Thursday 21 December 2023

वाराणसी गैंगस्टर मामले में बसपा सांसद सहित 4 आरोपी बरी आरोप सिद्ध करने में विफल रहा अभियोजन पक्ष, कोर्ट ने किया दोषमुक्त


 वाराणसी गैंगस्टर मामले में बसपा सांसद सहित 4 आरोपी बरी



आरोप सिद्ध करने में विफल रहा अभियोजन पक्ष, कोर्ट ने किया दोषमुक्त



उत्तर प्रदेश वाराणसी घोसी सीट से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अतुल कुमार सिंह उर्फ अतुल राय समेत चार आरोपी गैंगस्टर के एक मामले में दोषमुक्त हो गए हैं। मामले में गुरुवार को वाराणसी कोर्ट से सभी को बरी किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि बसपा के टिकट पर अतुल राय 2019 लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर किए थे। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत ने गैंगस्टर के एक मामले मे बसपा सांसद अतुल राय समेत चार को बरी कर दिया। अदालत ने 50 पेज के फैसले में कहा कि इस प्रकरण के तथ्यों का अवलोकन करने से स्पष्ट होता है कि गैंगस्टर के अंतर्गत अभियुक्त की दोषसिद्धि हेतु अभियोजन द्वारा कोई सबूत नहीं दिया गया है। यह साबित किया जाना आवश्यक है कि अभियुक्तगण द्वारा एक गैंग संचालित किया जा रहा था, जो गैंगचार्ट में दर्शित अपराधों द्वारा आर्थिक भौतिक या अन्य लाभ अर्जित कर रहे थे। जनमानस में भय का माहौल बनाकर किसी लाभ के उद्देश्य से लोक व्यवस्था को भंग कर रहे थे।


इस मामले में अभियोजन न तो गैंग चार्ट में से दर्शित मुकदमों में एक की भी सत्यता को साबित कर सका और न ही आरोपियों द्वारा कथित अर्जित लाभ या उनके गैंग संचालन के तथ्य को साबित कर सका है। अदालत ने कहा महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि आरोपियों द्वारा विधि विरुद्ध रूप से संग्रहित किसी भी संपत्ति को डीएम द्वारा कुर्की की कारवाईं नहीं की गई। साथ ही अनुचित भौतिक या आर्थिक लाभ अर्जित करने के मामले में किसी संपत्ति का विवरण नहीं दिया गया। वादी ने भी इस बात का जिक्र अपनी तहरीर में नहीं किया है। अदालत ने समस्त साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद कहा कि अभियोजन यह साबित करने में विफल रहा कि आरोपी सुजीत सिंह उर्फ सुरजीत सिंह अपने गिरोह का सरगना है और आरोपी सांसद अतुल सिंह, अनिल कुमार मिश्र व राजन सिंह उस गिरोह के सदस्य हैं। ऐसे में चारो आरोपियों को गैगेस्टर एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप अधिनियम में बरी किया जाता है।


 अदालत में आरोपी सांसद का पक्ष अधिवक्ता अनुज यादव व दिलीप श्रीवास्तव ने रखा। अभियोजन के मुताबिक 3 अप्रैल 2009 को प्रभारी निरीक्षक मंडुआडीह धर्मवीर सिंह ने अभिलेखों का अध्ययन करने के बाद पाया कि सुजीत सिंह नाजायज गिरोहबंद किस्म का अपराधी है और नाजायज गिरोह बनाकर अपने गैंग व अन्य सदस्यों के आर्थिक, सामाजिक व भौतिक लाभ के लिए अपराध को अपना पेशा बना लिया है। सुजीत सिंह गैंग का लीडर है तथा उसके गैंग के मुख्य सदस्य अतुल सिंह, अनिल मिश्रा और राजन सिंह हैं। इन लोगों के खिलाफ चार अपराधों का जिक्र करते हुए चारों आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था। डीएम द्वारा इस मामले में 2 अप्रैल 2009 को गैंग चार्ट का अनुमोदन किया गया था और विशेष न्यायाधीश (गैंगेस्टर) की अदालत ने 14 फरवरी 2011 को आरोप पत्र का संज्ञान लिया। अभियोजन की ओर से इस मामले में कुल 19 गवाह पेश किया गया।

मैनपुरी एसपी ने इंचार्ज सहित पूरी चौकी को किया लाइन हाजिर एक के खिलाफ विभागीय जांच के लिए रिपोर्ट भेजी


 मैनपुरी एसपी ने इंचार्ज सहित पूरी चौकी को किया लाइन हाजिर



एक के खिलाफ विभागीय जांच के लिए रिपोर्ट भेजी



उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एलाऊ थाना क्षेत्र की जागीर चौकी से चोर भागने के मामले में एसपी ने बड़ी कार्रवाई की है। इंचार्ज सहित पूरी चौकी को लाइन हाजिर किया है। एक होमगार्ड के खिलाफ विभाग में रिपोर्ट भेजी है। 


