आजमगढ़ शिक्षकों के गले की फांस बने टैबलेट
टैबलेट न तो चार्जिंग उठा रहे, न ही चालू हो रहें
सिम कार्ड एक्टिवेट करने का बनाया जा रहा दबाव
विभागीय अधिकारी समस्या से वाकिफ, झाड़ रहे पल्ला
उत्तर प्रदेश आजमगढ़ शिक्षकों के ऑनलाइन हाजिरी व अन्य कार्य करने के लिए वितरित किया गया टैबलेट ही अब उनके गले की फांस बन गया है। शिक्षकों को मिले टैबलेट जहां चार्जिंग नहीं उठा रहे हैं तो वहीं ज्यादातर टैबलेट ऑन ही नहीं हो पा रहे हैं। इसी बीच शिक्षकों को सिम कार्ड भी दे दिया गया और अब उनके ऊपर उसे एक्टिवेट करने का दबाव बनाया जा रहा है। जब तक टैबलेट ठीक नहीं होंगे तब तक सिम कार्ड भी एक्टिवेट नहीं होंगे। वहीं विभाग के अधिकारियों को इससे निजात दिलाने के लिए शिक्षक बात कर रहे हैं तो वह अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं। इसे लेकर शिक्षकों में पशोपेश की स्थिति बनी हुई है।
शासन के निर्देश पर परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के ऑनलाइन हाजिरी के साथ ही अन्य आनलाइन कार्य करने के लिए टैबलेट का वितरण कुछ महीने पहले किया गया था। इसके पीछे सरकार की मंशा थी कि शिक्षक समय से विद्यालय पहुंचकर आनलाइन हाजिरी देंगे, बच्चों के साथ सेल्फी लेकर फोटो अपलोड करेंगे व अन्य आनलाइन कार्य को सम्पादित करेंगे। इस बीच गर्मीयों की छुट्टी होने से विद्यालय बंद हो गये और टैबलेट को रख दिया गया। वर्तमान समय में शिक्षकों के ऊपर टैबलेट से आनलाइन हाजिरी व अन्य आनलाइन कार्य करने का दबाव बनाया जाने लगा। शिक्षकों ने जब टैबलेट को चलाने के लिए चार्जिंग में लगाया तो वह न तो चार्ज हो रहा है और न ही चालू हो रहा है। ऐसी स्थिति जनपद के ज्यादातर शिक्षकों के साथ हो रहा है।
इसी बीच विभाग की तरफ से शिक्षकों को एयरटेल कंपनी का सिम कार्ड भी वितरित कर उसे टैबलेट में लगाकर एक्टिवेट करने का निर्देश जारी कर दिया गया। शिक्षकों ने जब टैबलेट चालू न होने एवं चार्जिंग न होने की समस्या से विभागीय अधिकारियों को रूबरू कराया तो वह पूरी तरह से पल्ला झाड़ ले रहे हैं और शिक्षकों पर सिम कार्ड एक्टिवेट करने का अलग से दबाव बना रहे हैं। इसे लेकर शिक्षकों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है कि आखिरकार इस समस्या से निजात मिले तो कैसे मिले।
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