Monday 8 August 2022

पूर्व बाहुबली सांसद उमाकांत यादव को उम्रकैद की सजा 27 साल पहले जीआरपी कांस्टेबल की गोलियों से भूनकर की थी हत्या


 पूर्व बाहुबली सांसद उमाकांत यादव को उम्रकैद की सजा


27 साल पहले जीआरपी कांस्टेबल की गोलियों से भूनकर की थी हत्या



उत्तर प्रदेश जौनपुर कोर्ट ने सोमवार को पूर्व सांसद उमाकांत यादव और उनके छह साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 5 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। ये सजा उन्हें 27 साल पहले हुए जीआरपी कॉन्स्टेबल हत्याकांड में सुनाई गई है।



 पूर्वांचल की राजनीति में उमाकांत यादव बहुचर्चित सियासी चेहरा हैं। उनका नाम गेस्ट हाउस कांड में भी सामने आया था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट संख्या 3 में सोमवार को लगभग शाम 3 बजे जज शरद कुमार त्रिपाठी ने सजा के मामले पर आधे घंटे बहस सुनी। जज शरद कुमार त्रिपाठी ने कैपिटल जजमेंट 4 बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया। इसके बाद उमाकान्त यादव अन्य आरोपियों के साथ पुलिस अभिरक्षा में कचहरी परिसर में वकील के चैम्बर में चले गए। इस दौरान मीडिया के सामने मुस्कुराते हुए फोटो भी खिंचवाई।मामला 27 साल पुराना है।


 4 फरवरी 1995 को जौनपुर के शाहगंज स्टेशन पर दो पक्षों में विवाद हो गया। जीआरपी चौकी को सूचना दी गई कि प्लेटफार्म 1 पर बेंच पर बैठने को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हो गया है। उनमें से एक व्यक्ति खुद को विधायक उमाकांत यादव का ड्राइवर राजकुमार बता रहा था। कहासुनी हुई तो ड्राइवर ने जीआरपी के सिपाही रघुनाथ सिंह को थप्पड़ जड़ दिया। अन्य सिपाहियों की मदद से राजकुमार को जीआरपी चौकी में लाकर बन्द किया गया।



किसी ने इस बात की सूचना उमाकान्त यादव को दी। आरोप है कि असलहे से लैस होकर उमाकान्त अपने गनर बच्चूलाल, पीआरडी जवान सूबेदार, धर्मराज, महेंद्र और सभाजीत के साथ पहुंच गए। इन सभी के हाथों में रिवॉल्वर, कार्बाइन रायफल और देसी तमंचा था। जीआरपी लॉकअप के सामने उमाकान्त ने सभी को ललकार कर गोलियां चलाने को कहा। इसके बाद स्टेशन पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू हो गयी। इस दौरान भगदड़ और दहशत मच गई। फायरिंग की चपेट में आने से जीआरपी कॉन्स्टेबल अजय सिंह ने मौके पर दम तोड़ दिया। वहीं गोली लगने से सिपाही लल्लन सिंह और रेलवे कर्मचारी निर्मल और यात्री भरत लाल गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दौरान उमाकान्त अपने साथी को लॉकअप से निकाल कर फरार हो गए। कॉन्स्टेबल रघुनाथ सिंह ने घटना को लेकर एफआईआर दर्ज कर कराई थी। पुलिस ने हत्या, हत्या के प्रयास सहित 10 गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। 


इस मामले में छानबीन शुरू की गई। इसकी विवेचना सीबीसीआईडी को भी सौंपी गई। जीआरपी कॉन्स्टेबल अजय सिंह की हत्या का मामला कोर्ट में 27 साल चला। मामले में दौरान लगभग 598 बार सुनवाई हुई।



 सरकारी अधिवक्ता लाल बहादुर पाल और सीबीसीआईडी के सरकारी वकील मृत्युंजय सिंह ने इस मामले में 19 गवाहों को भी पेश कराया। गवाही के दौरान कांस्टेबल लल्लन सिंह पक्षद्रोही घोषित हो गया।

