Saturday 13 April 2024

आजमगढ़ फूलपुर कोर्ट मैरिज करने से नाराज युवती के परिजनों ने युवक को किया अगवा पुलिस ने मामले में आरोपित 6 लोगों को किया गिरफ्तार


 आजमगढ़ फूलपुर कोर्ट मैरिज करने से नाराज युवती के परिजनों ने युवक को किया अगवा


पुलिस ने मामले में आरोपित 6 लोगों को किया गिरफ्तार




उत्तर प्रदेश आजमगढ़ कोर्ट मैरिज करने से नाराज युवती के परिवार वालों ने प्रतिशोध में शादी रचाने वाले युवक के छोटे भाई अवनीश को मारा-पीटा और उसे जबरन वाहन में बैठाकर अपने साथ लेकर चले गए। इस मामले में पीड़ित पक्ष द्वारा युवती पक्ष के लोगों के खिलाफ शुक्रवार को फूलपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। शनिवार को घटना की जांच में जुटी पुलिस को सूचना मिली कि अगवा किए गए किशोर को लेकर उसे अगवा करने वाले लोग क्षेत्र के खानजहांपुर तिराहे पर मौजूद हैं और कहीं जाने वाले हैं। 


सूचना पाते ही सक्रिय हुई पुलिस ने बताए गए स्थान पर छापेमारी कर अपहृत किशोर की बरामदगी करते हुए उसे अगवा करने वाले आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए लोगों में मंगला प्रसाद उर्फ पिन्टू, कुनाण उर्फ सिन्टू ग्राम कोरई खुर्द थाना खेतासराय जनपद जौनपुर , पन्नालाल, संदीप गौतम एवं दीपक कुमार ग्राम बनुआडीह थाना खुटहन जनपद जौनपुर तथा आकाश गौतम निवासी ग्राम व थाना खुटहन जनपद जौनपुर शामिल हैं।

आजमगढ़ जीयनपुर लेखपाल पर हमला करने वाले प्रधानपति सहित 2 गिरफ्तार


 आजमगढ़ जीयनपुर लेखपाल पर हमला करने वाले प्रधानपति सहित 2 गिरफ्तार 



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जीयनपुर कोतवाली पुलिस ने शनिवार को दिन में भूमि सीमांकन के लिए भुवना बुजुर्ग गांव में गए क्षेत्रीय लेखपाल पर हमला करने के साथ ही बंदोबस्ती नक्शा फाड़ कर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने वाले प्रधानपति समेत दो लोगों को क्षेत्र के चुनुगपार मोड़ से गिरफ्तार कर लिया। 


सगड़ी तहसील में तैनात लेखपाल रघुवंश सिंह शुक्रवार को दिन में एसडीएम सगड़ी के निर्देश पर भुवना बुजुर्ग गांव में विवादित भूमि का सीमांकन करने गए थे। उस दौरान गांव के प्रधान पति श्यामअचल राजभर एवं उनके समर्थकों ने लेखपाल के साथ मारपीट करते हुए बंदोबस्ती नक्शा फाड़ दिए। इस मामले में पीड़ित लेखपाल की तहरीर पर जीयनपुर कोतवाली में प्रधानपति समेत पांच लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस ने शनिवार को दिन में चुनुगपार मोड़ से हमले आरोपित प्रधानपति श्यामअचल राजभर एवं रवीन्द्र राम को गिरफ्तार कर लिया।

सीतापुर खुदकुशी करने वाले दरोगा का जीवन संघर्ष में बीता सुसाइड नोट में विभाग पर लगाया बड़ा आरोप


 सीतापुर खुदकुशी करने वाले दरोगा का जीवन संघर्ष में बीता


सुसाइड नोट में विभाग पर लगाया बड़ा आरोप



उत्त प्रदेश फतेहपुर/ सीतापुर के थाना मछरेहटा में सरकारी पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या करने वाले दरोगा मनोज कुमार (55) का जीवन संघर्षों के बीच बीता। भूमिहीन रामऔतार के बेटे मनोज ने सिपाही से दरोगा तक पदोन्नित का सफर तय किया था। नौकरी के दौरान लखनऊ में घर, सात बहनों की शादी की थी। विभागीय समस्याओं के चलते उनके खुदकुशी करने की चर्चा रही। दरोगा मूलरूप से फतेहपुर जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के गांव जलाला निवासी रामऔतार गौड़ के बड़े बेटे थे। रामऔतार मछली शिकार, मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। उनकी आठ पुत्री व दो पुत्रों में मनोज बड़ा बेटा था। पिता की मजदूरी की कमाई से गोपालगंज सर्वोदय इंटर काॅलेज से हाईस्कूल परीक्षा मनोज ने पास की थी। कक्षा 11 के दाखिले के समय ही वह सिपाही पद पर भर्ती हो गया। परिवार को काफी राहत मिली थी। मनोज के सहयोग से पिता सात बेटियों की शादी कर चुका था। एक बेटी विनीता और बेटा अजय अविवाहित हैं। अजय गैरप्रांत में मजदूरी करता है। नौकरी मिलने के बाद उसकी तैनाती लखनऊ में हुई थी। उसकी शादी भी लखनऊ में हुई थी। वह लखनऊ के बिजनौर इलाके में मकान बनाकर रहने लगा।


