Monday, 8 December 2025

उत्तर प्रदेश में आईएएस अधिकारियों को नए साल पर बड़ी सौगात, 24 को मिलेगी पदोन्नति 2001 बैच के 4 अधिकारी बनेंगे प्रमुख सचिव, 2010 बैच के 20 अधिकारी बनेंगे सचिव, दुर्गा शक्ति नागपाल भी शामिल


 उत्तर प्रदेश में आईएएस अधिकारियों को नए साल पर बड़ी सौगात, 24 को मिलेगी पदोन्नति



2001 बैच के 4 अधिकारी बनेंगे प्रमुख सचिव, 2010 बैच के 20 अधिकारी बनेंगे सचिव, दुर्गा शक्ति नागपाल भी शामिल



लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने नए साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी 2026 से आईएएस अधिकारियों को बड़ी पदोन्नति देने का फैसला किया है। मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में हुई डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (डीपीसी) में 2001 बैच के चार और 2010 बैच के 20 आईएएस अधिकारियों के नाम फाइनल कर लिए गए हैं। 25 वर्ष की बेदाग सेवा पूरी करने पर 2001 बैच के निम्नलिखित चार आईएएस अधिकारियों को प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नत किया जाएगा जिसमें शशि भूषण लाल सुशील (वर्तमान में देवीपाटन मंडलायुक्त), अजय कुमार शुक्ला (सचिव, नगर विकास), अपर्णा यू (सचिव, चिकित्सा शिक्षा), एसवीएस रंगाराव (सदस्य, राजस्व बोर्ड) शामिल हैं।


16 वर्ष की सेवा पूरी करने पर 2010 बैच के 20 आईएएस अधिकारियों को विशेष सचिव से सचिव के पद पर पदोन्नति मिलेगी। इस बैच में चर्चित अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल वर्तमान में लखीमपुर खीरी की डीएम हैं, जबकि बाकी अधिकारी या तो विशेष सचिव हैं या सचिव स्तर का प्रभार संभाल रहे हैं। 


इसके अलावा 2013 बैच को सलेक्शन ग्रेड और 2017 बैच को एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड पे देने के प्रस्ताव पर भी सहमति बनी। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग जल्द ही पदोन्नति आदेश जारी करेगा, जो 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगे। उत्तर प्रदेश में हर साल दिसंबर में आईएएस कैडर की वार्षिक डीपीसी होती है, जिससे नए साल में अधिकारियों को नई जिम्मेदारी मिल सके।

आजमगढ़ एसएसपी डॉक्टर अनिल कुमार को मानवाधिकार की नोटिस कथित एनकाउंटर पर उठे सवाल, 23 जनवरी तक मांगी आख्या


 आजमगढ़ एसएसपी डॉक्टर अनिल कुमार को मानवाधिकार की नोटिस



कथित एनकाउंटर पर उठे सवाल, 23 जनवरी तक मांगी आख्या



आजमगढ़, उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग ने आजमगढ़ जिले के कंधरापुर थाना क्षेत्र में 30 नवंबर को हुई एक कथित पुलिस मुठभेड़ की घटना पर संज्ञान लेते हुए एसएसपी आजमगढ़ से जवाब तलब किया है। यह कार्रवाई समाजसेवी एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की शिकायत पर की गई है।


 शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जौनपुर जिले के थाना खुटहन क्षेत्र के ग्राम पटैला निवासी परवेज पुत्र मुनीर अहमद को 30 नवंबर की सुबह पुलिसकर्मी जिला अस्पताल आजमगढ़ के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. महेंद्र कुमार के पास लेकर आए और उसे सड़क दुर्घटना (RTA) में घायल व्यक्ति बताया। मेडिकल जांच में परवेज की दाहिनी कमर पर दो गोली के घाव मिले। इसके बाद डॉक्टर पर अपनी मेडिकल रिपोर्ट बदलकर इसे सड़क दुर्घटना दिखाने का भारी दबाव डाला गया, लेकिन डॉ. महेंद्र कुमार ने दबाव में आने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने परवेज को अन्तर्जनपदीय अपराधी व पशु तस्कर बताते हुए यह दावा किया कि एनकाउंटर में उसे 2-3 गोली लगीं और उसके पास से 18 मवेशी बरामद हुए। साथ ही उसके कब्जे से एक पिस्टल, एक जिंदा कारतूस और एक खोखा कारतूस भी बरामद दिखाया गया।


आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी आजमगढ़ को निर्देश दिया है कि वे शिकायतकर्ता अमिताभ ठाकुर को उचित अवसर देते हुए पूरी घटना की जांच करें और 23 जनवरी 2026 तक अपनी आख्या आयोग में प्रस्तुत करें। मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी 2026 को होगी।

आजमगढ़ में सीबीआई का छापा, बैंक प्रबंधक 20 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार चपरासी भी बिचौलिये की भूमिका में पकड़ा गया, दोनों को लखनऊ ले जाकर न्यायिक हिरासत में भेजा गया जेल किसान क्रेडिट कार्ड लोन जारी करने के नाम पर मांगे थे 25 हजार रुपये, शिकायत पर सीबीआई ने बिछाया जाल


 आजमगढ़ में सीबीआई का छापा, बैंक प्रबंधक 20 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार


चपरासी भी बिचौलिये की भूमिका में पकड़ा गया, दोनों को लखनऊ ले जाकर न्यायिक हिरासत में भेजा गया जेल 


किसान क्रेडिट कार्ड लोन जारी करने के नाम पर मांगे थे 25 हजार रुपये, शिकायत पर सीबीआई ने बिछाया जाल


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में सीबीआई की विशेष टीम ने आजमगढ़ जिले में स्थित यूपी ग्रामीण बैंक की महर्षि दुर्वाषा धाम शाखा में छापेमारी कर शाखा प्रबंधक श्रवण टंडन को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई में बैंक के चपरासी विश्राम को भी गिरफ्तार किया गया, जो कथित रूप से बिचौलिये की भूमिका निभा रहा था। 


सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, ग्राम गहजी, थाना अहिरौला निवासी शिकायतकर्ता विशाल कुमार का किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 2.25 लाख रुपये का लोन स्वीकृत हुआ था। पहली किस्त खाते में आने के बाद जब वह राशि निकालने बैंक पहुंचा, तो शाखा प्रबंधक ने चपरासी के माध्यम से 25 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की।


 शिकायत दर्ज होने के बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और विशाल कुमार को एडवांस के रूप में 20 हजार रुपये शाखा प्रबंधक को देने भेजा। जैसे ही प्रबंधक ने रिश्वत की रकम स्वीकार की, सीबीआई की टीम ने उसे और चपरासी को मौके पर ही हिरासत में ले लिया। दोनों को लखनऊ ले जाकर रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। सीबीआई ने बताया कि मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।