Tuesday 28 March 2023

लखनऊ बिजली कर्मचारियों के समर्थन में उतरे राज्य कर्मचारी कर्मचारी संगठनों ने सरकार को 2 अप्रैल तक का समय दिया कहा पूरे प्रदेश में कर्मचारी चक्का जाम करने को होंगे मजबूर


 लखनऊ बिजली कर्मचारियों के समर्थन में उतरे राज्य कर्मचारी


कर्मचारी संगठनों ने सरकार को 2 अप्रैल तक का समय दिया


कहा पूरे प्रदेश में कर्मचारी चक्का जाम करने को होंगे मजबूर


उत्तर प्रदेश लखनऊ बिजली कर्मचारियों के समर्थन मे राज्य, निकाय और निगम कर्मचारी भी सामने आ गए है। मंगलवार को पूरे प्रदेश में कर्मचारी जिला स्तर पर इसको लेकर प्रदर्शन किया। दावा किया जा रहा है कि बिजली कर्मचारियों के समर्थन में प्रदेश के 18 लाख राज्य, निकाय, निगम के संविदा और नियमित कर्मचारी खड़े हो गए है। लखनऊ में बीएन सिंह की प्रतिमा पर धरना देते हुए कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अब यह पूरे प्रदेश के कर्मचारी नेताओं में अस्तित्व बचाने की लड़ाई है।


 यह अब कर्मचारी आंदोलन को बचाने की लड़ाई है और इसको अगर नहीं रोका गया तो पूरे प्रदेश में कर्मचारी चक्का जाम करने को मजबूर होंगे। यहां तक कहा गया कि बिजली कर्मचारियों के खिलाफ हुए कार्रवाई को जल्द नहीं हटाया गया तो प्रदेश के राज्य, निकाय और निगम कर्मचारी बिजली कर्मचारियों के समर्थन में कार्य बहिष्कार कर सकते हैं। इसको लेकर कर्मचारियों का एक संयुक्त मंच तैयार कर लिया है। मंच के संयोजक अमरनाथ यादव ने बताया कि बिजली कर्मियों के उत्पीड़न के विरोध में प्रदेश के सभी कर्मचारी महासंघ और कर्मचारी संयुक्त परिषद एक साथ आ गए हैं। अब पूरे प्रदेश में 28 मार्च को जिला स्तर पर दो घंटे का धरना होगा। उसके बाद भी हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो कर्मचारी बड़ा आंदोलन करने को विवश होगा। 


हरि किशोर तिवारी, सतीश पाण्डेय, शशि कुमार मिश्र, एसके रावत, एसपी तिवारी, राम राज दुबे, मनोज मिश्र, रमेन्द्र श्रीवास्तव, कमल अग्रवाल, गिरीश चन्द्र मिश्र, हरि शरण मिश्र, रिंकू राय, संयोजक अमरनाथ यादव एवं सह संयोजक कमलेश मिश्र, रेनू शुक्ल, राममूर्ति यादव और संरक्षक वीपी मिश्र जैसे अलग-अलग संवर्ग के कर्मचारी नेता प्रेस वार्ता के दौरान मौजूद रहे। धरने में उमाशंकर मिश्र, चन्द्रशेखर, प्रेम नाथ राय, दिलीप श्रीवास्तव, शिवबरन यादव, राम भजन मौर्य, बीएल कुशवाहा, आशीष यादव, रामसेवक शुक्ला, वाईएन उपाध्याय, जीएन सिंह, उदय नाथ सिंह, सुरेश सिंह यादव, राम कुमार धानुक, रीना त्रिपाठी, अमित खरे, कर्मेन्द कुमार, धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, हेमन्त खड़का, बंशीधर मिश्र, आफिक सिद्दीकी, सुनील यादव, आरपी निगम, एसपी सिंह, नीरजपति त्रिपाठी समेत कई नेता शामिल रहेंगे।

मुजफ्फरनगर एसएसपी कार्यालय से 50 पत्रावलियां गायब, दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज एसएसपी द्वारा जांच कराये जाने के बाद स्पष्ट हुआ मामला