 पिता अपनी बेटी के साथ गांव जलाला में ही रहते हैं। बहन विनीता ने बताया कि करीब छह माह पहले भाई गांव आए थे। पिता कभी-कभी बिजनौर जाते थे। दिनांक 12 अप्रैल 2024 को सुबह करीब 10 बजे उसके मोबाइल पर फोन आया। फोन सीतापुर जिले के मछरेहटा थाने से था। उसने पिता को फोन पर बात कराई। वह भाई की खुदकुशी की जानकारी सुनकर कांप उठी और फोन उनके हाथ से छूट गया। पिता ने बताया कि बेटे को पुलिस में छुट्टी न मिलने का मलाल रहता था। वह खुद को गोली नहीं मार सकता है। घटना से परिवार बेसहारा हो गया है। पिता व बहन गांव से सीतापुर रवाना हो गए। मनोज की मां का 10 साल पहले देहांत हो चुका है। वह अपने पीछे पिता, बहन के साथ पत्नी गीता देवी, दो पुत्र आकाश, शिवेंद्र व पुत्री आंचल को छोड़ गया है। पूरे गांव के लोग खबर से गमगीन दिखे। एक सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें थानेदार व उनकी करीबियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने की बात है। विभागीय काम में भी नीचे से ऊंचे स्तर तक रिश्वत मांगे जाने का आरोप लगाया है।

आजमगढ़ राजनीति की दिशा व दशा तय करने वाले जिले को मिले बाहरी प्रत्याशी भाजपा और सपा के बाद बसपा ने भी उतारा बाहरी उम्मीदवार


 आजमगढ़ राजनीति की दिशा व दशा तय करने वाले जिले को मिले बाहरी प्रत्याशी


भाजपा और सपा के बाद बसपा ने भी उतारा बाहरी उम्मीदवार



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ किसी जमाने में देश और प्रदेश की राजनीति को दिशा देने वाले पूर्वांचल के आजमगढ़ जिले के राजनीतिक सुरमाओं की दखलंदाजी समाप्त होने के बाद राजनीति की जो पौध खड़ी हुई उसमें वह ताकत नहीं दिखी जिससे इस राजनीति के अखाड़े में इस जिले का नाम रौशन हो सके। देश और प्रदेश की राजनीति में कभी अलगू राय शास्त्री, झारखंडे राय, सीताराम अष्ठाना, कालिका सिंह ,रामधन जी, चंद्रजीत यादव, कल्पनाथ राय, कामरेड जय बहादुर सिंह, रामहर्ष यादव, रामनरेश यादव आदि तमाम लोग इस माटी में जन्मे और राजनीति के क्षेत्र में अपनी अलग छाप छोड़ी। वैसे तो पूर्वांचल की इस माटी के साथ यही बात शायर एकबाल अहमद सुहैल ने लिखा था कि श्ये खित्तए आजमगढ़ है मगर , फैजाने तजल्ली है एक्सर, जो जर्रा यहां से उठता है वो नैयरै आजम होता हैश्। आज रोना इस बात का है कि राजनीति के क्षेत्र में हमेशा उर्वर रही यह भूमि इस कदर बंजर हो जाएगी कि आज इस चुनावी मैदान में बाहरी पहलवानों पर भरोसा किया जाने लगा।


 राजनीति की लहलहाती इस बगिया को जातिवाद रूपी दीमक ने चट कर दिया या फिर राजनीतिक अखाड़े में दांव आजमाने के लिए लंगोट बांधे राजनीतिक धुरंधरों का पस्त हौसला। किसे जिम्मेदार ठहराया जाए कुछ भी कहना मुश्किल है। तभी तो देश और प्रदेश का सत्ता सुख भोग रही भाजपा को इस जिले के जातिगत समीकरण को देखते हुए यादव बिरादरी से अभिनेता से नेता बने दिनेश लाल यादव निरहुआ को उतारा गया है तो समाजवादी पार्टी ने अपनी इस पारंपरिक सीट पर राजनीति के दिग्गज पहलवान एवं सपा के संस्थापक स्व० मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव को दूसरी बार इस चुनावी दंगल में उतारना पड़ा। 


इस लोकसभा चुनाव में भाजपा और सपा के उम्मीदवार घोषित कर दिए जाने के बाद जिले के मतदाता इस जिले के राजनीतिक तापमान को भांपते हुए बहुजन समाज पार्टी ने जिले की लालगंज लोकसभा सीट पर पड़ोसी जिला अंबेडकरनगर की मूल निवासी डा० इंदू चौधरी पर तो आजमगढ़ सदर लोकसभा सीट पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं मऊ जिले के रहने वाले भीम राजभर को ग्रीन सिग्नल दे दिया। इस तरह सदर लोकसभा सीट पर भाजपा, सपा और बसपा सभी राजनीतिक पार्टियों ने बाहरी उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। अब देखना यह कि जिले के समझदार मतदाता किस बाहरी प्रत्याशी को विजय का ताज पहनाते हैं। खैर आगे तेल और तेल की धार देखने के लिए अभी मतगणना तक इंतजार करना होगा।