Wednesday 17 May 2023

उत्तर प्रदेश लखनऊ 15 एसीपी का ट्रांसफर, देखें लिस्ट कौन कहां भेजा गया


 उत्तर प्रदेश लखनऊ 15 एसीपी का ट्रांसफर, देखें लिस्ट कौन कहां भेजा गया


लखनऊ यूपी में तबादलों का सिलसिला जारी है। राजधानी लखनऊ में पुलिस कमिश्नर ने बुधवार को 15 सहायक पुलिस आयुक्तों (एसीपी) के कार्यक्षेत्रों में बदलाव किया है। सुनील कुमार शर्मा को एसीपी चौक बनाया गया वह इससे पहले बाजारखाला के एसीपी थे। राजकुमार सिंह को एसीपी बाजारखाला बनाए गए। राजकुमार इससे पहले मोहनलालगंज के एसीपी थे। वही, अनूप कुमार सिंह एसीपी काकोरी बनाए गए। दिलीप कुमार सिंह एसीपी गाजीपुर बनाए गए।


देखें नए एसीपी तैनाती की लिस्ट


सुनील कुमार शर्मा एसीपी चौक बनाए गए, राजकुमार सिंह एसीपी बाजारखाला बनाए गए, अनूप कुमार सिंह एसीपी काकोरी बनाए गए, दिलीप कुमार सिंह एसीपी गाजीपुर बनाए गए, विजयराज सिंह एसीपी कार्यालय का काम देखेंगे, नितिन कुमार सिंह एसीपी मोहनलालगंज बने, अनिरुद्ध विक्रम सिंह एसीपी विभूतिखंड बनाए गए, अभय प्रताप मल्ल एसीपी लेखा बनाए गए हैं, अभय के पास एसीपी ट्रैफिक का भी अतिरिक्त प्रभार, अभिनव एसीपी कैंट, सैफुद्दीन बेग एसीपी कानून व्यवस्था, शिवाजी सिंह एसीपी ट्रैफिक बनाए गए हैं, स्वाति चौधरी एसीपी गोमतीनगर, डायल 112 का अतिरिक्त प्रभार, वीरेंद्र विक्रम सहायक पुलिस आयुक्त मलिहाबाद बने, अमित कुमावत सहायक पुलिस आयुक्त गोसाईंगंज, धर्मेंद्र सिंह रघुवंशी सहायक पुलिस आयुक्त बीकेटी।

जौनपुर कोर्ट परिसर में फायरिंग मामले मे दरोगा सहित 6 पुलिसकर्मी निलंबित संदिग्ध आरोपियों की तलाश में कई गांवों में पुलिस ने दी दबिश

जौनपुर कोर्ट परिसर में फायरिंग मामले मे दरोगा सहित 6 पुलिसकर्मी निलंबित


संदिग्ध आरोपियों की तलाश में कई गांवों में पुलिस ने दी दबिश


उत्तर प्रदेश जौनपुर दीवानी न्यायालय परिसर में लॉकअप से न्यायालय में पेशी के लिए ले जाते समय दो बंदियों को गोली मारे जाने के मामले में पुलिस कर्मियों की लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। गोली मारने वाला आरोपी असलहा लेकर कचहरी परिसर में कैसे पहुंचा, यह बड़ा सवाल है। जबकि गेट पर ही मेटल डिटेक्टर तक लगाया गया है। प्रारंभिक जांच के आधार पर लापरवाही सामने आने पर न्यायालय सुरक्षा में लगे छह पुलिस कर्मियों को एसपी डॉ. अजय पाल शर्मा ने मंगलवार की रात में निलंबित कर दिया। उधर, पुलिस ने आरोपी श्रवण यादव के खिलाफ लाइन बाजार थाने में मुकदमा भी दर्ज कर लिया।


मंगलवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे पहलवान उर्फ बादल यादव हत्या के मामले में दो आरोपियों को जिला कारागार से न्यायालय में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। बड़ा सवाल उठ रहा है कि आखिर श्रवण यादव के पास असलहा कहां से आया। वहीं असलहे के साथ आरोपी को कचहरी में प्रवेश करने के मामले में वहां तैनात पुलिस कर्मियों की लापरवाही मानी गई है। अपर पुलिस अधीक्षक शहर बृजेश कुमार ने बताया कि न्यायालय सुरक्षा में तैनात छह पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। प्राथमिक रूप से इनकी लापरवाही मानी गई है। एक उप निरीक्षक कालीचरण कन्नौजिया, मुख्य आरक्षी संतोष कुमार गुप्ता, संजय यादव, जय किरण सोनकर, अनिल चौहान, अर्चना मौर्य को निलंबित किया गया है।


