Wednesday 17 April 2024

आजमगढ़ एसपी ने 3 गिरोहों को किया सूचीबद्ध इन गैंगों में कुल 8 अपराधी हैं शामिल

 

आजमगढ़ एसपी ने 3 गिरोहों को किया सूचीबद्ध


इन गैंगों में कुल 8 अपराधी हैं शामिल



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने आपराधिक गतिविधियों एवं पशु तस्करी में चिन्हित किए गए तीन गिरोहों को पुलिस रिकार्ड में सूचीबद्ध किया है। इन गैंगों में कुल आठ अपराधी शामिल हैं। अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का संचालन कर विदेशी काल को लोकल काल में परिवर्तित कर भारतीय राजस्व को क्षति पहुंचाने वाले गिरोह के मुखिया शहर कोतवाली क्षेत्र के बाजबहादुर मोहल्ला निवासी फारुख करीम उर्फ गोल्डी एवं उसकी गैंग में शामिल शमीम अहमद निवासी ग्राम चिउटहीं, थाना गंभीरपुर, कलीम अहमद ग्राम हुसामपुर थाना निजामाबाद तथा आसिफ उर्फ मुन्ना निवासी कुरैशनगर रामबाग की गैंग को कोड नंबर डी-234 आवंटित किया गया है। 


वहीं पशु तस्करी में लिप्त गैंग के लीडर सलीम नट निवासी मोहम्मदपुर बाबूपुर थाना कोपागंज जिला मऊ एवं उसकी गैंग के सदस्यों में मोहम्मद अली एवं संदीप उर्फ आशीष गुप्ता निवासी मोहम्मदपुर बाबूपुर थाना कोपागंज,मऊ तथा सुरेन्द्र यादव निवासी ग्राम मोईनाबाद थाना क्षेत्र मुबारकपुर जनपद आजमगढ़ की गैंग का कोड नंबर- डी- 235 होगा।


 वहीं पशु तस्करी में लिप्त एक अन्य गिरोह के सरगना शमशाद निवासी ग्राम नेवादा थाना फूलपुर जनपद आजमगढ़ के साथ ही उसी गांव के रहने वाले गिरोह के सदस्य जमालुद्दीन व रेहान को पुलिस रिकार्ड में कोड नंबर डी-236 गैंग के नाम से सूचीबद्ध किया गया है।

लखनऊ गरीब को कंधा नहीं मिला तो इंस्पेक्टर और दारोगा ने उठा ली अर्थी पुलिस ने कराया दाह संस्कार


 लखनऊ गरीब को कंधा नहीं मिला तो इंस्पेक्टर और दारोगा ने उठा ली अर्थी


पुलिस ने कराया दाह संस्कार



उत्तर प्रदेश के लखनऊ पुलिस का मंगलवार को मानवीय चेहरा देखने को मिला। दरअसल हजरतगंज स्थित नेशनल कॉलेज के सामने फुटपाथ पर पत्नी और दो बच्चों के साथ जिंदगी गुजार रहे चाय विक्रेता की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। शव की अंतिम क्रिया कैसे होगी। यह सोच कर चाय विक्रेता की बीवी परेशान हो रही थी जब उसे रास्ता नहीं समझ आया तो उसने मदद के लिए इंस्पेक्टर हजरतगंज को फोन मिला कर पति की मौत के बारे में बताया। जिसके कुछ ही देर बाद इंस्पेक्टर टीम के साथ नेशनल कॉलेज के पास पहुंचे और शव को कंधा देते हुए अंतिम संस्कार के लिए बैकुंठधाम ले गए। गोंडा जिले के खमरौनी के रहने वाले 48 साल के बबलू तिवारी, बीवी सपना, 8 साल की बेटी आंचल और 9 साल के बेटे विश्वजीत के साथ राणा प्रताप मार्ग नेशनल कॉलेज के पास चाय की दुकान चलाते थे। मंगलवार तड़के बबलू की हार्ट अटैक पड़ने से मौत हो गई। पति को मरा देख बीवी जोर जोर से रोने लगी। वहीं, मां की रोने की आवाज सुनकर आंचल और विश्वजीत की नींद खुल गई। वह भी पिता का शव देख बच्चे भी रो पड़े। 


