Saturday 25 November 2023

उन्नाव प्रेमिका के लिए 4 बच्चों को उतारा मौत के घाट दरिंदे पिता ने कबूला अपना जुर्म


 उन्नाव प्रेमिका के लिए 4 बच्चों को उतारा मौत के घाट



दरिंदे पिता ने कबूला अपना जुर्म



उत्तर प्रदेश उन्नाव जिले में गुनाह को दबाने के लिए आखिर पुलिस-प्रशासन की सभी कोशिशें नाकाम हो गईं। लालमनखेड़ा गांव में चार मासूम भाई-बहनों की हुई मौत की घटना में आरोपी पिता ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि चार मासूमों की मौत करंट लगने से नहीं, बल्कि गेहूं में डालने वाली कीटनाशक दवा खिलाने के बाद मुंह दबाने से हुई थी। आरोपी ने बताया कि गांव की एक महिला से संबंध को लेकर पत्नी से रोज-रोज के झगड़े से ऊबकर उसने यह हैवानियत भरा कदम उठाया है। उसके जुर्म स्वीकारने के बाद पत्नी ने थाने में तहरीर दी है। पुलिस ने आरोपी पति को हिरासत में लिया है।


 पिता के कबूलनामे ने पुलिस की लीपापोती से पर्दा उठा दिया है। रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना में हैरतअंगेज पहलू यह है कि अभी जिले की पुलिस बयां की गई हकीकत से कदम पीछे कर करंट से मौत की बात ही कह रही है। बारासगवर थाना क्षेत्र के गांव लालमनखेड़ा में 19 नवंबर को वीरेंद्र कुमार पासवान के बेटे मयंक (9), बेटी हिमांशी (8), हिमांक (6) और मांशी (4) के शव घर में पड़े मिले थे। शवों के ऊपर बिजली का पंखा (फर्राटा) पड़ा हुआ था। पंखा देख सभी ने करंट से मौत होने की आशंका जताई थी। पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम कराया था। रिपोर्ट में जहर देने के साथ गला दबाने से मौत की पुष्टि हुई थी। लेकिन, पुलिस ने पूरे घटनाक्रम की थ्योरी ही बदल दी थी। एसपी के मुताबिक बच्चों की मौत करंट लगने से हुई थी न कि जहर खाने से। घटना को दबाने के लिए पुलिस ने छह दिन तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। मृत बच्चों के परिजन और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी के कहने के बाद भी पुलिस ने उन्हें रिपोर्ट नहीं दिखाई।


घटना के बाद से बच्चों के ननिहाल पक्ष से नानी, मामा और चचेरे मामा ने भी हत्या की बच्चों के पिता वीरेंद्र पर ही आशनाई के चक्कर में हत्या का आरोप लगाया। इस बीच वीरेंद्र पासवान ने 20 जुलाई को जहर खा लिया। हालत में सुधार होने के बाद भी पुलिस ने उसे आनन-फानन कानपुर हैलट रेफर करा दिया था। 23 नवंबर को हैलट में भर्ती पिता की हालत में सुधार होने पर वह घर लौटा और बच्चों को जहर देने के साथ गला दबाकर हत्या करने का जुर्म कबूल कर लिया। उसके मुताबिक बच्चों को करंट दिया ही नहीं गया था। पति के जुर्म कबूल करते पत्नी शिवदेवी ने पति के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। तहरीर के बाद पुलिस ने हिरासत में लिया। एसपी सिद्धार्थशंकर मीना ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तो करंट से मौत आई थी। पता नहीं क्यों वीरेंद्र खुद जहर देकर हत्या करने की बात कह रहा है। वह दो बच्चों का गला दबाने की बात भी कह रहा है लेकिन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया। बताया कि विसरा जांच के लिए भेजे गए हैं। जल्द से जल्द रिपोर्ट मंगवाने का प्रयास कर रहे हैं।

आजमगढ़ हत्यारोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा 21 साल पहले हत्या कर कुंए में फेंक दिया था शव


 आजमगढ़ हत्यारोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा



21 साल पहले हत्या कर कुंए में फेंक दिया था शव



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को आजीवन कारावास तथा बीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट जैनेंद्र कुमार पांडेय ने शुक्रवार को सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा गुलाम पुत्र तिलकधारी निवासी खुदकास्ता थाना सरायमीर के भाई गौतम की 7 मार्च 2002 की शाम लगभग सात बजे अज्ञात बदमाशों ने हत्या कर थाना सरायमीर कस्बा के दक्षिण में स्थित एक कुंए में शव को फेंक दिया गया था।


 जिसमें जांच के दौरान आरोपी इदरीश पुत्र असगर तथा मुस्तकीम पुत्र इदरीश निवासी मो0 ठठेरी बाजार कस्बा सरायमीर थाना सरायमीर आजमगढ़ का नाम प्रकाश में आय़ा। जांच बाद पुलिस ने आरोपियों के विरूद्ध आरोप पत्र न्यायालय दाखिल किया। दौरान मुकदमा आरोपी इदरीश पुत्र असगर की मृत्यु हो गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से कुल सात गवाह परीक्षित कराए गए। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी मुस्तकीम को आजीवन कारावास की सजा एवं 20 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।