Monday 11 September 2023

आजमगढ़ रौनापार सरेराह दंपती पर धारदार हथियार से हमला, पत्नी की मौत दोनों दोपहर में साइकिल से लौट रहे थे वापस घर


 आजमगढ़ रौनापार सरेराह दंपती पर धारदार हथियार से हमला, पत्नी की मौत


दोनों दोपहर में साइकिल से लौट रहे थे वापस घर



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जिले के रौनापार थाना क्षेत्र में सोमवार को सरेराह एक दंपती पर कुछ लोगों ने धारदार हथियार से हमला कर दिया। घटना में पति को जहां मामूली चोटें आईं तो पत्नी की मौत हो गई। पति ने भूमि विवाद में विपक्षियों पर हमला करने का आरोप लगाया है। 


रौनापार के लखनी रोहुवार पांडेय का पुरा निवासी अभिमन्यु (45) सोमवार को अपनी पत्नी शीला (42) को साइकिल से लेकर लाटघाट बाजार गया था। दोनों दोपहर में साइकिल से ही वापस घर लौट रहे थे। आजमगढ़-गोरखपुर मुख्य मार्ग पर शारदा सहायक खंड 52 नहर किनारे पंडित राम नगीना महाविद्यालय के पास धारदार हथियार से लैस लोगों ने दंपत्ति पर हमला कर दिया। पहले अभिमन्यु पर वार किया गया। जिससे वह सड़क किनारे गड्ढे में गिर गया। इसके बाद हमलावरों ने शीला के पेट, सिर, पैर में कई वार किए। लहूलुहान होकर शीला अचेत हो गई तो हमलावर मौके से फरार हो गए। इसके बाद अभिमन्यु गड्ढे से बाहर आया और किसी तरह पत्नी को लेकर इलाज के लिए सीएचसी लाटघाट पहुंचा। जहां से उसे प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।


 जिला अस्पताल में डॉक्टर ने शीला देवी को मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। जिला अस्पताल में अभिमन्यु ने बताया कि उसका गांव के ही कुछ लोगों से भूमि विवाद चल रहा है। जिसमें दो दिनों पूर्व शांति भंग में चालान भी हुआ था। इसके बाद थाने पर तहरीर भी दी गई थी। इसी से आक्रोशित विपक्षियों ने सोमवार को धारदार हथियार से हमला बोला। शीला दो पुत्र और तीन पुत्रियों की मां थी

आजमगढ़ नौकरी के नाम 30 लाख की साइबर ठगी आरोपी अभियुक्त को पुलिस ने किया गिरफ्तार 10 राज्यों में करीब 100 लोगों को बना चुका है शिकार


 आजमगढ़ नौकरी के नाम 30 लाख की साइबर ठगी


आरोपी अभियुक्त को पुलिस ने किया गिरफ्तार


10 राज्यों में करीब 100 लोगों को बना चुका है शिकार


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ साइबर क्राइम थाना परिक्षेत्र आजमगढ़ को कई प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए थे जिसमें जस्टडायल, टेलेग्राम व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म से लोगो के कांटेक्ट नंबर प्राप्त कर पार्ट टाइम जॉब व विभिन्न कंपनियों के कॉन्ट्रैक्ट के नाम पर व्यापक स्तर पर साइबर धोखाधड़ी की जा रही है और जनपद के मासूम लोगों व दुकानदारों के बैंक खाते अलग-अलग राज्यों से फ्रीज़ हो रहे हैं। उक्त शिकायत को संज्ञान लेते हुए अपर पुलिस महानिदेशक, साइबर क्राइम मुख्यालय लखनऊ, प्रो0 त्रिवेणी सिंह, पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम मुख्यालय लखनऊ एंव अनुराग आर्य पुलिस अधीक्षक जनपद आजमगढ़ के निर्देशानुसार तकनीकी संसाधनो का प्रयोग करते हुए साइबर क्राइम थाना परिक्षेत्र आजमगढ़ टीम द्वारा अभिसूचना संकलन करके कार्यवाही प्रारम्भ की गयी।


