Wednesday 8 November 2023

आजमगढ़ पुलिस ने 2 जिलाबदर अपराधियों को किया गिरफ्तार चोरी छिपे घर में रह रहे थे अपराधी


 आजमगढ़ पुलिस ने 2 जिलाबदर अपराधियों को किया गिरफ्तार



चोरी छिपे घर में रह रहे थे अपराधी


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ पुलिस ने दो जिलाबदर अपराधियों को गिरफ्तारी किया है। बीते 29 जून को जीयनपुर कोतवाली पुलिस द्वारा गुंडा एक्ट में पाबंद किए गए अहरौली ग्राम निवासी बदरुद्दीन का आपराधिक रिकार्ड जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया। 


अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व की अदालत ने बीते 22 सितंबर को आरोपित बदरुद्दीन को छः माह के लिए जिला बदर कर दिया। मंगलवार को पुलिस को सूचना मिली कि उक्त जिलाबदर अपराधी अपने घर पर मौजूद है। पुलिस ने दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया। वहीं मुबारकपुर पुलिस ने प्रशासन द्वारा जिला बदर किए गए अपराधी फैय्याज निवासी ग्राम चिऊटहीं थाना क्षेत्र मुबारकपुर जो चोरी छिपे घर पर रह रहा था को बुधवार की सुबह उसके गांव के समीप पकड़ लिया। पुलिस ने उसके कब्जे से चाकू बरामद किया है। गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ आधा दर्जन संगीन अभियोग पंजीकृत बताए गए हैं।

कासगंज प्रियंका मिश्रा के बाद इस महिला आरक्षी ने सोशल मीडिया पर ढाया कहर ‘जिंदगी ने दी हवा, थोड़ा सा धुआं उठा’ में दिखीं मगन


 कासगंज प्रियंका मिश्रा के बाद इस महिला आरक्षी ने सोशल मीडिया पर ढाया कहर



‘जिंदगी ने दी हवा, थोड़ा सा धुआं उठा’ में दिखीं मगन


उत्तर प्रदेश में आरक्षी प्रियंका मिश्रा के बाद अब आरक्षी आरती सोलंकी का वर्दी में रील बनाते वीडियो वालरल हुआ है। वह ‘जिंदगी ने दी हवा...थोड़ा सा धुआं उठा, और आग जल गई’ गाने पर रील बनाते नजर आ रही हैं। 


वह वर्तमान में कासगंज जिले में तैनात हैं। जिले के सहावर थाने में तैनात महिला आरक्षी आरती सोलंकी का वर्दी में रील बनाते वीडियो सामने आया है। यह विभाग में चर्चा का विषय का बना हुआ। वीडियो वायरल हुआ तो एसपी सौरभ दीक्षित तक पहुंचा। उन्होंने इसका संज्ञान लेकर महिला आरक्षी को निलंबित कर दिया है। दरअसल कुछ समय पहले वर्दी में रील का वीडियो वायरल होने का मामला इतना बढ़ गया कि आरक्षी प्रियंका मिश्रा की नौकरी तक चली गई। तब से यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि आरती सोलंकी का यह वीडियो सामने आ गया। फिलहाल उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

आजमगढ़ मार्टिनगंज तहसील में पोखरी के पट्टे के निरस्तीकरण को लेकर प्रर्दशन..


 आजमगढ़ मार्टिनगंज तहसील में पोखरी के पट्टे के निरस्तीकरण को लेकर प्रर्दशन..


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जिले के मार्टिनगंज तहसील क्षेत्र के नुवावां गांव स्थित गाटा संख्या 186/2  रकबा 0.4220 हेक्टेयर पोखरे का मत्स्य पालन हेतु तहसील प्रशासन द्वारा पट्टा कर दिया गया है ऐसा बताया जा रहा है। जिसको लेकर नुवावां गांव के ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव का राजेश पुत्र स्व.बलिहारी ने पोखरे का पट्टा करा लिया है।


आक्रोशित ग्रामीणों ने मार्टिनगंज तहसील पर पहुंच कर सैकड़ों की संख्या में महिलाओं एवं पुरुषों ने विरोध प्रदर्शन किया तथा पट्टा निरस्त करने के लिए तहसीलदार मार्टिनगंज को प्रार्थना पत्र दिया।


ग्रामीणों का कहना है की पोखरे का पट्टा हो जाने से मत्स्य पालक पोखरे पर बन्धा बनवा देगा।

जिससे कई गांव के बरसात का पानी गांव में जमा हो जाएगा और गांव में बाढ़ की नौबत आ जाएगी। इसलिए पट्टे को निरस्त करना अति आवश्यक है।