 मुजफ्फरनगर एसएसपी कार्यालय से 50 पत्रावलियां गायब, दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज


एसएसपी द्वारा जांच कराये जाने के बाद स्पष्ट हुआ मामला


उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में एसएसपी कार्यालय में बडी लापरवाही उजागर हुई हैं। कार्यालय में अपराध शीर्षक पटल पर तैनात दरोगा राजकुमार शर्मा पर पचास पत्रावलियां गायब करने का आरोप हैं। एसएसपी संजीव सुमन के आदेश पर थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज कराया गया हैं। एसएसपी कार्यालय की अपराध शीर्षक पटल का वर्तमान में कार्यभार देख रही प्रभारी कविता यादव ने थाना सिविल लाइन में दरोगा बाबू राज कुमार शर्मा के खिलाफ धारा 409 के तहत मुकदमा लिखाया हैं। लिखाया गया कि बाबू राजकुमार शर्मा के पास अपराध शीर्षक पटल का चार्ज था।


वह अपने निजी कार्यो के चलते अवकाश पर चल रहे हैं। इसी के चलते कविता यादव को एक फरवरी को पटल का कार्य सौंपा गया था। सोलह फरवरी को एडीजी राजीव सभरवाल के निरीक्षण के दौरान अपराध शीर्षक पटल की पत्रावलियों को उन्हें दिखाया जाना था लेकिन कुछ पत्रावली कविता यादव को नहीं मिली थी जिस कारण वह पत्रावली पेश नहीं कर पाई।


 बताया गया कि बाबू राज कुमार शर्मा ने अभी तक कविता यादव को कार्यभार नहीं सौंपा गया था। इसी के चलते एसएसपी ने एसपी यातायात कुलदीप सिंह से जांच कराई जिसमें स्पष्ट हुआ कि पचास पत्रावली गायब थी। तब एसएसपी ने मुकदमा दर्ज कराने के आदेश जारी किए थे। एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने पूरे मामले की पुष्टि कर बताया कि थाना सिविल लाइन में बाबू राज कुमार शर्मा (दरोगा) के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया हैं।

प्रयागराज उमेश पाल अपहरण केस में बड़ा फैसला अतीक अहमद समेत तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा


 प्रयागराज उमेश पाल अपहरण केस में बड़ा फैसला


अतीक अहमद समेत तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा


उत्तर प्रदेश प्रयागराज की एक विशेष अदालत ने पूर्व विधायक राजूपाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के 17 साल पुराने मामले में माफिया पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को मंगलवार को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी। प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला ने 2006 में हुए उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद, उसके वकील सौलत हनीफ और पूर्व सभासद दिनेश पासी समेत तीन आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 364 ए के तहत दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी। 


अदालत ने अतीक अहमद के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। मामले में 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। सुनवाई के दौरान उनमें से एक की मौत हो गयी थी। माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को उमेश पाल के अपहरण के मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए अदालत में अपराह्न करीब 12 बजे पेश किया गया। अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल और अशरफ को बरेली जेल से सोमवार को प्रयागराज में नैनी केन्द्रीय कारागार लाया गया था।


उमेश पाल 25 जनवरी 2005 को बहुजन समाज पार्टी विधायक राजू पाल की हत्या के मामले का चश्मदीद गवाह था। राजू पाल हत्याकांड मामले में अतीक अहमद आरोपी है। उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था। अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई, 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र किया गया था। उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिस कर्मियों की विगत 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।


फूलपुर से समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक अहमद को जून 2019 में गुजरात की साबरमती केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। उत्तर प्रदेश में जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट का आरोप लगने के बाद अतीक को साबरमती जेल भेजा गया था। अतीक अहमद उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है।

वाराणसी एक्ट्रेस आकांक्षा दुबे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई सामने मौत का कारण आया सामने, समर सिंह की लोकेशन तलाश में जुटी पुलिस


 वाराणसी एक्ट्रेस आकांक्षा दुबे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई सामने


