आजमगढ़ एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' IPS अनिल कुमार ने 8 साल में किए 104 एनकाउंटर
एक्शन ऑन द स्पॉट के रूप में है पहचान, डॉक्टर से IPS तक का प्रेरणादायक सफर
बिकरू कांड में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके सहयोगियों को महज 4 घंटे में किया था ढेर
उत्तर प्रदेश, आजमगढ़ उत्तर प्रदेश पुलिस के चर्चित IPS अधिकारी अनिल कुमार को आजमगढ़ का नया पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है। वर्तमान में प्रतापगढ़ में एसपी के पद पर तैनात अनिल कुमार ने अपनी 8 साल की सेवा में 104 एनकाउंटर कर 'एक्शन ऑन द स्पॉट' की पहचान बनाई है। खासकर बिकरू कांड में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके सहयोगियों को महज 4 घंटे में ढेर करने वाले इस अधिकारी की बहादुरी और तेज-तर्रार कार्यशैली की हर तरफ चर्चा है। राजस्थान के झुंझुनूं जिले के अलसीसर गांव के रहने वाले अनिल कुमार ने डॉक्टर से IPS बनने तक का सफर कड़ी मेहनत और लगन से तय किया है।
6 दिसंबर 1981 को अलसीसर के एक साधारण परिवार में जन्मे अनिल कुमार ने गांव के सरकारी स्कूल से पढ़ाई शुरू की। 1997 में 10वीं में 89% और 1999 में 12वीं में 90% अंक हासिल कर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की मेरिट लिस्ट में जगह बनाई। जोधपुर के सम्पूर्णानंद मेडिकल कॉलेज से 2005 में MBBS की डिग्री हासिल की और दिल्ली के गुरु तेग बहादुर और हिंदू राव अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के रूप में सेवाएं दीं। सीनियर डॉक्टरों को UPSC पास करते देख अनिल ने भी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। 2009 में पहले प्रयास में इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस (IRTS) में चयन हुआ, लेकिन उनका लक्ष्य IPS बनना था। पांच बार UPSC पास कर 2016 में उत्तर प्रदेश कैडर में IPS बने।
अनिल कुमार की पहली पोस्टिंग नोएडा में हुई, जहां उन्होंने 2018 में 625 किलो चांदी की लूट की वारदात को सुलझाया। वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान PM नरेंद्र मोदी की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली और कैंट थाना क्षेत्र के डबल मर्डर केस को भी सुलझाया।
2020 में कानपुर देहात के बिकरू कांड में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गैंग ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। अनिल कुमार ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को एनकाउंटर में ढेर किया। भदोही और चंदौली में एसपी रहते हुए उन्होंने माफियाओं के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। चंदौली में एक साल में 225 मुकदमे दर्ज कर माफियाओं पर नकेल कसी। उनकी बहादुरी के लिए उन्हें DGP सिल्वर और गोल्ड मेडल के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 8 साल की बच्ची के मर्डर केस में पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अनिल कुमार की शादी दीपशिखा से हुई है, जो हाउसवाइफ हैं। आजमगढ़ में नई जिम्मेदारी के साथ उनके कठोर और निष्पक्ष कार्यशैली से अपराधियों में खौफ और जनता में भरोसा बढ़ने की उम्मीद है।