Wednesday 15 March 2023

आजमगढ़ अधिवक्ताओं की चेतावनी नहीं माने तो तेज होगा आंदोलन ग्रामीण न्यायालय के विरोध में फिर अधिवक्ताओं का सड़क पर प्रदर्शन जारी


 आजमगढ़ अधिवक्ताओं की चेतावनी नहीं माने तो तेज होगा आंदोलन



ग्रामीण न्यायालय के विरोध में फिर अधिवक्ताओं का सड़क पर प्रदर्शन जारी


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जनपद में ग्रामीण न्यायालय की स्थापना के प्रस्ताव को लेकर अधिवक्ताओं का आक्रोश कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दीवानी बार अभिभाषक संघ के आवाहन पर बनी संघर्ष समिति के द्वारा लगातार आंदोलन जारी है। 


इसी क्रम में बुधवार को फिर अधिवक्ता गण लामबंद होकर कोर्ट परिसर के पूर्वी गेट के बाहर गिरजाघर चौराहे के समीप सड़क पर नारेबाजी करते हुए उतर आए। इस दौरान करीब 2 घंटे तक अधिवक्ताओं का हुजूम लगातार विरोध प्रदर्शन करता रहा और चेतावनी दी कि उनकी मांगे अगर नहीं मानी जाती हैं तो आंदोलन और तीव्र किया जाएगा।


 अधिवक्ताओं का कहना है कि ग्रामीण न्यायालय का जो प्रस्ताव है वह वादकारियों के हित में नहीं है और ना ही अधिवक्ताओं के। ग्रामीण न्यायालय कहने में तो न्यायालय है लेकिन वहां पर ऐसी कोई सुविधा नहीं है जिससे वहां पर न्याय का कार्य हो सकेगा। कोई बुनियादी ढांचा बनाया ही नहीं गया और ग्रामीण न्यायालय का प्रस्ताव दे दिया गया। ना वहां पर न्यायिक अधिकारी के बैठने की व्यवस्था है ना वरिष्ठ अधिवक्ताओं के लिए कोई व्यवस्था। फर्नीचर की व्यवस्था नहीं है। आना-जाना भी दूभर है। वादकारियों के लिए भी काफी दिक्कत है। तमाम समस्याएं हैं लेकिन इसके बाद भी इन सब पर ध्यान न देकर ग्रामीण न्यायालय का प्रस्ताव लाया जा रहा है।

आजमगढ़ रौनापार 3 वाहनों पर लदे 11 गोवंश बरामद, 5 पशु तस्कर धराए जिले में पशु तस्करी पर नहीं लग पा रही रोक


 आजमगढ़ रौनापार 3 वाहनों पर लदे 11 गोवंश बरामद, 5 पशु तस्कर धराए


जिले में पशु तस्करी पर नहीं लग पा रही रोक



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ पशु तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस लाख जतन कर रही लेकिन इस धंधे में शामिल तस्कर तू डाल-डाल तो हम पात-पात की तर्ज पर अपने काम को अंजाम देने में चूक नहीं कर रहे। इस कारोबार से जुड़े लोगों को सबक सिखाने के लिए पुलिस भी चौकसी बरत रही है लेकिन पशु तस्कर पुलिस की आंखों में धूल झोंककर अपने काम को बखूबी अंजाम देने में खाकी के खौफ से बेपरवाह नजर आ रहे हैं। इसका ताजा प्रमाण मंगलवार को रौनापार क्षेत्र में देखने को मिला। यहां पुलिस ने मुखबिर की मदद से महुला चौकी बंधे पर घेरेबंदी कर तीन वाहनों पर क्रूरतापूर्वक लादे गए 11 गोवंश बरामद करते हुए पशु तस्करी में लिप्त पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया।


बताते हैं कि रौनापार थाना अंतर्गत महुला चौकी प्रभारी वंशराज सिंह को मंगलवार की दोपहर सूचना मिली कि कुछ पशु तस्कर गोवंशीय जानवरों को चारपहिया वाहनों पर लादकर बंधा मार्ग से होते हुए महुला डगरे की ओर आ रहे हैं। पुलिस तत्काल सक्रिय हुई और दोपहर करीब दो बजे बंधा मार्ग से आ रहे दो पिकअप तथा एक टाटा मैजिक वाहनों को रोका गया। पुलिस देख वाहनों पर सवार लोगों ने भागने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने पांच लोगों को काबू में कर लिया। कब्जे में लिए गए मवेशी लदे वाहनों तथा हिरासत में लिए गए लोगों को पुलिस थाने ले आई।


 पकड़े गए लोगों में विजयशंकर पुत्र स्व० बब्बन यादव ग्राम सरया डोमवा थाना पकड़ी,मोनू उर्फ अविनाश पुत्र अजय सिंह व शिवा जी पुत्र रामदेव यादव ग्राम आसन, प्रियांशु पुत्र संजय यादव एवं अंकित पुत्र कुंवर यादव ग्राम पचखओरआ थाना क्षेत्र सुखपूरा जनपद बलिया के निवासी बताए गए हैं। सभी के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के तहत विधिक कार्रवाई की गई है।

उत्तर प्रदेश 23 डीएम व आजमगढ़ सहित 6 कमिश्नर की जल्द बदल सकती है जिम्मेदारी, हटेंगे 140 एसडीएम आगामी निकाय और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश की नौकरशाही में बड़े फेरबदल की तैयारी


 उत्तर प्रदेश 23 डीएम व आजमगढ़ सहित 6 कमिश्नर की जल्द बदल सकती है जिम्मेदारी, हटेंगे 140 एसडीएम


आगामी निकाय और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश की नौकरशाही में बड़े फेरबदल की तैयारी


लखनऊ प्रदेश की नौकरशाही में बड़े फेरबदल की तैयारी है। आगामी निकाय और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जल्दी ही वे डीएम और कमिश्नर हटाए जा सकते हैं, जो चुनाव आयोग के तीन साल के प्रावधान के दायरे में आएंगे। ऐसे में वर्ष 2020 और 2021 में तैनाती पाने वाले 23 डीएम और 6 कमिश्नर की जिम्मेदारियों में बदलाव होगा।


अप्रैल-मई में नगर निकाय चुनाव होने की उम्मीद है। जैसे ही आचार संहिता लगेगी, चुनाव आयोग तीन साल से एक ही स्थान पर तैनात डीएम और कमिश्नर को हटाने पर विचार करेगा। लोकसभा चुनाव से पहले भी आमतौर पर आयोग ऐसे अधिकारियों की सूची मांग लेता है। इसलिए उच्चस्तर पर निर्णय लिया गया है कि पहले ही ऐसे मामलों पर विचार कर लिया जाए।


निकाय चुनाव के मद्देनजर वर्ष 2020 से तैनात अधिकारियों को हटाना होगा। वहीं, लोकसभा चुनाव उस क्षेत्र को समझने वाले डीएम व कमिश्नर की देखरेख में हों, इसके लिए यह जरूरी माना जा रहा है कि उन्हें तब तक उस मंडल या जिले में न्यूनतम एक वर्ष का अनुभव हो चुका हो। इस लिहाज से वर्ष 2021 में तैनात किए गए अधिकारियों को अभी से हटाना जरूरी होगा। उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो ये बदलाव नगर निकाय चुनाव से पहले तीन से चार चरणों में हो सकते हैं।


इन जिलों के हट सकते हैं डीएम-मैनपुरी, प्रयागराज, कौशाम्बी, फर्रुखाबाद, अयोध्या, महराजगंज, झांसी, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, बागपत, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, सहारनपुर, हमीरपुर, महोबा, बहराइच, श्रावस्ती, कासगंज व एटा।


यहां के कमिश्नर की बदल सकती है जिम्मेदारी-आगरा, कानपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, आजमगढ़ व सहारनपुर।


नगर निकाय चुनाव से पहले 140 एसडीएम के तबादले होंगे। ये वो अधिकारी हैं, जो तैनाती के तीन साल के दायरे में आ रहे हैं। इसी तरह से 30-40 एडीएम को भी इधर से उधर करने की पूरी संभावना है।

आजमगढ़ ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते को लागू कराने हेतु बिजली कर्मियों ने प्रांतव्यापी कार्य बहिष्कार किया शुरू किया 16 मार्च की रात्रि 10 बजे से शुरू होगी 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल 16 मार्च को देश-भर में उप्र के बिजली कर्मियों के समर्थन में किये जाएंगे विरोध प्रदर्शन


 आजमगढ़ ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते को लागू कराने हेतु बिजली कर्मियों ने प्रांतव्यापी कार्य बहिष्कार किया शुरू किया


16 मार्च की रात्रि 10 बजे से शुरू होगी 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल


16 मार्च को देश-भर में उप्र के बिजली कर्मियों के समर्थन में किये जाएंगे विरोध प्रदर्शन


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों, अभियन्ताओं और निविदा/संविदा कर्मियों ने आज प्रातः 10 बजे से कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर दिया है। कार्य बहिष्कार आन्दोलन में लगभग 01 लाख बिजली कर्मी सम्मिलित हैं।


 बिजली कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉईज एण्ड इंजीनियर्स(एनसीसीओईईई) ने उप्र के बिजली कर्मियों के आन्दोलन के समर्थन में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया है।