करीब एक साल पहले छह मई 2022 को हुए बादल हत्याकांड के प्रतिशोध में बादल के भाई श्रवण यादव ने मंगलवार को दीवानी न्यायालय परिसर में दो आरोपियों पर गोली चला दी। उस घटना के बाद श्रवण को तो पकड़ लिया गया, लेकिन जिन्होने श्रवण को असलहा पहुंचाया था, या इस मामले में सहयोग किया था उसे पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। इस मामले में संदिग्धों की तलाश में मंगलवार की रात में पुलिस ने गौराबादशाहपुर क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में दबिश दिया। इस दौरान कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है।

 

आजमगढ़ सरायमीर पुलिस के हत्थे चढ़े 2 ईनामी गैंगस्टर गिरफ्तार परवेज व नसीम के खिलाफ दर्ज हैं कई मामले


 आजमगढ़ सरायमीर पुलिस के हत्थे चढ़े 2 ईनामी गैंगस्टर


गिरफ्तार परवेज व नसीम के खिलाफ दर्ज हैं कई मामले



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन हथियाने के मामले में आरोपित लोगों के खिलाफ प्रशासन द्वारा की गई गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई के बाद सभी के खिलाफ ईनाम घोषित किए जाने उनकी गिरफ्तारी के लिए जुटी पुलिस को आखिरकार बुधवार को सफलता तब मिली जब 25-25 हजार के दो ईनामी अपराधी कानून के शिकंजे में फंस गए। दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।


बताते हैं कि सरायमीर थाना क्षेत्र के गोकुलपुर ग्राम निवासी परिक्षित सिंह पुत्र स्व० प्रकाश नरायन सिंह द्वारा विगत 19 जुलाई 2019 को फर्जी दस्तावेज तैयार कर पुश्तैनी जमीन का किसी दूसरे को बैनामा कर देने के आरोप में नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इस मामले में गोकुलपुर ग्राम निवासी महेंद्र प्रताप पुत्र रामचरित्तर, दिवाकर सिंह पुत्र जिलेदार सिंह तथा शेरवां ग्राम निवासी परवेज अहमद पुत्र अशफाक अहमद एवं नसीम अहमद पुत्र मैनुद्दीन को नामजद किया गया है। 


पुलिस विवेचना में आरोपियों के खिलाफ कई संगीन मामले दर्ज होने की जानकारी के उपरांत प्रशासन ने सभी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई किया। साथ ही पुलिस अधीक्षक ने फरार चल रहे परवेज और नसीम की गिरफ्तारी के लिए उन पर 25-25 हजार रुपए पुरस्कार घोषित कर दिया। ईनाम घोषित आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जुटी पुलिस ने बुधवार की सुबह सूचना मिलने पर क्षेत्र के बस्ती नहर पुलिया के समीप परवेज और नसीम को गिरफ्तार कर लिया। सरायमीर पुलिस ने एसटीएफ के उपनिरीक्षक जावेद आलम की मदद से गिरफ्तारी में कामयाबी पाई है।

आजमगढ़ फूलपुर फरार आरोपी के घर कुर्की की नोटिस चस्पा


 आजमगढ़ फूलपुर फरार आरोपी के घर कुर्की की नोटिस चस्पा



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ दहेज अधिनियम के मामले में फरार चल रहे आरोपी के खिलाफ न्यायालय से सीआरपीसी की धारा 82 के तहत जारी की गई कुर्की की चेतावनी नोटिस को फूलपुर कोतवाली पुलिस ने बुधवार को आरोपी के घर चस्पा करते हुए क्षेत्र में मुनादी कराई। 


बताते चलें कि फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के वजीराबाद निवासी मन्दूलाल पुत्र सीताराम यादव के खिलाफ दहेज अधिनियम के साथ ही अन्य कई धाराओं में मुकदमा दर्ज है। आरोपी लंबे समय से फरार चल रहा है। इस संबंध में उसके खिलाफ न्यायालय से कुर्की की चेतावनी नोटिस जारी की गई है। फूलपुर कोतवाली पुलिस ने आरोपी के घर नोटिस चस्पा करते हुए उसकी गिरफ्तारी के लिए क्षेत्र में मुनादी कराई।