एसपी विनोद कुमार ने बताया कि 17 दिसंबर को कस्बा निवासी एक संदिग्ध चोर रवि को पकड़ कर लाया गया था। इसे पूछताछ के लिए चौकी इंचार्ज दिलीप कुमार मुख्य आरक्षी दिनेश भास्तकर आरक्षी अनुज कुमार, राधा रमन और होमगार्ड वीरेंद्र सिंह चौकी ले गए थे। पूछताछ होने से पहले ही रवि चौकी से भाग गया। प्रथम दृष्टयता लापरवाही पाई गई है। इंचार्ज सहित चौकी को लाइन हाजिर कर दिया गया है। सभी के विरुद्ध विभागीय जांच की जा रही है। होमगार्ड के खिलाफ विभाग में कार्रवाई को रिपोर्ट भेजी है। भागे हुए चोर की तलाश की जा रही है।

लखनऊ मुख्यमंत्री योगी ने 3 जिलाधिकारियों से किया जवाब तलब इस मामले को लेकर जताई सख्त नाराजगी


 लखनऊ मुख्यमंत्री योगी ने 3 जिलाधिकारियों से किया जवाब तलब


इस मामले को लेकर जताई सख्त नाराजगी



उत्तर प्रदेश लखनऊ शीतलहर और ठंड के मौसम में जरूरतमंद लोगों को कंबल उपलब्ध कराने में लापरवाही पर मुख्यमंत्री ने संभल, एटा और कानपुर देहात के जिलाधिकारी को नोटिस देकर जवाब तलब किया है। प्रदेश सरकार ने शीतलहर और ठंड के मद्देनजर कंबलों की व्यवस्था के लिए सभी 75 जिलों को कुल 29 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। 72 जिलों में कंबलों की खरीद का कार्य पूरा कर लिया गया है।


 कानपुर देहात, संभल और एटा में कंबल खरीद नहीं होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी व्यक्त की है। सीएम ने निर्देश दिए हैं कि कहीं पर भी अलाव और कंबल की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कंबल की गुणवत्ता से भी किसी प्रकार का समझौता नहीं करने के निर्देश दिए हैं। 20 दिसंबर तक प्रदेश में 3,30,794 कंबलों की खरीद पूरी कर ली गई है, जबकि 45,293 कंबलों को वितरित भी किया जा चुका है। वहीं प्रदेशभर में 1,199 रैन बसेरों को संचालित किया जा चुका है। अलाव जलाने के लिए प्रति तहसील 50 हजार रुपये का बजट भी जारी किया है। उल्लेखनीय है कि राज्य आपदा मोचक निधि में शीतलहर से बचाव के लिए 120 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

आजमगढ़ 4 पुलिसकर्मी किये गये निलम्बित गंभीर लापरवाही पाये जाने पर एसपी ने की कड़ी कार्रवाई


 आजमगढ़ 4 पुलिसकर्मी किये गये निलम्बित



गंभीर लापरवाही पाये जाने पर एसपी ने की कड़ी कार्रवाई




उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जिले के सिधारी थाने में तैनात उप निरीक्षक सहित चार पुलिस कर्मियों को उच्च न्यायालय सम्बंधी प्रकरणों व चरित्र सत्यापन में लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि जनपद में उच्च न्यायालय सम्बन्धी प्रकरणों व चरित्र सत्यापन में लापरवाही बरतने वाले 04 पुलिस कर्मियों को निलम्बित कर विभागीय प्रारम्भिक जाँच संस्थापित की गयी है। जिनमें प्रधान लिपिक दुर्गेश सिंह (पुलिस कार्यालय), उप निरीक्षक मेहरे आलम थाना सिधारी, आरक्षी सत्य प्रकाश थाना सिधारी व आरक्षी धीरज गुप्ता थाना बिलरियागंज (तत्कालीन नियुक्ति थाना सिधारी) शामिल है।


 ज्ञातव्य है कि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आजमगढ़ के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को मांगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराए जाने पर 22 दिसंबर को स्पष्टीकरण के साथ तलब किया है। कोर्ट ने कहा कि दोनों अधिकारियों से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्ट करने को कहा है कि वे सरकारी वकील को मांगी गई जानकारी देने में क्यों विफल रहे। उनके इस आचरण से केस की सुनवाई अनावश्यक रूप से टालनी पड़ी। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय एवं न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने ठेकेदार बृजेंद्र यादव की याचिका पर अभिषेक यादव व आरएन यादव को सुनकर दिया है। अधिवक्ता अभिषेक यादव व आरएन यादव का कहना है कि याची जिला पंचायत सहित कई संस्थानों का ठेकेदार है। उसे पंजीकरण का नवीनीकरण करने के लिए चरित्र प्रमाणपत्र की आवश्यकता है। उसके खिलाफ कोई आपराधिक केस नहीं है। उसके भाई के खिलाफ दर्ज आपराधिक केस के कारण उसे प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जा रहा है। इससे उसका नुकसान हो रहा है। कोर्ट ने इस मामले में सरकारी वकील से जानकारी हासिल करने को कहा था।