Saturday 18 March 2023

आजमगढ़ बिजली कर्मियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी बिजली कर्मियों की बर्खास्तगी या गिरफ्तारी की गयी तो 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल जायेगी और प्रारम्भ होगा सामूहिक जेल भरो आन्दोलन


 आजमगढ़ बिजली कर्मियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी 


 बिजली कर्मियों की बर्खास्तगी या गिरफ्तारी की गयी तो 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल जायेगी और प्रारम्भ होगा सामूहिक जेल भरो आन्दोलन



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर चल रही बिजली कर्मियों की प्रान्तव्यापी हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी रही। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बिजलीकर्मी नेताओं की गिरफ्तारी के आदेश की चर्चा के बीच यह चेतावनी दी है कि यदि शान्तिपूर्ण ढंग से आन्दोलनरत बिजली कर्मियों को गिरफ्तार किया गया या बिजली कर्मियों की बर्खास्तगी की गयी तो ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, अभियन्ता और निविदा/संविदा कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे और पूरे प्रदेश में सामूहिक जेल भरो आन्दोलन प्रारम्भ होगा।


बिजली कर्मियों की हड़ताल के दूसरे दिन आज बिजली व्यवस्था पर प्रभाव दिखाई दिया। अनपरा बिजली घर में 500 मेगावाट क्षमता की एक और इकाई बिजली कर्मियों के काम पर न जाने के कारण बन्द करनी पड़ी। इसके अतिरिक्त ओबरा ताप बिजली घर की कुल 1000 मेगावाट क्षमता की पांच इकाईंयों ने पूरी तरह काम करना बन्द कर दिया है। अनपरा में 210-210 मेगावाट क्षमता की तीन इकाईयां हड़ताल के पहले दिन कल बन्द हो गयी थीं। पारीछा ताप बिजली घर में भी कल 210 मेगावाट क्षमता की एक इकाई बन्द करनी पड़ी थी। इस प्रकार उत्पादन निगम में 2950 मेगावाट क्षमता की 12 ताप बिजली इकाईयां अब तक बन्द हो चुकी हैं।


पारेषण की कई लाइनें बन्द हो गयी हैं और 33/11 केवी वितरण उपकेन्द्रों पर बिजली कर्मियों के न होने के कारण बिजली वितरण की व्यवस्था चरमरा रही है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों इस हालात के लिए ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन और सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि 03 दिसम्बर 2022 को ऊर्जा मंत्री के साथ संघर्ष समिति का लिखित समझौता हुआ जिसे बिजली निगमों के चेयरमैन मानने से इन्कार कर रहे हैं। संघर्ष समिति ने हड़ताल से उत्पन्न स्थिति के लिए ऊर्जा निगमों के चेयरमैन के हठवादी रवैये को जिम्मेदार ठहराया है।


संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि संघर्ष समिति ऊर्जा मंत्री से वार्ता के लिए हमेशा तैयार है। संघर्ष समिति ने कहा कि निविदा/संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश एवं बड़े पैमाने पर बिजली कर्मियों के विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज करने तथा संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के आदेश के चलते टकराव और बढ़ गया है। बिजलीकर्मी शांतिपूर्वक 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल कर रहे हैं किन्तु उक्त दमनात्मक कदमों से यह हड़ताल अनिश्चितकालीन हड़ताल में तथा जेल भरो आन्दोलन में बदल सकती है।


राजधानी लखनऊ में शत-प्रतिशत कर्मचारी सड़कों पर उतरे एवं समस्त ताप विद्युत तथा जल विद्युत परियोजनाओं व सभी जनपदों के लगभग एक लाख बिजलीकर्मियों ने हड़ताल में सम्मिलित होकर विरोध प्रदर्शन किया।

उत्तर प्रदेश ऊर्जा मंत्री की चेतावनी- काम पर नहीं लौटे तो .....


 उत्तर प्रदेश ऊर्जा मंत्री की चेतावनी- काम पर नहीं लौटे तो .....


लखनऊ उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों की हड़ताल से खड़े हुए बिजली संकट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा है कि मुख्यमंत्री को पूरे मामले से अवगत कराया गया है। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के 22 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। इन लोगों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी। इनमें से छह को निलंबित किया जा रहा है।


 ऊर्जा मंत्री ने बताया कि संविदाकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। अब तक 1332 की सेवा समाप्त की गई है। शाम तक अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सभी से अपील है कि जनता और अपने परिवार के हित में काम पर लौटें। चार घंटे का समय दे रहे हैं। शाम छह बजे तक नहीं लौटने वालो को बर्खास्त कर दिया जाएगा। जहां बर्खास्त कर रहे हैं। वहां दूसरी एजेंसी, इंजीनियरिंग कॉलेज से छात्रों को ले रहे हैं। नए लोगों की सेवाएं लेंगे। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कुछ संगठन पांच दिन से हड़ताल पर हैं। उनसे बात करने का लगातार प्रयास कर किया जा रहा है। वार्ता के द्वार खुले है। कई संगठन जनता के हितों की रक्षा कर रहे हैं। वे निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं। इन सभी का आभार है। कई निजी कंपनियों ने उत्पादन इकाई में मदद की है। उत्पादक क्षमता 28 मेगावाट की है। जरूरत कम है। 24 घंटे में अंधी तूफान की वजह से काम प्रभावित हो रहा है। कुछ जगह कर्मचारियों ने समस्या खड़ी की जिसे निष्प्रभावी कर दिया गया है। हड़ताल का कोई असर नहीं है। तार फीडर में हुई गड़बड़ी सही की गई है। कई जगह शार्ट सर्किट करने का प्रयास किया गया। देवरिया व आजमगढ़ में कुछ वारदात हुई है। उन सभी के नाम आ गए है। सभी के खिलाफ सख्त करवाई होगी।


राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। कर्मचारियों की अनर्गल मांगें पूरी नहीं की जा सकती हैं। संघर्ष समिति को बार बार बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि हड़ताल जनहित के विरुद्ध है। यह अवमानना भी है। कोर्ट के आदेश से सभी को अवगत करा दिया गया है। इसके बाद भी कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं। अब कार्पोरेशन उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विवश है।संघर्ष समिति हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहा है। नेताओं के करीबियों के तीन चार वीडियो भी सामने आए हैं।


 इसका मतलब है कि उन्हें जनता की तकलीफ से कोई मतलब नहीं हैं। इन नेताओं को किसी की फिक्र नहीं है। ऐसी परिस्थिति में यह राष्ट्रहित के खिलाफ है।

उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारियों की हड़ताल, 650 आउटसोर्सिंग व संविदाकर्मियों की सेवाएं समाप्त, एजेंसियों को नोटिस


 उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारियों की हड़ताल, 650 आउटसोर्सिंग व संविदाकर्मियों की सेवाएं समाप्त, एजेंसियों को नोटिस


लखनऊ ,उत्तर प्रदेश में विभिन्न निगमों में आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिए और संविदा पर कार्यरत करीब 650 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इनमें पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में 242, मध्यांचल के 110, पश्चिमांचल में 60 और दक्षिणांचल के 38 कर्मचारी भी शामिल हैं। इसके अलावा एजेंसियों को नोटिस भी जारी की गई है। कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज ने बताया कि गाजीपुर में बिजली आपूर्ति के लिए काम कर रही फर्म भारत इंटरप्राइजेज को अपने कर्मचारियों को उपस्थित न करा पाने के कारण फर्म के महाप्रबंधक एवं सुपरवाइजर राहुल सिंह के विरुद्ध कोतवाली गाजीपुर में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। 


इसके अलावा छह अन्य एजेंसियों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। देवराज ने कहा कि भविष्य में इन एजेंसियों को निगम में कार्य करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। सभी जिलों में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि काम न करने वालों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराई जाए।

गोरखपुर पूर्व सीएम के बेटे समेत 20 को असलहा जमा करने की चेतावनी निरस्त हो सकता है लाइसेंस


 गोरखपुर पूर्व सीएम के बेटे समेत 20 को असलहा जमा करने की चेतावनी


निरस्त हो सकता है लाइसेंस


उत्तर प्रदेश गोरखपुर तीन असलहे रखने वालों को अपना एक असलहा जमा करने के लिए जिला प्रशासन ने चेतावनी दी है। एक सप्ताह के भीतर जमा नहीं करने पर संबंधित का आखिर में लिए गए शस्त्र का लाइसेंस निरस्त करते हुए शस्त्र जब्त कर लिया जाएगा।


 जिन्हें चेतावनी दी गई है उनमें पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के बेटे विक्रम बहादुर सिंह, नेशनल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज बड़हलगंज के पूर्व प्राचार्य डॉ. शिवदत्त तिवारी, संजय सिंह, सुजाता अग्रवाल, मंजूर आलम, सत्येंद्र बहादुर सरकारी, अनय कुमार सिंह, सैयद फौआद अली, अमित कुमार सिंह, रामनरेश चंद, विजय बहादुर गुप्ता, उदयवीर सिंह, छोटेलाल, रमेश कुमार पांडेय, गौतम पोद्दार, आलोक शेखर तिवारी, जयराम प्रसाद, जितेंद्र नाथ सिंह, विश्ररम प्रसाद सिंघानिया, अंजनी कुमार सिंह का नाम शामिल है।

बिजनौर सपा नेता और उनके बेटे पर धारदार हथियार से हमला दोनों को जिला अस्पताल में कराया गया भर्ती


 बिजनौर सपा नेता और उनके बेटे पर धारदार हथियार से हमला


दोनों को जिला अस्पताल में कराया गया भर्ती


उत्तर प्रदेश बिजनौर में सपा नेता सत्यपाल सिंह और उनके बेटे पर दबंगों ने धारदार हथियार से हमला कर दिया। जिससे पिता और पुत्र दोनों घायल हो गए। दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमले के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। हादसे की जानकारी होने पर नूरपुर के सपा विधायक व कई पार्टी कार्यकर्ता अस्पताल पहुंचे। मामले की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस मामले की जांच-पड़ताल में जुटी है।


मामला बिजनौर शहर कोतवाली क्षेत्र के शांति नगर का है। जहां शुक्रवार की देर शाम समाजवादी पार्टी के नेता सत्यपाल सिंह व उनके बेटे पर पास के ही रहने वाले दबंगों ने धारदार हथियार से जानलेवा हमला कर दिया। जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। गंभीर हालत में सत्यपाल सिंह व बेटे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर उनका इलाज चल रहा है। सत्यपाल सिंह के शरीर पर कई जगह धारदार हथियार के घाव हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।


सत्यपाल सिंह वर्तमान में समाजवादी पार्टी के नेता हैं। इससे पहले वह बहुजन समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सत्यपाल सिंह पर हुए हमले की खबर सुनकर नूरपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक राम अवतार सैनी सहित दर्जनों लोग अस्पताल पहुंचे।


इस मामले में शहर कोतवाल नरेंद्र गौड़ का कहना है कि कूड़ा डालने को लेकर विवाद हुआ है। जिसमें सत्यपाल सिंह के ज्यादा चोट आई है। तहरीर के आधार पर तीन नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया जा रहा है। मामले की जांच की जा रही है।