उत्तर प्रदेश अब डीएम होंगे 'कप्तान', जिलाधिकारी करेंगे जिले में कानून व्यवस्था की बैठक
प्रशासन के अन्य अफसर भी मौजूद रहेंगे
उत्तर प्रदेश लखनऊ अभी तक कानून व्यवस्था की बैठक में पुलिस अधिकारी ही होते थे। जिले के पुलिस कप्तान यानी एसपी या एसएसपी कानून व्यवस्था की बैठक लेते थे। यूपी में अब यह व्यवस्था बदल दी गई है। कानून-व्यवस्था की बैठक पुलिस लाइन में ही होगी लेकिन इसे डीएम करेंगे। इस दौरान प्रशासन के भी अधिकारी मौजूद रहेंगे। पुलिस कमिश्नर प्रणाली वाले जिलों में कानून-व्यवस्था की बैठक बुलाने की जिम्मा पुलिस आयुक्त का होगा। हाल में शासन ने इस बाबत निर्णय सभी डीएम व पुलिस कमिश्नरों को भेज दिया है।
आदेश में कहा गया है कि डीएम की अध्यक्षता में कानून व्यवस्था की बैठक पुलिस लाइन में होगी। इसमें जिले के एसएसपी या एसपी, एडीएम प्रशासन, अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक व वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी व सभी थानाध्यक्ष शामिल होंगे। एसएसपी से कहा गया है कि वे डीएम की बैठक से पहले कानून व्यवस्था की बैठक कर लें। यूपी में फिलहाल सात जिलों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली है।
जिन जिलों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू है, उन जनपदों में कानून-व्यवस्था की समीक्षा के लिए पुलिस आयुक्त की अध्यक्षता में बैठक की जाएगी। इसमें अपर पुलिस आयुक्त, संयुक्त पुलिस आयुक्त, पुलिस उप आयुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी, डीजीसी एवं सभी थानाध्यक्ष शामिल होंगे।
मुख्य सचिव ने कहा है कि कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों की बैठक पृथक-पृथक बुलाई जाए। यह बैठकें प्रत्येक माह मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर मासिक रैंकिंग के प्रकाशन के एक सप्ताह के भीतर की जाएं। विकास कार्यों की समीक्षा के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक की जाएगी।
विकास कार्यों के लिए जिलों में मुख्य विकास अधिकारी सीएम डैशबोर्ड के नोडल अधिकारी होंगे तथा कानून व्यवस्था के लिए जिले में अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपायुक्त नोडल अधिकारी होंगे। राजस्व सम्बन्धी प्रोजेक्टों की समीक्षा किए जाने के लिए अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) सहायक नोडल अधिकारी होंगे।