Wednesday 6 April 2022

आजमगढ़ अर्थदण्ड की सजा भुगत रहे दो बंदी हुए जेल से रिहा।


 आजमगढ़ अर्थदण्ड की सजा भुगत रहे दो बंदी हुए जेल से रिहा।




उत्तर प्रदेश आजमगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री व कारागार मंत्री की पहल पर सूबे की जेलों में अर्थदंड की सजा भुगत रहे बंदियों की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।



 इसी क्रम में बुधवार को जिला कारागार में अर्थदंड जमा न कर पाने की वजह से असहाय रहे दो बंदी जेल से रिहा कर दिए गए।

बताते चलें कि प्रदेश में दूसरी बार सत्ता संभाल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर अदालत से अर्थदंड की सजा भुगत रहे बंदियों की रिहाई के लिए शासन स्तर से पहल की गई।




 शासन के निर्देश पर ऐसे बंदियों की सूची बनाई गई जो अर्थदंड जमा न कर पाने की वजह से जेल में जीवन काटने को मजबूर थे। आजमगढ़ मंडल कारागार में ऐसे दो बंदी चिन्हित किए गए।



 तत्पश्चात स्वयंसेवी संस्था द्वारा उक्त दोनों बंदियों पर लगे 19 हजार रुपए अर्थदंड की रकम न्यायालय में मंगलवार को जमा कराई गई। न्यायालय के आदेश पर बुधवार को जिला कारागार में अर्थदंड की सजा भुगत रहे दोनों बंदियों की रिहाई का रास्ता साफ हो गया।



 बुधवार की शाम जेल से रिहा किए गए बंदियों में कप्तानगंज थाना क्षेत्र के हिसामुद्दीनपुर ग्राम निवासी रामजीत गोंड उर्फ नाटे पुत्र जगतु गोंड तथा मुबारकपुर थाना क्षेत्र के लोहरा ग्राम निवासी सुभान अहमद उर्फ आदिल शेख पुत्र आरिफ शेख बताए गए हैं।




 इस संबंध में जेल प्रशासन का कहना है कि रिहा किए गए दोनों बंदियों को सख्त हिदायत एवं शुभकामना देते हुए जेल से विदा किया गया कि वह दोबारा किसी आपराधिक कृत्य में शामिल नहीं होंगे।



 इस मौके पर जेलर रविंद्र नाथ, डिप्टी जेलर श्रीधर यादव, आनंद कुमार एवं नीलम कुमारी आदि उपस्थित रहे।

आजमगढ़ सरायमीर यूपी बोर्ड हाई स्कूल की अंग्रेजी की परीक्षा में दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने वाला गिरफ्तार।


 आजमगढ़ सरायमीर यूपी बोर्ड हाई स्कूल की अंग्रेजी की परीक्षा में दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने वाला गिरफ्तार।



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ सरायमीर थाना में दिनांक- 06.4.22 को महादेव इण्टर कालेज सिकरौर सहबरी सरायमीर स्कूल पर अंग्रेजी की परीक्षा चल रही थी।



जानकारी के अनुसार समय लगभग 8 बजकर 20 मिनट पर संयुक्त टीम जिसमे विशेष मजिस्ट्रेट , स्टैटिक्स मजिस्ट्रेट, कोर कमेटी के सदस्य व केंद्र व्यवस्थापक के द्वारा कक्ष चेकिंग की जा रही थी।



कक्ष संख्या 21 में चेकिंग के दौरान विशेष मजिस्ट्रेट द्वारा व टीम के सभी सदस्यों के समक्ष यशवन्त गौड़ पुत्र महेन्द्र गौड़ के स्थान पर अभियुक्त प्रदीप मौर्या पुत्र रामश्रय मौर्या निवासी मुइया अली थाना निजामाबाद बैठकर परीक्षा देते हुए संयुक्त टीम द्वारा पकड़ा गया। 



जिस पर केंद्र व्यवस्थापक विनय कुमार शुक्ल ग्राम सुरहन थाना दीदारगंज के लिखित तहरीर पर दुसरे के स्थान पर बैठकर परीक्षा देने वाले अभियुक्त प्रदीप मौर्या पुत्र रामश्रय मौर्या निवासी मुइया अली थाना निजामाबाद को गिरफ्तार कर चालान माननीय न्यायालय किया गया।

लखनऊ अंडरवर्ल्ड माफिया के अपार्टमेंट पर चला बुलडोजर


 लखनऊ अंडरवर्ल्ड माफिया के अपार्टमेंट पर चला बुलडोजर


10 फ्लैट और एक दुकान को किया जमीदोंज।




 उत्तर प्रदेश लखनऊ विकास प्राधिकरण के द्वारा बुधवार को ठाकुरगंज और महानगर थाना क्षेत्र में बिना मानचित्र के अनाधिकृत रूप से भवन का निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई। 



जानकारी के अनुसार महानगर थाना क्षेत्र के न्यू हैदराबाद में आर्य कन्या पाठशाला स्कूल के पास स्थित अपार्टमेंट पर  प्रवर्तन अधिकारी राजीव कुमार के नेतृत्व में तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई। उन्होंने यह अपार्टमेंट अंडरवर्ल्ड माफिया मकबूल अहमद का बताया।



