Monday, 14 October 2024

आजमगढ़ कोर्ट में दारा सिंह चौहान, रामदर्शन और दरोगा सरोज की हुई पेशी सरकारी कार्य में बाधा डालने का है आरोप


 आजमगढ़ कोर्ट में दारा सिंह चौहान, रामदर्शन और दरोगा सरोज की हुई पेशी


सरकारी कार्य में बाधा डालने का है आरोप



उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के एमपी-एमएलए कोर्ट में सोमवार को भाजपा के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान, पूर्व विधायक रहे रामदर्शन यादव और लोकसभा लालगंज के सांसद दरोगा सरोज की पेशी हुई, जिसमें सुनवाई के बाद कोर्ट ने 24 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है। उक्त लोगों पर वर्ष 2001 में जहानागंज थाने के सामने उपद्रव के दौरान ईंट-पत्थर चलाने व सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप है। जानकारी के अनुसार, वर्ष 2001 में जहानागंज थाने के सामने समाजवादी पार्टी की सभा चल रही थी। सुरक्षा में पुलिसकर्मियों की भी तैनाती थी। जिसमें सपा के लोकसभा लालगंज के सांसद दरोगा सरोज, भाजपा सरकार के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान एवं सपा के पूर्व विधायक रहे रामदर्शन यादव सहित करीब 300 की संख्या में समर्थक शामिल हुए थे। 


इसी बीच, पुलिस प्रशासन के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग करते हुए नारेबाजी करते हुए थाने के गेट तक पहुंच गए। भीड़ द्वारा ईंट-पत्थर चलाए गए थे। इसी बीच रोडवेज की बस गुजर रही थी। तभी अफरा-तरफरी हो गई और बस से उतरकर सवारियां इधर-उधर भागने लगी। इस उपद्रव में कई पुलिसकर्मियों समेत आम जनता भी घायल हुई थी। इस मामले में पुलिस ने लोकसभा लालगंज के सांसद दरोगा सरोज, भाजपा के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान, सपा के पूर्व विधायक रहे रामदर्शन यादव, नंदलाल चौहान, कैलाश यादव, रामबृक्ष यादव व शिवबचन पासवान समेत अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। उक्त मामले में सोमवार को एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश अनुपम त्रिपाठी ने सुनवाई करते हुए 24 अक्टूबर 2024 की तिथि मुकर्रर की है।

मथुरा दिन दहाड़े भाजपा नेता, बेटे और भतीजे पर झोंका फायर सदस्यता अभियान से लौटते समय हुई घटना गंभीर रूप से घायल बेटे को अस्पताल में कराया गया भर्ती


 मथुरा दिन दहाड़े भाजपा नेता, बेटे और भतीजे पर झोंका फायर


सदस्यता अभियान से लौटते समय हुई घटना



गंभीर रूप से घायल बेटे को अस्पताल में कराया गया भर्ती



 उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में रविवार की शाम आरोपियों ने भाजपा नेता और उनके बेटे व भतीजों पर फायरिंग झोंक दी। गोली लगने से बेटा घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना की जानकारी ली। पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना बलदेव थाना क्षेत्र के नगला अर्जुन गांव की है। गांव निवासी भाजपा किसान मोर्चा के पदाधिकारी डॉ एनपी सिंह भरंगर व उनके पुत्र और भतीजों पर नामजद युवकों ने फायरिंग झोंक दी। इसमें डॉ एनपी सिंह व भतीजे राहुल व प्रशांत बाल-बाल बच गए। उनके पुत्र पुष्पेंद्र के दाहिने हाथ में गोली लगी है। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।


घटना से मौके पर भगदड़ मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल को अस्पताल पहुंचाया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आरोपियों ने पांच-छह फायर झोंके। भाजपा नेता डॉ एनपी सिंह भरंगर ने बताया कि भाजपा सदस्यता अभियान से दोपहर को वापस लौट रहे थे। आरोपी मनीष, बबलू व इनके पिता वीरेंद्र सिंह ने सड़क पर बाजरे की साफ-सफाई कर रहे थे। हम किसी तरह गाड़ी निकालकर आए। इस पर आरोपी मनीष व बबलू ने धमकी दी। कहा तुमको देख लेंगे।


 इसके बाद बेटे, भतीजे और मुझ पर तमंचा से हमला बोल दिया। मैं नीचे बैठ गया, भतीजों ने बंबा में कूदकर जान बचाई। पुत्र पुष्पेंद्र को गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल बेटे को जिला अस्पताल भर्ती कराया गया है। यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। थानाध्यक्ष त्रिलोकी सिंह ने बताया मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अभी तहरीर नहीं मिली है। तहरीर आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

लखीमपुर थप्पड़ कांड में कारवाई न होने से नाराज BJP विधायक ने लौटाए गनर फोन भी किया बंद, फूले अधिकारियों के पांव


 लखीमपुर थप्पड़ कांड में कारवाई न होने से नाराज BJP विधायक ने लौटाए गनर



फोन भी किया बंद, फूले अधिकारियों के पांव




उत्तर प्रदेश के लखीमपुर मे नौ अक्टूबर 2024  को लखीमपुर में हुई मारपीट में ऐक्शन न होने से नाराज भाजपा विधायक योगेश वर्मा ने सुरक्षा में बढ़ाए गए दो गनरों को वापस लौटा दिया। पुलिस अफसरों को इसकी जानकारी मिली तो हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने गनर को फिर वापस विधायक के पास भेज दिया है। अधिकारी विधायक को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। उधर विधायक का फोन बंद है। वह अधिकारियों से नहीं मिल रहे हैं। 


बीते बुधवार को अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के डेलीगेट चुनाव में भाजपा विधायक योगेश वर्मा के साथ मारपीट और अभद्रता हुई थी। यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बना है। इस घटना के बाद एसपी गणेश प्रसाद साहा ने विधायक की सुरक्षा में दो गनर और बढ़ा दिए थे। विधायक के पास एक गनर रहता था पर घटना के बाद उनकी सुरक्षा में तीन गनर लगाए गए थे। रविवार को विधायक ने अचानक सुरक्षा में बढ़ाए गए दोनों गनर को वापस कर दिया। बताते हैं कि गनरों के पुलिस लाइन पहुंचते ही अधिकारियों में हड़कम्प मच गया। आनन-फानन दोनों गनर को वापस विधायक के पास भेजा गया। उनसे कहा गया है कि वे वहीं रहें। वापस न आएं। पुलिस अधिकारी विधायक को मनाने में लगे हैं। 


रविवार शाम एएसपी पवन गौतम और सीओ रमेश तिवारी विधायक से मिलने उनके घर पहुंचे, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। विधायक योगेश वर्मा ने पुलिस को घटना की तहरीर भी दी थी। जिस पर अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। बताया जाता है कि घटना के बाद अधिकारियों के कहने पर ही उन्होंने तहरीर दी थी। चार दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने से विधायक नाराज हैं। 


चर्चा यह भी है कि उन्होंने सीओ को फोन कर अपनी तहरीर वापस करने को कह दिया। पर सीओ रमेश तिवारी इस बात से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि सभी तहरीर उच्चाधिकारियों को उसी दिन भेज दी गयी थी। उधर रविवार शाम को सदर विधायक लखनऊ के लिए रवाना हो गए। वहां उनकी सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात प्रस्तावित है। वह क्षेत्रीय अध्यक्ष से मिलकर पहले ही जानकारी दे चुके हैं। इधर उनके समर्थक सोशल मीडिया पर लोगों से सोमवार तक धैर्य रखने की अपील कर रहे हैं।