने इसे गंभीरता लेते हुए उपलिाधिकारी सदर को निर्देशित किया कि मामले की जॉंच कर दोषी कार्मिकों को चिन्हित करें तथा तीन दिन के अन्दर आख्या दें। जन समस्याओं की सुनवाई के दौरान ग्राम दूधनारा निवासी अशोक द्वार प्रार्थना पत्र दिया गया कि उपजिलाधिकारी के न्यायालय से आदेश पारित होने के उपरान्त भी बार-बार सम्पर्क किए जाने बाद भी राजस्व निरीक्षक व लेखपाल द्वारा पत्थर नसब की कार्यवाही नहीं की जा रही है, जिसके नतीजे में उनकी जमीन खाली पड़ी हुई है तथा उन्हें काफी नुक्सान उठाना पड़ रहा है। गत मई माह से प्रकरण लम्बित मिलने पर मण्डलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त किया तथा एसडीएम को त्वरित निस्तारण कराये जाने का निर्देश दिया।
इस दौरान दोनों अधिकारियों के समक्ष राजस्व के 47, पुलिस के 4 तथा विकास से सम्बन्धित एक प्रार्थना कुल 53 प्रार्थना प्रस्तुत किये गये। मण्डलायुक्त व डीआईजी द्वारा 6 शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण कराया गया। सम्पूर्ण समाधान दिवस में डीआईजी सुनील कुमार सिंह ने पुलिस से सम्बन्धित मामलों की सुनवाई किया तथा आगामी दिनों के पड़ने वाले त्योहारों, प्रतियोगी परीक्षाओं आदि अवसरों पर क्षेत्र में शांति व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु थाना प्रभारियों को निर्देशित किया।