Monday 30 May 2022

रामपुर फूट-फूट कर रोईं महिला सिपाही भोट थानाध्यक्ष राकेश कुमार पर लगाए गंभीर आरोप, महिला कांस्टेबल रेखा चौधरी गवां चुकी है अपनी जान


 रामपुर फूट-फूट कर रोईं महिला सिपाही


भोट थानाध्यक्ष राकेश कुमार पर लगाए गंभीर आरोप, महिला कांस्टेबल रेखा चौधरी गवां चुकी है अपनी जान



उत्तर प्रदेश रामपुर महिलाएं तो महिलाएं, जेंटस भी परेशान हैं। कोई अपनी बात नजर उठाकर नहीं कह सकता। रात को 9 बजे घर पहुंचते हैं। सुबह 7 बजे फिर थाने आ जाते हैं। छुट्‌टी ली थी तो रजिस्टर फेंक कर मार दिया। 12 बजे छुट्‌टी होनी थी, रात को आठ बजे हुई।



अधिकारियों के सामने अपनी बात रखेंगे। यह बातें बतातें हुए भोट थाने की कांस्टेबल फूट-फूटकर रोने लगी। थाने में तैनात हर महिला सिपाही की लगभग यही कहानी है। जानकारी के अनुसार मामले का वीडियो भी सामने आया है।




दरअसल, एक दिन पहले भोट थाने में तैनात कांस्टेबल रेखा चौधरी की सड़क हादसे में मौत हो गई। रविवार को उनका पोस्टमार्टम हुआ। इसमें कई महिला कांस्टेबल भी शामिल हुईं। दो कांस्टेबल ने भोट  थानाध्यक्ष राकेश कुमार पर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि राकेश कुमार छुट्‌टी को लेकर परेशान करते हैं। इससे रेखा चौधरी डिप्रेशन में थी।

दो दिन पहले रेखा चौधरी सड़क हादसे में घायल हो गई थी, उसे छुट्टी नहीं दी गई। छुट्टी दी भी जाती है तो तमाम पाबंदियां लगाई जाती हैं। 




रेखा चौधरी 2 माह की गर्भवती थी और उत्पीड़न के चलते बहुत टेंशन में थी। इसी के चलते वह हादसे का शिकार हो गईं और उनकी मौत हो गई।

महिला सिपाहियों ने आरोप लगाया कि थानाध्यक्ष लगातार उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। वहीं, एडिशनल एसपी डॉ. संसार सिंह का कहना है कि ऐसी कोई शिकायत तो नही आई। अगर शिकायत मिलेगी तो जांच उपरांत कार्यवाही की जाएगी।



महिला सिपाहियों ने थानाध्यक्ष पर परेशान करने का आरोप लगाया है। रविवार को थानाध्यक्ष से परेशान होकर कई सिपाही रोने लगीं।



बता दें कि पहले योगी सरकार ने प्राइवेट नौकरी करने वाली महिलाओं के लिए छ़ुट्‌टी के संबंध में आदेश पारित किया है। इसके मुताबिक, उत्तर प्रदेश के तमाम फैक्ट्री और कारखानों में महिला कर्मियों से सुबह छह से शाम सात बजे के बाद काम नहीं लिया जाएगा। यदि निबंधक रात में काम लेते हैं तो संबंधित महिला कर्मी की लिखित रजामंदी जरूरी होगी। उसके इंकार करने पर नियोजक काम से नहीं निकाल सकेंगे।



प्रदेश सरकार ने राज्य के समस्त कारखानों में महिला कर्मकारों के नियोजन के संबंध में कारखाना अधिनियम-1948 की धारा 66 की उपधारा (1) के खण्ड (ख) में दी गई शक्तियों का प्रयोग कर इस अधिनियम में शर्तों से छूट प्रदान की है। श्रम विभाग ने इस संबंध में नए सिरे से आदेश जारी किए हैं।

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