बरेली नाबालिग कातिलों ने बताया सनसनीखेज सच मेरी प्रेमिका से बढ़ाया मेलजोल.... इसलिए काट दी गर्दन


 बरेली नाबालिग कातिलों ने बताया सनसनीखेज सच


मेरी प्रेमिका से बढ़ाया मेलजोल.... इसलिए काट दी गर्दन


उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से सनसनीखेज वारदात सामने आई है। आंवला थाना इलाके के गांव दिगोही के रहने वाले 14 साल के सोनू की उसके दो नाबालिग दोस्तों ने गला काटकर हत्या कर दी। सुबह सोनू का शव गांव के बाहर तालाब किनारे पड़ा मिला। पिता ने दो किशोरों पर हत्या का शक जताकर रिपोर्ट कराई। पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो आरोपियों ने घटना स्वीकार कर ली। मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा है। दिगोही निवासी प्रमोद श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार रात नौ बजे सोनू के मोबाइल पर किसी ने कॉल की।


बाद में सोनू के दो दोस्त आए और उसे बुलाकर ले गए। रातभर सोनू वापस नहीं आया। रातभर परिजन उसे खोजते रहे, लेकिन उसका पता नहीं लगा। मंगलवार की सुबह सोनू की मां वर्षा देवी और मौसी नैना शौच के लिए गईं तो देखा कि तालाब किनारे सोनू का लहूलुहान शव पड़ा था। उसकी गर्दन कटी हुई थी। पास में उसके दोस्त का खून से सना अंगोछा पड़ा था। एक कुल्हाड़ी व खुरपी भी मिली। 


पूर्व प्रधान चंद्रपाल को सूचना देकर पुलिस बुलाई गई। कोतवाल ओपी गौतम व सीओ दीपशिखा ने घटनास्थल की पड़ताल की। पीड़ित परिवार से जानकारी की। परिजनों ने किसी से रंजिश से इनकार किया है। रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने शाम को सोनू के दोनों दोस्तों को पकड़ लिया। सख्ती से पूछताछ करने पर दोनों ने हत्या की बात स्वीकार कर ली। एक लड़की को लेकर दोस्तों में विवाद था। उन्होंने शौच के बहाने सोनू को बुलाया और कहासुनी के बाद हत्या कर दी। जांच में सामने आया कि सोनू की हत्या के बाद गांव के कुछ लोग घुमंतू परिवारों को फंसाना चाहते थे पर कॉल रिकॉर्ड और कुछ अन्य साक्ष्यों ने कहानी बदल दी। असली आरोपी पकड़े गए तो प्रेम त्रिकोण में हत्या की बात सामने आई। पुलिस ने खोजी कुत्ते को घटनास्थल के पास घुमाया। सोनू की मुट्ठी में घास दबी थी। मौके पर संघर्ष के निशान देखकर पुलिस को लगा कि हत्यारे के दिल में सोनू के प्रति गहरी नफरत जरूर रही होगी। सोनू ज्यादा पढ़ा-लिखा या पैसे वाला नहीं था, इसलिए रुपये के लेनदेन या कोई अन्य दुश्मनी का मतलब भी नहीं रह गया था।


कुछ लोगों ने बताया कि घुमंतू परिवार की एक लड़की से सोनू की दोस्ती थी। इसे लेकर डेरे वाले सोनू से पहले झगड़ा कर चुके थे। तब पुलिस ने डेरे से दो लोगों को उठा लिया। थाने में पूछताछ के दौरान पुलिस को सोनू के दोस्तों के बारे में सुराग मिला। सर्विलांस ने शक को और पुख्ता किया तो सोनू के दोनों दोस्त पकड़ लिए। दोनों में से एक उसी लड़की का पूर्व प्रेमी था जो इन दिनों सोनू के संपर्क में थी। उसने बताया कि उसकी प्रेमिका सोनू के ज्यादा नजदीक आ गई थी। उसने दोनों को चेतावनी दी थी पर वे नहीं सुधर रहे थे। तब अपने दूसरे साथी की मदद से सोनू को कॉल करके बुलाया। शौच के बहाने कुछ देर बातें करते रहे और फिर सोनू की हत्या करके फरार हो गए।