 जांच के दौरान पंकज सिंह पुत्र रवि प्रकाश सिंह ग्राम सराय वृन्दावन थाना तरवा जनपद आजमगढ़ का नाम प्रकाश में आया। 10 सितम्बर को विमल प्रकाश राय, प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम थाना व टीम द्वारा अभियुक्त पंकज सिंह को पिचौरा बाज़ार बरदह से गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से 5 सिम कार्ड, 3 मोबाइल फ़ोन, 15 आधार कार्ड, 18 कंपनियों के फर्जी कागजात, पासबुक और 2 चेकबुक बरामद किया गया है।


 पूछताछ में अभियुक्त पंकज सिंह ने बताया कि उसकी मुलाकात मुंबई में मनीष तलपडे से हुई थी उसी से उसने यह अपराध करना सिखा था। वह जस्टडायल, टेलेग्राम व गूगल से लोगों के कांटेक्ट नंबर प्राप्त कर पार्ट टाइम जॉब व विभिन्न कंपनियों के कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के नाम पर कॉल व मेसेज कर उनके साथ धोखाधड़ी करता था। आरोपी ने बताया कि वह उन लोगों से पैसा दुकानदारा व ग्राहक सेवा केंद्र के बैंक खातो में मंगवा के ट्रान्सफर व कैश कर लिया करता था। अब तक करीब 100 लोगों के साथ 30 लाख तक की धोखधड़ी कर चुका है। अभियुक्त के पास से बरामद मोबाइल नंबर से एनसीआरपी व सीवाईसीएपीएस पोर्टल पर चेक किया गया तो लगभग 10 राज्यों से कंप्लेंट की जानकारी हुई है जिनसे संपर्क कर आवश्यक कार्यवाही किया जा रहा है।

आजमगढ़ युवतियों को शिकार बनाने वाला फर्जी दरोगा गिरफ्तार फर्जीवाड़े में सहयोगी रहे 3 अन्य भी धराए


 आजमगढ़ युवतियों को शिकार बनाने वाला फर्जी दरोगा गिरफ्तार


फर्जीवाड़े में सहयोगी रहे 3 अन्य भी धराए


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ पुलिस की वर्दी धारण कर प्रतिष्ठित लोगों के साथ सोशल मीडिया पर फोटो प्रसारित कर वैवाहिक रिश्ते के लिए इच्छुक युवतियों को अपने जाल में फंसाकर रुपयों की ठगी करने वाला फर्जी दरोगा सोमवार को अपने मामा सहित तीन लोगों के साथ पुलिस के हत्थे चढ़ गया। ठगी करने वाला यह गिरोह लखनऊ एवं पूर्वांचल के कई जिलों में भोली भाली लड़कियों को अपना शिकार बना चुका है। इस गिरोह के कब्जे से पुलिस ने वैगनआर एवं स्विफ्ट कार, तमंचा मय कारतूस तथा पुलिस की वर्दी बरामद किया है। 


बलिया जिले के सहतवार थाना अंतर्गत दुधैला ग्राम निवासी पूर्व सैनिक प्रवीण सिंह का पुत्र धीरज सिंह पुलिस की वर्दी पहन कर खुद को दरोगा बताते हुए लगभग तीन वर्षों से सोशल मीडिया पर वैवाहिक विज्ञापन के लिए सक्रिय जीवनसाथी डॉट कॉम एवं इंस्ट्राग्राम के माध्यम से युवतियों को अपने जाल में फंसाकर ठगी करता है। पुलिस वालों और नेताओं के साथ फोटो प्रोफाईल पर उसकी तस्वीर देख उसके प्रभाव में आने वाली युवतियों से नजदीकी बढ़ा कर अचानक अपनी मजबूरी बताकर उनसे धन उगाही करने के बाद अपना संपर्क तोड़ लेता था। इस तरह से वह बलिया, मिर्जापुर एवं लखनऊ में कई युवतियों को अपना शिकार बना चुका है। ठगी के मामले में उसके खिलाफ प्रयागराज व लखनऊ में मुकदमे भी दर्ज हैं।


