Sunday 22 January 2023

बाराबंकी खुद को आग लगाकर तहसील सभागार में घुस गया मुंशी आत्मदाह की खबर से मची खलबली, भेजा गया ट्रामा सेंटर


 बाराबंकी खुद को आग लगाकर तहसील सभागार में घुस गया मुंशी


आत्मदाह की खबर से मची खलबली, भेजा गया ट्रामा सेंटर


बाराबंकी सम्पूर्ण समाधान दिवस में उस समय अफरातफरी मच गयी जब कानूनगो के पास काम करने वाला मुंशी (निजी कर्मचारी) आग लगाकर सभागार में घुस गया। उस समय सीडीओ की अध्यक्षता में समाधान दिवस चल रहा था। यह नजारा देखकर सभी अधिकारी आवाक रह गए। सुरक्षा कर्मियों ने कंबल डालकर आग से बचाने का प्रयास किया और आनन फानन में उसे सीएचसी इलाज के लिए भेजा। जहां से डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद ट्रामा सेंटर लखनऊ भेज दिया।


थाना लोनीकटरा के नबीपुर मजरे फिरोजाबाद गांव निवासी सुजीत उर्फ लालडेंगा सिंह चौबसी क्षेत्र के कानूनगो के साथ मुंशी का काम करता है। डेंगा सिंह इन्हीं के पास रहकर तहसील का काम करता है। शनिवार दोपहर करीब एक बजे सीडीओ एकता सिंह की अध्यक्षता में तहसील समाधान दिवस चल रहा था। उस समय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार सहित सभी विभागों के अधिकारियों के बीच जनता की समस्या सुनी जा रही थीं।


एकाएक डेंगा सिंह एसडीएम आफिस के बाहर आग लगाकर सभागार में प्रवेश हो गया। इसे देखकर हड़कंप मच गया। सभी अधिकारी आवाक रह गए। सभागार में भगदड़ सी मच गयी। सभागार में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने आनन-फानन कंबल डालकर आग से बचाने का प्रयास किया, मगर तब तक वह गंभीर रूप से झुलस गया। उसे तुरंत सीएचसी भेजा गया। जहां डाक्टरों ने बिना देर किए हुए ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया।


मुंशी डेंगा सिंह पखवाड़ा पूर्व हुए एक बैनामा की जानकारी लेने के लिए ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि राम देव के पास फोन किया था। दोनों में हुई वार्ता के चलते प्रमुख प्रतिनिधि डेंगा सिंह पर किसी बात से नाराज हो गए थे। उन्होंने मुंशी की शिकायत तहसीलदार से किया। मुंशी डेंगा ने घटना के बाद आरोप लगाया कि इस मामले को लेकर तहसीलदार ने हमें बहुत प्रताड़ित किया। धमकी दिया कि तहसील में दिखाई दिए तो तुम्हारे खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करा दूंगा। बताया कि तहसील समाधान दिवस के दौरान भी धमकी दी थी। इसी के चलते हमने आत्मदाह करने का निर्णय लिया।


घटना के दौरान तहसील सभागार का गेट किसी ने बंद कर लिया था जिसके चलते सभागार में धुआं भर गया था। जिससे अधिकारी असमंजस की स्थिति में दिखे। दम घुटने को लेकर अधिकारियों में जल्द से जल्द बाहर निकलने के लिए बेचैन रहे। आखिरकार गेट खुलने के बाद सभी अधिकारियों ने राहत की सांस लिया। घटना को लेकर अधिवक्ताओं मे भी आक्रोश दिखा।

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