प्रार्थना पत्र देने वालों में पूर्व प्रधान तालिब खान, सचिन,सुधीर, योगेन्द्र, विनोद, शशिकला,मीरा, लीला वती, सुरेन्द्र प्रजापति, सहाबुद्दीन, सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।



आजमगढ़ दीदारगंज से प्रवीण यादव की रिपोर्ट

लखनऊ डायल 112, महिला कर्मियों के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया बलवा भड़काने सहित कई मामलों में दर्ज हुआ मुकदमा


 लखनऊ डायल 112, महिला कर्मियों के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया


बलवा भड़काने सहित कई मामलों में दर्ज हुआ मुकदमा


उत्तर प्रदेश राजधानी लखनऊ में वेतन बढ़ाने सहित कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहीं यूपी की डायल 112 सेवा की महिला कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। प्रदर्शनकारी महिला कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने हर्षिता कश्यप, पूजा सिंह, रीना शर्मा, मंजू सोनी और शशि पर नामजद तो 200 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन पर बलवा भड़काने, प्रदर्शन कर मार्ग बाधित करने, इमरर्जेंसी सेवा बाधित करने और सरकारी निर्देशों के उल्लंघन मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके पहले मंगलवार को मुख्यालय पर धरना दे रहीं संवाद अधिकारियों को हटाने के लिए पुलिस मानवता भूल गई। रात में न सिर्फ उन्हें पानी लेने से रोक दिया, बल्कि उनके वॉशरूम पर ताला भी लगा दिया। इसके बाद भी वे पूरी रात डटी रहीं और मंगलवार सुबह अपनी फरियाद लेकर सीएम आवास कूच किया। इस दौरान उन्हें रोकने पर पुलिस से तीखी झड़प हुई। करीब दो घंटे तक चली धक्कामुक्की और नोकझोंक के बाद पुलिस ने संवाद अधिकारियों को सड़क पर घसीट कर बसों में लादकर ईको गार्डेन भेज दिया। पुलिस के बल प्रयोग करने से एक महिलाकर्मी बेहोश हो गई। वहीं, एक गर्भवती की हालत बिगड़ गई, जबकि कई महिलाओं के चोटिल होने का भी आरोप लगा।


डायल 112 की महिला कर्मी (संवाद अधिकारी) वेतन बढ़ाने, सेंटर संचालन का टेंडर पाने वाली नई सेवा प्रदाता कंपनी से नियुक्ति पत्र दिलाने सहित अन्य मांगों को लेकर मुख्यालय के बाहर सोमवार दोपहर दो बजे से धरना दे रही थीं। प्रदर्शनकारी महिला कर्मियों ने बताया कि शशि सिंह, पूजा सिंह, हर्षिता, प्रतिभा मिश्रा, अंकिता मिश्रा, दीप शिखा वर्मा आदि ने बताया कि डायल-112 में करीब 300 महिला कर्मचारी तैनात हैं। इनको अभी 11800 रुपये वेतन मिल रहा है। बीते सात साल में वेतन में एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं की गई। वहीं, अब टेक महिंद्रा कंपनी को बदल कर वी विन कंपनी को टेंडर दिया गया है। 


तीन नवंबर को वी विन कंपनी ने टेकओवर कर लिया, लेकिन अभी तक पुराने कर्मचारियों को ऑफर लेटर तक नहीं दिया, जबकि नई भर्ती शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि वेतन बढ़ा कर 18 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाए। जॉब को सुरक्षित किया आए और धरने को लेकर भविष्य में टारगेट न किया जाए।

लखनऊ डॉयल 112 की महिला कर्मचारियों को खींच-खींचकर कस्टडी में ली पुलिस 2 दिन से धरने पर बैठी थी पुलिस कन्ट्रोल रूम-112 की महिला कर्मचारी


 लखनऊ डॉयल 112 की महिला कर्मचारियों को खींच-खींचकर कस्टडी में ली पुलिस 


2 दिन से धरने पर बैठी थी पुलिस कन्ट्रोल रूम-112 की महिला कर्मचारी




उत्तर प्रदेश लखनऊ पुलिस कन्ट्रोल रूम-112 के लखनऊ स्थित मुख्यालय में तैनात सैकड़ों महिला कर्मचारी अपना वेतन बढ़ाने और नियुक्ति पत्र तुरन्त देने की मांग करते हुए सोमवार दोपहर काम बंद कर शहीद पथ के पास धरना शुरू कर दिया। ठंड में रात भर धरना देती रहीं। मामला सोशल मीडिया से सुर्खियां बना तो विपक्षी दलों का महिला कर्मचारियों को साथ मिला। इसी बीच मंगलवार को महिला कर्मचारियों को खींच-खींचकर जबरदस्ती हिरासत में लेना शुरू किया गया तो चीख पुकार मच गई। 


इस चीख पुकार और जोर जबदस्ती का वीडियो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पोस्ट कर योगी सरकार पर निशाना साधा है। पूछा कि कहीं नाम बदलनेवालों ने ‘आरक्षण’ का नाम ‘हिरासत’ तो नहीं कर दिया है। तंज कसते हुए लिखा कि यही है नारी वंदन। अखिलेश ने एक्स पर डायल 112 की महिला कर्मचारियों का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि अब सुनने में आया है कि ‘डायल 100’ का ठेका भी पोर्ट, एयरपोर्ट, रेल की तरह किसी ‘प्रिय पार्टनर’ को दिया जा रहा है । महिलाओं को आरक्षण देने की बात करने वाले उन्हें हिरासत दे रहे हैं। कहीं नाम बदलनेवालों ने ‘आरक्षण’ का नाम ‘हिरासत’ तो नहीं कर दिया है। इससे कुछ देर पहले भी अखिलेश ने महिला कर्मचारियों के हक में पोस्ट किया। हालांकि अखिलेश ने हर बार डॉयल 112 को डॉयल 100 ही लिखा। पोस्ट के साथ एक संवाद अधिकारी का पत्र पोस्ट करते हुए लिखा कि ये ‘डॉयल 100’ के किसी एक ‘संवाद अधिकारी’ की ‘पीड़ा-पत्र’ नहीं है बल्कि हर एक का है। मुख्यमंत्री जी से मिलने से पहले ही, रात भर ठंड में बैठकर अपनी माँग करने वाली बहन-बेटियों को सुबह हिरासत में ले लिया गया। भाजपा का नारी वंदन का सत्य रूप ‘नारी बंधन’ है। शर्मनाक, निंदनीय, असहनीय!


सोमवार को डॉयल 112 की महिला कर्मचारियों का धरना शुरू होते ही सेवा बाधित होने लगी। करीब चार बजे ये महिला कर्मचारी मुख्यालय के सामने सर्विस लेन में धरने पर बैठ गई। एडीजी, डीसीपी व एडीसीपी ने इन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन इन लोगों ने प्रदर्शन खत्म नहीं किया। महिलाकर्मियों ने पुलिस पर धक्का मुक्की का आरोप लगाया। कहा कि पुलिस ने बिजली सप्लाई बंद कर दी है। स्ट्रीट लाइट तक बंद करा दी गई है। देर रात तक 200 से अधिक महिला कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़ी हुई थी। कुछ महिला कर्मचारी धरने में शामिल नहीं हुई जिनके साथ महिला पुलिसकर्मियों ने 112 सेवा का काम संभाला। एडीजी अशोक कुमार व एएसपी हरेन्द्र ने कर्मचारियों को समझाने की कोशिश की पर ये लोग नहीं मानी। कर्मियों ने आरोप लगाया कि पुलिस अफसरों ने कहा कि बैठी रहो धरने पर। उनके पास और लोग है, काम करने के लिये...। इन कर्मियों ने साफ कह दिया कि मांगे पूरी न होने तक धरना नहीं खत्म किया जायेगा। इन लोगों ने एक गर्भवती महिला को भी अंदर रोके रखने का आरोप लगाया है। इन लोगों ने पुलिस अफसरों से नहीं नई कम्पनी के अधिकारियों से बात कराने को कहा ताकि उनकी मांगें पूरी हो सके।


प्रदर्शन में शामिल प्रियंका, दिव्या, पूजा समेत कई महिलाकर्मियों ने बताया कि करीब 650 लोगों को यूपी-112 में कम्युनिकेशन ऑफिसर के पद पर तैनाती दी गई थी। उस समय कन्ट्रोल रूम को मैन पॉवर उपलब्ध कराने का टेंडर टेक महिन्द्रा कम्पनी को दिया गया था। एक नवम्बर से दूसरी कम्पनी वी-विन को टेंडर मिल गया है। ये कम्पनी उन लोगों को हटाकर दूसरी महिला कर्मियों को तैनाती देने की तैयारी कर रही है। इस वजह से न तो इन्हें वेतन के बारे में बताया जा रहा है और न ही कोई नियुक्ति पत्र दिया है। पुलिस अफसर जब इन कर्मचारियों को समझाने आये तो इन लोगों ने मुख्य तीन मांगे रखीं। इनमें पहली मांग थी कि उनका वेतन 11 से 13 हजार है, इसे बढ़ाकर 18 हजार रुपये तुरन्त कर दिया जाये। साथ ही नियुक्त पत्र दिया जाये और उनकी नियुक्ति को स्थायी किया जाये। प्रदर्शनकारी प्रियंका ने बताया कि नई कम्पनी ने नई भर्ती शुरू भी कर दी है।