आजमगढ़ बिजली कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार चौथे दिन भी जारी
प्रदेश भर में हजारों बिजली कर्मियों ने कार्य छोड़कर दिनभर किया विरोध प्रदर्शन।
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन के मनमाने एवं दमनकारी रवैए के चलते कार्य का वातावरण समाप्त हो चुका है। ऐसे वातावरण में बिजली कर्मियों के लिये अब कार्य कर सकना असम्भव हो गया है कई और संगठन संघर्ष समिति में हुए शामिल
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर ऊर्जा निगमों में 29 नवम्बर से प्रारम्भ अनिश्चिकालीन कार्य बहिष्कार आज चौथे दिन भी जारी रहा। प्रदेश भर में हजारों बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियन्ताओं ने काम बन्द कर दिन भर विरोध प्रदर्शन किये और ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के रवैये की तीव्र भर्त्सना की। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि जहां एक ओर ऊर्जा मंत्री ऊर्जा निगमों में कार्य का स्वस्थ और बेहतर वातावरण बनाने हेतु प्रयासरत है वही ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन का रवैया इतना स्वेच्छाचारी है कि वह ऊर्जा मंत्री के निर्देशों के अनुरूप कार्य करने हेतु तैयार नहीं है। यह स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
बिजली कर्मी मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री के लक्ष्यों के अनुरूप कार्य करने हेतु संकल्पबद्ध है किंतु ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन खासकर चेयरमैन ने निगमों में नकारात्मक एवं भय का वातावरण बना रखा है जिससे कार्य का वातावरण पूरी तरह समाप्त हो चुका है।
ऊर्जा निगमों में स्वेच्छाचारिता समाप्त करने एवं कार्य का स्वस्थ वातावरण स्थापित करने हेतु बिजलीकर्मी पूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से शान्तिपूर्ण आन्दोलन कर रहे हैं एवं कार्य बहिष्कार का आज चौथा दिन है।
ऊर्जा निगमों को स्वेच्छाचारिता व तानाशाही मुक्त कराने हेतु बिजली कर्मियों के चल रहे सफल आंदोलन में आज विद्युत मजदूर संगठन भी संघर्ष समिति में शामिल हुआ।
विद्युत मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष आर वाई शुक्ला, महामंत्री श्रीचन्द्र, पूर्व अध्यक्ष शमीम अहमद , पूर्व महामंत्री आलोक सिन्हा, पूर्व महामंत्री आर सी पाल सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ हाईडिल फील्ड हॉस्टल में आये और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति में सम्मिलित होने की घोषणा की। विद्युत मजदूर संगठन के अध्यक्ष आर वाई शुक्ला ने संघर्ष समिति की नोटिस पर हस्ताक्षर कर विद्युत मजदूर संगठन,उत्तर प्रदेश ने जारी आन्दोलन में सम्मिलित होने की सूचना अपर मुख्य सचिव एवं ऊर्जा निगम शीर्ष प्रबन्धन को दे दी है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों राज नारायण सिंह ,धरमू प्रसाद यादव ,निखिल, शेखर सिंह ,काशी गुप्ता ,वेद प्रकाश यादव आदि ने आज यहां जारी बयान में कहा कि ऊर्जा निगमों के चेयरमैन के दमनात्मक रवैए से बिजलीकर्मियों में इतना गुस्सा है कि वे इस अत्यधिक तनावपूर्ण एवं नकारात्मक माहौल में कार्य कर सकने में हतोत्साहित महसूस कर रहे हैं और दिन प्रतिदिन तमाम बिजलीकर्मी इसमें शामिल होकर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार को सफल बना रहे हैं।
बिजलीकर्मियों ने ऊर्जा मंत्री की अपील को देखते हुए कार्य बहिष्कार से उन सभी जनपदों के बिजलीकर्मियों को अलग रखा है जहाँ आदर्श चुनाव आचार संहिता लगी है। साथ ही बिजली उत्पादन घरों, पारेषण उपकेंद्रों, सिस्टम ऑपरेशन और वितरण उपकेंद्रों की शिफ्ट में कार्यरत बिजलीकर्मियों को भी कार्य बहिष्कार से अलग रखा गया है जिससे बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप्प न हो और आम जनता को तकलीफ न हो।
सभी ऊर्जा निगमों के बिजलीकर्मियों का कार्य बहिष्कार आन्दोलन पूरे प्रदेश में पूर्ण सफलता के साथ हो रहा है जिसमें भारी संख्या में बिजलीकर्मी उपस्थित हुए एवं प्रबन्धन के प्रति अपना रोष एवं आक्रोश व्यक्त किया। कार्य बहिष्कार आन्दोलन के आज चौथे दिन कई जिलों की विद्युत व्यवस्था प्रभावित हुई है जिनमें गोरखपुर, लखनऊ, आजमगढ़, बलिया, मऊ, गाजीपुर, वाराणसी, सहारनपुर, सुल्तानपुर, अयोध्या, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट, गाजियाबाद, देवीपाटन, प्रयागराज प्रमुख हैं।
संघर्ष समिति ने पुनः स्पष्ट किया कि बिजलीकर्मियों के शान्तिपूर्ण आन्दोलन से आम जनता को कोई तकलीफ न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है किन्तु जनता को हो रही परेशानी के लिए ऊर्जा निगम का शीर्ष प्रबन्धन जिम्मेदार है, जो सरकार को गुमराह कर जनता के बीच सरकार व बिजलीकर्मियों की छवि खराब कर रहे हैं।
पदाधिकारियों ने कहा कि यदि शान्तिपूर्ण आन्दोलन पर या किसी भी बिजलीकर्मी पर कोई दमनात्मक या उत्पीड़न की कार्यवाही करने की कोशिश भी की गयी तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी।