Tuesday 18 April 2023

आजमगढ़ 7 अपराधियों की खोली गई हिस्ट्रीशीट गोवध, हत्या के प्रयास, दुष्कर्म, धोखाधड़ी से सम्बन्धित मामले में हैं वांछित


 आजमगढ़ 7 अपराधियों की खोली गई हिस्ट्रीशीट


गोवध, हत्या के प्रयास, दुष्कर्म, धोखाधड़ी से सम्बन्धित मामले में हैं वांछित


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने गोवध, हत्या के प्रयास, दुष्कर्म, धोखाधड़ी से सम्बन्धित मामले में वांछित 07 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली है। 


ये अपराधी देवगांव , जुबैर पुत्र मुस्तकीम उर्फ लंगड़ कसाई निवासी कस्बा देवगांव, आजमगढ़ (गोवध), 

देवगांव, महताब आलम पुत्र समशुद्दीन निवासी कटौली कला, थाना देवगांव, आजमगढ़ (गोवध),

 सिधारी- गुड्डू गोरिया पुत्र शहनवाज उर्फ बुद्दू निवासी गौथ्रयाना मजरे कटघर, थाना सिधारी, आजमगढ़ (दुष्कर्म),

 सिधारी- कैलाश यादव पुत्र राम सकल यादव निवासी पल्हनी, थाना सिधारी, आजमगढ़ (दुष्कर्म), 

बिलरियागंज- मुहम्मद आजमगढ़ उर्फ सब्बू पुत्र मो0 मौलाना, मुहम्मदपुर, थाना- बिलरियागंज, आजमगढ़ (गोवध),

 बिलरियागंज- शलीम पुत्र शोएब निवासी जयरामपुर, थाना- बिलरियागंज, आजमगढ़ (गोवध), 

कोतवाली- काजी मुहम्मद अरशद पुत्र स्व0 काजी मुहम्मद वाफी निवासी आसिफगंज, थाना कोतवाली, आजमगढ़ (धोखाधड़ी) शामिल हैं।

प्रयागराज अतीक के वकील के घर के पास बम से हमला दहशत में इलाके के लोग, जांच में जुटी पुलिस


 प्रयागराज अतीक के वकील के घर के पास बम से हमला


दहशत में इलाके के लोग, जांच में जुटी पुलिस


उत्तर प्रदेश प्रयागराज माफिया अतीक अहमद और अशरफ के हत्याकांड के बाद प्रयागराज से एक और सनसनीखेज खबर सामने आ रही है। अतीक अहमद के वकीलों में से एक के घर के पास मंगलवार को एक गली में देसी बम फेंका गया। इस घटना से लोगों में दहशत का माहौल है।


 बताया जा रहा है कि दहशत फैलाने के उद्देश्य से बम फेंका गया है, जिसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। कर्नलगंज पुलिस मामले की जांच में जुटी है। जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज के कटरा गोबर गली में देसी बम फेंका गया है। इलाके में छोटू यादव नाम का शख्स रहता है उसी से हर्षित सोनकर नाम के लड़के का विवाद हुआ था। आरोप है कि हर्षित ने ही छोटू को निशाना बनाकर बम चलाया, विजय मिश्रा का इस विवाद से कोई लेना-देना नहीं है।


 पुलिस इलाके के चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए है। साथ ही वहां की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। कर्नलगंज पुलिस स्टेशन के एसएचओ राम मोहन राय का कहना है कि अतीक के वकील दयाशंकर मिश्रा निशाने पर नहीं थे और यह घटना दो युवकों के बीच दुश्मनी का नतीजा थी। हालांकि, वकील ने दावा किया कि यह भय और आतंक पैदा करने की कोशिश थी।

आजमगढ़ फेसबुक पर विदेशी महिला बन ठगी करने वाले गैंग के 3 सदस्य गिरफ्तार साइबर क्राइम पुलिस ने बिहार के नालंदा से दबोचा


