Sunday, 25 September 2022

आजमगढ़ मुबारकपुर गैंगेस्टर एक्ट में वांछित 25 हजार रूपये का इनामिया अभियुक्त सिक्स लेन अंडरपास के पास से गिरफ्तार

आजमगढ़ मुबारकपुर गैंगेस्टर एक्ट में वांछित 25 हजार रूपये का इनामिया अभियुक्त सिक्स लेन अंडरपास के पास से गिरफ्तार



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ थाना मुबारकपुर में गैंगेस्टर एक्ट में वांछित 25 हजार रूपये का इनामिया अभियुक्त हरिशचन्द्र उर्फ हरिश अवैध तमंचे के साथ गिरफ्तार हुआ। वादी मुकदमा स्वतंत्र कुमार सिंह प्रभारी निरीक्षक थाना सिधारी द्वारा दिये गये तहरीर के आधार पर थाना सिधारी में मु0अ0सं0 328/2022 धारा 3(1) गैंगेस्टर एक्ट का अभियोग पंजीकृत होकर विवेचना प्रभारी निरीक्षक कोतवाली द्वारा की जा रही थी, कि पुलिस अधीक्षक द्वारा अभियोग उपरोक्त में वांछित अभियुक्त हरिश्चन्द उर्फ हरिश पुत्र प्रहलाद यादव सा0 सोफीपुर थाना निजामबाद की गिरफ्तारी के सम्बन्ध में रूपया 25000/- का पुरस्कार घोषित किया गया था।


 जिसके क्रम में उ0नि0 रामकृष्ण सिंह मय हमराह को सूचना मिली कि मुकदमा उपरोक्त से सम्बन्धित इनामिया अभियुक्त हरिश्चन्द उर्फ हरिश किसी वारदात को कारित करने की फिराक में बनवारी मोड़ सिक्सलेन अण्डरपास ओवरब्रीज के पास खड़ा है। उक्त सूचना पर उ0नि0 मय टीम के बनवारी मोड़ सिक्सलेन अण्डरपास ओवरब्रीज के पास से अभियुक्त को अवैध तमंचा मय कारतूस के साथ गिरफ्तार कर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।

 

आजमगढ़ सरायमीर मुठभेड़ में बदमाश आलोक पांडेय को लगी गोली अभियुक्त के पास से तमंचा, कारतूस व पूर्व के लूट के डीएल, आधार कार्ड, ऐटीएम, एनपीएस कार्ड व पैसा बरामद।


 आजमगढ़ सरायमीर मुठभेड़ में बदमाश आलोक पांडेय को लगी गोली


अभियुक्त के पास से तमंचा, कारतूस व पूर्व के लूट के डीएल, आधार कार्ड, ऐटीएम, एनपीएस कार्ड व पैसा बरामद।



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ थानाध्यक्ष सरायमीर विवेक पांडे अपने हमराहियों के साथ संजरपुर से क कुजीयारी  जाने वाले मार्ग पर खुटहन पुलिया के पास वाहनों की चेकिंग कर रहे थे, इस दौरान सामने से आ रही लाल रंग की मोटर साइकिल सवार पुलिस को देख कर मुड़कर भागने का प्रयास किया। भागने की फिराक में वह अनियंत्रित होकर गिर गया। पुलिस द्वारा जब उसे रुकने के लिए कहा गया तो उसने थानाध्यक्ष सरायमीर को निशाना लगा कर फायर कर दिया। पुलिस द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में उसके दाहिने पैर में गोली लग गई। अभियुक्त को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


सूत्रो के मुताबिक अभियुक्त की पहचान आलोक पाण्डेय पुत्र जितेन्द्र कुमार पाण्डेय निवासी चकिया थाना रानी की सराय जनपद आजमगढ़ के रुप में हुयी। अभियुक्त के पास से तमंचा, कारतूस व पूर्व के लूट के मुकदमे से सम्बन्धित डीएल, आधार कार्ड, ऐटीएम, एनपीएस कार्ड व लूट का पैसा बरामद हुआ।


 अभियुक्त ने पूछताछ करने पर बताया कि हम लोगो का एक गिरोह है जो लूट का कार्य करते है तथा अतरौलिया, गम्भीरपुर, कप्तानगंज व सरायमीर व जनपद अम्बेडकर नगर में लूट कर चुके है तथा आज भी लूट करने के उद्देश्य से रेकी कर रहे थे।


ब्यूरो रिपोर्ट आजमगढ़ 

उत्तर प्रदेश 4 आईएएस और 4 पीसीएस अधिकारियों का हुआ तबादला

उत्तर प्रदेश 4 आईएएस और 4 पीसीएस अधिकारियों का हुआ तबादला


लखनऊ प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा 4 आईएएस और 4 पीसीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है।


 


यूपीएससी को योगी सरकार का जवाब मुकुल गोयल को DGP के पद से हटाने की बताई वजह


 यूपीएससी को योगी सरकार का जवाब



मुकुल गोयल को DGP के पद से हटाने की बताई वजह


लखनऊ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपीएससी को लिखा पत्र पर मुकुल गोयल को डीजीपी पद से हटाए जाने की वजह बताई है। सरकार ने जवाब दिया है कि मुकुल गोयल इस लायक नहीं थे कि डीजीपी बनते। चयन के लिए वरिष्ठता के साथ साथ क्षमता भी होनी चाहिए। मुकुल गोयल 2006-07 में पुलिस भर्ती घोटाले में सस्पेंड किये गए थे। आगे लिखा है कि मुजफ्फरनगर दंगे के समय मुकुल गोयल ADG LO थे, उस समय इन्हें अकर्मण्यता और अक्षमता के कारण हटाया गया था। सहारनपुर में अकर्मण्यता के कारण सस्पेंड किये गए थे। डीजीपी बनने के बाद भी अकर्मण्यता और भ्रष्टाचार में संलिप्तता जारी रही। ऐसे कई मामले हैं जो मुकुल गोयल की भ्रष्टाचार में संलिप्तता साबित करते हैं।


दरअसल, आयोग ने प्रदेश सरकार से मुकुल गोयल को डीजीपी पद से हटाए जाने की वजह पूछी थी, क्योंकि वरिष्ठता के कारण प्रस्ताव में इस बार भी उनका नाम भेजा गया है। इसके साथ ही आयोग ने प्रस्ताव में शामिल अन्य अफसरों से स्वप्रमाणित ब्योरा लेकर भेजने को कहा है। सूत्रों का कहना है कि आयोग यह भी देखेगा कि सेवाकाल का निर्धारण डीजीपी का पद रिक्त होने की तिथि से किया जाए या प्रस्ताव भेजे जाने की तिथि से। प्रस्ताव भेजे जाने की तिथि से आकलन किए जाने पर कुछ आईपीएस अफसरों का सेवाकाल छह माह से कम रह जाएगा और वे दौड़ से बाहर हो जाएंगे।


संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने यूपी में स्थाई डीजीपी की नियुक्ति के लिए भेजा गया प्रस्ताव वापस लौटा दिया है। प्रदेश सरकार अब आयोग से मांगी गई अतिरिक्त सूचनाओं के साथ नया प्रस्ताव भेजेगी। इस कवायद से स्थाई डीजीपी की नियुक्ति में और देरी होने की संभावना है। वर्ष 1988 बैच के आईपीएस डॉ. डीएस चौहान फिलहाल प्रदेश के डीजीपी का प्रभार संभाल रहे हैं। उनके पास डीजीपी अभिसूचना और निदेशक उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) का भी प्रभार है। गत 11 मई 2022 को मुकुल गोयल को हटाए जाने के बाद उन्हें डीजीपी का प्रभार सौंपा गया था। मुकुल गोयल 1987 बैच के आईपीएस हैं और फिलहाल डीजीपी नागरिक सुरक्षा के पद पर कार्यरत हैं। प्रदेश सरकार ने पिछले माह स्थाई डीजीपी की नियुक्ति के लिए यूपीएससी को प्रस्ताव भेजा था। इसमें 30 साल की सेवा पूरी कर चुके और छह माह से अधिक सेवाकाल वाले आईपीएस अफसरों का नाम भेजा गया था।


 नियमों के अनुसार यूपीएसएसी सेवा अभिलेखों के आधार पर वरिष्ठता क्रम तय करते हुए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम का पैनल बनाकर प्रदेश सरकार को भेजता है। प्रदेश सरकार इसी पैनल में से किसी एक को स्थाई डीजीपी नियुक्त कर सकती है।

संतकबीर नगर बीच सड़क सीओ से भिड़े भाजपा कार्यकर्ता, की गाली गलौच


 संतकबीर नगर बीच सड़क सीओ से भिड़े भाजपा कार्यकर्ता, की गाली गलौच



उत्तर प्रदेश संतकबीरनगर में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के स्वागत में सड़क पर खड़े भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हो गई। पुलिस सड़क पर खड़े कार्यकर्ताओं को हटाने लगी तो वे भड़क गए। इस दौरान भाजपाइयों और सीओ के बीच तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की हो गई। पुलिस फोर्स ने सीओ को भीड़ से बचाया। भाजपा विधायक व जिलाध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को समझाकर मामले को शांत कराया।


दरअसल, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक संत कबीर नगर के दौरे पर पहुंचे थे। उन्हें दोपहर करीब साढ़े 12 बजे मगहर से निकलकर खलीलाबाद पहुंचकर जिला अस्पताल का निरीक्षण करना था। इसके लिये रास्ते में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात थी। जिला अस्पताल से करीब 1 किमी पहले बीजेपी के कार्यकर्ता सड़क पर डिप्टी सीएम के स्वागत में खड़े थे।


पुलिस से नोकझोंक होती देख भाजपा विधायक व जिलाध्यक्ष ने बीचबचाव कर कार्यकर्ताओं और पुलिस को शांत किया। पुलिस से नोकझोंक होती देख भाजपा विधायक व जिलाध्यक्ष ने बीचबचाव कर कार्यकर्ताओं और पुलिस को शांत किया।


बताया जाता है कि जाम लगता देख भाजपाइयों को पुलिस सड़क से पीछे हटाने लगी तो उनकी धक्का मुक्की हो गई। इसके बाद हालात बेकाबू देख सीओ राजीव यादव मौके पर पहुंचे और भीड़ को पीछे हटाने लगे। इस दौरान भाजपाई भड़क गए और सीओ से उनकी तीखी नोकझोंक होने लगी।


आरोप है कि भाजपाइयों ने गालीगलौज कर सीओ से धक्का मुक्की की। भाजपाइयों ने पुलिस मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। हालांकि भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पहले पुलिस और सीओ ने उनके साथ अभद्रता की थी। जिसके बाद कार्यकर्ता भड़क गए।


डिप्टी सीएम का काफिला आता देख मौके पर मौजूद सदर विधायक अंकुर राज तिवारी एवं भाजपा जिलाध्यक्ष जगदंबा प्रसाद श्रीवास्तव ने किसी तरह बीच बचाव कर मामला शांत कराया। इस दौरान करीब आधे घंटे तक गहमागहमी का माहौल रहा।


मामले को लेकर सीओ राजीव यादव का कहना है कि सड़क पर जाम की समस्या को देखते हुए ट्रैफिक व्यवस्था को बहाल कराया जा रहा था। लेकिन भाजपा कार्यकर्ता सड़क से हटने को तैयार नहीं थे। पुलिस की तरफ से कोई धक्का मुक्की नहीं की गई है। राजीव यादव ने एक हफ्ते पहले ही सीओ की कमान संभाली है।