 इसके खिलाफ जिले के फूलपुर एवं शहर कोतवाली में भी दो अभियोग पंजीकृत हैं। इन मामलों में आरोपित धीरज सिंह ने खुद को आजमगढ़ जिले में तैनात होने की जानकारी देकर कानपुर जिले के संचेड़ी थाना अंतर्गत रामपुर भीमसेन कला का निवासी पुरवा बृजेन्द्र सिंह से 70 हजार रुपए एवं फूलपुर कोतवाली में तैनाती बताते हुए एक अन्य युवती को 50 हजार रुपए की चपत लगा चुका है। इस गोरखधंधे में आरोपित धीरज सिंह का मामा पंकज सिंह व अन्य कई साथी भी शामिल हैं। गिरोह की तलाश में जुटी पुलिस को सोमवार को सूचना मिली कि धीरज सिंह अपने मामा पंकज सिंह एवं उसके दो अन्य साथी पूर्वांचल एक्सप्रेस- वे से लखनऊ की ओर जा रहे हैं। पुलिस सक्रिय हुई और मुबारकपुर क्षेत्र में सठियांव के समीप बने कट तथा सिधारी क्षेत्र में बैठौली पुल के समीप वैगनआर एवं स्विफ्ट कार में सवार चार लोगों की गिरफ्तारी करने में सफल रही।


 पकड़े गए लोगों में धीरज सिंह निवासी दुधैला थाना सहतवार, पंकज सिंह ग्राम नौकागाँव थाना रेवती, राजेश सिंह ग्राम श्रीनगर थाना बैरिया एवं प्रवीण प्रताप सिंह पुत्र महेश्वर सिंह निवासी नौकागाँव थाना रेवती जनपद बलिया के निवासी बताए गए हैं पुलिस पकड़े गए अभियुक्तों के आपराधिक रिकार्ड खंगालने में जुटी है।

आजमगढ़ अहरौला 4 पतियों को धोखा देने वाली महिला चढ़ी पुलिस के हत्थे 3 जुलाई को पांचवें प्रेमी के साथ हो गई थी फरार


 आजमगढ़ अहरौला 4 पतियों को धोखा देने वाली महिला चढ़ी पुलिस के हत्थे


3 जुलाई को पांचवें प्रेमी के साथ हो गई थी फरार



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ चार पतियों को धोखा देने वाली पत्नी अन्ततः पुलिस के हत्थे चढ़ गयी। वह अपने पांचवें प्रेमी के साथ फरार हो गयी थी। सबसे बड़ी बात यह है कि इन सबके बावजूद पति धोखेबाज पत्नी के साथ रहने को राजी हो गया। कागजी खानापूर्ति के बाद पुलिस ने उक्त महिला को उसके पति के साथ घर भेज दिया।


 बतातें चलें कि अहरौला थाना क्षेत्र के चकब्रह्मनी गांव निवासी अनिल राजभर अपने परिवार का पालन पोषण करने हेतु चंडीगढ़ गया हुआ था, वहां पर रीना नाम की युवती से उसकी मुलाकात हुई। कुछ महीने बाद दोनों लोग विंध्याचल मंदिर में आकर शादी कर लिये। अनिल राजभर शादी करने के बाद पत्नी रीना को अपने गांव लेकर आ गया, 9 साल जीवन व्यतीत करने के बाद रीना को तीन बच्चे पैदा हुए, पहली पुत्री उजाला चार वर्ष बाकी दो पुत्र जुड़वा जन्मे जो अभी 2 वर्ष के बताए जा रहे हैं। इसके बाद वह अपने प्रेमी के साथ कहीं फरार हो गयी। इस बावत अनिल राजभर ने पत्नी पर आरोप लगाया था कि वह झांसा देकर लोगों से शादी कर लेती है और कुछ दिन साथ रहने के बाद छोड़कर चली जाती है। 