 एनसीसीओईईई के आह्वान पर 16 मार्च को देश के सभी प्रान्तों के सभी जनपदों एवं परियोजनाओं पर लगभग 27 लाख बिजली कर्मी सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेगें।


संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आज यहां बताया कि नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी के राष्ट्रीय संयोजक प्रशांत चौधरी, ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल पी. रत्नाकर राव, सीटू के सुभाष लांबा और कई अन्य राष्ट्रीय नेता 16 मार्च को सुबह लखनऊ पहुंच रहे हैं। लखनऊ में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी के राष्ट्रीय नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगें और बिजली कर्मचारियों की सभा को सम्बोधित करेगें।


संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि 16 मार्च की रात 10 बजे से 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल होगी। उन्होंने बताया कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन की हठवादिता के चलते बिजली कर्मियों पर हड़ताल थोपी जा रही है। उन्होंने कहा कि 03 दिसम्बर 2022 को हुए समझौते में ऊर्जा मंत्री की ओर से 15 दिन का समय मांगा गया था अब 112 दिन व्यतीत हो गये हैं और समझौते के प्रमुख बिन्दुओं के क्रियान्वयन की दिशा में कुछ भी कदम नहीं उठाया जा रहा है एवं ओबरा, अनपरा की 800-800 मेगा वाट की नई इकाईयां को उत्पादन निगम से छीन कर एन.टी.पी.सी. को दिये जाने, पारेषण के निजीकरण को रोकने व अन्य न्यायोचित मांगों के सार्थक समाधान किये जाने के उल्टे शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन कर रहे बिजली कर्मियों को पुलिस उत्पीड़न की धमकी दी जा रही है। 


शीतलाष्टमी के पर्व को देखते हुए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने लखनऊ में 15 मार्च को बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से चलती रहे, इस दृष्टि से लखनऊ में 15 मार्च को कार्य बहिष्कार न करने का निर्णय लिया है और तद्नुसार लखनऊ के बिजली कर्मियों को निर्देश दे दिए गए हैं।


संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राज नारायण सिंह, मुन्नवर अली, संदीप प्रजापति ,आशुतोष यादव, निखिल सिंह, राम पाल सिंह यादव, नीरज त्रिपाठी, एम के अग्रवाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति पूरा सम्मान व निष्ठा व्यक्त करते हुए समझौते को लागू कराने हेतु प्रभावी हस्तक्षेप करने की पुनः अपील की है। 


उन्होंने कहा कि बिजली कर्मियों का उ्देश्य हड़ताल कदापि नहीं है, हड़ताल उन पर थोपी जा रही है। यदि समझौते का क्रियान्वयन व अन्य न्यायोचित मांगों के सार्थक समाधान हो जाये तो बिजली कर्मी पूरी निष्ठा से दिन-रात कार्य कर उत्तर प्रदेश को बिजली आपूर्ति के मामले में शीर्ष दर्जा दिलाने में सक्षम हैं।

आजमगढ़ दीदारगंज भरभराकर गिरी कच्ची दीवार, मलबे में दबने से अधेड़ की मौत पीएम आवास बनाने के लिए तोड़वा रहा था कच्चा मकान


 आजमगढ़ दीदारगंज भरभराकर गिरी कच्ची दीवार, मलबे में दबने से अधेड़ की मौत


पीएम आवास बनाने के लिए तोड़वा रहा था कच्चा मकान


उत्तर प्रदेश आजमगढ़ दीदारगंज थाना क्षेत्र के गोसड़ी गांव में बुधवार की सुबह कच्ची दीवार गिर जाने से मलबे में दब कर अधेड़ की मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मर्चरी भेजवा दिया।


 गोसड़ी गांव निवासी अखिलेश राजभर (52) को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास का पैसा मिला था। आवास बनवाने के लिए वह अपने कच्चे मकान को तोड़वा रहा था। बुधवार की सुबह मिट्टी की दीवार पर रखी मंडई हटवा रहा था कि मिट्टी की दीवर गिर पड़ी और अखिलेश मलबे में दब गया। साथ मे मौजूद लोग आनन-फानन में मलबा हटाए और अखिलेश को बाहर निकाल कर डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।


 अखिलेश की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर दीदारगंज थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए मर्चरी भेजवा दिय। मृतक तीन पुत्री व दो पुत्रों का पिता था। घटना से परिजनों में कोहराम मच गया है।

आजमगढ़ 18 सब इंस्पेक्टर का कार्यक्षेत्र बदला.... देखे लिस्ट


 आजमगढ़ 18 सब इंस्पेक्टर का कार्यक्षेत्र बदला.... देखे लिस्ट



उत्तर प्रदेश आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने जिले की कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए 18 सब इंस्पेक्टर का कार्यक्षेत्र बदल दिया है।