आजमगढ़ हत्या के आरोपी को सश्रम आजीवन कारावास
एक लाख रुपए अर्थ दंड भी, सबूत के अभाव में 5 आरोपी दोषमुक्त
उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जनपद में हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को सश्रम आजीवन कारावास तथा एक लाख रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई। जबकि पर्याप्त सबूत के अभाव में पांच आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया। यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश पांडेय ने गुरुवार को सुनाया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार सिधारी थाना क्षेत्र के चकभाई खां ग्राम में 2 दिसंबर 2018 को रामप्यारे यादव के यहां गृहप्रवेश था। इस गृह प्रवेश में वादी मुकदमा देवराज निवासी चकभाई खा का लड़का प्रवेश तथा उसका मित्र धनपाल शामिल होने गए थे। वहीं पर इन दोनों का गांव के शैलेंद्र निवासी चक बिलंदा और सुरेंद्र निवासी चक नवाज से विवाद हो गया। सुरेंद्र तथा शैलेंद्र के पक्ष में गांव के प्रधान गोपाल यादव और उनके भाई राम जन्म, महेंद्र तथा शिव जन्म वहां पर आ गए। इस विवाद में गोपाल यादव ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोली चला दी। जिससे प्रवेश और धनपाल घायल हो गए।अस्पताल ले जाते समय धनपाल की मौत हो गई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद मुकदमे में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दिया।
अभियोजन पक्ष की तरफ से शासकीय जिला शासकीय अधिवक्ता प्रियदर्शी पियूष त्रिपाठी ने कुल नौ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों के दलीलों को सुनने के बाद अदालत में आरोपी गोपाल को सश्रम आजीवन कारावास तथा एक लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई ।जबकि आरोपी शैलेंद्र, सुरेंद्र ,महेंद्र, रामजन्म तथा शिवजन्म को पर्याप्त सबूत के अभाव में दोष मुक्त कर दिया।
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