मऊ नाबालिग संग दुष्कर्म के मामले में एक को आजीवन कारावास।
उत्तर प्रदेश मऊ शुक्रवार को अपर जिला सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश पास्को कोर्ट नंबर- 1 जेहरा शबीर ने नाबालिक संग दुष्कर्म के मामले में रामाश्रय पुत्र वीरेंद्र राजभर निवासी भेदवरामल थाना रामपुर जिला मऊ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
जानकारी के अनुसार बताते चलें कि 16 जुलाई 2020 को वादी मुकदमा की भांजी उम्र 5 वर्ष जो आम बिनने बगीचे में गई थी, गांव के ही रामाश्रय पुत्र वीरेंद्र राजभर उसे जबरदस्ती गन्ने के खेत में उठा ले गया और मासूम के साथ दुष्कर्म किया। गांव की ही एक अन्य बच्ची जो पीड़िता के साथ आम बिनने गई थी उसने जाकर वादी मुकदमा से पूरी घटना के बारे में बताया, जब वादी मुकदमा घटनास्थल पर पहुंचा तो अभियुक्त गन्ना के खेत से निकल कर भाग रहा था।
वादी ने घटना की सूचना थाने पर दिया मुकदमा पंजीकृत हुआ। विवेचक द्वारा वाद विवेचना आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया, अभियोजन पक्ष की तरफ से कुल सात गवाह प्रस्तुत किया गया, अभियोजन अपने मुकदमे को संदेह से परे साबित करने में सफल रहा है।
न्यायालय द्वारा अभियुक्त के अधिवक्ता व अभियोजन की दलीलों को सुनने के बाद पत्रावली के अवलोकन के उपरांत अभियुक्त को दोषी करार दिया। सजा के बिंदु पर दुष्कर्म व पास्को एक्ट में आजीवन कारावास व 50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिया, और अर्थदंड की संपूर्ण धनराशि पीड़िता को देने का आदेश पारित किया।
साथ ही विधिक सेवा प्राधिकरण व डीएम मऊ को भी पीड़िता को आर्थिक सहायता दिलाने हेतु अपने आदेश की एक प्रति प्रेषित को कहा।
अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक प्रवीण कुमार मिश्रा, विमल श्रीवास्तव ने अपने पक्ष को रखा अभियोजन के सहयोग में एडवोकेट राजनाथ यादव धनंजय सिंह परमार रहें।