आजमगढ़ सरायमीर मुहर्रम पर शांतिपूर्ण व सौहार्दपूर्ण माहौल मे ताजिया का जुलूस निकाला गया
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ सरायमीर कस्बे के मेन चौक से 10वीं मोहर्रम का जलूस अपने पुराने रवायती अन्दाज़ में क़स्बा सरायमीर का ताज़िया का जुलूस अपने निश्चित समय 2 बजे के बजाय काफी लेट 4 बजे निकाला गया जो देर शाम कर्बला ताज़िया दफ़नगाह पहूँच कर ज़ियारते आशूरा पढ़ने के बाद खत्म हुआ।
कर्बला के शहीद हज़रत इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों की शहादत को यादकर मातम व नौहाख्वानी ,जंजीर का मातम भी हुआ।
भूखे प्यासे व गम मे डूबे मातमदारों ने ताज़िया दफन करने के बाद जवाद मंज़िल मे शाम गरीबां की मजलिस की जहां पर मौलाना ने इमाम हुसैन की शहादत के बाद यज़ीदी फ़ौज के ज़रीया हुसैनी कैम्पो मे आग लगाये जाने व उनके घर की महिलाओं व बच्चों को क़ैद किये जाने का मंज़र ब्यान किया तो हर एक की आंखों से आंसू छलक पड़े।
नगर के चौक स्थित अज़ाखाना अबु तालिब से 2 बजे दिन मे मजलिस के बाद शबीह ताबूत अलम दुलदुल व ताज़िया का जुलूस निकला जो पुराना थाना, रौज़ा अली आशिकान, सिरादी का पूरा मेन रोड होते हुए खरेवां स्थित सदर इमामबाड़ा पहूँचा जहां पर ज़ियारते आशूरा पढ़ने के बाद खत्म हुआ
जुलूस का संचालन करते हुए शिया कमेटी के मीडिया इन्चार्ज सैय्यद मोहम्मद हुसैन ने कहा कि 10 मोहर्रम सन 680 ई को हज़रत मोहम्मद साहब के नवासे नाती इमाम हुसैन ने अल्लाह की रज़ा और मानवता की रक्षा के लिए शहादत देकर न सिर्फ़ अपने दौर मे तानाशाही हुकूमत को चकनाचूर कर दिया बल्कि पूरी तारीख का रूख मोड़ दिया इमाम हुसैन और उनके छोटे बड़े साथियों ने दुश्मन की आंखों मे आंख डालकर कहा था ज़िल्लत की ज़िन्दगी से इज़्ज़त की मौत बेहतर है जुलूस मे अन्जुमन अज़ाए हुसैन निकामुद्दीनपुर अन्जुमन गुन्चये अब्बासिया कोरौली व अन्जुमन तन्ज़ीमे हुसैनी सरायमीर ने ज़ंजीर व छुरी से मातम करके करबला के शहीदों को खेराज अकीदत पेश किया आखिर मे कमेटी के अध्यक्ष सैय्यद कायम रज़ा ने सभी का अभार प्रकट किया।
शांति ब्यवस्था में भारी फोर्स के साथ थानाध्यक्ष सरायमीर ,नायब दारोगा,क्षेत्राधिकारी फूलपुर, तहसीलदार निजामाबाद कमल कुमार सिंह,लेखपालों की टीम,जे0ई0व लाइनमैनों की टीम के साथ जलूस के साथ चल रहे थे।
ग्रमीण क्षेत्रों में ओस्ती, रसूलपुर, ओहदपुर, बेलहरी, कस्बा पुरन्दरपुर, फ़त्तेपुर, लेडूवावर, कोरौली, कमालपुर, गोसड़ी, मोईयां, निकामुद्दीनपुर मे जुलूस निकाला गया जहां देर शाम तक अपने अपने करबला पर ताज़िया दफ्न किया।
आजमगढ़ सरायमीर से अबुलबशर आजमी कि रिपोर्ट।