शहर में ऐसा कोई नहीं था, जिससे वह मदद मांग सके। कुछ समझ नहीं आ रहा था। इन हालात में शव की अंतिम क्रिया कैसे होगी, अर्थी को कांधा कौन देगा। यह बात सपना को परेशान कर रही थी। इस पर उसने सिपाही अभि सिंह को पूरी बात बताई। जिसके बाद परिवार पर आई विपत्ति का पता इंस्पेक्टर विक्रम सिंह को चला। वह तत्काल ही मौके पर पहुंच गए और सपना के साथ बच्चों को ढांढ़स बंधाते हुए कहा कि चिंता मत करो हम लोग हैं। बबलू की अंतिम क्रिया हिंदू पद्धति के अनुसार पूरी होगी। सामाजिक दायित्व का निर्वाहन करने के लिए इंस्पेक्टर विक्रम सिंह को आगे बढ़ते देख दरोगा और सिपाही भी उनके साथ हो लिए। बबलू तिवारी के अंतिम संस्कार के लिए सामान जुटाया गया। जिसके बाद इंस्पेक्टर दरोगा अभिषेक तिवारी, सुलतानगंज चौकी इंचार्ज आलोक, सिपाही राजकुमार और अभि सिंह के साथ शव को बैकुंठधाम ले गए। जहां पद्धतिनुसार अंतिम क्रिया पूरी कराई।

जौनपुर बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह के करीबी की बेरहमी से हत्या बरसों से साए की तरह धनंजय सिंह के साथ रहता था अनीस


 जौनपुर बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह के करीबी की बेरहमी से हत्या


बरसों से साए की तरह धनंजय सिंह के साथ रहता था अनीस



उत्तर प्रदेश जौनपुर पूर्व सांसद धनंजय सिंह के जेल जाते ही उनके समर्थकों की हत्या होनी शुरू हो गई है। मंगलवार की देर शाम बदमाशों ने धारदार हथियार से हमला कर उनके बेहद करीबी और कभी सुरक्षा में लगे रहने वाले अनीस को मौत के घाट उतार दिया। अनीस पर हमला सिकरारा थाना क्षेत्र के रीठी गांव में हुआ। हत्या की सूचना मिलने के बाद धनंजय सिंह के समर्थक और पुलिस प्रशासन जिला अस्पताल में डटे रहे। लगभग सवा महीने से धनंजय सिंह जेल में बंद हैं। वहीं उनकी पत्नी श्रीकला धनंजय सिंह को बसपा ने अपना जौनपुर से उम्मीदवार बनाया है।


 टिकट मिलने के बाद धनंजय सिंह के समर्थक चुनावी तैयारी में जुटे हुए थे कि देर शाम उनको एक बुरी खबर मिली। बरसों से धनंजय सिंह के साथ साये की तरह रहने वाले रीठी निवासी अनीस (45) कहीं से घर की तरफ आ रहे थे। गांव के पास पहले से ही घात लगाए बैठे युवकों ने उन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। चर्चा है कि इस दौरान अनीस को गोली भी मारी गई। ताबड़तोड़ हमले में अनीस वहीं लहूलुहान होकर गिर पड़े। आस-पास के लोगों ने शोर सुना तो भाग कर मौके पर पहुंचे। तब तक हमलावर फरार हो चुके थे और अनीस वहीं तड़प रहे थे। किसी तरह उनको जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन यहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। अनीस को मृत घोषित करने वाले चिकित्सक डॉ. पीके पांडेय ने बताया कि उनके शरीर पर धारदार हथियार से चोट के निशान साफ दिखाई दे रहे थे। गोली लगी है या नहीं ये एक्सरे में ही साफ हो पाएगा।


 अनीस की हत्या की खबर पूरे जिले में आग की तरफ फैल गई। देखते ही देखते थोड़ी देर में जिला अस्पताल में धनंजय समर्थकों की भीड़ जुट गई। पुलिस अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे। वहीं, एसपी डॉक्टर अजय पाल शर्मा ने भी घटनास्थल का मुआयना किया। अनीस की हत्या के बाद पुलिस ने जब प्रारंभिक जांच शुरू की तो उसमें वर्चस्व के लिए ही हत्या किए जाने की बात सामने आई है। एएसपी ग्रामीण शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अनीस को गोली और धारदार हथियार से मौत की घाट उतारा गया। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।