Thursday, 16 October 2025

अलीगढ़ 2 रिटायर इंस्पेक्टर समेत 7 को 20-20 साल की सजा दलित लड़की से गैंगरेप मामले में 23 साल बाद आया फैसला


 अलीगढ़ 2 रिटायर इंस्पेक्टर समेत 7 को 20-20 साल की सजा


दलित लड़की से गैंगरेप मामले में 23 साल बाद आया फैसला



उत्तर प्रदेश, अलीगढ़ खैर थाना क्षेत्र में 2002 में हुए किशोरी के अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के बहुचर्चित मामले में 23 साल बाद बुधवार को न्यायालय ने फैसला सुना दिया। एडीजे फास्ट ट्रैक प्रथम अंजू राजपूत की अदालत ने सात आरोपियों को दोषी ठहराते हुए 20-20 साल की सजा और जुर्माना सुनाया। दोषियों में दो सेवानिवृत्त पुलिस इंस्पेक्टर भी शामिल हैं, जिनमें से एक मामले का प्रथम विवेचक था।


मामला 30 अक्टूबर 2002 का है, जब खैर क्षेत्र के एक गांव निवासी ने अपनी 17 वर्षीय बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज की थी। पिता ने गांव के साहब सिंह, रामेश्वर और प्रकाश पर अपहरण और हत्या की नीयत का आरोप लगाया था। पुलिस ने 26 दिसंबर 2002 को टप्पल के हामिदपुर के पास से किशोरी को बरामद किया और दो आरोपियों, बौना और पप्पू उर्फ बिजेंद्र, को गिरफ्तार किया। हालांकि, शुरुआती चार्जशीट में तीन नामजद आरोपियों के नाम हटा दिए गए।


हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीसीआईडी ने जांच शुरू की और तीन चरणों में नौ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इनमें रामेश्वर, प्रकाश, खेमचंद्र, बसपा नेता राकेश मौर्या, साहब सिंह, जयप्रकाश, सेवानिवृत्त एसएचओ रामलाल वर्मा, उनका बेटा बौबी और प्रथम विवेचक पूर्व एसएचओ पुत्तूलाल प्रभाकर शामिल थे।


सत्र परीक्षण के दौरान साहब सिंह की मृत्यु हो गई, जबकि राकेश मौर्या का नाम कोर्ट के निर्देश पर मुकदमे से हटा दिया गया। साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अदालत ने रामेश्वर, प्रकाश, खेमचंद्र, जयप्रकाश, रामलाल वर्मा, बौबी और पुत्तूलाल प्रभाकर को दोषी ठहराया। रामेश्वर, प्रकाश और रामलाल पर 60-60 हजार रुपये, जबकि अन्य पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। जुर्माने की 75% राशि पीड़िता को दी जाएगी।


एडीजीसी हर्षवर्द्धन सिंह ने बताया कि मुल्जिमों ने किशोरी के साथ दुराचार किया था। वादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेंद्र सिंह तोमर ने मजबूती से पैरवी की। राकेश मौर्या के खिलाफ शासन की अनुमति के बाद मुकदमा चलाने की तैयारी है। सभी दोषियों को जेल भेज दिया गया है। यह फैसला पीड़िता और समाज के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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