 आजमगढ़ फेसबुक पर विदेशी महिला बन ठगी करने वाले गैंग के 3 सदस्य गिरफ्तार


साइबर क्राइम पुलिस ने बिहार के नालंदा से दबोचा


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ साइबर क्राइम पुलिस ने फेसबुक पर विदेशी महिला बनकर लोगो से दोस्ती कर महंगे गिफ्ट व करोड़ो रुपये देने के बहाने 18 लाख की साइबर ठगी करने वाले गैंग के 03 साइबर अपराधियों को नालन्दा बिहार से गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही पुलिस ने बैंक खातो में मौजूद 11 लाख रु0 फ्रीज़ किया और 05 मोबाइल फ़ोन भी बरामद किया है। पुलिस के अनुसार, सिधारी थाना क्षेत्र के राजेश कुमार ने 19 अक्टूबर 2022 को शिकायत किया कि फेसबुक पर विदेशी महिला लूसी चार्लोट ने दोस्ती कर 25,000 यूके पौंड व महंगे उपहार देने के नाम पर मुझसे करीब 18 लाख रूपये की धोखाधड़ी कर ली। इस तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की। विवेचना से नवादा व नालन्दा बिहार अंतर्राज्यीय साइबर गैंग के 5 आरोपियों का नाम प्रकाश में आया था।


जिसमे एक आरोपी सौरभ कुमार निवासी वारिसलिनगंज को पूर्व में गिरफ्तार किया गया था। जबकि मौके पर चार आरोपी फरार होने में कामयाब हो गए थे। रविवार को फरार आरोपी रिपेश कुमार उर्फ़ बिट्टू पुत्र रंजय कुमार निवासी ग्राम सुन्दरपुर, दिलीप कुमार पुत्र नीरू राउत निवासी ग्राम मायापुर व रौशन कुमार उर्फ़ कारू पुत्र स्व0 उदय नारायण प्रसाद निवासी ग्राम पांची को गिरफ्तार किया गया। जबकि एक आरोपी रिपान्शु कुमार पुत्र मुद्रिका प्रसाद निवासी मिरबिघा चकवे थाना वारिसलिन गंज फरार हो गया। पूछताछ में ज्ञात हुआ कि रिपेश कुमार उर्फ़ बिट्टू थाना कतरी सराय जिला नालंदा बिहार जो पूर्व में साइबर अपराध में जेल जा चुका है, जो विदेशी महिला बनकर गिफ्ट फ्रॉड व फाइनेंस के नाम पर अपने साथी दिलीप कुमार, रौशन व रिपंशु कुमार के साथ मिलकर विदेशी महिला बनकर फेसबुक पर दोस्ती कर यूके पौंड व महंगे उपहार देने के नाम पर अधिवक्ता शुल्क, कस्टम शुल्क, फाइल शुल्क इत्यादि के नाम पर करीब 18 लाख रूपये की साइबर धोखाधड़ी की गयी थी। 


गिरफ्तार करने वाले टीम में प्रभारी निरीक्षक विमल प्रकाश राय, सब इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार, मुख्य आरक्षी मनीष सिंह, का0 सभाजीत मौर्या, का० संजय कुमार व महिपाल यादव शामिल रहे।

प्रयागराज चिट्ठी आएगी हड़कंप मचाएगी सीलबंद लिफाफे में कैद अतीक-अशरफ की हत्या का राज सीएम योगी और सीजेआई के पास पहुंचेगी


 प्रयागराज चिट्ठी आएगी हड़कंप मचाएगी


सीलबंद लिफाफे में कैद अतीक-अशरफ की हत्या का राज


सीएम योगी और सीजेआई के पास पहुंचेगी


प्रयागराज अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ हत्याकांड ने न केवल यूपी बल्कि देश की राजनीति को गरमा दिया है। दोनों की हत्या को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है तो सरकार मामले के लिए जांच टीम गठित कर चुकी है। इस बीच चर्चा है कि जल्द ही अशरफ की एक गुप्त चिट्ठी मुख्य न्यायधीश और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच सकती है, इसमें उसका नाम है जिसने अशरफ और अतीक पर हमला करवाया। दरअसल इस बात को और मजबूती तब मिली जब अतीक के वकील विजय मिश्रा ने कहा कि जल्द ही योगी आदित्यनाथ के पास एक सीलबंद चिट्ठी पहुंचेगी। इसमें अतीक और अशरफ को मरवाने वाले का नाम लिखा होगा। अशरफ मुझसे बोला था अगर उसकी हत्या हो जाती है तो यह बंद लिफाफा चीफ जस्टिस और सीएम योगी आदित्यनाथ के  पास पहुंच जाएगा।