मौत का कारण आया सामने, समर सिंह की लोकेशन तलाश में जुटी पुलिस


उत्तर प्रदेश वाराणसी भोजपुरी एक्ट्रेस आकांक्षा दुबे की सोमवार को पोस्टमॉर्टम हुआ। डॉक्टरों के पैनल ने उसका पोस्टमॉर्टम किया। सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती रिपोर्ट में मौत का कारण दम घुटना बताया गया है। यानी आत्महत्या की बात ही आ रही है। वहीं, होटल के रूम की फॉरेंसिक रिपोर्ट का भी पुलिस इंतजार कर रही है। इसके आने के बाद से पूरे मामले में तस्वीर काफी साफ हो जाएगी। पोस्टमॉर्टम के बाद शाम को मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।


वाराणसी के होटल में रविवार को आंकाक्षा का शव होटल के बंद कमरे में मिला था। एक पांव जमीन पर जबकि दूसरा बेड पर था। इस मामले में सोमवार को आंकाक्षा की मां मधु दुबे ने भोजपुरी सिंगर समर सिंह, उनके भाई संजय सिंह और दो अन्य यानी 4 लोगों के खिलाफ हत्या में उकसाने की एफआईआर दर्ज कराई है। मां ने आरोप लगाया कि समर सिंह ने रिलेशनशिप में बेटी को धोखा दिया। उसे प्रताड़ित किया और मार डाला।


आकांक्षा दुबे केस की पड़ताल कर रही सारनाथ थाने की पुलिस ने शनिवार रात को अभिनेत्री को होटल छोड़ने गए संदीप सिंह के अलावा दो अन्य लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है। इनके फोन की भी जांच की जा रही है। यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि उस रात (शनिवार को) जिस पार्टी में आंकाक्षा गई थी, उसमें क्या हुआ था। कौन-कौन आया था। हालांकि, पुलिस ने अब तक पूछताछ से जुड़ी कोई डिटेल शेयर नहीं की है।


इस पूरे मामले में पुलिस इस बात को कंफर्म कर रही है कि यह सुसाइड का केस है। ऐसे में पुलिस जांच का एंगल अब उन कारणों का पता करने में लगा है जिस वजह से आकांक्षा ने सुसाइड किया है। पुलिस ने आंकाक्षा के मोबाइल की डिटेल्स निकाली है। ताकि, उस रात किस-किस से बात हुई यह पता चल पाए। साथ ही, इस मामले में आरोपी समर सिंह और उसके भाई संजय सिंह के सोशल मीडिया अकाउंट भी चेक कर रही है।

कानपुर एक महिला ने वर्दी पहन कर बनाई रील, दूसरी दरोगा की गोद में बैठी फोटो वायरल होते ही सस्पेंड हुए दरोगा जी


 कानपुर एक महिला ने वर्दी पहन कर बनाई रील, दूसरी दरोगा की गोद में बैठी


फोटो वायरल होते ही सस्पेंड हुए दरोगा जी


उत्तर प्रदेश कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में तैनात एक दरोगा की वर्दी पहने एक महिला की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसे गम्भीरता से लेते हुए डीसीपी मुख्यालय तेज स्वरूप सिंह ने दरोगा को निलम्बित कर दिया है। साथ ही उसके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।


दरोगा की वर्दी पहनकर महिला ने फोटो खिंचाई और फिर रील बना कर इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दी। कुछ फोटो में दरोगा भी किसी दूसरी महिला के साथ दिख रहा है। वह महिला दरोगा की गोद में बैठी है। सोमवार को कुछ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। डीसीपी मुख्यालय ने बताया कि दरोगा जुगल किशोर कुछ समय पहले कैंट थाने में तैनात था।


इसके बाद उसे लाइन हाजिर कर दिया गया था। सोशल मीडिया पर जो फोटो वायरल हुए हैं, उसकी प्राथमिक जांच में पता चला है कि वर्दी दरोगा की ही थी। इस कारण उसे तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।


पुलिस अधिकारी दरोगा से इस मामले में विस्तृत पूछताछ करना चाहते थे मगर उसने फोन बंद रखा है। पुलिस लाइन में भी वह नहीं मिला। डीसीपी मुख्यालय का कहना है कि जल्द ही इस मामले में दरोगा का बयान दर्ज किया जाएगा।