मंत्री संजय निषाद की विधायकी पर लटकी कानून की तलवार, गैर जमानती वारंट जारी


 मंत्री संजय निषाद की विधायकी पर लटकी कानून की तलवार, गैर जमानती वारंट जारी


गोरखपुर  यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को अदालत ने आर्म्स एक्ट के मामले में दोषी करार दिया है जिसके बाद उनकी विधायकी पर कानून की तलवार लटक रही है। इधर, योगी सरकार के एक और वरिष्ठ मंत्री डॉ. संजय निषाद के खिलाफ गोरखपुर की अदालत से गैर जमानती वारंट जारी हो गया है। यह वारंट उसी कसरवल कांड के मामले में जारी हुआ है जिसकी वजह से डॉ.संजय निषाद यूपी में निषादों के नेता बने।


वारंट के मामले में अदालत से यदि उन्हे राहत नहीं मिलती है तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। उनके खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। सीजेएम जगन्नाथ ने मत्स्य पालन मंत्री को 10 अगस्त तक गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। आदेश को अमल में लाने की जिम्मेदारी गोरखपुर की शाहपुर पुलिस को दी गई है।



उधर, शनिवार को कोर्ट से हुए आदेश की कॉपी करीब दो किमी की दूरी पर स्थित शाहपुर थाने पर रविवार तक नहीं पहुंच पाई थी। इंस्पेक्टर शाहपुर रणधीर मिश्र ने बताया है कि अभी उन्हें आदेश की कापी नहीं मिली है सोमवार को कापी मिलेने की उम्मीद है उसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।



गोरखपुर और संतकबीरनगर की सीमा पर स्थित कसरवल में साल-2015 के जून महीने में यह कांड हुआ था। सरकारी नौकरियों में निषादों को पांच फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के बैनर तले गोरखपुर-सहजनवा रेलवे लाइन पर कसरवल के पास अचानक सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे और ट्रेन का चक्का जाम कर दिया। 



राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के संयोजक डॉ.संजय निषाद की अगुवाई में यह आंदोलन हुआ था। इस आंदोलन की तैयारी इतनी गोपनीय थी कि इसकी जानकारी रेलवे प्रशासन, पुलिस-प्रशासन को तब हुई जब कसरवल में सैकड़ों की भीड़ इकह्वा हो गई। यह भीड़ प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आई थी। भीड़ देखकर अफसर घबरा गए। गोरखपुर और संतकबीरनगर जिले की पुलिस और आरपीएफ ने आंदोलनकारियों को समझा-बुझाकर रेल ट्रैक खाली कराने का प्रयास किया तो बवाल हो गया। पुलिस पर पथराव शुरू हो गया गोलियां चलीं। तोड़फोड़ और आगजनी शुरू हो गई।



आंदोलन में शामिल 22 साल के एक युवक की मौत हो गई थी। पथराव में गोरखपुर के तत्कालीन डीआईजी और संतकबीरनगर के एसपी सहित 30 से अधिक पुलिस कर्मचारी भी घायल हो गए थे। इस मामले में संजय निषाद सहित 36 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने एक-एक करके सभी को गिरफ्तार किया। संजय निषाद ने कोर्ट में सरेंडर किया।



 निषाद पार्टी के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद ने एक बयान जारी कर कहा है कि निषाद आरक्षण ममले में सीजेएम कोर्ट गोरखपुर द्वारा जारी वारंट की जानकारी उन्हें मीडिया के माध्यम से मिली है। कहा है कि अभी वह आंध्र प्रदेश में हैं। 10 अगस्त को न्यायालय में उपस्थित होकर पक्ष रखेंगे। वर्ष 2015 में निषाद भाइयों पर हुई बर्बरता के बाद तत्कालीन सपा सरकार द्वारा लादे गए फर्जी मुकदमों में न्यायपालिका न्याय करेगी। यह भी कहा है कि समाज के हक के लिए वह अंतिम समय तक लड़ने के साथ ही जेल में रहने को भी तैयार हैं।

बरेली महिला नेत्री का अवैध तमंचों के साथ फोटो वायरल पुलिस भाजपा नेत्री की तलाश में जुटी


 बरेली महिला नेत्री का अवैध तमंचों के साथ फोटो वायरल


पुलिस भाजपा नेत्री की तलाश में जुटी 



उत्तर प्रदेश बरेली तमंचे के साथ भाजपा नेत्री की फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई। देखते ही देखते लोग फोटो पर प्रतिक्रिया देने लगे। फोटो में भाजपा नेत्री दो तमंचे के साथ दिख रही है। 