बीते 29 मार्च को अशरफ को पुलिस एक मुकदमे की पेशी के दौरान प्रयागराज में थी। इसके बाद वह वापस आधी रात को बरेली जिला पहुंचता है। इस दौरान अशरफ ने पत्रकारों से कहा था कि एक पुलिस अधिकारी ने उसको धमकी दी है कि अगले दो सप्ताह में हत्या कर दी जाएगी। ऐसा हुआ तो उस अधिकारी का नाम लिखा बंद लिफाफा अदालत के सामने खुलेगा। हाईकोर्ट का आदेश है कि किसी भी केस की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराई जा सकती है। फिर भी उसे और उसके भाई को जेल से निकाला गया। जेल में हत्या की आशंका को लेकर अशरफ ने कहा था कि मुझे जेल में नहीं बल्कि बाहर खतरा है और अंत में हुआ भी वही।


उमेश पाल हत्याकांड में पूछताछ के लिए रिमांड पर लिए गए माफिया अतीक अहमद और अशरफ ही हत्या पुलिस की लापरवाही का नतीजा मानी जा रही है। उसकी तरफ से हर कदम पर चूक हुई। साबरमती जेल से माफिया अतीक और बरेली जेल से लाए गए अशरफ को कस्टडी रिमांड पर लिए जाने के बाद सुरक्षा की अनदेखी से कई सवाल खड़े हो गए हैं। रिमांड के दौरान जहां, माफिया और उसके भाई के वकील को भी सौ मीटर दूर रहने की इजाजत कोर्ट ने दी थी, वहां मेडिकल मुआयने से पहले अस्पताल गेट पर मीडियाकर्मियों को सवाल करने की छूट कैसे दी गई? इसका जवाब ढूंढ़ा जा रहा है।


जिस माफिया अतीक की पेशी के दौरान सुरक्षा में एक हजार से अधिक पुलिस-पीएसी और आरएएफ के जवान लगाए जा रहे थे, जेल से बायोमीट्रिक लॉक वाली प्रिजन वैन में लाया जाता था, उसे दो दिन से धूमनगंज पुलिस थाने की साधारण जीप में लेकर घूमती रही। इतना ही नहीं उमेश पाल हत्याकांड में प्रयुक्त असलहों की बरामदगी के लिए कसारी-मसारी के जंगल में भी पुलिस अतीक-अशरफ को लेकर जीप से ही टहलती देखी गई। इस दौरान एक ही हथकड़ी की चेन में दोनों भाइयों के हाथ बांध कर घुमाया जाता रहा। सीजेएम कोर्ट ने दोनों की रिमांड मंजूर करते हुए अपने आदेश में लिखा है कि न्यायिक अभिरक्षा से विवेचक की पुलिस कस्टडी में लेने से पहले और फिर पुलिस अभिरक्षा से न्यायिक अभिरक्षा में सौंपते समय दोनों का चिकित्सकीय परीक्षण और कोरोना जांच कराई जाएगी। लेकिन, तीन दिन से लगातार रात को पुलिस चिकित्सकीय परीक्षण के लिए लेकर अतीक-अशरफ को पहुंचती रही।


ऐसे में बार-बार चिकित्सकीय परीक्षण कराने की वजहों को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बिना औचित्य के कॉल्विन अस्पताल में चिकित्सकीय परीक्षण के लिए माफिया अतीक और उसके भाई को लेकर जाने के सवाल पर धूमनगंज के इंस्पेक्टर राजेश कुमार मौर्य का कहना था कि उनकी तबीयत खराब हो गई थी। जबकि अस्पताल के गेट पर शूटआउट से चंद सेकंड पहले तक अतीक सहज तरीके से बात करता नजर आ रहा था।