अनिल राजभर ने बताया कि शादी के 9 साल बीत जाने बाद पत्नी बोली थी कि मेरे कई दोस्त हैं लेकिन हमने सबको छोड़ दिया है अब तुम्हारे साथ जीवन व्यतीत करना है। पति के अनुसार रानी ने इस तरह कई लोगों का घर बर्बाद कर दिया। वह अपने किसी आशिक से फोन पर रोजाना बातचीत करती थी। 3 जुलाई 2023 को रात लगभग 8 बजे रीना किसी से फोन पर बातचीत करते हुए शौच के लिए बाहर गई, जब मैं फूलपुर से काम करके घर वापस आया तो बच्चों से पूछा कि मां कहां गई है, बच्चों ने जवाब दिया कि मम्मी शौच के लिए बाहर गई हुई हैं। जब घंटों बीत जाने के बाद पत्नी घर वापस नहीं लौटी तो मैं काफी चिंतित होकर खोजबीन करने लगा लेकिन पत्नी नहीं मिली।


 पीड़ित पति द्वारा 4 जुलाई को अहरौला थाने में पत्नी के गुमशुदा होने की तहरीर दी गई थी। रविवार की देर शाम अहरौला थाना क्षेत्र बारसातीगंज चट्टी पर एक महिला को संदिग्ध रूप में टहलता देखकर लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दिया। चौकी प्रभारी माहुल लालबहादुर बिंद ने वहा पहुंच कर महिला से पूछताछ की तो उसने अपना नाम रीना बताया। जब फोटो से मिलान कर पुलिस उसे लेकर थाने आई। पुलिस ने उसके पति अनिल को बुलाया। पति उसे साथ ले जाने को समहत हो गया। इसके बाद पुलिस ने कागजी कार्रवाई कर उक्त महिला को उसके पति को सुपुर्द कर दिया।

आजमगढ़ 219 फर्जी मदरसा संचालकों पर डीएमओ दर्ज कराएंगी मुकदमा, 2017 में हुई थी जांच हाईकोर्ट ने फर्जी मदरसों की शासन को सौंपी रिपोर्ट को रद्द करने से किया इनकार बिना भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता और अनुदान देने का मामला


 आजमगढ़ 219 फर्जी मदरसा संचालकों पर डीएमओ दर्ज कराएंगी मुकदमा, 2017 में हुई थी जांच


हाईकोर्ट ने फर्जी मदरसों की शासन को सौंपी रिपोर्ट को रद्द करने से किया इनकार


बिना भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता और अनुदान देने का मामला



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ हाईकोर्ट ने एसआइटी की जिले के 219 फर्जी मदरसों की शासन को सौंपी रिपोर्ट को रद्द करने से इनकार कर दिया। साथ ही रिपोर्ट पर क्रियान्वयन पर लगाई गई रोक को भी हटाने का निर्देश दिया है। इसके बाद फर्जी मदरसा संचालकों की मुसीबत बढ़ गई है। निदेशालय के आदेश के बाद मिलते ही जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग फर्जी मदरसा संचालकों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराएगा। सोमवार को सभी संबंधित फर्जी मदरसा संचालकों की थानावार सूची बनाएगी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मुकदमा दर्ज कराएंगी।