 राजीव कुमार के मुताबिक अंडरवर्ल्ड माफिया मकबूल अहमद इस वक्त फरार है। अपार्टमेंट को तोड़ते समय उसके परिवार का कोई भी सदस्य मौके पर नहीं मिला। इस अपार्टमेंट में 10 फ्लैट और एक दुकान है। उधर, ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के सलमान गार्डन में फरीदा बेगम ने 2000 वर्ग फीट पर तीन मंजिल का मकान बिना मानचित्र के बनवाया था। इसके साथ ही चौथे तल पर भी निर्माण कराया गया था।



 इस अवैध निर्माण पर भी एलडीए ने फरीदा बेगम को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के बाद न्यायालय ने अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया था। जिस पर बुधवार सुबह प्रवर्तन अधिकारी कमलजीत सिंह के नेतृत्व में कार्रवाई शुरू की गई।

कानपुर प्रखर महाराज के खिलाफ युवती से दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज


 कानपुर प्रखर महाराज के खिलाफ युवती से दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज


मां बोली- एकांत कमरे में दीक्षा देने के बहाने बुलाकर की दरिंदगी।



उत्तर प्रदेश कानपुर किदवई नगर की युवती से दुष्कर्म, छेड़छाड़ और धमकी के आरोप में पुलिस ने निर्वाणी अखाड़ा के प्रखर जी महाराज के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है।



जानकारी के अनुसार युवती की मां ने सोमवार को इस संबंध में आशा ज्योति केंद्र के वन स्टॉप सेंटर में राज्य महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर से शिकायत की थी।



उनके निर्देश पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की है। युवती की मां ने पुलिस को बताया कि 2020 फरवरी में निर्वाणी अखाड़ा के प्रखर जी महाराज विशेष धार्मिक कार्यक्रम के लिए कानपुर प्रवास पर थे। इस कार्यक्रम के आमंत्रण पर वह अपने पति व बेंगलुरु से पढ़ कर आई बेटी के साथ पहुंची थीं। आरोप है कि महाराज ने उनकी बेटी को बदनीयती से अपने पास बुलाया और एकांत कमरे में दीक्षा देने के बहाने उससे छेड़छाड़ व दुष्कर्म किया।



काफी देर बाद बेटी बाहर आई तो उसने आपबीती सुनाई और किसी से कुछ कहने पर माता-पिता की हत्या कराने की धमकी दी। इस पर दंपती डर कर बेटी को वहीं छोड़ कर चले आए। बाद में उन्हें पता चला कि महाराज जी उनकी बेटी को अपने साथ हरिद्वार शंकराचार्य मार्ग स्थित भूपत वाला विश्वनाथ आश्रम ले गए। उत्तराखंड प्रशासन से मदद मांगी तो बेटी की मानसिक स्थिति शून्य होने की जानकारी मिली। 



कई बार बेटी को वापस करने की याचना की, लेकिन प्रखर महाराज के गुर्गों ने उनके साथ अभद्रता करते हुए भगा दिया।

इस संबंध में प्रखर महाराज का कहना है कि उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। उन्हें बदनाम करने के लिए पूर्व में भी स्वरूपनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें पुलिस ने जांच के बाद एफआर लगा दी थी। उन्होंने कहा कि युवती अपनी मर्जी से फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है।

जेसीबी के सामने लेटने वाले जज साहब किए गए निलंबित


 जेसीबी के सामने लेटने वाले जज साहब किए गए निलंबित



उत्तर प्रदेश प्रयागराज बस्ती जिले के हरैया थाना क्षेत्र के छपिया शुक्ल गांव में नहर खोदाई के दौरान जेसीबी के सामने लेटना अपर जिला जज (एडीजे) प्रथम मनोज शुक्ला को भारी पड़ गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके आचरण को गलत मानते हुए निलंबित कर दिया है।



 हालांकि, इस संबंध में कोई अधिकारिक आदेश अभी जारी नहीं किया गया है। लेकिन हाईकोर्ट में मंगलवार को इस मामले में कर्मचारियों के बीच चर्चा रही। उनके निलंबन का आदेश यहां डिस्पैच सेक्शन से सुल्तानपुर जिला न्यायालय भेज दिया गया है। उनके निलंबन का फैसला हाईकोर्ट प्रशासनिक समिति ने लिया है।



दरअसल सुल्तानपुर में तैनात एडीजे प्रथम मनोज शुक्ला नहर की खोदाई के दौरान जेसीबी के सामने लेट गए थे। इसका वीडियो भी वायरल हो गया था। सियासी गलियारों में इसको लेकर तमाम चर्चाएं रहीं। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनके लेटने को लेकर ट्वीट भी किया था और मौजूदा सरकार पर टिप्पणी की थी कि जब न्यायिक व्यक्ति के साथ ऐसा हो रहा है तो आम जनता के साथ क्या होगा।



एडीजे मनोज शुक्ला पूरी रात जिला प्रशासन की टीम के सामने बिना खाए-पिए जमीन पर लेटे रहे। उनका कहना था कि मैं एक न्यायिक अधिकारी हूं, यह मेरी पुश्तैनी जमीन है। जहां पर सब लोगों द्वारा हमारी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है, यह काम गलत है। जमीन का अधिग्रहण नियमों के विपरीत है और डीएम ने जो आदेश दिया है वह भ्रष्टाचार से युक्त आदेश है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए एडीजे  फस्ट मनोज शुक्ला को निलंबित कर दिया।