एक तमंचा उसके हाथ में है जबकि दूसरा तमंचा उसके पास में रखा है। वायरल होते फोटो को किसी ने ट्वीट किया। ट्वीट करते हुए बाकायदा बरेली पुलिस, डीजीपी, यूपी पुलिस, एडीजी बरेली, आइजी बरेली को टैग किया। लिखा गया कि अवैध तमंचे के साथ दिखने वाली युवती का नाम काजल ठाकुर है। वह भाजपा नेत्री है। यही कारण है कि पुलिस उस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। ट्वीट कर अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की गई। 



सोशल मीडिया पर वायरल ट्विट में यह भी बताया गया कि काजल ठाकुर मूल रूप से पीलीभीत के सुनगढ़ी स्थित नौगवां पकड़िया की है, जो वर्तमान में बारादरी क्षेत्र में रह रही है। ट्वीट के बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई। अधिकारियों ने बारादरी पुलिस को संबंधित पर कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद बारादरी पुलिस भाजपा नेत्री की तलाश में जुट गई है।

नोएडा गालीबाज श्रीकांत के अवैध निर्माण पर चला हथौड़ा और बुलडोजर महिला से गुंडागर्दी करने पर योगी सरकार की सख्ती


 नोएडा गालीबाज श्रीकांत के अवैध निर्माण पर चला हथौड़ा और बुलडोजर


महिला से गुंडागर्दी करने पर योगी सरकार की सख्ती



उत्तर प्रदेश नोएडा की एक सोसायटी में महिला से गुंडागर्दी करने वाले श्रीकांत त्यागी पर योगी सरकार की सख्ती शुरू हो गई है।


 सोमवार को सोसायटी में नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी मजदूरों के साथ पहुंचे और श्रीकांत के अवैध निर्माण पर हथौड़ा चलाया गया। इसके बाद तुरंत बुलडोजर भी पहुंच गए और श्रीकांत त्यागी के अवैध निर्माण को ध्वस्त किया। अब तक श्रीकांत की ओर से धमकाई जाती रहीं महिलाओं ने ताली बजाकर इसका स्वागत किया।



नोएडा की एक पॉश सोसाइटी में महिला के साथ गालीगलौच और धक्कामुक्की करने का आरोपी श्रीकांत त्यागी सुर्खियों में आ गया है। भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े हुए बताए जा रहे श्रीकांत त्यागी की एक महिला के साथ अतिक्रमण को लेकर कहासुनी हो गई। 



इस दौरान त्यागी ने भद्दी गालियों की बरसात करते हुए हाथ भी उठाने की कोशिश की। हालांकि बीजेपी ने श्रीकांत त्यागी से पल्ला झाड़ते हुए किसी भी सदस्यता को लेकर सिरे से इनकार किया है। इस बीच पुलिस ने आरोपी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। श्रीकांत का विवादों के साथ पुराना नाता है। ढाई साल पहले लखनऊ में श्रीकांत त्यागी की पत्नी ने उन्हें गर्लफ्रेंड के साथ रंगेहाथों पकड़ा था, जिसपर जमकर हंगामा हुआ था।

साल 2020 के फरवरी महीने में लखनऊ के एक थाने में बैठे श्रीकांत त्यागी की खबर भी मीडिया की हेडलाइंस बनी थी। उनके साथ पत्नी और गर्लफ्रेंड भी थीं। उन लोगों में मारपीट भी हुई थी। गोमतीनगर विस्तार के ग्रीनवुड अपार्टमेंट में श्रीकांत त्यागी के फ्लैट से महिला मित्र को उतरता देख उनकी पत्नी और बच्चे आग-बबूला हो गए। इस दौरान कथित रूप से दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक और मारपीट भी हुई। गोमतीनगर पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले आई। थाने पर देर रात तक हंगामा होता रहा। दोनों पक्षों की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

लखनऊ योगी सरकार की सख्ती : 79 लाख फर्जी खातों को बंद करने के आदेश विभिन्न लाभार्थी योजनाओं में बड़े पैमाने पर हो रही थी जालसाजी, बचेंगे 8062 करोड़


