Thursday 12 January 2023

बरेली आधा घंटे तक तड़तड़ाईं गोलियां, जमकर चलीं तलवारें 2 गुटों के बीच वर्चस्व की जंग में बिछ गई लाशें


 बरेली आधा घंटे तक तड़तड़ाईं गोलियां, जमकर चलीं तलवारें


2 गुटों के बीच वर्चस्व की जंग में बिछ गई लाशें


उत्तर प्रदेश के बरेली में तिहरे हत्याकांड से सनसनी फैल गई। रामगंगा की कटरी में बुधवार शाम जमीन को लेकर दो गुटों के बीच वर्चस्व की जंग में तीन लोगों की हत्या कर दी गई। इस दौरान दोनों गुटों में करीब आधा घंटा तक जमकर फायरिंग हुई और तलवारें चलीं। इसमें कई लोग घायल भी हुए हैं। घटना की सूचना पर बरेली और बदायूं से फोर्स मौके पर पहुंच गई।


 शाम करीब साढ़े पांच बजे फरीदपुर थाना क्षेत्र के गांव गोविदपुर के पास रामगंगा पार कटरी में हुई। बताया जाता है कि यहां पर चंडीगढ़ में रहने वाले परमवीर सिंह ने झाला बनाकर करीब ढाई हजार बीघा जमीन घेर रखी है। बुधवार शाम वहां गन्ने की फसल काटी जा रही थी। उसी दौरान रायपुर हंस निवासी सुरेश प्रधान तीन-चार गाड़ियों में असलहों से लैस बदमाशों को लेकर पहुंच गया। उसने गन्ना काट रहे एक मजदूर की पिटाई कर दी। मजदूर ने तुरंत ही भागकर इसकी सूचना परमवीर के झाला पर जाकर दी। इसके बाद झाला पर रहने वाले 12 से अधिक लोगों ने तलवारों और अन्य हथियारों से लैस होकर सुरेश प्रधान गुट पर हमला कर दिया। करीब आधा घंटा तक दोनों गुटों के बीच जमकर फायरिंग हुई और तलवारें चलीं।


वर्चस्व की इस जंग में परमवीर पक्ष के परविंदर व देवेंद्र और सुरेश प्रधान पक्ष के गोलू पंखिया की मौत हो गई। गोली और तलवार लगने से सुरेश प्रधान समेत कुछ लोग घायल भी हुए हैं। घटना की सूचना पर डीआईजी /एसएसपी अखिलेश चौरसिया, एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल समेत कई थानों का पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। मौके पर पड़े तीनों शव जिला अस्पताल भिजवाए गए हैं। घटना की सूचना पर बदायूं के एसएसपी भी वहां पहुंचे। सभी आरोपी फिलहाल फरार बताए जा रहे हैं।


कटरी में बुधवार शाम करीब साढ़े पांच बजे हुई वारदात के पीछे करीब ढाई हजार बीघा जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद है। सुरेश प्रधान पर पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं और जब परमवीर ने वहां आकर झाला बनाया तो वर्चस्व की जंग शुरू हो गई। कई बार छिटपुट विवाद हुए और मामला शांत हो गया लेकिन बुधवार की जंग में तीन हत्याएं हो गईं। अब से कई साल पहले फरीदपुर के गोविंदपुर गांव में करीब 80 परिवार रह रहे थे। खेती-बाड़ी करके लोग गुजारा करते थे।

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