आजमगढ़ निजामाबाद तबादले से पहले यह महत्वपूर्ण काम कर गये एसडीएम सुनील कुमार धनवन्ता
आगे भी अपनी कार्यशैली को बनाये रखने की कही बात
उत्तर प्रदेश, आजमगढ़ चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार द्वारा जहां उपजिलाधिकारी निजामाबाद सुनील कुमार धनवन्ता का तबादला कर दिया गया, वहीं एसडीएम निजामाबाद रहते हुए सुनील कुमार धनवन्ता ने अपनी कार्यशैली से एक अमिट छाप भी छोड़ दी।
बताते चलें कि निजामाबाद तहसील के ग्राम गौसपुर में शासकीय अभिलेखों में फर्जी तरीके से दर्ज किए गए नामों को निरस्त कर पूर्ववत स्थिति बहाल करने का महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी, निजामाबाद, सुनील कुमार धनवंता ने इस मामले में कठोर कार्रवाई करते हुए आदेश पारित किया। इस आदेश के तहत गाटा संख्या 354 के सभी संघटक नंबरों पर दर्ज खातेदारों के नाम हटाए गए और भूमि को भीटा खाते में पुन: दर्ज करने का निर्देश दिया गया। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा-38 (1) के तहत की गई है।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी, निजामाबाद, सुनील कुमार धनवंता ने बताया कि ग्राम गौसपुर, परगना व तहसील निजामाबाद में गाटा संख्या 354 के सभी संघटक नंबरों पर फर्जी तरीके से अभिलेखों में नाम दर्ज किए गए थे। वाद में सुनवाई के बाद यह स्पष्ट हुआ कि यह भूमि भीटा खाते की है। इसके आधार पर पारित आदेश में सभी फर्जी रूप से दर्ज खातेदारों के नाम निरस्त कर दिए गए। आदेश के अनुसार, गाटा संख्या 354क (रकबा 0.015 एकड़/0.0060 हेक्टेयर) को भीटा खाते में और गाटा संख्या 354ख (रकबा 1.295 एकड़/0.5244 हेक्टेयर) को पेड़ लगाने हेतु खाते में दर्ज करने का निर्देश दिया गया। यह कार्रवाई आकार पत्र 41 व 45 के अनुसार की गई, जिससे भूमि की मूल स्थिति को बहाल किया जा सका। इस कदम से न केवल शासकीय अभिलेखों की शुद्धता सुनिश्चित हुई, बल्कि अवैध कब्जे को रोकने में भी मदद मिलेगी।
एसडीएम सुनील कुमार धनवंता ने स्पष्ट किया कि निजामाबाद तहसील में सुरक्षित श्रेणी की भूमियों पर अवैध कब्जे के खिलाफ कठोर कार्रवाई का सिलसिला जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में दिए गए निदेर्शों और चेतावनियों के अनुरूप ऐसी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। प्रशासन का यह प्रयास है कि शासकीय भूमि का दुरुपयोग रोका जाए और अभिलेखों में पारदर्शिता बनाए रखी जाए। उन्होंने आगे बताया कि इस तरह की कार्रवाइयां भविष्य में भी नियमित रूप से की जाएंगी ताकि अवैध कब्जेदारों को सबक सिखाया जा सके।
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