 उधर, हाईकोर्ट का फैसला आते ही फर्जी मदरसा संचालकों में हड़कंप मच गया है। वर्ष 2009-10 में बिना भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता और अनुदान देने का मामला प्रकाश में आया था। 2017 में इस बात की शिकायत प्रदेश सरकार से की गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रकरण की जांच एसआइटी के जिम्मे दे दी थी। विशेष जांच दल ने इस प्रकरण में अल्पसंख्यक विभाग के तत्कालीन कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बताई। जिले के 313 में 219 मदरसों में केवल कागजों पर संचालित होते मिले थे। इसमें 39 को तो आधुनिकीकरण के नाम पर भुगतान हो चुका है। 30 नवंबर 2022 को एसआइटी की जांच रिपोर्ट पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति ने फर्जी मदरसा संचालकों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने की संस्तुति की थी। साथ ही तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और रजिस्ट्रार भी दोषी पाए गए थे। जिनके विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है। 


हाईकोर्ट के फैसले के बाद निदेशालय से आदेश मिलते ही संबंधित फर्जी मदरसा संचालकों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराया जाएगा। एसआइटी की जांच में फर्जी मिले मदरसों की सूची थानावार सोमवार से निकाली जाएगी। उसके बाद संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। -वर्षा अग्रवाल, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी।

महराजगंज रेप और हत्या मामले में फरार भाजपा नेता, एसपी ने लिया एक्शन 5 सस्पेंड, कोतवाल संग 14 लाइन हाजिर


 महराजगंज रेप और हत्या मामले में फरार भाजपा नेता, एसपी ने लिया एक्शन


5 सस्पेंड, कोतवाल संग 14 लाइन हाजिर


उत्तर प्रदेश महराजगंज में चर्चित भाजपा नेता प्रकरण में एसपी डॉ. कौस्तुभ ने रविवार को दो बड़ी कार्रवाईयां की है। पहले सदर कोतवाल समेत 14 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया। फिर कुछ घंटों बाद ही मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में नगर चौकी प्रभारी और चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया। मिली जानकारी के अनुसार भाजपा नेता राही मासूम रजा के खिलाफ उनके ही मकान में किराए पर रहने वाले एक दलित परिवार की बड़ी बेटी ने आरोप लगाया था कि उसने उसके साथ दुष्कर्म, छोटी बहन के साथ छेड़छाड़ व उसके पिता की हत्या कर दी। तहरीर के आधार पर कोतवाली पुलिस ने भाजपा नेता के खिलाफ हत्या, रेप, पॉक्सो, एससी-एसटी समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया था। पूछताछ के लिए भाजपा नेता को हिरासत में ले लिया था। अगले दिन पुलिस ने पीड़िता किशोरी का महिला एसओ व मजिस्ट्रेट के सामने अलग-अलग 164 के बयान कराए। पुलिस के अनुसार इसमें पीड़िता मुकर गई।


 इसके बाद भाजपा नेता राही मासूम रजा को कोतवाली पुलिस ने शहर के ही दो लोगों की सुपुर्दगी में दे दिया। यहीं से पुलिसकर्मी निशाने पर आ गए। एसपी ने कोतवाल रवि कुमार राय समेत 14 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। वहीं पिता के जहरीला पदार्थ खाने के बाद पीड़िता ने नगर चौकी इंचार्ज को घटना की वजह बताते हुए शिकायत की थी। लेकिन नगर चौकी पुलिस केस दर्ज करने के बजाय सुलह समझौता कराने में जुटी रही। इस पर चौकी प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह, आरक्षी आबिद अली, अरक्षी अखिलेश यादव, आरक्षी अखिलेश चौधरी व महिला आरक्षी प्रियंका सिंह को निलंबित किया गया है। एसपी डॉ. कौस्तुभ ने कहा कि कोतवाल सहित 14 पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर किया गया है। कोतवाली में दर्ज केस में बरती गई लापरवाही के कारण नगर चौकी इंचार्ज प्रवीण कुमार सिंह समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। चौकी इंचार्ज व इन पुलिस कर्मियों ने इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। बिना कोतवाली के संज्ञान में लाए चौकी स्तर पर सुलह करने का प्रयास किया।