 लखनऊ योगी सरकार की सख्ती : 79 लाख फर्जी खातों को बंद करने के आदेश



विभिन्न लाभार्थी योजनाओं में बड़े पैमाने पर हो रही थी जालसाजी, बचेंगे 8062 करोड़



लखनऊ केंद्र और राज्य सरकार की ओर से प्रदेश की करीब 34 फीसदी से ज्यादा आबादी के लिए चल रहीं विभिन्न लाभार्थी योजनाओं में बड़े पैमाने पर जालसाजी का खुलासा हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न लाभार्थी योजनाओं की स्क्रीनिंग में पता चला है कि पूर्ववर्ती सरकारों में जालसाज साठगांठ कर सरकार को करीब 8062 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगा रहे थे। यह रकम 79 लाख से ज्यादा ऐसे बैंक खातों में जा रही थी, जिनका कुछ अता-पता नहीं था। राज्य सरकार ने ऐसे सभी फर्जी खातों में रकम भेजने पर रोक लगा दी है।



प्रदेश सरकार केंद्र व राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित 30 विभागों की लगभग 167 लाभार्थी योजनाएं चला रही है। इन विभागों में समाज कल्याण, खाद एवं रसद, मत्स्य, चिकित्सा शिक्षा, श्रम, परिवार कल्याण , महिला कल्याण आदि शामिल हैं।



 योगी सरकार आने के बाद सीधे बैंक खातों में यानी डीबीटी के जरिये रकम देने का सिलसिला शुरू हुआ। राज्य सरकार के निर्देश पर बीते पांच सालों में लगातार सामूहिक केवाईसी, राशन कार्डों की जांच, पेंशन खातों के साथ छात्रवृत्ति की जांच के बाद बैंकों द्वारा दी जाने लगी। अब तक की जांच में पता चला है कि सिर्फ 11 विभागों की योजनाओं में ही पिछली सरकारों में 8062 करोड़ रुपये की गड़बड़ी हुई थी। नतीजतन, राज्य सरकार ने 79 लाख 8 हजार 682 लोगों के फर्जी खातों में योजनाओं की रकम भेजने पर रोक लगा दी। यह बीते पांच साल की लगातार निगरानी के चलते हुआ।

मैनपुरी सपा नेता पर जानलेवा हमला कार सहित आधा किमी घसीट ले गया कंटेनर चालक


 मैनपुरी सपा नेता पर जानलेवा हमला



कार सहित आधा किमी घसीट ले गया कंटेनर चालक



मैनपुरी समाजवादी पार्टी के निवर्तमान जिला अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव पर रविवार रात एक जानलेवा हमला हुआ। शहर के भदावर हाउस के पास उनकी कार में ट्रक चालक ने पहले पीछे से टक्कर मारी और फिर लगभग आधा किलोमीटर तक कार को घसीटते हुए ले गया। हमले में वे बाल-बाल बच गए। वहीं आरोपी ट्रक चालक को पुलिस ने हिरासत में लिया है।



रविवार को रात करीब आठ बजे के करीब सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव आवास विकास स्थित पार्टी कार्यालय से करहल रोड स्थित अपने घर लौट रहे थे। जैसे ही वे शहर में भदावर हाउस के पास पहुंचे तभी एक ट्रक चालक ने उनकी विटारा ब्रीजा कार में पहले साइड से टक्कर मारी, किसी तरह देवेंद्र सिंह यादव ने गाड़ी को संभाला और आगे चलने लगे।

इसी बीच फिर एक बार ट्रक चालक ने पीछे से दौड़ाकर कार में टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि गाड़ी सड़क पर ही घूम गई। चालक ने ट्रक को रोकने की बजाए ट्रक को गाड़ी समेत दौड़ाना शुरू कर दिया। इसके चलते सपा जिलाध्यक्ष की गाड़ी ट्रक के साथ लगभग आधा किलोमीटर तक घिसटती रही।

जब ट्रक करहल चौराहे पर पहुंचा तो आगे एक और ट्रक खड़ा होने के चलते मजबूरन उसे ट्रक रोकना पड़ा। तब तक आसपास के लोग भी दौड़ कर घटनास्थल की ओर पहुंच गए चौराहे पर तैनात पुलिस ने चालक को हिरासत में लिया है। इस घटना में सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष बाल बाल बचे। सूचना पाकर सपा के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए।



पुलिस मामले की जांच में जुटी है फिलहाल थाने में कोई तहरीर नहीं दी गई है। देवेंद्र सिंह यादव ने बताया कि उन पर जानलेवा हमला किया गया है। किसी तरह वे हमले में बच गए। वे जल्द ही थाने में तहरीर देकर एफआईआर दर्ज कराएंगे।